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दुनिया की बड़ी कंपनियाँ पंजाब की तरफ़ क्यों? CM भगवंत मान ने किया खुलासा

चंडीगढ़  पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बेंगलुरु में आज प्रमुख उद्योगपतियों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि आज पंजाब दुनिया के सबसे बेहतरीन निवेश स्थलों में से एक बन गया है. उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने पंजाब को अपार संभावनाओं की भूमि बताते हुए नामी कंपनियों को राज्य में निवेश करने का निमंत्रण दिया. उन्होंने कहा कि देश के तेजी से उभरते औद्योगिक केंद्र के रूप में पंजाब में निवेश करके उद्यमियों को बड़े स्तर पर लाभ होगा. भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब में आपसी भाईचारे, शांति और सद्भावना का माहौल है, जो राज्य के सर्वांगीण विकास और खुशहाली की मजबूत नींव है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली आर्थिक विकास का इंजन है और पंजाब सरकार इसे भलीभांति समझते हुए आवासीय, व्यावसायिक और कृषि—सभी क्षेत्रों को निर्बाध बिजली उपलब्ध करा रही है. उन्होंने कंपनियों के प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे अपने कारोबार के विस्तार के लिए राज्य के मजबूत बुनियादी ढांचे, निर्बाध बिजली, कुशल मानव संसाधन और अनुकूल औद्योगिक वातावरण का अधिकतम लाभ उठाएं. पंजाब को औद्योगिक ऊंचाइयों पर ले जाना है-सीएम मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को प्रगतिशील पंजाब निवेशक सम्मेलन के छठे संस्करण के लिए आमंत्रित किया और बताया कि यह सम्मेलन 13, 14 और 15 मार्च 2026 को मोहाली (पंजाब) में आयोजित होगा. इस दौरान उद्योगपति, नीति-निर्माता और शोधकर्ता पंजाब के औद्योगिक क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपने विचार साझा करेंगे. उन्होंने कहा कि उद्योग जगत की विशेषज्ञता और दूरदर्शिता पंजाब के भविष्य को आकार देने में अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह सम्मेलन पंजाब की क्षमता को प्रदर्शित करने, सहयोग के अवसरों को तलाशने और नेटवर्किंग के लिए आदर्श मंच प्रदान करेगा. पंजाब की धरती मेहनतकश और उद्यमियों की- मान आज यहां उद्योग जगत के नेताओं से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की धरती को उसकी मेहनतकश और उद्यमी भावना तथा अमीर विरासत के लिए सदैव जाना जाता रहा है. उन्होंने कहा कि पंजाब को भारत के अन्न भंडार होने का गौरव प्राप्त है, जो देश के खाद्य उत्पादन में सबसे बड़ा योगदान देता है. उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में पंजाब के औद्योगिक क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव और प्रगति देखने को मिली है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि आज पंजाब एक औद्योगिक केंद्र के रूप में उभर चुका है, जो फूड प्रोसेसिंग, वस्त्र, ऑटो पार्ट्स, हैंड टूल्स, साइकिल, आईटी, पर्यटन और अन्य क्षेत्रों में अग्रणी बनकर सामने आया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की औद्योगिक प्रगति ने वास्तव में वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है, क्योंकि दुनिया भर के निवेशकों ने पंजाब की क्षमता को पहचाना है. उन्होंने बताया कि मार्च 2022 से अब तक पंजाब को 1.23 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे 4.7 लाख से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना है. इस उपलब्धि ने पंजाब को औद्योगिक विकास और नवाचार के क्षेत्र में एक उभरते केंद्र के रूप में स्थापित किया है. नेस्ले, क्लास, फ्रायडनबर्ग, वरबियो जैसे ब्रांड का हब भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह गर्व और संतोष की बात है कि पंजाब आज नेस्ले, क्लास, फ्रायडनबर्ग, कारगिल, वरबियो, डैनोन जैसी कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों का घर बन चुका है, जो यहां अपने संचालन के माध्यम से राज्य की आर्थिक प्रगति में बड़ा योगदान दे रही हैं. अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने व्यवसाय के लिए पंजाब की अपार क्षमता और राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए गए अनुकूल माहौल पर अपनी मुहर लगाई है. उन्होंने बताया कि जापान, अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, यूएई, स्विट्ज़रलैंड, फ्रांस, स्पेन और अन्य देशों के निवेश पंजाब की वैश्विक पहुंच को दर्शाते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि पद संभालने के बाद से ही उन्होंने एक निवेश-अनुकूल माहौल तैयार किया है, जो व्यापार में सुगमता को प्रोत्साहित करता है. राज्य सरकार की उद्योग-पक्षीय नीतियों के कारण आज पंजाब कारोबार की सहजता के मामले में अग्रणी राज्यों में शामिल है. उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने फास्टट्रैक पंजाब पोर्टल की शुरुआत की है, जो भारत का सबसे उन्नत सिंगल-विंडो सिस्टम है. यह पोर्टल एकल प्रवेश और निकास के साथ 150 से अधिक सरकारी-से-व्यवसाय (जी2बी) सेवाएं प्रदान करता है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरकार ने ऑफलाइन आवेदन की अनिवार्यता समाप्त कर दी है और पंजाब राइट टू बिज़नेस एक्ट के तहत 125 करोड़ रुपए तक के योग्य प्रोजेक्ट्स को सिर्फ पाँच दिनों में सैद्धांतिक मंजूरी दी जाती है पंजाब में 45 दिनों के भीतर समयबद्ध मंजूरी मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब बड़े नियामक सुधार करने वाला पहला राज्य है, जिसमें 45 दिनों के भीतर समयबद्ध मंजूरी, डीम्ड अप्रूवल, एस्केलेशन तंत्र और प्रमुख लाइसेंसों की वैधता अवधि में वृद्धि शामिल है. उन्होंने बताया कि व्हाट्सएप अलर्ट, एआई चैटबॉट और कॉल सेंटर के माध्यम से निवेशक सहायता रियल टाइम जवाबदेही सुनिश्चित करती है. इसके अतिरिक्त, डिजिटल सीआरओ रिपोर्ट, फायर एनओसी की बढ़ी हुई वैधता और लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड में परिवर्तन जैसी व्यवस्थाएं प्रक्रियाओं को और सरल बना रही हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार और उद्योग के बीच साझेदारी ही सफलता की कुंजी है और राज्य सरकार का दृढ़ विश्वास है कि औद्योगिक विकास तभी संभव है जब दोनों समान भागीदार के रूप में कार्य करें. उन्होंने बताया कि यही सिद्धांत वर्ष 2022 में प्रस्तुत की गई नई औद्योगिक नीति का मार्गदर्शन करता है. यह नीति उद्योग जगत के विशेषज्ञों और साझेदारों के सुझावों के आधार पर तैयार की गई है ताकि उनकी आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके. भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब राज्य सरकार ने उद्योग क्षेत्र के दिग्गजों की अध्यक्षता में 24 सेक्ट्रल कमेटियां गठित की हैं जो विशेष क्षेत्रों के अनुसार नीतियाँ तैयार करेंगी. समानता, पारदर्शिता और आपसी सहयोग पहचान मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार उद्योगों और व्यवसायों के साथ समानता, पारदर्शिता और आपसी सहयोग पर आधारित साझेदारी स्थापित करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सरकार उद्यमियों की कारोबारी यात्रा को सुचारू और सुविधाजनक बनाने के लिए वचनबद्ध है. भगवंत सिंह मान ने आशा व्यक्त की कि उद्योग जगत राज्य सरकार को अधिक से अधिक सहयोग देगा जिससे पंजाब में औद्योगिकीकरण की गति और तेज़ होगी. मुख्यमंत्री ने इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर … Read more

CM भगवंत मान के गढ़ में AAP को नुकसान, संगरूर में 8 पार्षदों ने छोड़ा साथ

संगरूर पंजाब के मुख्‍यमंत्री भगवंत मान को उनके अपने ही गृह जिले में तगड़ा झटका लगा है. संगरूर में आम आदमी पार्टी के 8 पार्षदों ने आम आदमी पार्टी (AAP) का साथ छोड़ दिया है. इन पार्षदों ने नगरपालिका के अध्‍यक्ष के प्रति अपनी नाखुशी जताई है. संगरूर नगर परिषद (MC) के आठ पार्षदों (जिनमें वरिष्ठ उपाध्यक्ष और उपाध्यक्ष भी शामिल हैं) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इन पार्षदों ने परिषद अध्यक्ष से असंतोष और वरिष्ठ नेताओं के उपेक्षापूर्ण रवैये को अपनी नाराजगी का कारण बताया है. इस्तीफा देने वालों में विनयपाल (वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रीति जैन के पति), उपाध्यक्ष कृष्ण लाल विक्की, हरप्रीत सिंह सेखों, प्रदीप कुमार पुरी, अवतार सिंह तारा, परमिंदर सिंह पिंकी, जगजीत सिंह काला और हरबंस लाल (पार्षद गुरदीप कौर के पति) शामिल हैं. सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और पार्षद विनयपाल ने कहा, ‘हम आठ पार्षद (जिनमें तीन AAP के और पांच निर्दलीय जो बाद में पार्टी में शामिल हुए थे) ने इस्तीफा दे दिया है. नगर परिषद अध्यक्ष विकास कार्यों को नहीं कर रहे हैं और उनका व्यवहार असहनीय हो गया है.’ इसी तरह प्रदीप पुरी ने कहा, ‘हमने मुख्यमंत्री और पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी मनीष सिसोदिया से अध्यक्ष को हटाने की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. हमने करीब पखवाड़े पहले इस्तीफा सौंपा था, अब इसे सार्वजनिक किया है. हम जल्द ही परिषद अध्यक्ष से सदन में बहुमत साबित करने की मांग करेंगे.’ हालांकि, नगर परिषद अध्यक्ष भूपिंदर सिंह नाहल ने दावा किया कि सभी सात मूल AAP पार्षद अब भी पार्टी के साथ हैं. उन्होंने कहा, ‘केवल पांच निर्दलीय, जिन्होंने बाद में पार्टी जॉइन की थी, बाहर गए हैं. वे जल्द लौट आएंगे. नगर में विकास कार्य सुचारू रूप से चल रहे हैं.’ जानकारों के अनुसार, यदि ये असंतुष्ट पार्षद दोबारा पार्टी में नहीं लौटे या AAP बहुमत बनाए रखने में विफल रही, तो नगर परिषद पर उसका नियंत्रण खत्म हो सकता है. गौरतलब है कि संगरूर को AAP का शक्ति केंद्र माना जाता है, जहां से मुख्यमंत्री भगवंत मान और तीन मंत्री (हरपाल सिंह चीमा, बरिंदर कुमार गोयल और अमन अरोड़ा) आते हैं. पिछले वर्ष हुए नगर परिषद चुनाव में AAP को 29 में से केवल सात सीटें मिली थीं. बाद में अप्रैल में पांच निर्दलीय पार्षदों के पार्टी में शामिल होने से उसकी संख्या 12 हो गई थी. वर्तमान में कांग्रेस के पास 9 और बीजेपी के पास तीन पार्षद हैं. वहीं, संगरूर की विधायक नरिंदर कौर भाराज और सुनाम के विधायक अमन अरोड़ा (दोनों AAP के) नगर परिषद में एक्स-ऑफिशियो सदस्य के रूप में मतदान अधिकार रखते हैं. यदि असंतोष दूर नहीं हुआ तो यह झटका संगरूर में AAP की राजनीतिक पकड़ को कमजोर कर सकता है.  

पंजाब सरकार ने बताया: सोमवार से वेरका डेयरी उत्पादों की कीमतों में कटौती

चंडीगढ़  पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती का लाभ आम आदमी तक पहुंचाने के लिए 22 सितंबर से वेरका के विभिन्न उत्पादों की कीमतों में भारी कटौती की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य समर्थित किसान सहकारी संस्था वेरका ने केंद्र के जीएसटी 2.0 सुधारों के अनुरूप अपनी कीमतों में उल्लेखनीय कमी करने का फैसला किया है, जिसके तहत आवश्यक डेयरी उत्पादों पर शुल्क कम किया गया है। नयी कीमतों के तहत, घी 30-35 रुपये प्रति लीटर/किग्रा सस्ता हो जाएगा, जबकि टेबल बटर की कीमत 30 रुपये प्रति किग्रा और अनसाल्टेड बटर की कीमत 35 रुपये प्रति किग्रा कम हो जाएगी। इसी तरह, प्रोसेस्ड चीज़ 20 रुपये प्रति किग्रा और दूध (स्टैंडर्ड, टोन्ड और डबल टोन्ड) 2 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो जाएगा। अन्य उत्पादों जैसे आइसक्रीम (गैलन, ब्रिक और टब) की कीमतों में भी 10 रुपये प्रति लीटर और पनीर की कीमतों में 15 रुपये प्रति किलोग्राम की कमी आएगी।

भगवंत मान ने जताई प्रतिक्रिया, UP और बिहार के लोगों के खिलाफ फैसलों पर बोले ये शब्द

चंडीगढ़ पंजाब के कई जिलों से ऐसी खबरें आई हैं कि गांवों के सरपंचों समेत कई लोगों की ओर से यूपी और बिहार के मजदूरों को बाहर निकालने के ऐलान किए गए हैं। होशियारपुर जिले के तो 20 सरपंचों का कहना है कि वे पंजाब से बाहर के लोगों को निवास प्रमाण पत्र जारी नहीं करेंगे। जिले में एक पांच साल के बच्चे के साथ कुकर्म और फिर उसकी दर्दनाक हत्या के बाद ऐसी स्थिति पैदा हुई है। वहीं इससे पहले भी गुरदासपुर समेत कई जिलों में इस तरह के मामले आए हैं। अब इस तरह के ऐलानों के बारे में भगवंत मान से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि किसी को भी देश के किसी भी हिस्से में जाकर काम करने और रहने का हक है। यूपी और बिहार के मजदूरों को पंजाब के गांवों से निकालने के ऐलान पर भगवंत मान ने कहा कि पंजाबी सबसे ज्यादा विदेशों में रहते हैं। मान ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि हमारे यहां के लोग कनाडा जैसे देशों में गए हैं और वहां मंत्री तक बने हैं। दुनिया भर में विरोध चल रहा है। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन तक में चल रहा है कि ये लोग क्यों आ गए हैं और उन्हें बाहर निकालो। यदि कोई कानून तोड़े तो उसे सख्त सजा मिले। कानून तोड़ने वाला किसी समुदाय का नहीं होता है, उसे सख्त सजा मिलनी चाहिए। फास्ट ट्रैक पर सुनवाई होनी चाहिए। मान ने कहा कि छत्तीसगढ़, कोलकाता में पंजाबियों का ही ट्रांसपोर्ट है। मुंबई तो पंजाबियों का बहुत कारोबार है। उन्होंने कहा कि लोगों के दिलों में गुस्सा है तो ऐसा हो सकता है। भगवंत मान ने कहा कि हम सुरक्षा देने को तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमला हुआ तो हमने कश्मीरियों को सुरक्षा दी। लेकिन यदि कोई प्रदेश का कानून तोड़ेगा तो सख्त सजा मिलेगी और हमारी उसमें कोई हमदर्दी नहीं है। अपने एक विधायक पर रेप का केस होने और फिर पुलिस के साथ एनकाउंटर होने के मामले में भगवंत मान ने कहा कि हमने तो सारे अच्छे लोग चुने थे, लेकिन कुछ खराब निकल आए तो क्या करें। भगवंत मान ने कहा कि भाजपा के लोगों से यह सवाल पूछिए। वहां तो जिन लोगों के खिलाफ केस होते हैं, यदि वही उनकी पार्टी में आ जाते हैं तो वह सही हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास तो पंजाब में नेता ही नहीं हैं। भाजपा का यहां पर कांग्रेस विंग है। रवनीत बिट्टू, अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़ जैसे नेता मुख्य हैं, जो कभी कांग्रेस में हुआ करते थे। इसी तरह मनप्रीत बादल हैं, जो कई दलों से पाला बदलते हुए भाजपा में आ गए हैं।

बाढ़ प्रभावित इलाकों में सफाई और पुनर्निर्माण का महाअभियान, CM मान कर रहे निगरानी

पंजाब पंजाब में बाढ़ के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. बाढ़ का संकट आया, तब मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी सरकार ने अपनी जिम्मेदारियों को जमीन पर उतरकर पूरी निष्ठा से निभाया. अब जैसे-जैसे पानी उतर रहा है, वैसे-वैसे मान सरकार ने राहत, सफाई और पुनर्निर्माण का महाअभियान शुरू कर दिया है. सरकार की ओर से 14 सितंबर से 23 सितंबर तक पूरे राज्य में सफाई और बहाली का विशेष ड्राइव चलाया जा रहा है, जो 2300 से ज्यादा गांवों और शहरी वार्डों में एक साथ शुरू हुआ है. इस महाअभियान में हर गली, हर मोहल्ले, हर वार्ड को साफ-सुथरा और पहले से बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. जलभराव से जमा हुई गाद, सिल्ट और गंदगी को हटाने के लिए नगर निगमों, नगर परिषदों और पंचायतों को स्पष्ट आदेश दिए गए हैं. 1000 से ज्यादा सफाई कर्मचारी जिले में तैनात प्रदेश के कई जिलों में 1000 से ज्यादा सफाई कर्मचारी, 200 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रालियां, 150 JCB मशीनें और सैकड़ों की संख्या में हेल्थ वर्कर्स इस काम में लगातार लगे हुए हैं. सरकार ने सभी ज़िलों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं, जिनकी सीधी निगरानी में काम हो रहा है. हर जोन का जिम्मा एक अफसर को सौंपा गया है और उन्हें साफ निर्देश हैं कि वे रोजाना ग्राउंड पर रहें और काम पूरा कराएं. नगर निगमों में कमिश्नर और जिलों में एडीसी को विशेष जिम्मेदारी दी गई है कि कोई भी शिकायत लंबित न रहे. पूरे अभियान पर सीएम की नजर मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद इस पूरे अभियान की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. वे लगातार अधिकारियों से संपर्क में हैं और खुद स्थिति का जायजा ले रहे हैं. उन्होंने साफ कहा है, ये कोई औपचारिक मुहिम नहीं, ये पंजाब के हर नागरिक के घर-आंगन को फिर से खुशहाल बनाने का संघर्ष है. सिर्फ सफाई ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं पर भी बराबर फोकस है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दवा छिड़काव, साफ पानी की आपूर्ति और प्राथमिक चिकित्सा शिविर लगाए जा रहे हैं. 5 सितंबर को जारी एडवाइजरी के तहत सभी ULBs को साफ-सफाई और रोग रोकथाम के उपाय तुरंत लागू करने के निर्देश हैं. बाढ़ के बाद सर्वे जारी बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी तेज़ी से सर्वे कार्य शुरू कर दिया गया है. घरों, दुकानों, सड़कों, बिजली के खंभों, जल योजनाओं जैसी सभी सार्वजनिक व निजी संपत्तियों का आकलन इंजीनियरिंग टीमों द्वारा किया जा रहा है, ताकि सरकार हर प्रभावित व्यक्ति को जल्द से जल्द मुआवजा दे सके. विशेष सफाई और पुनर्वास अभियान शुरू पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने निर्देश दिए हैं कि सभी कार्यों में पारदर्शिता बनी रहे, इसलिए हर जगह काम से पहले और बाद की तस्वीरें खींची जा रही हैं. यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी काम अधूरा न रहे और हर जरूरतमंद तक सरकारी मदद पहुंचे. पंजाब के सभी जिलों में आज, 14 सितंबर से मान सरकार का विशेष सफाई और पुनर्वास अभियान ज़ोर-शोर से शुरू हो गया है. सुबह से ही नगर निगमों और स्थानीय प्रशासन की टीमें फील्ड में उतर चुकी हैं. JCB मशीनों की आवाज़ और ट्रैक्टर-ट्रालियों की हलचल इस बात का संकेत दे रही है कि अब पंजाब में सिर्फ राहत नहीं, बल्कि पुनर्निर्माण की शुरुआत हो चुकी है. लोग खुद कह रहे हैं कि पहली बार सरकार इतनी तेज़ी और गंभीरता से हर गली-नुक्कड़ तक पहुंची है. ये देखकर जनता को भरोसा हुआ है कि सरकार सिर्फ एलान नहीं करती, जमीन पर काम करती है, वो भी बिना रुके, बिना थके. एकजुटता ने बाढ़ को हराया मुख्यमंत्री भगवंत मान की सोच ने इस बार साबित कर दिया है कि बाढ़ जैसी आपदा को भी अगर ज़िम्मेदारी से संभाला जाए, तो वो लोगों के हौसले को गिराने की जगह उसे और मज़बूत बना सकती है. इस बार सरकार ने बाढ़ को सिर्फ प्राकृतिक संकट नहीं, बल्कि पंजाबियों की हिम्मत, सेवा-भाव और एकजुटता की परीक्षा माना है. राहत कार्यों को इवेंट या प्रचार की तरह नहीं, बल्कि जनसेवा और जवाबदेही के अवसर की तरह लिया गया है, यही वो फर्क है जो एक लोक सेवक सरकार और दिखावटी राजनीति में होता है. पंजाब के साथ खड़ी मान सरकार बाढ़ आई, नुकसान हुआ, लेकिन सरकार कहीं नहीं डगमगाई. मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी टीम ने खुद को मैदान में उतार दिया. यह वही फर्क है जो जनता अब साफ देख रही है, जहां कुछ दल मुसीबत में सियासत खोजते हैं, वहीं मान सरकार समाधान खोजती है. आज जब विपक्ष सवालों की स्क्रिप्ट लिख रहा है, मान सरकार अपने काम से जवाब दे रही है, और वो भी जनता के बीच रहकर, उनके पिंडा विच में खड़े होकर और इसलिए आज पूरा पंजाब कह रहा है. मान सरकार खड़ी है, सिर उठाके, सीने ठोक के अपने लोकां दे नाल, हर वक्त, हर हाल.  

बाढ़ प्रभावितों को बड़ी सौगात, दिवाली तक मिलेंगे मुआवजे के चेक – CM भगवंत मान

चंडीगढ़ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान अस्पताल से छुट्टी मिलने के एक दिन बाद शुक्रवार को फिर सक्रिय हो गए। उन्होंने बाढ़ राहत कार्यों का आकलन करने और राज्य के क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण की योजनाओं को लेकर बैठकें कीं। उन्होंने कहा, 'मैं पंजाब का मुख्यमंत्री नहीं हूं, मैं दुख मंत्री हूं। मैं राज्य के लोगों के साथ खड़ा हूं, जो बाढ़ के कारण अब तक के सबसे बुरे संकट का सामना कर रहे हैं। दुख साझा करण नाल दुख अद्धा रह जांदा है। 'सीएम ने कहा कि वह बाढ़ प्रभावित लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि उनकी सरकार 45 दिनों के भीतर पूरा मुआवजा जारी कर देगी। मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैंने सभी उपायुक्तों को फसल नुकसान की विशेष गिरदावरी पूरी करने, जान-माल के नुकसान, पशुओं की मौत और घरों को हुए नुकसान की रिपोर्ट जल्द देने और उनका सत्यापन करने का निर्देश दिया है, जिससे हम तुरंत मुआवजा देना शुरू कर सकें।' उन्होंने कहा कि चेक दिवाली तक दिए जाएंगे।  उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से मुआवजा देने के काम की निगरानी कर रहा हूं, क्योंकि लोगों को तत्काल राहत की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब फसल नुकसान के लिए सबसे ज्यादा मुआवजा 20 हजार रुपये प्रति एकड़ देगा। उनके साथ राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन और मुख्य सचिव केएपी सिन्हा मौजूद रहे।

किसानों को बड़ी राहत: CM भगवंत मान ने सबसे अधिक मुआवजा देने का किया ऐलान

पंजाब  पंजाब में बाढ़ ने किसानों की मेहनत और ख्वाबों को डुबो दिया, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने किसानों को अकेला नहीं छोड़ा. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तुरंत बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की कि हर प्रभावित किसान को ₹20,000 प्रति एकड़ मुआवज़ा दिया जाएगा. यह सिर्फ़ पंजाब ही नहीं बल्कि पूरे देश में अब तक का सबसे बड़ा मुआवज़ा है. मान सरकार ने यह कदम सिर्फ़ काग़ज़ों पर नहीं बल्कि किसानों के दर्द को महसूस करते हुए उठाया है. जब हरियाणा में किसानों को अधिकतम ₹15,000 प्रति एकड़, गुजरात में करीब ₹8,900 प्रति एकड़, मध्य प्रदेश में करीब ₹12,950 प्रति एकड़, और उत्तर प्रदेश व राजस्थान में अधिकतर ₹5,000- ₹7,000 प्रति एकड़ तक राहत मिलती है, वहीं पंजाब के किसानों को सीधा ₹20,000 प्रति एकड़ देने का फैसला किसानों की ताक़त और मेहनत को सलाम करने जैसा है. मृतक के परिवार को 4 लाख-मान इतना ही नहीं, मान सरकार ने बाढ़ में जान गंवाने वालों के परिवारों को ₹4 लाख की सहायता और खेतों में जमी रेत को बेचने की अनुमति भी दी है, ताकि किसानों को तुरंत नक़दी मिले और अगली बुवाई का रास्ता आसान हो सके. यह कदम साफ़ दिखाता है कि सरकार किसानों की मुश्किलें समझती है और उनके लिए हर मुमकिन राहत पहुंचाना चाहती है. यह मुआवज़ा सिर्फ़ पैसों की मदद नहीं, बल्कि किसानों को यह भरोसा दिलाने का प्रयास है कि सरकार उनकी पीड़ा को अपनी पीड़ा मानती है. संकट की इस घड़ी में यह संदेश पूरे पंजाब में गूंज रहा है कि यह सरकार किसानों को कभी अकेला नहीं छोड़ेगी. राहत की राशि को देशभर में सबसे ऊपर रखकर पंजाब को मिसाल बनाया गया है. किसान पंजाब की असली ताकत-मान मान सरकार ने राहत की राशि को सबसे ऊपर रखकर साबित कर दिया है कि किसान सिर्फ़ वोटर नहीं, बल्कि पंजाब की असली ताक़त हैं. यह फैसला किसानों को संघर्ष से सहारा और भविष्य के लिए विश्वास देता है. किसान की जीत ही पंजाब की जीत है, और मान सरकार हर हाल में किसानों के साथ खड़ी है.  

सीएम भगवंत मान ने अस्पताल से सीधे वीडियो कॉल कर की बातचीत, मनकीरत औलख और प्रीतपाल सिंह जुड़े

पंजाब  पंजाब में आई भीषण बाढ़ के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान लगातार बाढ़ प्रभावित परिवारों और राहत कार्यों से जुड़े हुए हैं. अस्पताल में रहकर भी उन्होंने पंजाबी गायक मनकीरत औलख से वीडियो कॉल के माध्यम से बातचीत की. सीएम ने उनके द्वारा किए जा रहे राहत प्रयासों की सराहना की. मुख्यमंत्री मान ने हंसपाल ट्रेडर्स के मालिक प्रीतपाल सिंह हंसपाल का भी विशेष रूप से धन्यवाद किया. हंसपाल ट्रेडर्स ने बाढ़ में फंसे लोगों और उनके पशुओं को सुरक्षित निकालने के लिए काफी काम किया है. उन्होंने अपनी तरफ से 150 से अधिक नावें बनवाईं. पंजाब सरकार का राहत प्रयासों में सहयोग मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आगे कहा कि संकट की इस घड़ी में पंजाबियों ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि उनके भीतर हिम्मत, सेवा की भावना और आपसी भाईचारे की मिसालें आज भी जिंदा हैं. जो भी लोग अपने लेवल पर दूसरों की मदद कर रहे हैं और जान बचाने में जुटे हुए हैं, पंजाब की सरकार उन सभी लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है. सीएम ने आगे कहा कि यह सिर्फ एक प्रशासनिक समर्थन नहीं है, बल्कि यह पंजाबियों की भावनाओं से भावनात्मक जुड़ाव भी है . यही वजह है कि आज हर पंजाबी को यह विश्वास है कि वो अकेला नहीं है उसकी सरकार उसके साथ खड़ी है और केवल सरकार ही नहीं बल्कि उसका समाज पूरी ताकत और संवेदनशीलता के साथ उसके साथ खड़ा है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को 5 सितंबर को तबियत खराब के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तबीयत में सुधार के बाद उन्होंने सोमवार को अस्पताल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता की. मुख्यमंत्री की तबियत खराब के चलते पहले यह बैठक स्थगित कर दी गई थी. सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर भी नहीं जा पाए थे.  

मुख्यमंत्री भगवंत मान की हेल्थ अपडेट: डॉक्टरों ने क्या दी हिदायत?

पंजाब  पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की हालत में अब सुधार है। मेडिकल टीम ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। पिछले साल भी इन्हीं दिनों में मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक संक्रामक बीमारी ने घेर लिया था। मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में नियमित जांच के दौरान लेप्टोस्पायरोसिस की पुष्टि हुई थी। यह बीमारी गंदे पानी की वजह से फैलती है। गौरतलब है कि पंजाब के 23 जिलों में इन दिनों बारिश और बाढ़ के कारण तबाही फैली है। मुख्यमंत्री भगवंत मान आज अरविंद केजरीवाल के साथ बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करने वाले थे, तबीयत को देखते हुए मुख्यमंत्री मान ने आज का दौरा रद्द कर दिया है। अरविंद केजरीवाल सुलतानपुर लोधी के दौरे पर रहेंगे। बीते दिन प्रधानमंत्री मोदी ने भी पंजाब की बाढ़ को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया था।   बाढ़ पीड़ितों के लिए सीएम मान ने मांगा था सहयोग बीते दिन 3 सितंबर को मुख्यमंत्री मान ने एक्स अकाउंट पर ट्वीट शेयर कर पंजाब के बाढ़ पीड़ितों के लिए सहयोग मांगा था। मुख्यमंत्री मान ने लिखा था कि हर मुश्किल घड़ी में पंजाब हमेशा दूसरों के साथ खड़ा रहा है। आज पंजाब में आई प्राकृतिक आपदा को देखते हुए सभी को इसके साथ खड़े होने की जरूरत है। आइए एक-दूसरे का सहारा बनें। बाढ़ पीड़ित परिवारों के लिए चल रहे राहत कार्यों में अपना योगदान दें। आप इसके लिए तस्वीर में दिए गए मुख्यमंत्री राहत कोष के QR कोड को स्कैन करके या फिर दिए बैंक खाते में राशि भेज सकते हैं। समय कठिन ज़रूर है, लेकिन एक-दूसरे के साथ से यह भी बीत जाएगा। पंजाब में पोंग ओर भाखड़ा डैम में बढ़ा जलस्तर गौरतलब है कि पंजाब के मैदानी इलाके और हिमाचल के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के चलते पोंग ओर भाखड़ा डैम में पानी का जलस्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा।जिस कारण पंजाब के कई जिले बाढ़ से पूर्ण रूप से प्रभावित है।वही लगातार डैमो से हजारों लाखों क्यूसेक पानी लगातार छोड़ा जा रहा है। डैमो से छोड़े जा रहे पानी से पंजाब के मैदानी इलाकों में बाढ़ की स्थिति ज्यों की त्यों ही है।आज पोंग डैम से 99 हजार 673 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा तो दूसरी ओर भाखड़ा डैम से 80 से 85 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। पोंग ओर भाखड़ा डैम से लगातार पानी छोड़ने के कारण सतलुज ओर ब्यास दरिया का पानी ओर उफान पर चढ़ जाएगा।जिसे लेकर प्रशासन ने दरिया के किनारों से लोगों को दूर रहने के निर्देश दिए है।