samacharsecretary.com

प्रमोशन आरक्षण विवाद: MP हाईकोर्ट ने सुनवाई की नई तारीख घोषित की

जबलपुर 

मध्‍य प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण मामले की सुनवाई 16 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। आज दिनांक 25/9/25 को कोर्ट न. 01 मे सीरियल क्र.32 से 32.38 पर समय 11:30 बजे से सुनवाई थी,लेकिन सुबह एडिशनल एडवोकेट जनरल हरप्रीत रूपराह ने मेंशन करके दिनांक 16/10/25 की तारीख़ लगवाई है। आज शासन की ओर से अधिकृत सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता वैद्धांनाथन उपलवध नहीं होने का हवाला दिया गया।

अजाक्स संघ सहित अनेक कर्मचारियों एवं अधिकारियो की ओर से प्रमोशन कानून के पक्ष मे अनेक हतक्षेप याचिकाए दाखिल की गईं है,उक्त सभी आवेदनों को पिछली तारीख 16/9/2025 मे अलाउ कर दिया गया है तत्पष्यात हतक्षेप कर्ताओ की ओर से प्रमोशन नियम 2025 को चुनौती देने वाले याचिका कर्ताओ की लोकस एवं याचिकाओं की विचारणशीलता पर आवेदन दाखिल कर आपत्ति दर्ज कराई गईं है।

एवं अजाक्स संघ द्वारा नियम 2025 प्रकाशित होने के पूर्व याचिका क्रमांक 16383/2025 दाखिल की गईं है,जिसकी आज प्रथम सुनवाई हेतु सीरियल क्रमांक 32.38 पर सूचिवद्ध है,लेकिन मुख्य केस मे सरकार की ओर से 16/10/25 को सुनवाई किए जाने का समय ले लिया गया है जिसके कारण उक्त याचिका की भी सुनवाई 16/10/25 को होगी।
पदोन्नति नियम को लेकर हाई कोर्ट में लगी याचिका के महत्‍वपूर्ण बिंदु

    पदोन्नति नियम को लेकर हाई कोर्ट जबलपुर में गुरुवार को सुनवाई हुई। सरकार ने हाई कोर्ट के निर्देश पर नियम के संबंध में विस्तृत जानकारी दी है। इसके साथ ही यह भी कहा है कि प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण सशर्त पदोन्नति दी जाएगी।

पदोन्नति नियम को सामान्य वर्ग के कर्मचारियों ने चुनौती है। याचिका में कहा गया है कि जब सरकार ने नए नियम बना लिए हैं तो यह स्पष्ट है कि 2002 के नियम निरस्त करने का निर्णय सही था।
ऐसे में इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुमति याचिका को वापस क्यों नहीं लिया जा रहा है। इससे भ्रम की स्थिति बन रही है।
दरअसल, पुराने नियम से जो पदोन्नतियां हुई हैं, उन्हें सरकार वापस नहीं लेना चाहती है इसलिए याचिका वापस नहीं ली जा रही है। इससे स्थायी समाधान नहीं निकलेगा।
जबकि, सरकार नौ वर्ष से रुकी पदोन्नति प्रारंभ करना चाहती है। नए नियम सुप्रीम कोर्ट द्वारा विभिन्न मामलों में दिए गए निर्देशों की रोशनी में तैयार किए गए हैं। इसमें सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा गया है।

 

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here