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एक दिन के निलंबन के बाद अमरनाथ यात्रा फिर से शुरू, 7908 श्रद्धालु हुए रवाना

पहलगाम एक दिन के लिए स्थगित होने के बाद अमरनाथ यात्रा शुक्रवार को पहलगाम और गंदेरबल बालटाल दोनों मार्गों पर फिर से शुरू हो गई. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 7908 श्रद्धालुओं का 16वां जत्था आज सुबह जम्मू से रवाना हुआ. ये जत्था उधमपुर जिले से गुजरा. अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़ी सतर्कता बरतते हुए निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित की. 7908 श्रद्धालुओं में से 5029 तीर्थयात्री पहलगाम और 2879 तीर्थयात्री बालटाल के लिए 261 वाहनों के काफिले में रवाना हुए, जिनमें हल्के मोटर वाहन और भारी मोटर वाहन शामिल थे. जम्मू- कश्मीर में समुद्र तल से 3888 मीटर की ऊँचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ तीर्थस्थल हर साल हजारों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है. तीर्थयात्री लंबी दूरी या तो दक्षिण कश्मीर में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे पहलगाम मार्ग से या उत्तरी कश्मीर में अधिक सीधे लेकिन ज्यादा खड़ी चढ़ाई वाले 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से यात्रा करते हैं. गुरुवार को भारी बारिश सहित खराब मौसम के कारण यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई थी. लेकिन स्थिति में सुधार होने पर तीर्थयात्रा जारी रखने की अनुमति दे दी गई. जम्मू-कश्मीर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इस बार पंद्रह दिनों की इस यात्रा में अब तक कुल 2.51 लाख तीर्थयात्रियों ने भगवान शंकर के दर्शन किए. यात्रा शुरू होने के बाद से ही देश-विदेश के सभी हिस्सों से श्रद्धालु इस तीर्थस्थल पर आ रहे हैं और आस्था की इस यात्रा के लिए भारी उत्साह व्यक्त कर रहे हैं. साथ ही वे यात्रा की सेवाओं और कुशल प्रबंधन की भी सराहना कर रहे हैं. हालांकि, पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण एहतियात के तौर पर गुरुवार को पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों से तीर्थयात्रा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई थी. बुधवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अमरनाथ यात्रा में रिकॉर्ड भीड़ आने की उम्मीद जताई. उन्होंने अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर चिंता जताई, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये पवित्र यात्रा निर्धारित समय 9 अगस्त तक जारी रहेगी. उन्होंने इस दौरान भक्तों की संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई. अमरनाथ यात्रा अमरनाथ गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा है, जहां भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं. दक्षिण कश्मीर में 3880 मीटर ऊंचे पवित्र गुफा मंदिर के लिए 38 दिवसीय वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई और 9 अगस्त को समाप्त होगी.

एक दिन के निलंबन के बाद अमरनाथ यात्रा फिर से शुरू, 7908 श्रद्धालु हुए रवाना

पहलगाम एक दिन के लिए स्थगित होने के बाद अमरनाथ यात्रा शुक्रवार को पहलगाम और गंदेरबल बालटाल दोनों मार्गों पर फिर से शुरू हो गई. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 7908 श्रद्धालुओं का 16वां जत्था आज सुबह जम्मू से रवाना हुआ. ये जत्था उधमपुर जिले से गुजरा. अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़ी सतर्कता बरतते हुए निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित की. 7908 श्रद्धालुओं में से 5029 तीर्थयात्री पहलगाम और 2879 तीर्थयात्री बालटाल के लिए 261 वाहनों के काफिले में रवाना हुए, जिनमें हल्के मोटर वाहन और भारी मोटर वाहन शामिल थे. जम्मू- कश्मीर में समुद्र तल से 3888 मीटर की ऊँचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ तीर्थस्थल हर साल हजारों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है. तीर्थयात्री लंबी दूरी या तो दक्षिण कश्मीर में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे पहलगाम मार्ग से या उत्तरी कश्मीर में अधिक सीधे लेकिन ज्यादा खड़ी चढ़ाई वाले 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से यात्रा करते हैं. गुरुवार को भारी बारिश सहित खराब मौसम के कारण यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई थी. लेकिन स्थिति में सुधार होने पर तीर्थयात्रा जारी रखने की अनुमति दे दी गई. जम्मू-कश्मीर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इस बार पंद्रह दिनों की इस यात्रा में अब तक कुल 2.51 लाख तीर्थयात्रियों ने भगवान शंकर के दर्शन किए. यात्रा शुरू होने के बाद से ही देश-विदेश के सभी हिस्सों से श्रद्धालु इस तीर्थस्थल पर आ रहे हैं और आस्था की इस यात्रा के लिए भारी उत्साह व्यक्त कर रहे हैं. साथ ही वे यात्रा की सेवाओं और कुशल प्रबंधन की भी सराहना कर रहे हैं. हालांकि, पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण एहतियात के तौर पर गुरुवार को पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों से तीर्थयात्रा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई थी. बुधवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अमरनाथ यात्रा में रिकॉर्ड भीड़ आने की उम्मीद जताई. उन्होंने अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर चिंता जताई, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये पवित्र यात्रा निर्धारित समय 9 अगस्त तक जारी रहेगी. उन्होंने इस दौरान भक्तों की संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई. अमरनाथ यात्रा अमरनाथ गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा है, जहां भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं. दक्षिण कश्मीर में 3880 मीटर ऊंचे पवित्र गुफा मंदिर के लिए 38 दिवसीय वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई और 9 अगस्त को समाप्त होगी.

श्री अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई ,पहलगाम बेस कैंप से आज भक्तों का पहला जत्था बाबा के दर्शनों के लिए रवाना हुआ

जम्मू  जय बाबा भोलेनाथ के जयकारे के साथ अमरनाथ यात्रा 2025 का पहला जत्था बुधवार सुबह पवित्र गुफा के लिए रवाना हो गया. इससे पहले श्रद्धालुओं ने आरती की. इस दौरान भक्तों में जबरदस्त जोश और उत्साह देखा गया. किसी भी खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा के कड़े इतंजाम किए गए हैं. कड़े एवं व्यापक सुरक्षा प्रबंधों के साथ 37 दिन तक चलने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा आज सुबह दो मार्गों से शुरू हो गई. अमरनाथ तीर्थयात्रियों का पहला जत्था क्रमशः नुनवान पहलगाम आधार शिविरों से चंदनवाड़ी और सोनमर्ग की ओर अपनी यात्रा शुरू कर रहा है. तीर्थयात्रियों ने 'हर हर महादेव बम बम बोले' के जयकारों के बीच भगवान शिव के निवास अमरनाथ पवित्र गुफा की ओर अपनी यात्रा शुरू की. अनंतनाग के जिला विकास आयुक्त सैयद फखरुद्दीन हामिद ने नागरिक और पुलिस प्रशासन के अन्य अधिकारियों के साथ सुबह नुनवान आधार शिविर पहलगाम से तीर्थयात्रियों के जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. वार्षिक अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले लगभग 5485 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था कल कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कश्मीर घाटी पहुंचा. इस दौरान चेहरा पहचानने वाली मशीन लगाई गई है. इसी के साथ यात्रा मार्गों पर किसी तरह की उड़ान पर बैन लगाया गया है. स्थानीय मुसलमानों ने अपने बेस कैंपों के रास्ते में तीर्थयात्रियों का गर्मजोशी से स्वागत किया. जम्मू- कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार सुबह भगवती नगर बेस कैंप से वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई. कई सुरक्षा व्यवस्थाओं के बीच 5485 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था बुधवार को दक्षिण कश्मीर हिमालय में भगवान शिव के 3,880 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर की आगे की यात्रा के लिए कश्मीर के दो आधार शिविरों के लिए रवाना हुआ. केंद्रीय मंत्री करंदलाजे यात्रा में शामिल केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने बालटाल बेस कैंप से पवित्र गुफा की ओर अपनी यात्रा शुरू की. बालटाल में केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने एएनआई से कहा कि आज हम सभी भोलेनाथ के दर्शन करने जा रहे हैं. बहुत अच्छा लग रहा है. भगवान हम सभी का भला करें. यहां का माहौल बहुत खुशनुमा है. लोगों को अच्छा लग रहा है क्योंकि यहां भी विकास कार्य हो रहे हैं.' बालटाल में एक श्रद्धालु मनीषा रमोला ने एएनआई ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं. व्यवस्था वाकई बहुत अच्छी है. बिना उचित दस्तावेज और वैध पहचान पत्र के किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है. यह हमारी सुरक्षा के लिए है. यहां आने का हमारा मकसद पर्यटन नहीं, बल्कि तीर्थयात्रा है. सभी की खुशी और स्वास्थ्य के लिए भगवान से प्रार्थना करती हूं. पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहली अमरनाथ है। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यात्री निवास से पहले जत्थे में 5,469 यात्रियों को रवाना किया गया, वहीं परेड से 423 साधु-संत भेजे गए। देर शाम को बालटाल और पहलगाम में जत्थे पहुंच गए। श्रद्धालु पवित्र गुफा के लिए प्रस्थान कर चुके हैं। दोनों पारंपरिक रूट से रोजाना 10-10 हजार यात्रियों को पवित्र गुफा के लिए भेजा जाएगा। कठुआ, सांबा, उधमपुर और श्रीनगर के पंथा चौक पर भी जबर्दस्त उत्साह और उमंग के साथ श्रद्धालुओं ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। उपराज्यपाल ने कहा कि भक्तों का उत्साह बता रहा है कि ये यात्रा आतंकवादी घटनाओं से अप्रभावित है और एक बार फिर ऐतिहासिक साबित होगी। आस्था और आत्मखोज की ये यात्रा आतंकी घटनाओं से अप्रभावित हैः उपराज्यपाल उपराज्यपाल ने कहा कि यह पवित्र तीर्थयात्रा आस्था और आत्मखोज की यात्रा है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को आरामदायक यात्रा और गहन आत्मिक अनुभव की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, प्रशासन, जम्मू-कश्मीर के लोग, श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों ने तीर्थयात्रियों के लिए व्यापक व्यवस्था की है। जम्मू शहर एक नई ऊर्जा के साथ जीवंत हो उठा है। तीर्थयात्रियों में उत्साह बहुत है। आतंकवादी घटनाओं से अप्रभावित भोले बाबा के भक्त भारी संख्या में आ रहे हैं और अपनी अपार आस्था का प्रदर्शन कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि इस साल की यात्रा पिछले वर्षों की तुलना में और भी ऐतिहासिक होगी।