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पंजाब में लागू हुई कड़ी पाबंदियां, मुश्किल हालात में नागरिकों के लिए आदेश जारी

फाजिल्का
जिला मैजिस्ट्रेट अमरप्रीत कौर संधू ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (पुरानी सीआरपीसी 1973 की धारा 144) के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए जिले में अलग-अलग पाबंदियों के आदेश जारी किए हैं। ये पाबंदियां 31 अक्तूबर 2025 तक लागू रहेंगी और उल्लंघन करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पाबंदियों के अनुसार जिले फाजिल्का में शाम को सूरज डूबने के बाद और सुबह सूरज चढ़ने से पहले गौवंश की ढुलाई पर पूरी तरह रोक रहेगी। आदेश में कहा गया कि जिन लोगों के पास गौवंश है, उन्हें पशुपालन विभाग में रजिस्टर्ड कराना अनिवार्य होगा। ज़िला मैजिस्ट्रेट के आदेशों के अनुसार किसी भी रेस्टोरेंट या हुक्का बार में ग्राहकों को हुक्का नहीं पिलाया जा सकेगा। जिले के सभी गांवों और नगर कौंसलों की सीमा में यह आदेश लागू रहेंगे। उल्लंघन करने वालों पर भारतीय दंड विधान की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

ज़िला मैजिस्ट्रेट ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और सीमा सुरक्षा तार के बीच तथा तार से भारत की ओर 70 से 100 मीटर क्षेत्र में ऊँची फसलें जैसे बीटी नरमा, मक्का, ग्वारा, ज्वार, गन्ना, सरसों, तोरिया, सूरजमुखी और ऐसी ही 4.5 फुट से ऊँची फसलों की बुवाई पर रोक लगा दी है। बीएसएफ अधिकारियों द्वारा ध्यान में लाया गया कि कुछ किसान इन फसलों की बुवाई कर रहे हैं, जिससे सुरक्षा कारणों से यह पाबंदी लगाई गई है। एक अन्य आदेश के तहत फाजिल्का जिले में पतंगबाजी के लिए चीनी डोर बेचने, स्टोर करने और इस्तेमाल करने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है। यह डोर सूती की जगह सिंथेटिक/प्लास्टिक की होती है, जो बेहद मजबूत और न गलने वाली होती है। इसके इस्तेमाल से हाथ-उंगलियां कटने, साइकिल चालकों का गला या कान कटने और पक्षियों के पंख फँसकर मरने जैसी घटनाएं होती हैं। यह डोर इंसानों और पक्षियों दोनों के लिए घातक मानी गई है।

आदेश में फाजिल्का जिले के मैरिज पैलेसों में हथियार लाने और हवाई फायरिंग पर भी पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है। इसके अलावा जिले के अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र से लगे 4 किलोमीटर क्षेत्र में पाकिस्तानी सिम कार्ड रखने और इस्तेमाल करने पर भी रोक लगाई गई है। इसी तरह इस क्षेत्र में क्वाडकॉप्टर/ड्रोन कैमरे उड़ाने पर भी पाबंदी लगाई गई है। आदेश के तहत जिले की सभी सरकारी इमारतों और पानी की टंकियों पर आम जनता, व्यक्तियों और प्रदर्शनकारियों को चढ़ने से सख्त मनाही कर दी गई है। संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे 24 घंटे के लिए चौकीदार/कर्मचारी की ड्यूटी लगाएं, ताकि किसी भी जथेबंदी द्वारा विरोध प्रदर्शन को रोका जा सके। आदेशों के अनुसार फाजिल्का जिले के बॉर्डर नज़दीकी गांवों में शाम 5 बजे के बाद डीजे (म्यूजिक सिस्टम), पटाखे चलाने और लेज़र लाइटों का इस्तेमाल करने पर रोक रहेगी। उल्लेखनीय है कि बॉर्डर पार से रात को ड्रोन के जरिए घुसपैठ की कोशिश होती है और डीजे की ऊँची आवाज़ में सीमा पर ड्यूटी कर रहे जवानों को ड्रोन की गूंज सुनाई नहीं देती, जिससे उसकी गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।

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