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मुख्यमंत्री गुप्ता का ऐलान: दिल्ली में 27 अक्टूबर को सभी सरकारी संस्थान रहेंगे बंद

नई दिल्ली  दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 27 अक्टूबर को छठ पर्व के अवसर पर सरकारी छुट्टी की शुक्रवार को घोषणा की. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है. मुख्यमंत्री ने बताया कि चार दिवसीय इस उत्सव का तीसरा दिन सबसे महत्वपूर्ण है और इसीलिए सोमवार को अवकाश रखा गया है. सीएमओ के बयान में बताया गया है कि छठ पूजा के दिन श्रद्धालु जलाशयों के किनारे डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं और इसकी तैयारियां सुबह से ही शुरू हो जाती हैं. परिवार मिलकर विभिन्न अनुष्ठान करते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 27 अक्टूबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है. मुख्यमंत्री गुप्ता ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि छठ पूजा में लोग सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करते हैं. यह त्योहार आस्था और भक्ति के साथ-साथ स्वच्छता का प्रतीक है. जल और सूर्य की पूजा के जरिए यह पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देता है. दिल्ली सरकार ने छठ घाटों पर तैयारियां शुरू कर दी दिल्ली सरकार ने पूरे शहर में 1,300 से अधिक छठ घाटों पर तैयारियां शुरू कर दी हैं. यमुना के किनारे 17 मॉडल घाटों को बेहतर सुविधाओं जैसे टेंट, रोशनी, शौचालय, पीने का पानी और सुरक्षा के साथ अपग्रेड किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालु आराम और सुरक्षा के साथ पूजा-अर्चना कर सकें. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने डॉवका सेक्टर 23B के पोचनपुर छठ घाट का निरीक्षण किया. आस्था का महत्वपूर्ण पर्व छठ पूजा शुरू आज 25 अक्टूबर 2025 से लोक आस्था का महत्वपूर्ण पर्व छठ पूजा शुरू हो चुका है. यह पर्व बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है. छठ पूजा की विशेषता यह है कि व्रती महिलाएं पूरे 36 घंटे निर्जला उपवास रखती हैं, यानी न जल पीती हैं और न अन्न ग्रहण करती हैं. इसके बावजूद वे पूरे समर्पण और आस्था के साथ सूर्य देव को दो बार अर्घ्य देती हैं—पहले डूबते सूर्य को और अगले दिन उगते सूर्य को. इसी के साथ पावन व्रत संपन्न होता है.

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ रजत जयंती वर्ष में हास्य योग उत्सव, मनाएं हंसते-हंसते स्वस्थ भारत

नई दिल्ली हास्य योग केंद्र (भारत) वर्ष 2025 में अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रहा है और इस उपलक्ष्य में संस्था ने वर्षभर चलने वाले रजत जयंती समारोहों की घोषणा की है। संस्था इस अवसर को ‘हंसते-हंसते स्वस्थ भारत का उत्सव’ के रूप में मना रही है। देशभर में आयोजित किए जा रहे विविध कार्यक्रमों के माध्यम से हास्य योग के माध्यम से तनावमुक्त जीवनशैली और सकारात्मक सोच का संदेश दिया जा रहा है। राजधानी दिल्ली में 4 से 6 अक्टूबर तक रजत जयंती महोत्सव का भव्य आयोजन होगा। इस अवसर पर मुख्य कार्यक्रम 4 अक्टूबर को आईटीओ स्थित प्यारेलाल भवन में आयोजित किया जाएगा, जहां हास्य योग गुरु जितेन कोही के सान्निध्य में विशेष सत्र रखा गया है। समारोह की प्रमुख आकर्षण मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता होंगी, जिन्हें मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। संस्था द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, रजत जयंती वर्ष के तहत देशभर के विद्यालयों, कारागारों, वृद्धाश्रमों, सामाजिक संगठनों तथा कॉर्पोरेट प्रतिष्ठानों में विशेष हास्य योग सत्र और जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। रायपुर, इलाहाबाद, अहमदाबाद, पुणे, नैनीताल, रांची, कानपुर, बनारस, पिलखुवा और दिल्ली सहित अनेक शहरों में दो दिवसीय हास्य योग शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा है। दिल्ली में 5 अक्टूबर की सुबह 6 से 8 बजे तक रोहिणी स्थित डिस्ट्रिक्ट पार्क में विशाल हास्य योग शिविर आयोजित होगा, जिसमें सैकड़ों प्रतिभागी भाग लेंगे। इसके साथ ही 5 से 7 अक्टूबर तक राजधानी के विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों की श्रृंखला भी चलेगी। संस्था के संस्थापक जितेन कोही ने कहा कि आज की भागदौड़ भरी और तनावपूर्ण जीवनशैली में हंसी एक प्राकृतिक औषधि का कार्य करती है। ‘हास्य योग’ योग की एक अनूठी विधा है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है। संस्था का उद्देश्य लोगों को यह संदेश देना है कि नियमित हास्य योग अभ्यास से जीवन में ऊर्जा, सकारात्मकता और आत्मसंतोष बढ़ता है। गौरतलब है कि हास्य योग आंदोलन की शुरुआत दिल्ली के एक पार्क से हुई थी, जो आज देश के 19 से अधिक राज्यों और कई विदेशी देशों तक फैल चुका है। वर्तमान में देशभर में 400 से अधिक निःशुल्क हास्य योग कक्षाएं प्रतिदिन संचालित की जा रही हैं, जिनसे हजारों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। संस्था का कहना है कि रजत जयंती वर्ष केवल उत्सव नहीं, बल्कि यह समाज में खुशहाली, एकता और स्वास्थ्य के प्रति जनचेतना जगाने का अभियान भी है — ताकि भारत को ‘हंसते-हंसते स्वस्थ राष्ट्र’ के रूप में स्थापित किया जा सके।