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23 अक्टूबर से बदल रहा बांकेबिहारी मंदिर का समय, जानें नए दर्शन समय की पूरी जानकारी

मथुरा वृंदावन में 23 अक्तूबर बृहस्पतिवार को भाई दूज पर्व से जन-जन के आराध्य भगवान श्री बांकेबिहारी जी महाराज के मंदिर में दैनिक दर्शन समय व भोगराग में बदलाव हो जाएगा। ठाकुरजी की शीतकालीन सेवाओं का दौर आरंभ होने पर सुबह-शाम की दर्शन समयसारिणी के साथ ही प्रभु को परोसे जाने वाले भोग पदार्थों में भी मौसम के अनुरूप परिवर्तन कर दिया जाएगा। ठाकुर जी की विलक्षण सेवाविधि पर प्रकाश डालते हुए सेवायत आचार्य विप्रांश बल्लभ गोस्वामी बताते हैं कि विश्वविख्यात श्री बांकेबिहारी मंदिर में होली बाद भाई दूज से दिवाली तक ग्रीष्मकालीन एवं दिवाली बाद भाई दूज से होली तक शीतकालीन सेवाओं की परिपाटी निभाई जाती है। सेवायत के अनुसार उसी परंपरा का पालन करते हुए भैयादूज पर्व से भगवान को होने वाले सर्दीले अहसास का ध्यान रखते हुए उन्हें परोसी जानी वाली भोग सामग्री में गर्म तासीर वाले पदार्थों मेवाओं व केसर की मात्रा बढ़ा दी जाएगी।  ठाकुरजी को दोनों वक्त अर्पित किए जाने के लिए तैयार चंदन में पर्याप्त केसर मिलाया जाएगा। माखन-मिश्री दूधभात और रात्रि दूध में भी उत्तम किस्म की पंचमेवा तथा केसर मिलाई जाने लगेगी। सर्दी से बचाने के लिए ठाकुरजी को हल्की सिल्क की पोशाकों की जगह शनील, बेलवेट, मोटी मखमल की अस्तरदार पोशाकें पहनाई जाएंगी। गर्म तासीर के इत्रों से होगी मालिश सर्द मौसम में आराध्य को गर्मी का आनंद देने के लिए सुबह, दोपहर, संध्या व रात्रि में अर्थात पूरे दिन में चार बार केसर, कस्तूरी, हिना, ऊद, मस्क, अंबर आदि गर्म तासीरी इत्रों से मालिश की जाएगी। दोपहर एवं रात्रि में शयन के वक़्त श्रीबांकेबिहारी जी महाराज को शनील की मोटी रजाई ओढ़ाई जाएगी। कुछ दिनों बाद ठंड का प्रकोप बढ़ने पर शयन बेलाओं में भगवान को मखमल-शनील का मोटा टोपा पहनाया जाने लगेगा। इसी के साथ चांदी की सिगड़ी में कच्चे कोयले की धीमी अग्नि सुलगाकर प्रभु को तप्तसुख पहुंचाया जाएगा।  

वार्षिक विवाद: बांके बिहारी मंदिर में दर्शन का समय बढ़ा, गोस्वामी समाज ने किया साइन पर आपत्ति जताई

मथुरा  श्रीकृष्ण की नगरी वृंदावन स्थित विश्वप्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर एक बार फिर विवादों में है। दर्शन समय बढ़ाने को लेकर जहां प्रशासनिक स्तर पर निर्णय लिया गया, वहीं मंदिर से जुड़े गोस्वामी समाज के कुछ सदस्यों ने इस फैसले का विरोध किया है। मामला उस समय और गहराया जब गोस्वामी समाज के एक प्रमुख सेवायत ने आरोप लगाया कि उन पर मानसिक दबाव बनाकर जबरन सहमति ली गई। हाई पावर कमेटी ने लिया निर्णय, आज से नई समय सारणी लागू ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में दर्शन व्यवस्था को सुचारु बनाने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एक हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी गठित की गई थी। इस कमेटी की अब तक पांच बैठकें हो चुकी हैं। चौथी बैठक में यह प्रस्ताव पारित हुआ था कि दर्शन का समय बढ़ाया जाए, जिससे श्रद्धालुओं को अधिक समय मिल सके और भीड़ का प्रबंधन बेहतर हो सके। पांचवीं बैठक, जो लक्ष्मण शहीद स्मारक भवन, वृंदावन में आयोजित की गई, उसमें दर्शन समय में परिवर्तन को अंतिम रूप दिया गया। 30 सितंबर से नई व्यवस्था लागू हो गई, जिसके अनुसार अब मंदिर में दर्शन का समय पहले से अधिक होगा। विवाद की वजह: दबाव में सहमति? हालांकि, इस निर्णय को लेकर अब असहमति की आवाजें उठने लगी हैं। सेवायत शैलेंद्र गोस्वामी का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि उन पर मानसिक दबाव डालकर सहमति ली गई। उनका कहना है कि वे शुरुआत से ही दर्शन समय में परिवर्तन के खिलाफ थे और विरोध दर्ज कराने के लिए लिखित पत्र भी लाए थे, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया।  एक चैनल से बातचीत में शैलेंद्र गोस्वामी ने आरोप लगाया कि कमेटी अध्यक्ष और पूर्व न्यायमूर्ति हाई पावर कमेटी को मनमानी तरीके से चला रहे हैं और सेवायतों की भावनाओं की अनदेखी की जा रही है। सेवायतों की भूमिका और मतभेद मंदिर प्रबंधन में राजभोग और शयन भोग सेवायतों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पैनल में शामिल चार सेवायतों में से शैलेंद्र गोस्वामी ने कहा कि वे कभी भी समय परिवर्तन के पक्ष में नहीं थे और बैठक में दबाव के चलते उनसे सहमति हस्ताक्षर कराए गए। क्या है आगे की राह? मामला अब केवल धार्मिक नहीं, बल्कि कानूनी और प्रशासनिक विवाद का रूप लेता जा रहा है। गोस्वामी समाज के विरोध को लेकर अटकलें हैं कि सुप्रीम कोर्ट में फिर से कोई नई याचिका दाखिल की जा सकती है। फिलहाल, नए समय अनुसार दर्शन व्यवस्था जारी है, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय शायद न्यायालय ही लेगा।  

बांके बिहारी मंदिर में नई व्यवस्था लागू, अब बदली गई VIP एंट्री और दर्शन के समय

मथुरा वृंदावन स्थित प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर की अव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी की चौथी बैठक वृंदावन में सम्पन्न हुई. यह बैठक माननीय न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद अशोक कुमार, सदस्य जिला और रिटायर्ड सत्र न्यायाधीश मुकेश मिश्रा आदि की अध्यक्षता में आयोजित की गई. इस बैठक में गोस्वामी समाज से चार नामित सदस्य मौजूद रहे जिनकी सहमति से वीआईपी दर्शन की पर्ची को बंद किए जाने पर सहमति हुई. इस बैठक में सबसे अहम फैसला यह लिया गया कि अब मंदिर में वीआईपी दर्शन के लिए जारी की जाने वाली विशेष पर्चियां पूरी तरह बंद कर दी जाएंगी. सभी श्रद्धालु एक ही कतार में समान रूप से दर्शन कर सकेंगे. साथ ही यह भी तय किया गया कि मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग द्वार निर्धारित होंगे. यानी प्रवेश केवल एक निर्धारित गेट से ही होगा और बाहर निकलने के लिए अलग गेट का उपयोग किया जाएगा. मंदिर के समय में भी बदलाव हुआ है. गर्मियों के समय मंदिर में सुबह 7:00 बजे से 7:15 बजे तक आरती होगी, 7:15 के बाद दर्शन शुरू किए जाएंगे और 12:30 बजे तक दर्शन होंगे. उसके बाद दोपहर में 12:30 बजे से 12:45 तक आरती होगी. शाम को मंदिर 4:15 से 9:30 तक दर्शन के लिए खोला जाएगा और रात 9:30 से 9:45 तक फिर से भगवान की आरती होगी. इसी तरह सर्दियों में सुबह 8:00 बजे से 8:15 तक मंदिर में आरती होगी और 8:15 से 1:30 बजे तक श्रद्धालुओं को दर्शन उपलब्ध कराए जाएंगे. वहीं दोपहर 01:30 बजे से 1:45 तक आरती होगी. शाम को 4:00 से 9:00 तक श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन होंगे और रात 9:00 बजे से 9:15 तक आरती होगी. वहीं दर्शन के लिए लाइव स्ट्रीमिंग पर सभी ने सहमति जताई है इसके साथ ही बांके बिहारी मंदिर के पास कितनी चल अचल संपत्ति है इसके संबंध में 15 दिनों के भीतर विवरण प्राप्त कर समिति के समक्ष रखा जाएगा. 2013 से 2016 तक के समय का विशेष ऑडिट कराया जाएगा. वहीं बांके बिहारी मंदिर के गर्भ ग्रह के बगल में जो कमरा बंद है उसे खोलने की व्यवस्था एक कमेटी जिसमें ऑडिटर सिविल जज एससीएम वृंदावन क्षेत्र अधिकारी वृंदावन और गोस्वामी सदस्यों में से एक होगा. यह कमेटी बनाई गई है जो अपने समकक्ष कैमरा खुलवाएगी और सभी की वीडियोग्राफी कराई जाएगी. साथ ही उक्त की इन्वेंटरी बनाई जाएगी और संयुक्त हस्ताक्षर से समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी.