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सुप्रीम कोर्ट का फैसला: भाजपा सांसद सूर्या को नहीं मिलेगी तत्काल गिरफ्तारी

नई दिल्ली,

सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने किसान आत्महत्या मामले में कर्नाटक सरकार की याचिका को रद्द कर दिया। इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने सांसद सूर्या के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली कर्नाटक सरकार की याचिका खारिज कर दी थी। सूर्या पर हावेरी जिले में एक किसान की आत्महत्या के मामले में फर्जी खबर फैलाने का आरोप था।  मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और के विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि यह क्या है? मामले का राजनीतिकरण मत कीजिए। अपनी लड़ाई मतदाताओं के सामने लड़िए। पीठ ने राज्य सरकार की अपील खारिज कर दी और कानूनी कार्यवाही के राजनीतिकरण के खिलाफ चेतावनी दी।

सूर्या ने किया था ये पोस्ट
आठ नवंबर 2024 को तेजस्वी सूर्या ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया था कि हावेरी जिले के किसान रुद्रप्पा बालिकाई ने अपनी जमीन पर वक्फ बोर्ड के कब्जे के बाद आत्महत्या कर ली। उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और मंत्री बीजेड जमीर अहमद खान पर कर्नाटक में विनाशकारी प्रभाव डालने का आरोप लगाया था।

बाद में आया सच सामने
सूर्या ने अपनी पोस्ट में एक स्थानीय पोर्टल की खबर का लिंक भी साझा किया था। हालांकि, पुलिस जांच में सामने आया कि किसान ने कर्ज के बढ़ते बोझ के कारण आत्महत्या की थी। इसके बाद उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 353 (2) के तहत दर्ज प्राथमिकी की गई थी।

अदालत ने दी राहत
सूर्या ने एफआईआर को चुनौती देते हुए इसे खारिज करने की मांग की थी। दिसंबर 2024 में कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने गुरुवार को उनकी याचिका पर फैसला सुनाते हुए एफआईआर रद्द कर दी थी। इसके बाद कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

सूर्या के वकील ने यह कहा था
सूर्या की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरुणा श्याम ने अदालत को बताया कि मृतक किसान के पिता ने कर्नाटक वक्फ बोर्ड की संलिप्तता वाले भूमि विवाद से संबंधित शिकायतें उठाई थीं, जिसके बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर सांसद ने यह पोस्ट किया। हालांकि, हावेरी के पुलिस अधीक्षक अंशु कुमार ने बाद में स्पष्ट किया कि किसान रुद्रप्पा कर्ज के चलते आत्महत्या की। इस स्पष्टीकरण के बाद सूर्या ने पोस्ट डिलीट कर दिया था।

 

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