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मतदान करने वाले हर बिहारवासी के लिए खुशखबरी! चुनाव आयोग ने घोषित किया छुट्टी का नियम

नई दिल्ली  भारत निर्वाचन आयोग बिहार विधानसभा चुनाव और 8 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनावों की तारीखों की घोषणा कर चुका है। मतदान के दिन सभी कर्मचारियों को सवेतन अवकाश देने का आदेश जारी किया गया है। आयोग ने कहा कि यह कदम मतदाताओं को अपने वोट का इस्तेमाल करने में आसानी प्रदान करने के लिए उठाया गया है। बिहार में पहला चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होगी। इसके अलावा सभी 8 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव भी 11 नवंबर को ही होंगे। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135बी के तहत हर कर्मचारी, चाहे वह किसी व्यवसाय, उद्योग या अन्य प्रतिष्ठान में काम करता हो, मतदान के दिन सवेतन अवकाश पाने का हकदार है। इस दौरान उनकी तनख्वाह में कोई कटौती नहीं होगी। अगर कोई नियोक्ता इस नियम का उल्लंघन करता है तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है। दैनिक वेतनभोगी और आकस्मिक कर्मचारी भी इस सुविधा के हकदार हैं। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि जो लोग अपने मतदान क्षेत्र से बाहर अन्य जगहों पर नौकरी करते हैं, लेकिन अपने मूल मतदान क्षेत्र में वोटर हैं, उन्हें भी मतदान के दिन सवेतन अवकाश मिलेगा। इससे वे अपने वोट डालने के लिए समय निकाल सकेंगे। यह नियम सुनिश्चित करता है कि हर मतदाता को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का पूरा मौका मिले। निर्वाचन आयोग ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को निर्देश दिया है कि वे इस नियम का सख्ती से पालन कराएं। इसके लिए सभी नियोक्ताओं और संबंधित विभागों को जरूरी हिदायतें जारी की जाएं। आयोग का मकसद है कि मतदान प्रक्रिया निष्पक्ष और सुगम हो, ताकि हर नागरिक बिना किसी परेशानी के वोट डाल सके। बिहार में इस घोषणा से कर्मचारियों और दैनिक मजदूरों में खुशी की लहर है। आयोग ने नियोक्ताओं से अपील की है कि वे इस अवकाश का लाभ देने में सहयोग करें ताकि लोकतंत्र मजबूत हो। यह कदम मतदान प्रतिशत बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

शिक्षा में तेज, विवादों में भी तेज प्रताप! 2.88 करोड़ की संपत्ति, 8 मुकदमे

 पटना  बिहार की सियासत में हमेशा चर्चा में रहने वाले लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं। आरजेडी से निष्कासन के बाद अब उन्होंने अपनी नई राजनीतिक पार्टी जनशक्ति जनता दल के टिकट पर महुआ विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया है। इस दौरान दाखिल किए गए चुनावी हलफनामे में तेज प्रताप ने अपनी शिक्षा, संपत्ति और आपराधिक मामलों से जुड़ी अहम जानकारियां साझा की हैं। कितनी है सपत्ति हलफनामे के मुताबिक, तेज प्रताप यादव 12वीं पास हैं, जबकि उनके छोटे भाई और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सिर्फ 9वीं तक पढ़े हैं। तेज प्रताप के पास कुल 2.88 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जिसमें 91.65 लाख रुपये की चल संपत्ति और 1.96 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है। दिलचस्प यह है कि 2020 में उनकी कुल संपत्ति 2.82 करोड़ थी, यानी बीते पांच सालों में चल संपत्ति घटी लेकिन अचल संपत्ति में बढ़ोतरी हुई है। 8 केस भी दर्ज तेज प्रताप यादव पर इस वक्त 8 आपराधिक मामले लंबित हैं। इनमें धारा 324, 302, 120B, 341, दहेज उत्पीड़न, एससी-एसटी एक्ट और आर्म्स एक्ट जैसे गंभीर प्रावधानों के केस शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से किसी में भी अब तक उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है। हलफनामे में उन्होंने अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय का विवरण नहीं दिया है, क्योंकि तलाक का मामला अभी पटना की पारिवारिक अदालत में विचाराधीन है। नई पार्टी से चुनाव लड़ेंगे तेज प्रताप मई 2025 में आरजेडी से 6 साल के लिए निष्कासित किए जाने के बाद तेज प्रताप ने अपनी नई पार्टी बनाई और अब उसी के बैनर तले चुनाव मैदान में हैं। नामांकन के दौरान उन्होंने अपनी दिवंगत दादी की तस्वीर साथ रखकर भावनात्मक अपील की। तेज प्रताप की राजनीति हमेशा विवादों से घिरी रही है, कभी बयानबाजी, कभी निजी रिश्ते, तो कभी पार्टी नेतृत्व से टकराव। बावजूद इसके वे बिहार की सियासत में एक चर्चित और प्रभावशाली चेहरा बने हुए हैं। गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में दो चरणों में मतदान होगा, पहला 6 नवंबर को और दूसरा 11 नवंबर को। मतगणना 14 नवंबर को होगी। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि तेज प्रताप की नई पार्टी और उनकी नई पारी महुआ सीट पर क्या रंग दिखाती है।

चुनाव में आचार संहिता लागू होते ही डीएम-एसपी के हाथ में आ जाती है ये विशेष शक्तियां

पटना   बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने वाला है. आज शाम को 4 बजे चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा. इस दौरान बिहार चुनाव की तारीखों का एलान किया जाएगा और इसी दौरान पता चलेगा कि आखिर चुनाव कितने चरणों में संपन्न होगा. चुनाव की तारीखों का एलान होते ही आचार संहिता लागू हो जाएगी. आचार संहिता के लागू होते ही जिला प्रशासन की भूमिका बेहद अहम हो जाती है. इस दौरान जिले के डीएम और एसपी के पास प्रशासनिक और कानूनी तौर पर कुछ एक्स्ट्रा पावर आ जाती हैं. इनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि चुनाव निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और पारदर्शी ढंग से संपन्न हों. आचार संहिता के बाद डीएम की पावर आचार संहिता लागू होने के बाद सबसे पहले डीएम और एसपी सीधे तौर पर चुनाव आयोग के नियंत्रण में आ जाते हैं. यानी अब वे राज्य सरकार के नहीं, बल्कि आयोग के आदेशों के अनुसार काम करते हैं. डीएम जिले में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के तौर पर काम करता है. उसे यह अधिकार मिल जाता है कि वह किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी की ड्यूटी चुनाव कार्य के लिए लगा सकता है.  इसके अलावा, डीएम को यह पावर होती है कि वह आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति, संगठन या राजनीतिक दल पर तुरंत कार्रवाई करा सके. प्रचार सामग्री जब्त करना, अवैध पोस्टर हटवाना, अनधिकृत रैलियों को रोकना यह सब डीएम और एसपी के अधिकार क्षेत्र में आता है. आचार संहिता के बाद एसपी की पावर एसपी की भूमिका भी इस दौरान बेहद जरूरी होती है. जिले की कानून-व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी उसी के पास होती है. आचार संहिता लागू होते ही वह पुलिस बल की तैनाती, पेट्रोलिंग, फ्लैग मार्च और संवेदनशील बूथों की सुरक्षा व्यवस्था खुद तय करता है. एसपी को यह अधिकार होता है कि वह किसी भी इलाके में धारा 144 लागू कर सके ताकि कोई राजनीतिक दल या व्यक्ति चुनावी माहौल बिगाड़ न सके.  दोनों अधिकारी यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई सरकारी संसाधन चुनाव प्रचार में इस्तेमाल न हो. डीएम को यह भी अधिकार होता है कि वह किसी अधिकारी का ट्रांसफर या ड्यूटी बदलने की अनुशंसा चुनाव आयोग को कर सके, यदि उस पर किसी दल के पक्षपात का आरोप लगे. कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी इसके साथ ही, किसी भी शिकायत या विवाद की स्थिति में डीएम को तुरंत जांच करने और रिपोर्ट आयोग को भेजने का निर्देश होता है. कुल मिलाकर, आचार संहिता लागू होते ही डीएम और एसपी के पास प्रशासनिक नियंत्रण, कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी और चुनाव की निष्पक्षता बनाए रखने की पूरी ताकत होती है.

चुनाव आयोग अलर्ट मोड में, चीफ इलेक्शन कमिश्नर करेंगे ग्राउंड रिपोर्ट की जांच

पटना   बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग ने सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष फोकस किया है. इसी क्रम में आज मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे. यह बैठक सुबह 9:30 बजे से शुरू होकर शाम 3 बजे तक चलेगी. इसमें राज्य के सभी कमिश्नर, आईजी, डीआईजी, जिलाधिकारी और एसएसपी शामिल होंगे. दो सत्रों में आयोजित होगी बैठक बैठक दो सत्रों में आयोजित हो रही है. पहला सत्र सुबह 9:30 बजे से प्रारंभ हुआ जबकि दूसरा सत्र दोपहर 1:30 बजे से शुरू होगा. इस दौरान मुख्य निर्वाचन आयुक्त राज्य में सुरक्षा बलों की जरूरत का आकलन करेंगे और संभावित संवेदनशील क्षेत्रों को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी. चुनावी दृष्टिकोण से यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि बिहार जैसे बड़े राज्य में शांति और निष्पक्षता के साथ मतदान सुनिश्चित करना चुनाव आयोग की प्राथमिकता है. 4 अक्टूबर को पटना का दौरा कर सकते हैं चीफ इलेक्शन कमिश्नर सूत्रों के अनुसार, मुख्य निर्वाचन आयुक्त आगामी 4 अक्टूबर को पटना का दौरा भी कर सकते हैं. इस दौरान वे सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे और उनकी चिंताओं और सुझावों पर चर्चा करेंगे. इसके अगले दिन यानी 5 अक्टूबर को वे बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, जिलाधिकारियों, आईजी और एसएसपी के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक करेंगे. इस बैठक में कानून-व्यवस्था की मौजूदा स्थिति, सुरक्षा बलों की तैनाती और संवेदनशील बूथों की पहचान जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. आज जारी होगी अंतिम वोटर लिस्ट बिहार में विधानसभा चुनाव की आहट तेज हो चुकी है. चुनाव आयोग मतदाता सूची से लेकर सुरक्षा इंतज़ाम तक हर स्तर पर सक्रिय है. आज मंगलवार को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन भी किया जाएगा और अब सुरक्षा पर गहन मंथन हो रहा है. विशेषज्ञ मानते हैं कि आयोग का यह कदम चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम है. 

अमित शाह आज पटना में करेंगे रणनीतिक बैठक, धर्मेंद्र प्रधान सहित कई नेता शामिल

पटना  बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही भाजपा ने अपने चुनावी अभियान की रफ्तार तेज कर दी है. इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को पश्चिम चंपारण जिले के कुमारबाग पहुंच रहे हैं. यहां वे इंजीनियरिंग कॉलेज के ऑडिटोरियम में चंपारण और सारण संभाग के 10 संगठनात्मक जिलों के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेंगे. उसके बाद पटना में 40 नेताओं के साथ मीटिंग करेंगे. जिसमें बिहार भाजपा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान भी शामिल होंगे. कार्यक्रम की रूपरेखा अमित शाह शुक्रवार दोपहर 2 बजे कुमारबाग पहुंचेंगे और शाम 4 बजे तक वहां रहेंगे. इस दौरान वे बेतिया-बगहा, रक्सौल, ढाका, मोतिहारी, गोपालगंज, सीवान उत्तर-दक्षिण और छपरा समेत 10 जिलों के 294 कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. बैठक में सांसद, राज्यसभा सदस्य, विधायक, विधान परिषद सदस्य, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, जिलाध्यक्ष, प्रभारी और कोर कमेटी सदस्य सहित संगठन के अहम पदाधिकारी शामिल होंगे. सुरक्षा के कड़े इंतजाम गृह मंत्री के आगमन को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. कुमारबाग इंजीनियरिंग कॉलेज के खेल मैदान में अस्थायी हेलीपैड बनाया गया है. स्थानीय पुलिस और केंद्रीय बलों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है, ताकि कार्यक्रम शांतिपूर्वक संपन्न हो सके. शाम को पटना में अहम बैठक कार्यकर्ता संवाद के बाद अमित शाह बेतिया से पटना रवाना होंगे. यहां भाजपा प्रदेश कार्यालय में वे प्रदेश नेतृत्व और केंद्रीय स्तर के 40 वरिष्ठ नेताओं के साथ चुनावी रणनीति पर मंथन करेंगे. इस बैठक में बिहार चुनाव के प्रभारी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहेंगे. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल के मुताबिक, इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव की दिशा और रणनीति पर गहन चर्चा होगी.