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नक्सलियों की बड़ी हार: गढ़चिरौली में 60 सदस्यीय दल ने किया सरेंडर, कमांडर सोनू भी शामिल

गढ़चिरौली देश में नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। इस बीच महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में पहली बार सबसे बड़ा नक्सली आत्मसमर्पण हुआ है। वरिष्ठ नक्सली नेता मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ भूपति ने अपने 60 अन्य नक्सली साथियों के साथ महाराष्ट्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने हथियार डाले हैं।  बुधवार (15 अक्तूबर) गढ़चिरौली शहीद पांडु आलम हॉल, पुलिस मुख्यालय में आत्मसमर्पण समारोह आयोजित किया। जिसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सभी नक्सलियों का मुख्यधारा में लौटने के लिए स्वागत किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक नक्सली कमांडर मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति ने शर्त रखी कि वह मुख्यमंत्री की मौजूदगी में आत्मसमर्पण करेंगे। जिसके बाद गढ़चिरौली पुलिस मुख्यालय में सीएम फडणवीस की मौजूदगी में नक्सली लीडर और भाकपा-माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य मल्लौजुला वेणुगोपाल राव ने हथियार डाले। एक अधिकारी ने बताया कि भूपति पर 6 करोड़ रुपए का इनाम था। जानकारी के मुताबिक नक्सलियों ने अपने 54 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया, जिनमें सात एके-47 और नौ इंसास राइफलें शामिल हैं। गढ़चिरौली पुलिस को 1 करोड़ रुपए के इनाम देने की घोषणा कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "आज नक्सल कमांडर मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति ने 60 नक्सलियों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है। भूपति नक्सलियों की भर्ती, रणनीति और हमले का काम करते थे। पिछले एक महीने से हमारी पुलिस उससे मुख्यधारा में लौटने के लिए बात कर रही थी। उसे यह भी बताया गया था कि हमारे नक्सल विरोधी अभियान नहीं रुकेंगे और उसे आत्मसमर्पण करने का विकल्प दिया गया था। आज महाराष्ट्र में नक्सलवाद की कमर टूट गई है। इसके बाद छत्तीसगढ़ के नक्सली आत्मसमर्पण करने की कोशिश करेंगे। इस उपलब्धि पर हमने गढ़चिरौली पुलिस को 1 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।" उन्होंने आगे कहा कि हम सभी, चाहे वह महाराष्ट्र हो, छत्तीसगढ़ हो या तेलंगाना नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं। हम एक-दूसरे के साथ समन्वय में काम करते हैं।" टॉप कमांडर के सरेंडर से टूटी नक्सलियों की कमर नक्सली टॉप कमांडर मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ भूपति पर करोड़ों का ईनाम घोषित था। जिनको माओवादी संगठन के सबसे प्रभावशाली रणनीतिकारों में से एक माना जाता था और वह लंबे समय से महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर प्लाटून अभियानों की निगरानी करते थे। उनके सरेंडर के बाद अबूझमाड़ में नक्सलियों की कमर टूट गई है। बता दें कि सोमवार देर रात (13 अक्तूबर) भाकपा-माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य मल्लौजुला वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। जो कि यह भाकपा-माओवादी के लिए एक बड़ा झटका था। आत्मसमर्पण करने वालों में भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय समिति का एक सदस्य और एक संभागीय समिति के 10 सदस्य शामिल थे।

सीएम फडणवीस ने उपराष्ट्रपति चुनाव पर किया पलटवार, विपक्ष हुआ फेल

मुंबई  उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल लगातार बड़बोलापन कर रहे थे और यह माहौल बनाने की कोशिश कर रहे थे कि एनडीए के वोट बंट जाएंगे। लेकिन नतीजों में इसका उल्टा हुआ। विपक्ष अपनी पार्टी के वोट भी नहीं संभाल पाया और बड़ी संख्या में उनके वोट एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में चले गए। फडणवीस ने कहा कि एक तरह से विपक्ष ने खुद ही मुंह के बल गिरने का काम किया है। सीएम फडणवीस ने महाराष्ट्र के राज्यपाल और एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत पर खुशी जताई। उन्होंने उन्हें कर्मठ, सुलझा हुआ और प्रमाणिक व्यक्तित्व वाला नेता बताया। फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने राधाकृष्णन जैसे योग्य व्यक्ति को इस पद के लिए नामित किया और एनडीए के सभी दलों ने एकजुट होकर उनका समर्थन किया। इसी वजह से वे बड़े अंतर से विजयी हुए। फडणवीस ने भरोसा जताया कि उपराष्ट्रपति के रूप में राधाकृष्णन इस पद की गरिमा को और बढ़ाएंगे। उपराष्ट्रपति चुनाव पर बोले सीएम फडणवीस मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से इस बात की सबसे ज्यादा खुशी है कि जब चुनाव परिणाम घोषित हुआ तो सीपी राधाकृष्णन का पता मुंबई, महाराष्ट्र का बताया गया। वे महाराष्ट्र की मतदाता सूची में दर्ज मतदाता हैं और अब देश के उपराष्ट्रपति बन गए हैं। फडणवीस ने कहा कि यह पूरे महाराष्ट्र के लिए गर्व का विषय है। गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के भारी अंतर से हराया। राधाकृष्णन को प्रथम वरीयता के 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी को 300 वोट हासिल हुए। कुल 781 सदस्यों में से 767 (एक डाक मतपत्र समेत) ने मतदान किया था, जिसमें से 15 वोट अवैध घोषित किए गए। मंगलवार को सुबह 10 बजे से शुरू होकर शाम 5 बजे तक मतदान हुआ था। इस जीत ने एक बार फिर एनडीए की मजबूती और विपक्ष की कमजोरी को उजागर कर दिया।