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गायों संग गोवर्धन पूजा: सीएम योगी ने गोशाला में की सेवा, कराया विशेष पूजन

गोरखपुर  सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर की गोशाला में गोवर्धन पूजा की। उन्होंने गायों की सेवा की और उन्हें गुड़-रोटी खिलाई। गोवर्धन पूजा के मौके पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। यह पूजा हमारी सांस्कृतिक परंपरा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और गौसंवर्धन की भावना का प्रतीक है। बुधवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर स्थित गोशाला में पहुंचे सीएम योगी ने गायों की विधिवत पूजा-अर्चना की। उन्होंने कहा कि भारत की समृद्धि का आधार सदैव भारतीय गोवंश रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से गोवर्धन योजना के तहत गाय के गोबर से बायो-कम्पोस्ट, कंप्रेस्ड बायोगैस और एथेनॉल उत्पादन के अभिनव कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। यह न केवल गौसंवर्धन का माध्यम हैं बल्कि ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में भी नई दिशा दे रहे हैं। सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश में लगभग 16 लाख गोवंश को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए सरकार तीन स्तरों पर योजनाएं संचालित कर रही है निराश्रित गोस्थल योजना, सहभागिता योजना और कुपोषित परिवार सहायता योजना। निराश्रित गोस्थल योजना के अंतर्गत प्रति गाय 1500 रु प्रतिमाह की सहायता दी जाती है। वहीं, सहभागिता योजना में ऐसे किसानों को चार गायें उपलब्ध कराई जाती हैं जो गौसंवर्धन से जुड़ना चाहते हैं, उन्हें सरकार 6000 रुपए की सहायता राशि भी प्रदान करती है। इसके अलावा कुपोषित माताओं और बच्चों को भी गाय उपलब्ध कराई जाती है, साथ ही 1500 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है ताकि वे गाय के दूध से पोषण प्राप्त कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं से न केवल गोवंश संरक्षण को बढ़ावा मिला है, बल्कि कुपोषण से सुपोषण की दिशा में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। सीएम योगी ने कहा कि गोवर्धन योजना के तहत बायो गैस और एथेनॉल उत्पादन से गोबर का भी मूल्य किसानों को मिल रहा है। इससे प्रदेश को नेट जीरो कार्बन एमिशन के लक्ष्य की ओर बढ़ाने और पेट्रोल-डीजल पर खर्च होने वाले धन की बचत में मदद मिल रही है।  

रामलला के अपमान पर CM योगी ने किया हमला, सपा पर जमकर बरसे अयोध्या में

अयोध्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अयोध्या में समाजवादी पार्टी (सपा) पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा ने न केवल रामलला को कैद करके रखा, बल्कि रामभक्तों पर गोली चलवाई और अयोध्या की पहचान मिटाने की कोशिश की। सीएम योगी ने कहा कि श्रीराम को 500 सालों तक अपमान सहना पड़ा, लेकिन सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं। सीएम योगी ने कहा, "सपा ने अयोध्या के साथ अन्याय किया। राम मंदिर निर्माण में रोड़े अटकाए गए और रामभक्तों पर गोलीबारी की गई। यह वही लोग हैं जिन्होंने हमारी आस्था को खंडित करने की कोशिश की। अयोध्या की पहचान को मिटाने का प्रयास किया गया, लेकिन सत्य की हमेशा जीत होती है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि रामलला को 500 साल तक तिरस्कार और अपमान का सामना करना पड़ा, लेकिन अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार है, जो देश की आस्था और संस्कृति का प्रतीक है। सीएम योगी ने अपने संबोधन में सपा की पूर्ववर्ती सरकारों पर अयोध्या के विकास को बाधित करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "जब सपा की सरकार थी, तब अयोध्या की उपेक्षा की गई। मंदिर निर्माण में बाधाएं डाली गईं, लेकिन आज अयोध्या विश्व पटल पर अपनी पहचान बना रही है। यह न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का केंद्र भी है।"  

गरीब परिवारों का घर का सपना हुआ साकार, सीएम योगी ने गोरखपुर में दीपावली से पहले दिया खास तोहफा

गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपावली से पहले गोरखपुर में गरीबों को अनमोल उपहार सौंपा। पाम पैराडाइज, देवरिया बाईपास स्थित हाई-राइज बिल्डिंग में 160 परिवारों को ईडब्ल्यूएस/एलआईजी फ्लैट्स की चाबियां भेंट कीं। इनमें 80 फ्लैट्स आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और 80 निम्न आय वर्ग (एलआईजी) के लिए हैं। साथ ही, गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की 118 करोड़ रुपए की 50 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। कार्यक्रम में सीएम ने पौधारोपण भी किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि हर परिवार की एक तमन्ना होती है कि उसका अपना एक घर हो, सर ढकने को छत मिले। आज 160 परिवारों को यह दीपावली का शुभ उपहार मिल रहा है। कार्तिक मास के शुभ मुहूर्त में यह उपलब्धि और भी खास है।  उन्होंने कहा कि एक परिवार में औसतन 5-6 सदस्य होने पर करीब 700-800 लोग सीधे लाभान्वित हो रहे हैं। यह किसी भी व्यक्ति के लिए केवल आवास ही नहीं, बल्कि जीवन की महत्वपूर्ण घटना होती है। सीएम योगी ने कहा कि आवास वितरण पूरी पारदर्शिता के साथ हुआ। जीडीए की हाउसिंग स्कीम में 40 विस्थापित परिवारों को प्राथमिकता दी गई। शेष 120 परिवारों का चयन लॉटरी से हुआ। 9,000 से अधिक आवेदनों में से ये सौभाग्यशाली हैं। विकास प्राधिकरण को चाहिए कि बाकी जरूरतमंदों के लिए आवास प्रक्रिया तेज करे। ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स 35 वर्ग मीटर के हैं, जिनकी बाजार कीमत 13-15 लाख रुपये है, लेकिन सब्सिडी से मात्र 5.40 लाख रुपये में उपलब्ध हैं। एलआईजी फ्लैट्स 41 वर्ग मीटर के हैं, बाजार मूल्य 19-20 लाख के मुकाबले 10.80 लाख रुपये में। उन्होंने कहा कि जब सरकार और जनप्रतिनिधि ईमानदार होंगे तो गरीबों को अपना घर मिलने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकेशन की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस आवास के पास रामगढ़ ताल, जू और खोराबार के बेहतरीन स्थान हैं। यहीं पर कुछ दूरी पर सांसद रवि किशन का आवास भी है। हाई-राइज बिल्डिंग में सभी आधुनिक सुविधाएं हैं। उन्होंने कहा कि विकास प्राधिकरणों को चाहिए कि हाई-राइज़ बिल्डिंग के रखरखाव के लिए आवासीय समितियां गठित हों, जिससे लिफ्ट और अन्य व्यवस्थाओं का नियमित मेंटेनेंस हो सके। उन्होंने पूर्व योजनाओं गोरख एंक्लेव, राप्ती नगर और पत्रकारपुरम का भी उल्लेख किया। हर तबके-गरीब, स्ट्रीट वेंडर, श्रमिक, पत्रकार, अधिवक्ता, चिकित्सक, शिक्षक और व्यापारियों के लिए भी समय-समय पर विशेष योजनाएं लाई जाएंगी। सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के 11 वर्षों में राष्ट्रीय स्तर पर 4 करोड़ गरीबों को फ्री आवास उपलब्ध कराए गए हैं। उत्तर प्रदेश में 60 लाख से अधिक गरीबों को आवास मिल चुके हैं। अच्छी नियत से अच्छे कार्य होते हैं। जनता अच्छी सरकार चुनती है, तो विकास गरीब तक पहुंचता है। सीएम योगी ने कहा कि खोराबार स्कीम जल्द आगे बढ़ेगी। सीएम योगी ने कहा कि पिछले वर्ष प्रयागराज में माफियाओं से कब्जाई गई जमीन पर गरीबों के लिए 76 फ्लैट बनाए गए थे। इसी तरह लखनऊ में भी कब्जाई जमीन को मुक्त कर गरीबों को आवास दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश में माफियाओं की हवेलियों की जगह गरीबों के लिए मकान खड़े होंगे।

ग्रामीण इलाकों से मिल रहे सबसे ज्यादा फिडबैक, अबतक 9.5 लाख ग्रामीणों ने दिये सुझाव

शहरी क्षेत्रों से आए लगभग 3 लाख सुझाव, शिक्षा, कृषि और विकास पर जनता दे रही खुलकर अपने सुझाव फीडबैक देने के मामले में महाराजगंज, संभल और सोनभद्र सबसे आगे, इटावा और फिरोजाबाद से सबसे कम फीडबैक लखनऊ उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित राज्य बनाने की दिशा में जारी योगी सरकार का 'समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान' नई ऊंचाइयां छू रहा है। प्रदेश के सभी 75 जिलों में करीब 300 नोडल अधिकारी और प्रबुद्धजन विभिन्न वर्गों के लोगों से संवाद कर न सिर्फ बीते 8 वर्षों की उपलब्धियां साझा कर रहे हैं, बल्कि जनता से भविष्य की योजनाओं पर सुझाव भी ले रहे हैं। अभियान में रविवार तक करीब 12.5 लाख सुझाव प्राप्त हो चुके हैं। इनमें से लगभग 9.5 लाख ग्रामीण क्षेत्रों से और करीब 3 लाख शहरी क्षेत्रों से आए हैं। युवा, महिला, किसान, छात्र और वरिष्ठ नागरिक सभी वर्ग इसमें उत्साहपूर्वक भागीदारी कर रहे हैं। सबसे ज्यादा चर्चा शिक्षा और कृषि पर आम जनमानस की राय एवं सुझाव प्राप्त करने के लिए विकसित पोर्टल samarthuttarpradesh.up.gov.in पर अब तक कुल 12.5 लाख फीडबैक प्राप्त हुए हैं। फीडबैक में सबसे ज्यादा राय शिक्षा क्षेत्र पर आई। लोग चाहते हैं कि सरकारी स्कूलों को और मज़बूत किया जाए और शिक्षा को डिजिटल तरीके से आगे बढ़ाया जाए। कृषि क्षेत्र पर भी बड़ी संख्या में सुझाव मिले हैं, जिसमें किसानों को और सुविधाएं देने और बंद पड़ी चीनी मिलों को चालू करने जैसी बातें प्रमुख रहीं। फीडबैक देने में महाराजगंज, संभल, सोनभद्र, कानपुर देहात और गोरखपुर सबसे आगे हैं। वहीं इटावा, फिरोजाबाद, ललितपुर, महोबा और संतकबीर नगर में सबसे कम भागीदारी रही है। जनता के सुझाव महाराजगंज के नागरिकों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाने और बंद पड़ी गन्ना मिलों को फिर से चालू कराने की मांग की है। गाजियाबाद की सुषमा ने बच्चों की पढ़ाई को रोचक और खेल-कौशल आधारित बनाने का सुझाव दिया, ताकि मानसिक और शारीरिक विकास साथ-साथ हो सके। लखनऊ के रणजीत पटेल ने 112 पुलिस की तर्ज पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मोबाइल वैन शुरू करने की मांग रखी। उन्होंने शिक्षा में सरकारी स्कूलों को बढ़ावा देने और बेरोजगारी दूर करने के लिए सेवानिवृत्ति आयु घटाने का सुझाव दिया। मऊ की वंदना सिंह ने कॉलोनियों में सड़क और नाली की समुचित व्यवस्था की आवश्यकता बताई और निर्माण कार्य में गड़बड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। सुझाव के आधार पर सरकार तैयार करेगी विजन डॉक्युमेंट सरकार इन सुझावों का विश्लेषण कर 'विकसित उत्तर प्रदेश 2047' का विजन डॉक्युमेंट तैयार करेगी। इसमें आम जनता की राय सीधे तौर पर शामिल होगी, ताकि विकास योजनाएं ज़मीनी जरूरतों से जुड़कर आगे बढ़ सकें। सर्वाधिक अच्छे सुझावों को जनपद और प्रदेश स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। 

मिशन शक्ति 5.0 : नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन सुनिश्चित करने के साथ ही समाज में स्थायी बदलाव लाने का हो रहा ठोस प्रयास

नवरात्रि के अवसर पर सार्वजनिक स्थलों और बाजारों में भी चलाए जा रहे जागरूकता अभियान विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए अबतक 3 लाख से अधिक लोगों तक बनाई पहुंच योगी सरकार ने बदली समाज की मानसिकता, महिला और बच्चों की सुरक्षा सिर्फ सरकारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज की साझा जिम्मेदारी जनसंख्या अनुपात, जन्म/मृत्यु दर, लिंगानुपात, स्कूल ड्रॉपआउट, बाल विवाह पर लोगों को किया जा रहा जागरूक लैंगिक शोषण, संस्थागत प्रसव, साक्षरता दर और महिलाओं व बच्चों के प्रति होने वाली हिंसा पर हो रही चर्चा लखनऊ,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 22 सितम्बर 2025 से शुरू किया गया “मिशन शक्ति 5.0” अब सिर्फ एक सरकारी अभियान नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में जनआंदोलन का रूप ले चुका है। यह 90 दिनों का विशेष अभियान महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन सुनिश्चित करने के साथ ही समाज में स्थायी बदलाव लाने के लिए ठोस प्रयास कर रहा है। उत्तर प्रदेश में मिशन शक्ति 5.0 न सिर्फ महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और सम्मान को मजबूत कर रहा है, बल्कि समाज में जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना को भी मजबूत कर रहा है। इसे अब एक पूर्ण जनआंदोलन कहा जा सकता है, जिसने हर वर्ग के लोगों को अभियान का हिस्सा बना लिया है। समाज की सोच और व्यवहार में बदलाव का संदेश भी दे रहा मिशन शक्ति- 5.0 अभियान अभियान की खासियत यह है कि यह केवल योजनाओं की श्रृंखला नहीं बल्कि समाज की सोच और व्यवहार में बदलाव का संदेश भी है। इसके तहत साइक्लोथॉन, घर-घर जागरूकता अभियान और सोशल मीडिया कैम्पेन जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें लोगों की सहभागिता अभूतपूर्व रही है। जिलाधिकारी स्तर से लेकर ग्राम प्रधान तक के नेतृत्व में आयोजित ये गतिविधियाँ यह स्पष्ट कर रही हैं कि महिला और बच्चों की सुरक्षा केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज की साझा जिम्मेदारी है। साइक्लोथॉन में बड़ी संख्या में शामिल हो रहे महिलाएं, बच्चियां और युवा सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश भर में आयोजित साइक्लोथॉन में बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चियां और युवा शामिल हुए। इसमें महिलाओं और बच्चों से जुड़े महत्वपूर्ण संकेतकों जैसे जनसंख्या अनुपात, जन्म/मृत्यु दर, लिंगानुपात, स्कूल ड्रॉपआउट, बाल विवाह, लैंगिक शोषण, संस्थागत प्रसव, साक्षरता दर और महिलाओं व बच्चों के प्रति होने वाली हिंसा पर चर्चा की जा रही है। इन संकेतकों को आम जन के बीच लाकर सुधार की दिशा में कदम उठाने का संदेश भी दिया जा रहा है।   नवरात्रि के अवसर पर सार्वजनिक स्थलों और बाजारों में भी चलाए जा रहे जागरूकता अभियान नवरात्रि के अवसर पर सार्वजनिक स्थलों और बाजारों में मोबाइल वैन, कैनोपी और स्टॉल लगाकर जागरूकता फैलायी जा रही है। इन स्थलों पर लोगों को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वन स्टॉप सेंटर, 181 महिला हेल्पलाइन, पति की मृत्युपरांत निराश्रित पेंशन योजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। इसका उद्देश्य केवल योजनाओं के प्रचार-प्रसार तक सीमित नहीं, बल्कि आमजन को यह समझाना था कि सरकारी योजनाओं की सफलता समाज की सक्रिय भागीदारी पर निर्भर है। विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए अबतक 3 लाख से अधिक लोगों तक बनाई पहुंच बीते 22 सितम्बर से अब तक अभियान के तहत चलाए गए विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से 3 लाख से अधिक लोगों तक पहुँच सुनिश्चित की जा चुकी है। इसमें बड़ी संख्या में बच्चियां, महिलाएं और बुजुर्ग महिलाएं शामिल हुई हैं। समाज की सक्रिय भागीदारी ने मिशन शक्ति 5.0 को केवल सरकारी आयोजन से आगे बढ़ाकर सामाजिक जनआंदोलन बना दिया है। अभियान का सबसे महत्वपूर्ण संदेश है- नारी और नौनिहाल सुरक्षित, तो प्रदेश की प्रगति निश्चित। सीएम योगी के नेतृत्व में मिशन शक्ति 5.0 ने अब तक यह साबित करने में सफल रहा है कि जब समाज स्वयं सक्रिय होता है और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भाग लेता है, तभी बदलाव वास्तविक और स्थायी बन सकता है। महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने कहा कि मिशन शक्ति 5.0 केवल कार्यक्रमों की श्रृंखला नहीं बल्कि सोच और व्यवहार में स्थायी बदलाव का प्रयास है। हमारा लक्ष्य है कि हर महिला और बच्चा बिना भय और भेदभाव के, पूरी गरिमा के साथ जीवन जी सके और अपनी बात समाज और सरकार तक पहुँचा सके। महिला कल्याण निदेशक संदीप कौर ने बताया कि विभाग ने मिशन शक्ति 5.0 की गतिविधियों को इस तरह संयोजित किया है कि यह केंद्र और ब्लॉक स्तर से लेकर ग्राम स्तर तक सभी गतिविधियों को योजना बद्ध रूप से जनसामान्य तक पहुँचाने वाला अभियान बने। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जागरूकता की यह धारा हर घर तक पहुँचे और लाभार्थियों की सरकारी योजनाओं तक पहुँच सुनिश्चित हो।

मुख्यमंत्री ने की “समर्थ उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश @ 2047” महाअभियान की शुरुआत

– हमें कैसा भारत और यूपी चाहिए ये विजन में होना चाहिए, उसी तरह से हमें अपने युवाओं को तैयार करना होगा – सीएम योगी – बीते आठ वर्षों में हमने यूपी की निराशा को उत्साह में बदला- मुख्यमंत्री – देश में सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था उत्तर प्रदेश की है- सीएम योगी – बीते आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनी- सीएम योगी – सभी प्रबुद्धजनों का सहयोग युवाओं को जागरूक करने और अभियान को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण होगा- मुख्यमंत्री – 16वीं-17वीं शताब्दी में भारत वैश्विक जीडीपी में 25% हिस्सा रखता था- सीएम – 1947 और 1960 तक यूपी का राष्ट्रीय जीडीपी में योगदान 14% था, लेकिन 2016-17 तक यह 8% हो गया- मुख्यमंत्री – यूपी 8 वर्ष में बीमारू से ग्रोथ इंजन बन सकता है, तो 2047 में विकसित उत्तर प्रदेश का लक्ष्य हासिल करेगा- सीएम योगी लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता का आह्वान करते हुए कहा कि भारत और यूपी का भविष्य कैसा हो, यह हमें तय करना है। हमें अपने युवाओं को तैयार करना है, क्योंकि हम जिस मनोदशा में जिएंगे, उसी दिशा में आगे बढ़ेंगे। हमें कैसा भारत और उत्तर प्रदेश चाहिए, यह हमारे विजन में होना चाहिए। सीएम योगी लोक भवन सभागार में "समर्थ उत्तर प्रदेश – विकसित उत्तर प्रदेश @2047" अभियान के शुभारंभ के अवसर पर कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘समर्थ उत्तर प्रदेश’ पोर्टल का शुभारंभ किया। यह पोर्टल प्रदेशवासियों को अपने सुझाव देने का मंच प्रदान करेगा, जो 12 प्रमुख सेक्टरों- कृषि, पशुधन संरक्षण, औद्योगिक विकास, आईटी-टेक्नोलॉजी, पर्यटन, नगर व ग्राम्य विकास, आधारभूत संरचना, संतुलित विकास, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा व सुशासन- पर केंद्रित विजन डॉक्यूमेंट का हिस्सा बनेंगे। विजन डॉक्यूमेंट "अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति" थीम पर आधारित है। कार्यशाला में प्रशासन, पुलिस, वन सेवा, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों से सेवानिवृत्त 400 से अधिक अधिकारियों और प्रबुद्धजनों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला की शुरुआत में 2017 के बाद उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा और विजन@2047 पर आधारित एक लघु फिल्म दिखाई गई। प्रबुद्धजनों का सहयोग युवाओं को जागरूक करना महत्वपूर्ण- सीएम योगी कार्यशाला को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि  "विकसित भारत विकसित उत्तर प्रदेश” शताब्दी संकल्प अभियान के क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार निरंतर प्रयत्नशील है। इस अभियान में 25 करोड़ जनता को भागीदार बनाना है। आप सभी प्रबुद्धजनों का सहयोग युवाओं को जागरूक करने और आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण होगा। रिटायर्ड होने का मतलब टायर्ड होना नहीं है। आपका अनुभव इस अभियान को गति देगा। 16वीं-17वीं शताब्दी में भारत वैश्विक जीडीपी में 25% हिस्सा रखता था- सीएम उन्होंने पीएम मोदी के नेतृत्व में देश की प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि 16वीं-17वीं शताब्दी में भारत वैश्विक जीडीपी में 25% हिस्सा रखता था, जो 1947 तक 2% रह गया। 2014 में भारत 11वीं अर्थव्यवस्था था, लेकिन आज चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और 2027 तक तीसरी बनेगा। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। अगर यही गति रही, तो 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य संभव है। बीते आठ वर्षों में हमने यूपी की निराशा को उत्साह में बदला- सीएम योगी उत्तर प्रदेश के संदर्भ में सीएम ने कहा कि 1947 और 1960 तक यूपी का राष्ट्रीय जीडीपी में योगदान 14% था, लेकिन 2016-17 तक यह 8% हो गया और यूपी आठवीं अर्थव्यवस्था बन गया। बीते आठ वर्षों में हमने निराशा को उत्साह में बदला। आज उत्तर प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रकृति और परमात्मा की कृपा से यूपी के पास सब कुछ है, बस संकल्प की जरूरत है। जैसी मनोदशा होगी, वैसा विकास होगा- सीएम योगी सीएम ने प्रख्यात वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु का जिक्र करते हुए कहा कि जैसी मनोदशा होगी, वैसा विकास होगा। बसु ने दो पौधों पर प्रयोग किया, एक को प्रेरित किया, तो वह बड़ा वृक्ष बना, जबकि दूसरे को धिक्कारा, तो वह मुरझा गया। उन्होंने कहा कि यह जीव मात्र पर लागू होता है। मनुष्य ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है। यूपी और भारत की स्थिति भी यही थी। नकारात्मकता से निराशा बढ़ी, लेकिन अब उत्साह का माहौल है। 2016-17 से पहले यूपी बीमारू कहलाता था, लेकिन अब सकारात्मक बदलाव आया- मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016-17 से पहले यूपी बीमारू कहलाता था, लेकिन अब सकारात्मक बदलाव आया है। जीएसडीपी 13 लाख करोड़ से बढ़कर इस वर्ष 35 लाख करोड़ होने जा रही है। प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि हुई है। कोविड काल में वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना से एमएसएमई को बढ़ावा मिला, जिससे निर्यात 2 लाख करोड़ तक पहुंचा। कोविड में 1 करोड़ लोगों को रहने-खाने की व्यवस्था दी गई, जिसमें 40 लाख यूपी के कारीगर थे। एक भावुक किस्सा साझा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि बिहार चुनाव के दौरान एक गरीब व्यक्ति ने खाली डिब्बा दिखाकर उन्हें धन्यवाद दिया, जो कोविड के समय में यूपी में मिले भोजन का था। उन्होंने कहा कि यह सेवा का भाव है, जो लोगों के मन में विश्वास जगाता है। सीएम योगी ने बताई अभियान की रूपरेखा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अभियान का पहला चरण प्रबुद्धजनों के साथ अकादमिक संस्थानों में गोष्ठियों से शुरू होगा।  

राजस्व वादों के मामलों के तेजी से निस्तारण के सीएम योगी के निर्देशों का दिख रहा असर

कुल राजस्व मामले के निस्तारण में प्रयागराज दूसरे, गोरखपुर तीसरे और जाैनपुर चौथे स्थान पर     जनपद स्तरीय न्यायालयाें में राजस्व मामलों के निस्तारण में जौनपुर पहले, लखीमपुर खीरी दूसरे और आजमगढ़ तीसरे स्थान पर      पिछले दस माह से जनपद स्तरीय न्यायालयों में राजस्व वादों के निस्तारण में जौनपुर टॉप फाइव में     लखनऊ प्रदेश में राजस्व मामलों के त्वरित निस्तारण की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त मॉनीटरिंग का असर साफ नजर आ रहा है। सीएम योगी खुद हर माह जिलावार मामलों की समीक्षा भी करते रहते हैं। योगी सरकार की विशेष पहल के तहत तेजी से मामलों के निपटारे की रणनीति को अपनाया गया, जिससे राजस्व विवादों के मामलों में बड़ा सुधार देखने को मिला है। इसी का नतीजा है कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश भर में राजस्व वादों के निस्तारण में तेजी देखी गयी है। राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) द्वारा अगस्त माह की जारी रिपोर्ट में पूरे प्रदेश में सबसे अधिक राजधानी में मामलों को निस्तारित किया गया है जबकि जनपद स्तरीय न्यायालय में राजस्व के मामले निपटाने में एक बार फिर जौनपुर ने बाजी मारी है। बता दें कि जनपद स्तरीय न्यायालयों में राजस्व वादों के निस्तारण में पिछले दस माह से जौनपुर टॉप फाइल जिलों में बना हुआ है।    राजधानी में सबसे अधिक कुल 19,178 मामले निस्तारित किये गये  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश हैं कि राजस्व विवादों के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाए। उनकी इस पहल का उद्देश्य न केवल जनता को त्वरित न्याय दिलाना है, बल्कि प्रशासन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को भी बढ़ावा देना है। इसी के तहत प्रदेश के जिलाधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी पूरी तत्परता से मामलों का निस्तारण कर रहे हैं। राजस्व परिषद की आरसीसीएमएस की अगस्त माह की रिपोर्ट के अनुसार अगस्त में पूरे प्रदेश में कुल 3,69,293 राजस्व मामलों का निस्तारण किया गया। लखनऊ जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने बताया कि सबसे अधिक राजधानी लखनऊ में 19,178 मामले निस्तारित किये गये, जो पूरे प्रदेश में सबसे अधिक हैं। इसके बाद प्रयागराज में कुल 10,693 मामलों को निस्तारित कर पूरे प्रदेश में दूसरे, गोरखपुर 9,560 मामलों को निस्तारित कर तीसरे स्थान पर है। इसी तरह जाैनपुर ने 8,779 मामले निस्तारित कर चौथा और बाराबंकी ने 8,615 मामलों का निस्तारण कर पांचवां स्थान प्राप्त किया है।     जनपद स्तरीय न्यायालयाें में जौनपुर ने मारी बाजी, सबसे अधिक 612 मामले किये निस्तारित  जौनपुर डीएम डॉ. दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार राजस्व मामलों को निस्तारित किया जा रहा है। बोर्ड ऑफ रेवन्यू की अगस्त माह की राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) की रिपोर्ट के अनुसार जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के निर्धारित मानक निस्तारण से अधिक मामलों का निस्तारण किया है। जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के प्रति माह निस्तारण के मानक 250 के सापेक्ष 612 मामलों का निस्तारण किया है। इसका रेश्यो 244.80 प्रतिशत है। इसी के साथ जनपदीय न्यायायल में राजस्व मामलों के निस्तारण में प्रदेश में जौनपुर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है जबकि मानक 300 के सापेक्ष 379 मामलों का निस्तारण कर दूसरे स्थान पर लखीमपुर खीरी और मानक 350 के सापेक्ष 400 मामले निस्तारित कर तीसरे स्थान पर आजमगढ़ है। इसी तरह अगस्त में मऊ के जिलाधिकारी न्यायालय ने निर्धारित 30 मामलों के मानक के मुकाबले 91 मामलों का निस्तारण कर 303.33 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की, जो की प्रदेश भर में सबसे अधिक है और मऊ प्रदेश भर में पहले स्थान पर है। वहीं बुलंदशहर के जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा 79 मामले निस्तारित किये गये। वहीं जाैनपुर के जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा 68 मामले निस्तारित किये गये। इसी तरह जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा निस्तारित किये गये मामलों में बुलंदशहर दूसरे और जौनपुर तीसरे स्थान पर है।     भू राजस्व संबंधित मामलों के निस्तारण में भी जौनपुर अव्वल  इसी प्रकार अपर जिलाधिकारी भू-राजस्व जौनपुर निर्धारित मानक 50 के सापेक्ष कुल 208 वादों का निस्तारण कर प्रदेश में प्रथम स्थान पर हैं। वहीं अपर जिलाधिकारी भू-राजस्व गाजीपुर कुल 30 वादों का निस्तारण कर दूसरे स्थान पर हैं तथा अपर जिलाधिकारी भू-राजस्व मीरजापुर कुल 24 वादों का निस्तारण कर तीसरे स्थान पर हैं। इसके साथ ही अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ने 50 के मानक के मुकाबले 211 मामलों का निस्तारण कर 422 प्रतिशत हासिल कर पहला स्थान प्राप्त किया है जबकि 105 मामले निस्तारित कर आजमगढ़ दूसरे और 80 मामले निस्तारित कर झांसी तीसरे स्थान पर है।  

कमजोरों के हक छीनने वालों पर योगी सरकार का डंडा, किसी को नहीं मिलेगी ढील

गोरखपुर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जन समस्याओं का निस्तारण तत्परता और संवेदनशीलता के साथ किया जाए। बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में रात्रि प्रवास के बाद रविवार सुबह जनता दर्शन में आए लोगों से मुलाकात की। उन्होंने ध्यान से उनकी समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को निर्देशित किया कि जन समस्याओं का निस्तारण तत्परता और संवेदनशीलता से किया जाए। 'सरकार हर समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है' सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘समस्याओं के निस्तारण में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। हर समस्या का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण, पारदर्शी और संतुष्टिपरक होना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि सरकार जनता की हर समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। गोरखनाथ मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के बाहर आयोजित जनता दर्शन में आए लोगों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मिले और एक-एक करके सबकी समस्याएं सुनीं। 'सरकार इलाज के लिए भरपूर मदद करेगी' सीएम योगी ने करीब 200 लोगों से मुलाकात की और सभी को आश्वस्त किया कि हर व्यक्ति की समस्या का समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि किसी की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले या कमजोरों को उजाड़ने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा न जाए। उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। जनता दर्शन में कई लोग गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लेकर भी आए थे। मुख्यमंत्री योगी ने उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार इलाज के लिए भरपूर मदद करेगी।  

एटा में सीमेंट प्लांट का उद्घाटन, CM योगी बोले- नीति स्पष्ट होने पर मिलते हैं विकास के नतीजे

एटा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एटा में सीमेंट प्लांट का सीएम योगी ने उद्घाटन किया। सीएम ने कहा कि आज एटा की पहचान न सिर्फ सीमेंट और पावर प्लांट से है, बल्कि अपने परंपरागत उद्यम जलेसर के घंटा और घुंघरू से भी है। देवस्थान की पूजा और संगीत की महफिल, दोनों जलेसर के बिना अधूरी हैं। सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी ने 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य रखा है। इसी कड़ी में यूपी को भी विकसित करना होगा। विधान परिषद में 24 घंटे लगातार बहस हुई विधानसभा और विधान परिषद में 24 घंटे लगातार बहस हुई, सेक्टर और थीम तय किए गए। अब विशेषज्ञ हर जिले में जाकर युवाओं को तैयार करेंगे और जनता के सुझावों से रोडमैप बनेगा।  मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री सीमेंट सिर्फ उद्योग नहीं, बल्कि राष्ट्रीय उत्तरदायित्व भी निभा रहा है। अकेले एटा यूनिट ने अब तक 183 शहीद परिवारों को मुफ्त सीमेंट उपलब्ध कराया है। जवानों ने ऑपरेशन सिंदूर में अपने शौर्य और पराक्रम से दुश्मनों के दांत खट्टे किए  सीएम योगी ने कहा कि जब भारतीय जवानों ने ऑपरेशन सिंदूर में अपने शौर्य और पराक्रम से दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए, तो यह तभी संभव हुआ जब पूरा देश एकजुट खड़ा रहा। श्री सीमेंट का योगदान इसी राष्ट्रीय भावना को मजबूत करता है। उन्होंने बताया कि बुलंदशहर और एटा के बाद, चित्रकूट में श्री सीमेंट ने 40 मेगावाट का ग्रीन एनर्जी प्लांट लगाया है। सरकार ने उन्हें ओपन एक्सेस की सुविधा दी है ताकि वहां बनी बिजली का उपयोग यहीं हो सके। औद्योगिक नीति के तहत किए गए सभी वायदे समय पर पूरे कर रही सरकार  सीएम ने श्री सीमेंट को आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार अपनी औद्योगिक नीति के तहत किए गए सभी वायदे समय पर पूरे करेगी। एटा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, चार-लेन कनेक्टिविटी और लोक कल्याणकारी योजनाओं के साथ विकास की नई बुलंदियों पर पहुंचेगा।  इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, पूर्व मंत्री विधानपरिषद के सदस्य डॉ. महेंद्र सिंह, विधायक सत्यपाल सिंह राठौर, संजीव कुमार दिवाकर, वीरेंद्र सिंह लोधी, विपिन कुमार डेविड, आशीष यादव, श्री सीमेंट के चेयरमैन हरि मोहन बांगड़ और मैनेजिंग डायरेक्टर नीरज अखौरी उपस्थित रहे। सीएम योगी ने प्लांट परिसर में पौधारोपण किया योगी आदित्यनाथ ने एटा में श्री सीमेंट के प्लांट के उद्घाटन से पूर्व पूरे प्लांट की विजिट की। इस दौरान उन्होंने प्लांट में मशीनरी और इसकी कार्यप्रणाली के बारे में भी जानकारी ली। उन्हें साइट मैप के माध्यम से भी पूरे प्लांट के विषय में जानकारी दी गई। इस दौरान सीएम योगी ने प्लांट परिसर में पौधारोपण भी किया।   

सीएम योगी का बड़ा फैसला: लेखपाल की रिपोर्ट पर नहीं होगा अंतिम निर्णय

लखनऊ  यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राजस्व मामलों की जांच को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब इन मामलों में लेखपाल की रिपोर्ट को अंतिम नहीं माना जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय में जनता दर्शन के दौरान आने वाली शिकायतों के मद्देनजर लेखपाल स्तर की जांच पर रोक लगा दी गई है। अब राजस्व संबंधी शिकायतों की जांच लेखपाल नहीं,नायब तहसीलदार करेंगे। अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। नायब तहसीलदार से नीचे कोई अधिकारी राजस्व मामलों की जांच नहीं करेगा। शिकायतकर्ता को सुनने के बाद ही नायब तहसीलदार अपनी रिपोर्ट देंगे। अंतिम निर्णय और समाधान उपजिलाधिकारी (SDM) स्तर पर होगा। जनता की समस्याओं के प्रति गंभीर रूप अपनाते हुए सीएम कार्यालय ने यह निर्णय लिया है। अब किसी रिपोर्ट से नहीं सुनवाई से न्याय होगा। राजस्व मामलों की जांच की प्रक्रिया में किए गए इस महत्वपूर्ण बदलाव से उम्मीद है कि इन मामलों में पारदर्शिता बढ़ेगी। पहले ऐसी शिकायतों की जांच लेखपाल करते थे। अब लेखपाल की बजाए नायब तहसीलदार ऐसे मामलों की जांच करेंगे। बताया जा रहा है कि इस बदलाव का मकसद राजस्व मामलों की जांच में पारदर्शिता लाना और भ्रष्टाचार पर नकेल कसना है। कहा जा रहा है कि ऐसे मामलों को लेकर आए दिन शिकायतें आ रही थीं। ऐसी कुछ शिकायतें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन कार्यक्रम में भी पहुंंची थीं। ऐसी शिकायतों पर सीएम योगी ने पूर्व में भी अधिकारियों को अधिक सतर्कता बरतने और जनता की शिकायतों को गुणवत्तापूर्ण ढंग से हल करने के निर्देश दिए थे। साथ ही यह भी कहा था कि शिकायतकर्ताओं की समस्या के समाधान के बाद उनका फीडबैक भी लिया जाए। सीएम जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान अक्सर अधिकारियों को निर्देश देते हैं कि शिकायतकर्ताओं की समस्याओं का समाधान गुणवत्तापूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए। माना जा रहा है कि जांच प्रक्रिया में बदलाव से जांच में जवाबदेही बढ़ेगी। इससे शिकायतों का निपटारा अधिक गुणवत्तापूर्ण ढंग से होगा।