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AIMIM का बड़ा दांव, बिहार में ASP और मौर्य की पार्टी के साथ मिलकर लड़ेगी चुनाव

पटना  बिहार विधानसभा चुनाव से पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने नया गठबंधन बना लिया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने बुधवार को किशनगंज में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की. उन्होंने बताया कि मजलिस ने आजाद समाज पार्टी और स्वामी प्रसाद मौर्य की अपनी जनता पार्टी के साथ गठबंधन किया है, ताकि 'सांप्रदायिक ताकतों को रोका जा सके'. अख्तरुल ईमान ने कहा कि AIMIM बिहार में 35 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं, आजाद समाज पार्टी 25 सीटों पर और स्वामी प्रसाद मौर्य की अपनी जनता पार्टी 4 सीटों पर मैदान में उतरेगी. ईमान ने दावा किया कि तीनों पार्टियां मजबूती से चुनावी मैदान में उतरेंगी और जनता के बीच एक नया विकल्प पेश करेंगी. उन्होंने कहा, हमारी असली लड़ाई सत्ता हासिल करने की नहीं, बल्कि देश में इंसाफ कायम करने की है. ईमान ने यह भी बताया कि उम्मीदवारों के नाम लगभग तय हो चुके हैं और उनका ऐलान देर शाम तक कर दिया जाएगा. इस ऐलान के साथ ही बिहार की सियासत में एक नया मोर्चा बन गया है. ओवैसी की पार्टी पहले से ही सीमांचल इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी है. किशनगंज, कटिहार और अररिया जैसे जिलों में AIMIM का असर पहले भी देखा जा चुका है. ओवैसी ने किया आरजेडी पर हमला गठबंधन के ऐलान से पहले असदुद्दीन ओवैसी ने आरजेडी की लीडरशिप पर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि आरजेडी की मौजूदा नेतृत्व नादान है और उसमें दूरदर्शिता की कमी है. ओवैसी ने कहा, आरजेडी समझ रही है कि अपनी ताकत पर सबकुछ कर लेगी, लेकिन ऐसा नहीं होगा. मजलिस हमेशा हवाओं को सूंघकर आने वाले सैलाब का अंदाजा लगा लेती है. ओवैसी ने चेतावनी देते हुए कहा, हम देख रहे हैं कि तूफान आने वाला है, लेकिन ये लोग पानी से भीगने के बाद कहेंगे कि सैलाब आ गया. बहुत देर हो जाएगी. अगर बराबरी की बात करेंगे तभी बीजेपी और मोदी को रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने पहले भी विपक्षी एकता की बात की थी, लेकिन इन लोगों ने हमारी बात को नहीं माना. ओवैसी ने यह भी कहा कि जब चुनाव परिणाम आएंगे, तब सबको एहसास होगा कि AIMIM ने सही मायने में कोशिश की थी.

ओवैसी की रणनीति: बिहार में 100 सीटों पर AIMIM का कब्जा, थर्ड फ्रंट बनाने का प्लान

पटना  बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है. एक तरफ जहां एनडीए और इंडी एलायंस में सीट बंटवारे को लेकर अब तक बात नहीं बनी है वहीं दूसरी तरफ असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने बड़ा ऐलान कर दिया है. पार्टी ने कहा है कि वह इस बार करीब 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जो 2020 के मुकाबले पांच गुना ज्यादा है. बिहार में थर्ड फ्रंट बनाने की कोशिश में ओवैसी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने शनिवार को कहा, 'हमारा लक्ष्य बिहार में तीसरा विकल्प तैयार करना है, एनडीए और महागठबंधन दोनों को इस बार हमारी मौजूदगी का एहसास होगा.' उन्होंने बताया कि पार्टी कुछ समान विचारधारा वाले दलों से भी बातचीत कर रही है, ताकि एक 'थर्ड फ्रंट' (Third Front) खड़ा किया जा सके. इमान ने कहा कि उन्होंने पहले लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को गठबंधन के लिए पत्र लिखा था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. 'अब हम अपने दम पर विस्तार करेंगे' . बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी. बिहार विधानसभा की हर सीट का हर पहलू, हर विवरण यहां पढ़ें 2020 के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने बसपा और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. उस चुनाव में पार्टी ने 5 सीटें जीतीं, लेकिन 2022 में उसके चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए, जिससे अख्तरुल इमान अब पार्टी के एकमात्र विधायक बचे हैं. सीमांचल में AIMIM का है प्रभाव राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, एआईएमआईएम बिहार में विशेषकर सीमांचल क्षेत्र (पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार) में अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश कर रही है, जहां मुस्लिम आबादी 17% से अधिक है. बीते दिनों ओवैसी ने इन इलाकों में ताबड़तोड़ रैली की थी.

AIMIM से चुनी गई MP की एकमात्र हिंदू महिला पार्षद ने दिया इस्तीफा, पति ने लगाए थे धर्म परिवर्तन कराने के आरोप

खरगोन  मध्य प्रदेश खरगोन नगर पालिका परिषद में वार्ड क्रमांक 2 की एआईएमआईएम की एकमात्र गैर मुस्लिम पार्षद ने धर्म परिवर्तन के आरोपों को लेकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। खरगोन की वार्ड क्रमांक 2 से एआईएमआईएम के टिकट से चुनाव जीतने वाली पार्षद अरुण उपाध्याय ने राष्ट्रीय कार्यालय हैदराबाद को भेजे अपने इस्तीफे में कहा कि वह निजी कारणों के चलते प्रदेश कोर कमेटी के पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे रही हैं। फंड लेकर धर्म परिवर्तन का आरोप उन्होंने आज पत्रकारों से इस्तीफा के कारण पर चर्चा करते हुए कहा कि उनके पति श्यामलाल उपाध्याय 2022 में चुनाव जीतने के बाद से पार्षद पद छोड़ने का दबाब बना रहे थे। पद छोड़ने से मना करने के बाद उन्होंने विगत दो वर्षों से उन पर फंड लेकर धर्म परिवर्तन करवाने का आरोप लगा कर विभिन्न फोरमों पर शिकायत भी की है। उन्होंने बताया कि वह जान से मारने की भी धमकी देते हैं, इसलिए अलग होकर उनके विरुद्ध तलाक का केस भी दायर किया है। इसके अलावा उन्होंने 15 दिन पहले पति के खिलाफ पुलिस अधीक्षक से शिकायत भी की है। पत्रकार वार्ता में दी जानकारी उन्होंने बताया कि न तो उन्होंने स्वयं धर्म परिवर्तन किया है, और ना ही वे फंड लेकर लोगों का धर्म परिवर्तन करवा रही हैं। उन्होंने कहा कि पति से तकरार का कारण पार्टी थी, इसलिए वे इसे छोड़ रही हैं, लेकिन पार्षद के रूप में काम करती रहेंगी। उन्होंने कहा कि 'मैंने पति से इन आरोपों को सिद्ध करने के लिए भी कहा है।' AIMIM की पहली हिंदू महिला पार्षद 2022 के निकाय चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी से प्रदेश में करीब आधा दर्जन पार्षद जीते थे। इनमें खरगोन की हिन्दू महिला अरुणा उपाध्याय सहित तीन पार्षद भी शामिल थे। वे AIMIM से प्रदेश की पहली हिंदू पार्षद बनकर चर्चा में रहीं। वार्ड 2 से अरुणा के सामने भाजपा प्रत्याशी सुनीता गांगले और कांग्रेस की शिल्पा सोनी मैदान में थीं। उन्होंने 643 वोट हासिल किए थे। भाजपा प्रत्याशी सुनीता को 612, कांग्रेस की शिल्पा को 498 मत मिले थे। अरुणा 31 वोट से जीती थी। खरगोन के वार्ड -2 में निकाय चुनाव के दौरान कुल 2915 मतदाता थे। वार्ड में 70% मुस्लिम आबादी होने के बावजूद उन्होंने जीत हासिल की थी।