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अयोध्या की गलियों में चमकी दीपों की रोशनी, पर्यटन मंत्री ने किया दीपोत्सव का उद्घाटन

अयोध्या रामनगरी अयोध्या में आज होने वाले दीपोत्सव को लेकर लोगों में उमंग नजर आ रहा है। सुबह से शाम तक चलने वाले इस आयोजन में परंपरा, गरिमा और तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। दीपोत्सव पर झांकियों की शोभायात्रा का आगाज हो गया है। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने हरी झंडी दिखाकर इसे रवाना किया। सुरक्षा के बड़े व्यापक इंतजाम किए गए हैं। वहां पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि शोभायात्रा साकेत महाविद्यालय से निकली। यह रामपथ पर लगभग चार किलोमीटर की दूरी तय करेगी। कई प्रदेशों के लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं। रामकथा पार्क में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोपहर को शोभायात्रा का स्वागत करेंगे। झांकियों में विकसित भारत, विकसित उत्तर प्रदेश और विकसित अयोध्या की उपलब्धियों को दर्शाया गया है। इसके अलावा रामायण कालीन प्रसंग की भी छटा देखने को मिल रही है। अयोध्यावासी पूरे रास्ते घरों की छतों से पुष्प वर्षा करके स्वागत करेंगे। हजारों की संख्या में लोग इस शोभायात्रा को देखने के लिए साकेत महाविद्यालय पहुंचे हैं। इसमें स्थानीय लोगों के साथ देश-विदेश के पर्यटक और श्रद्धालु भी शामिल हैं। भगवान श्रीराम माता सीता के साथ पुष्पक विमान रूपी हेलीकॉप्टर से अयोध्या में पधारेंगे। यहां सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उनकी अगवानी करेंगे। रामकथा पार्क में भव्य राज्याभिषेक समारोह होगा। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में इस बार राम की पैड़ी पर बनाया जा रहा भव्य पुष्पक विमान श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण और सेल्फी प्वाइंट बनने जा रहा है। त्रेतायुग की उस अलौकिक कथा को, जब भगवान श्रीराम लंका विजय के बाद पुष्पक विमान से अयोध्या लौटे थे, इस दीपोत्सव में वास्तविक रूप में साकार किया जा रहा है। राम की पैड़ी के किनारे बन रहा यह राजशाही लुक वाला पुष्पक विमान अयोध्या की पहचान को नया आयाम देगा। इसकी लंबाई 32 फीट, ऊंचाई 25 से 30 फीट, और चौड़ाई 20 फीट होगी। मोर की आकृति पर आधारित इस डिजाइन को ईपीसी सीट पर तैयार किया जा रहा है, जिससे विमान हल्का, आकर्षक और लंबे समय तक संरक्षित रह सके। पुष्पक विमान के सामने रामायण काल के दृश्यों को उकेरा जाएगा, जिसमें भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या आगमन की झांकी सजाई जाएगी। श्रद्धालुओं के लिए यह स्थान सेल्फी प्वाइंट के रूप में खोला जाएगा, ताकि हर आगंतुक इस दिव्य दृश्य को अपनी यादों में सहेज सके। संध्या के समय लेज़र लाइट शो, दीपों की रेखा और पुष्पवर्षा के साथ यह स्थान अयोध्या के सांस्कृतिक पर्यटन का नया केंद्र बनेगा। अयोध्या, लखनऊ और वाराणसी के कुशल शिल्पकार मिलकर इस पुष्पक विमान को आकार दे रहे हैं। पारंपरिक कला में आधुनिक तकनीक का संगम इस कृति को अनोखा बना रहा है। स्वर्णिम रंगों, मोरपंखी डिजाइन और राजशाही शैली का यह विमान दीपोत्सव की शोभा में चार चांद लगाएगा। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा चयनित कार्यदाई संस्था सार्क मीडिया के मालिक सौरभ कुमार सिंह का कहना है कि उनका लक्ष्य दीपोत्सव के दौरान ऐसा वातावरण तैयार करना है, जो न केवल दर्शनीय रूप से आकर्षक हो बल्कि अयोध्या के समृद्ध सांस्कृतिक मूल्यों को भी प्रतिबिंबित करें।

दीपोत्सव 2025: कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह के निर्देशन में 33 हजार वालंटियर्स रचेंगे इतिहास

दीपोत्सव 2025: सीएम योगी के नेतृत्व में अयोध्या बनेगी विश्व की दीप नगरी दीपोत्सव 2025: कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह के निर्देशन में 33 हजार वालंटियर्स रचेंगे इतिहास दीपोत्सव 2025: 56 घाटों पर सजे 28 लाख दीए, घाट संख्या-10 पर 80 हजार दीयों से ‘स्वास्तिक’ का आकार -वालंटियर्स को दिए विशेष दिशा-निर्देश, सूती वस्त्रों में ही करेंगे दीयों का प्रज्वलन -भोजन, परिवहन और समन्वय की चाक-चौबंद व्यवस्था अयोध्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में रामनगरी अयोध्या इस बार दीपों की ऐसी अलौकिक आभा में नहाएगी, जो पूरी दुनिया के लिए मिसाल बनेगी। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में कुलपति कर्नल डॉ. बिजेंद्र सिंह के निर्देशन में दीपोत्सव-2025 को ऐतिहासिक स्वरूप देने की तैयारी पूरी हो चुकी है। इस आयोजन में 33 हजार वालंटियर्स की भूमिका अहम रहेगी, जो 26 लाख 11 हजार एक सौ एक दीयों को प्रज्ज्वलित कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएंगे। विश्वविद्यालय व प्रशासन की संयुक्त पहल से गूंजी रामनगरी विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी घाटों पर दीये बिछाने का कार्य लगभग पूरा कर लिया है। कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने स्वयं घाटों का निरीक्षण कर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। उनका कहना है कि “यह दीपोत्सव अलौकिक और अविस्मरणीय होगा। प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या से समता और समरसता का संदेश पूरे विश्व में पहुंचेगा।” 56 घाटों पर जगमगाएंगे दीये, 75 सदस्यीय टीम कर रही गणना सरयू तट के 56 घाटों पर विश्वविद्यालय की 2,000 से अधिक सदस्यों की टीम तैनात है। दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र ने बताया कि 28 लाख से अधिक दीए बिछाए जा चुके हैं। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम द्वारा घाटवार दीयों की गणना की जा रही है। घाट संख्या-10 पर विश्वविद्यालय के वालंटियर्स ने 80 हजार दीयों से ‘स्वास्तिक’ का विशाल प्रतीक बनाकर शुभता का संदेश दिया है। सुरक्षा और अनुशासन पर विशेष ध्यान, वालंटियर्स को दिए दिशा-निर्देश घाटों पर बिना पहचान-पत्र (आईडी कार्ड) के प्रवेश वर्जित रहेगा। सभी वालंटियर्स सूती परिधान में ही घाटों पर उपस्थित रहेंगे। दीयों में तेल भरने के लिए प्रत्येक वालंटियर को एक लीटर सरसों तेल की बोतल दी जाएगी। तेल डालने और बाती प्रज्वलित करने के लिए विशेष सावधानी बरती जाएगी। विश्वविद्यालय के कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने बताया कि “हर घाट पर निर्धारित संख्या में कैंडल, माचिस और प्रज्वलन सामग्री उपलब्ध करा दी गई है। भोजन, परिवहन व समन्वय की भी पुख्ता व्यवस्था दीपोत्सव स्थल पर सभी वालंटियर्स व पदाधिकारियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है। यह प्रबंधन प्रो. हिमांशु शेखर सिंह के नेतृत्व में प्रो. प्रवीन राय, डॉ. रामजी सिंह और डॉ. अनुराग तिवारी की टीम द्वारा किया जा रहा है। विश्वविद्यालय से घाटों तक 5 दर्जन बसों द्वारा वालंटियर्स को भेजा जा रहा है। यातायात समिति के संयोजक प्रो. अनूप कुमार ने बताया कि सभी टीमों को समय से राम की पैड़ी पहुंचाया जा रहा है ताकि कार्यक्रम सुचारू रूप से संपन्न हो सके। विश्व रिकॉर्ड की ओर अयोध्या, जगमगाएगी सरयू तट की 56 घाटों की श्रृंखला दीपोत्सव के दिन, 19 अक्टूबर को अयोध्या सरयू तट का हर घाट राममय होगा। कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने विश्वास जताया है कि इस बार का दीपोत्सव "अद्भुत, आलौकिक और अविस्मरणीय” बनेगा।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या एक बार फिर विश्व पटल पर अपनी सांस्कृतिक पहचान का दीप जलाने जा रही है।

दीपोत्सव 2025:राम की पैड़ी पर लेजर, लाइट एंड साउंड और ड्रोन शो से सजेगी दीपोत्सव की शाम

दीपोत्सव 2025: अयोध्या में सरयू तट पर 2100 श्रद्धालुओं की भव्य महा आरती का हुआ अभ्यास  दीपोत्सव 2025:राम की पैड़ी पर लेजर, लाइट एंड साउंड और ड्रोन शो से सजेगी दीपोत्सव की शाम दीपोत्सव 2025: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम के बाद 19 अक्टूबर को होगा मुख्य आयोजन – तीन दिनों तक तकनीक और भक्ति का संगम बनेगी अयोध्या की राम की पैड़ी – मुख्यमंत्री योगी ने दिए निर्देश दीपोत्सव में दिखे आधुनिकता और अध्यात्म का समन्वय अयोध्या भव्य दीपोत्सव 2025 से पहले अयोध्या नगरी तैयारियों के अंतिम चरण में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में इस बार राम की पैड़ी और सरयू तट पर तकनीक और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि आज 18 अक्टूबर की शाम 6 बजे से सरयू आरती स्थल पर 2100 लोगों द्वारा महा आरती का अभ्यास किया गया। यह आयोजन दीपोत्सव की मुख्य संध्या के लिए एक झलक प्रस्तुत करेंगे। सरयू तट पर 2100 लोगों की भव्य महा आरती शाम 6 बजे से सरयू तट पर होने वाली यह महा आरती अयोध्या के सांस्कृतिक वैभव की झलक दिखाएगी। इसमें विभिन्न समाजों के लोग एक साथ दीप प्रज्ज्वलित कर “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का संदेश देंगे। इस दौरान आरती की गूंज पूरे तट को आध्यात्मिक वातावरण से भर देगी। राम की पैड़ी पर तकनीक और श्रद्धा का संगम इसके साथ ही राम की पैड़ी पर लेजर शो, प्रोजेक्शन लाइट एंड साउंड शो एवं ड्रोन शो का अभ्यास भी किया गया। यह शो इस बार दीपोत्सव का मुख्य आकर्षण रहेगा, जिसमें भगवान श्रीराम के जीवन प्रसंगों को तकनीकी रोशनी और ध्वनि के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे मुख्य आकर्षण जिलाधिकारी ने बताया कि 19 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम के पश्चात, रात्रि लगभग 8:30 बजे से राम की पैड़ी पर इन तीनों कार्यक्रमों लेजर शो, लाइट एंड साउंड शो और ड्रोन शो का भव्य आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर अयोध्या नगरी असंख्य दीयों की रौशनी में जगमगाएगी और सरयू तट से उठती भक्ति ध्वनि पूरे वातावरण को आलोकित करेगी। 20 अक्टूबर को भी होगा दिव्य आयोजन दीपोत्सव के उत्सव की निरंतरता बनाए रखने के लिए 20 अक्टूबर को शाम 7 बजे से भी राम की पैड़ी पर लेजर, लाइट एंड साउंड एवं ड्रोन शो का आयोजन किया जाएगा। इससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को तीनों दिन अयोध्या के दिव्य स्वरूप का अनुभव प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दीपोत्सव के आयोजन में तकनीकी गुणवत्ता, सुरक्षा और सौंदर्य का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि अयोध्या को इस दीपोत्सव के माध्यम से विश्व स्तर पर भक्ति, संस्कृति और आधुनिकता के अद्भुत मेल का प्रतीक बनाया जाए।

दीपोत्सव ने बढ़ाई अयोध्या की भव्यता, बढ़ने लगी पर्यटकों की संख्या

दीपोत्सव 2025 अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड टूटा, इस वर्ष संख्या 23 करोड़ पार दीपोत्सव ने बढ़ाई अयोध्या की भव्यता, बढ़ने लगी पर्यटकों की संख्या  सीएम योगी के विजन के अनुरूप राम नगरी में बढ़ी सुविधाएं, हर बार से ज्यादा लोग पहुंचे 2025 में जून तक 23,81,64,744 भारतीय और 49,993 विदेशी श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर खोल रहे देसी-विदेशी पर्यटक  साल दर साल बढ़ता ही जा रहा धार्मिक पर्यटकों के आने का सिललिला  अयोध्या  योगी सरकार इस साल अयोध्या में सरयू तट पर नौवां दीपोत्सव मनाने जा रही है। राम मंदिर के अलावा यहां पिछले 8 साल से हर वर्ष आयोजित हो रहे दीपोत्सव के कारण अयोध्या की भव्यता और बढ़ गई है।  दीपोत्सव ने देश-विदेश में अयोध्या का आकर्षण बढ़ा दिया है। यही कारण है कि अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इनमें भारतीय पर्यटक तो अच्छी खासी संख्या में हैं ही विदेशियों की रुचि भी प्रभु श्रीराम की नगरी में बढ़ गई है।  साल दर साल बढ़ती जा रही पर्यटकों की संख्या अयोध्या में वर्ष 2017 से दीपोत्सव प्रारंभ हुआ है। इस बीच यहां 1,78,32,717 भारतीय एवं 25,141 विदेशी पर्यटक अयोध्या पहुंचे। इस प्रकार वर्ष 2017 में कुल 1,78,57,858 श्रद्धालुओं ने रामनगरी में दर्शन-पूजन किया। दीपोत्सव के दूसरे वर्ष 2018 में 1,95,34,824 भारतीय एवं 28,335 विदेशी नागरिकों ने रामनगरी में दर्शन किया। इस प्रकार कुल मिलाकर 1,95,63,159 लोगों ने वर्ष 2018 में अयोध्या में दर्शन-पूजन किया। ऐसे ही वर्ष 2019 में 2,04,63,403 भारतीय एवं 38,321 विदेशी मिलाकर कुल 2,04,91,724 श्रद्धालुओं ने अयोध्या में दर्शन किया। वर्ष 2020 में कोरोना के कारण पर्यटकों की संख्या में कमी देखने को मिली। इस साल 61,93,537 भारतीय एवं 2,611 विदेशी मिलाकर कुल 61,96,148 सैलानी अयोध्या पहुंचे। वहीं वर्ष 2021 में 1,57,43,359 भारतीय एवं 31 विदेशी पर्यटकों ने अयोध्या में दर्शन पूजन किया। 2021 में कुल 1,57,43,390 श्रद्धालु अयोध्या दर्शन के लिए आए। इसी क्रम में वर्ष 2022 में 2,39,09,014 भारतीय एवं 1465 विदेशी पर्यटक अयोध्या पहुंचे। कुल मिलाकर 2,39,10,479 पर्यटक अयोध्या दर्शन के लिए यहां पहुंचे।  वर्ष 2023 में भारतीय 5,75,62,428 और 8468 विदेशी पर्यटक आए। इस तरह कुल 5,75,70,896 श्रद्धालु अयोध्या दर्शन के लिए पहुंचे। इसके बाद 2024 में 16,43,93,474 भारतीय और 26048 विदेशी श्रद्धालु आए। इस तरह कुल 16,44,19,522 लोगों ने अयोध्या दर्शन किए। वहीं, 2025 में जनवरी से जून तक 23,81,64,744 भारतीय और 49,993 विदेशी समेत कुल 23,82,14,737 श्रद्धालु अयोध्या दर्शन के लिए पहुंचे। नोट: यह जानकारी उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग लखनऊ द्वारा दी गई हैं। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से बढ़े रोजगार के अवसर  अयोध्या में देश ही नहीं विदेश से भी आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से अयोध्या में रोजगार में भी तेजी से वृद्धि होने लगी है। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार तेजी से अयोध्या का विकास करने में लगी है। शानदार फोर लेन व सिक्स लेन सड़कों से अयोध्या जुड़ रही है। विश्वस्तरीय हवाई अड्डा व रेलवे स्टेशन के अलावा तमाम अन्य सुविधाएं विकसित होने से अयोध्या पर्यटकों को आकर्षित कर रही है।

योगी के दीपोत्सव ने नई ऊंचाई पर पहुंचाया भारत-रूस के संबंध

दीपोत्सव- 2025:अयोध्या में रूस के राम को समर्पित होगी मास्को की रामलीला योगी के दीपोत्सव ने नई ऊंचाई पर पहुंचाया भारत-रूस के संबंध रूस-भारतीय मैत्री संघ के द्वारा दीपोत्सव 2025 के दौरान किया जाएगा रामलीला का मंचन रूस के राम पद्मश्री गन्नादी मिखाइलोविच पेचनिकोव की स्मृति को समर्पित होगी रामलीला 18-19 अक्टूबर को अयोध्या में रूस के साथ विभिन्न देशों के कलाकार प्रभु श्रीराम के आदर्शों को जीवंत करेंगे अयोध्या  राम की नगरी अयोध्या एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बनने जा रही है। अयोध्या शोध संस्थान के आमंत्रण पर रूस-भारतीय मैत्री संघ के द्वारा दीपोत्सव 2025 के दौरान “दिशा रामलीला मॉस्को” अपनी विशेष नाट्य प्रस्तुति का मंचन करेगी। यह प्रस्तुति पद्मश्री गन्नादी मिखाइलोविच पेचनिकोव की स्मृति को समर्पित होगी, जिन्हें स्नेहपूर्वक “रूस का राम” कहा जाता था। आयोजन 18-19 अक्टूबर को अयोध्या में होगा, जहां रूस के साथ विभिन्न देशों के कलाकार प्रभु श्रीराम के आदर्शों को जीवंत करेंगे।   1960 के दशक में रूस के प्रसिद्ध अभिनेता और रंगमंच निर्देशक गन्नादी पेचनिकोव ने भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित रामलीला का मंचन शुरू किया था। भारत के प्रति उनके प्रेम और समर्पण के लिए उन्हें भारत सरकार ने बाल मित्र पदक और पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया था। वे लगभग दो दशकों तक भारतीय संस्कृति के दूत के रूप में जाने गए। चार दशक बाद योगी सरकार में रूसी-भारतीय मैत्री संघ “दिशा” ने पेचनिकोव की स्मृति में “दिशा रामलीला” की परंपरा को पुनर्जीवित किया है। इसका पहला मंचन 4-6 नवंबर 2018 को अयोध्या में हुआ, दूसरा कुम्भ मेला 2019 प्रयागराज में और उसके बाद अयोध्या के दीपोत्सव में प्रस्तुत किया गया। इस वर्ष दीपोत्सव 2025 में यह मंचन फिर से रूस की ओर से सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व करेगा। दीपोत्सव में भारत-रूस की मित्रता एक नई ऊँचाई पर पहुंचाया रूस-भारतीय मैत्री संघ “दिशा” के अध्यक्ष डॉ. रमेश्वर सिंह ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भारत के रूस में राजदूत माननीय श्री विनय कुमार, रूस के भारत में राजदूत माननीय श्री डेनिस एवगेनियेविच अलीपोव, और जवाहरलाल नेहरू कल्चरल सेंटर (JNCC) मॉस्को की निदेशक श्रीमती मधुर कंकना रॉय के आभारी हैं। इन सभी के सहयोग से रामलीला की परंपरा फिर से जीवंत हुई है और भारत-रूस की मित्रता एक नई ऊँचाई पर पहुँची है।  उन्होंने कहा कि अयोध्या दीपोत्सव का यह आयोजन केवल एक नाट्य प्रस्तुति नहीं, बल्कि भारत और रूस के बीच आत्मिक जुड़ाव का जीवंत प्रतीक है। “दिशा रामलीला मॉस्को” के मंच पर जब रूसी कलाकार भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के रूप में संवाद करेंगे, तब वह अभिनय सीमाओं को पार कर दोनों देशों के साझा मूल्यों आस्था, आदर्श और मानवता को एक सूत्र में बाँध देगा। यह मंच केवल कला का नहीं, बल्कि संस्कृति, श्रद्धा और मित्रता का सेतु बनेगा जो भारत और रूस के संबंधों को नई आध्यात्मिक ऊँचाई देगा। गन्नादी मिखाइलोविच पेचनिकोव: रूस के राम 8 सितंबर 1926 को मॉस्को में जन्मे गन्नादी मिखाइलोविच पेचनिकोव वह कलाकार थे जिन्होंने भारतीय संस्कृति को रूस की आत्मा में बसाया। रामायण पढ़ने के बाद उनमें भगवान श्रीराम के आदर्शों को मंच पर जीवंत करने की प्रेरणा जगी और उन्होंने स्वयं रामलीला में श्रीराम की भूमिका निभानी शुरू की। यह भूमिका उनके जीवन का ध्येय बन गई और वे “रूस के राम” कहलाए। 1947 में मॉस्को आर्ट थियेटर से स्नातक होने के बाद उन्होंने अभिनय और निर्देशन को अपना जीवन बना लिया। यर्शोफ थियेटर के माध्यम से उन्होंने बच्चों और कलाकारों को भारतीय मूल्यों से जोड़ा। उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें “बाल सम्मान” और “पद्मश्री” से सम्मानित किया। 27 अप्रैल 2018 को उनका निधन हुआ, लेकिन उनका राम-स्वरूप आज भी जीवित है। उन्होंने कहा था, “अभिनय ही जीवन है और राम भारतीयता का प्रतीक।” सचमुच, गेनादी पेचनीकोव इस युग में भारत और रूस के सांस्कृतिक सेतु बनकर अमर हो गए।

धर्मपथ पर लगेंगे 30 डिजिटल स्तंभ, दिखेंगे रामायण के दिव्य प्रसंग

अयोध्या दीपोत्सव 2025 -सीएम योगी के नेतृत्व में दीपोत्सव बनेगा ‘नवभारत की नई अयोध्या’ का प्रतीक -डिजिटल लाइट शो से नहाएंगे अयोध्या के प्रमुख स्थल, विश्व के लिए बनेगी प्रेरणा अयोध्या नौवें दीपोत्सव 2025 में इस बार अयोध्या केवल दीपों से ही नहीं, बल्कि डिजिटल आभा से भी जगमगाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या को विश्व के सांस्कृतिक मानचित्र पर डिजिटल और आध्यात्मिक नगरी के रूप में स्थापित करने की तैयारी अंतिम चरण में है। रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद तकनीक और संस्कृति का अद्भुत संगम पेश करेगा। धर्मपथ से लेकर लता चौक, रामकथा पार्क और सरयू घाट तक हर कोना रोशनी की अद्भुत छटा से नहाया रहेगा। धर्मपथ पर लगेंगे 30 डिजिटल स्तंभ, रामायण के प्रसंग होंगे प्रदर्शित Aduex Design कंपनी के साइट इंचार्ज व डिज़ाइन मैनेजर नितिन कुमार ने बताया कि उन्हें प्रकाश व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई है। धर्मपथ पर नेशनल हाईवे से प्रवेश द्वार तक दोनों ओर 18-18 फीट ऊंचे 30 डिजिटल पिलर लगाए जा रहे हैं। इन स्तंभों पर रामायण के प्रसंगों की झलकियां और डिजिटल लाइट शो प्रदर्शित होंगे। यह डिजिटल प्रस्तुति 18 से 20 अक्टूबर तक चलेगी, जिससे श्रद्धालु स्वयं को त्रेता युग के दिव्य अनुभव में महसूस करेंगे। अयोध्या के प्रमुख स्थलों पर होगी भव्य लाइटिंग रामकथा पार्क, राम की पैड़ी, हनुमानगढ़ी, बिरला मंदिर, तुलसी उद्यान, भजन संध्या स्थल और सरयू ब्रिज तक को सजाने-संवारने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। Aduex Design द्वारा लगाए जा रहे आर्च गेट्स और डिजिटल पिलर्स अयोध्या की सड़कों को आधुनिक स्वरूप देंगे, वहीं धार्मिक भावना को भी जीवंत रखेंगे। 26 लाख दीपों से बनेगा नया विश्व रिकॉर्ड इस बार राम की पैड़ी समेत 56 घाटों पर 26 लाख 11 हजार 101 दीपों से दीपोत्सव का विश्व रिकॉर्ड बनने जा रहा है। हर दीप भगवान राम के आदर्शों और अयोध्या की दिव्यता का प्रतीक बनेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में होगा ऐतिहासिक दीपोत्सव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं दीपोत्सव की तैयारियों पर लगातार नजर रखे हुए हैं। उनका स्पष्ट निर्देश है कि इस बार दीपोत्सव ऐसा हो जो अयोध्या की परंपरा, पर्यटन और तकनीक तीनों का संदेश विश्वभर में दे सके। सीएम योगी के नेतृत्व में दीपोत्सव न केवल धर्म और संस्कृति का उत्सव बनेगा, बल्कि यह “नवभारत की नई अयोध्या” का परिचायक भी होगा। अयोध्या की डिजिटल छटा बनेगी विश्व के लिए प्रेरणा दीपों की रोशनी और डिजिटल तकनीक का यह संगम अयोध्या को विश्व के पर्यटन मानचित्र पर और सशक्त बनाएगा। श्रद्धालु जहां दिव्य राममंदिर का दर्शन करेंगे, वहीं डिजिटल प्रस्तुति के माध्यम से रामायण के अद्भुत प्रसंगों का अनुभव करेंगे। अयोध्या का दीपोत्सव अब सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि भारत की आस्था, संस्कृति और तकनीकी प्रगति का प्रतीक बन चुका है।

पांचों तहसीलों में 5 एसडीएम, दो नगर क्षेत्र में सिटी मजिस्ट्रेट और एक टीम सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा के नेतृत्व में बनी

दीपोत्सव 2025 दीपोत्सव में श्रद्धालुओं की सेहत पर प्रशासन की पैनी नजर, 08 टीमें तैनात पांचों तहसीलों में 5 एसडीएम, दो नगर क्षेत्र में सिटी मजिस्ट्रेट और एक टीम सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा के नेतृत्व में बनी सीएम योगी के निर्देश पर जिलाधिकारी ने गठित की टीम, रखी जाएगी चप्पे चप्पे पर नजर दीपोत्सव को लेकर टोटल 54 निरीक्षण, 34 जगह छापे पड़े, 76 नमूने लिए गए 19657 किलो सामग्री बरामद की गई है, जिनकी कीमत 33 लाख रुपए से ज्यादा है 35 हजार से अधिक की 167 किलो खाद्य सामग्री नष्ट कराई गई प्रदेश के अन्य जिलों से खाद्यान्न सुरक्षा  अधिकारियों की अयोध्या में तैनाती 19 और 20 अक्तूबर को अयोध्या में बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिहाज से खाद्य सामग्री की जांच करेंगे अयोध्या दीपोत्सव 2025 को लेकर अयोध्या प्रशासन ने खाद्य सुरक्षा के मोर्चे पर पूरी तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जिलाधिकारी ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 08 विशेष टीमें गठित की हैं। इन टीमों का उद्देश्य है कि दीपोत्सव के दौरान अयोध्या आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सुरक्षित और शुद्ध खाद्य सामग्री ही उपलब्ध हो। पांच तहसीलों और दो नगर क्षेत्रों में निगरानी तंत्र सक्रिय अयोध्या के जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे के आदेश पर पांचों तहसीलों में पांच एसडीएम के नेतृत्व में अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं, जबकि नगर क्षेत्र में सिटी मजिस्ट्रेट की दो टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं। इसके अलावा, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा मानिक चन्द्र सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम मुख्यालय स्तर पर गठित की गई है, जो जिलेभर में सक्रिय है। 54 निरीक्षण, 34 जगह छापे और 76 नमूने लिए गए दीपोत्सव से पहले खाद्य विभाग ने बड़े पैमाने पर निरीक्षण अभियान चलाया है। अब तक कुल 54 निरीक्षण किए जा चुके हैं, जिनमें 34 स्थानों पर छापेमारी की गई है। इस दौरान खाद्य सामग्री के 76 नमूने लिए गए हैं, ताकि कोई भी मिलावटी या खराब खाद्य पदार्थ श्रद्धालुओं तक न पहुंच सके। 33 लाख की खाद्य सामग्री बरामद, 167 किलो नष्ट सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा मानिक चन्द्र सिंह ने बताया कि निरीक्षण के दौरान खाद्य विभाग की टीमों ने 19,657 किलो खाद्य सामग्री बरामद की है, जिसकी कीमत 33 लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है। इनमें से 167 किलो खराब या मिलावटी खाद्य सामग्री को मौके पर ही नष्ट कर दिया गया, जिसका मूल्य 35 हजार रुपये से अधिक है। उन्होंने बताया कि दीपोत्सव के मद्देनजर यह अभियान लगातार जारी रहेगा। अन्य जिलों से भी आईं टीमें, 19-20 अक्तूबर को सघन जांच सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा मानिक चन्द्र सिंह ने बताया कि अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी आमद को देखते हुए अन्य जिलों से भी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती की गई है। ये अधिकारी अयोध्या में विभिन्न स्थलों पर पहुंचकर खाद्य सामग्री की जांच करेंगे, ताकि किसी भी प्रकार की खाद्य अनियमितता की गुंजाइश न रहे। 19 और 20 अक्तूबर को बड़ी संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं के लिहाज से सघन जांच की जाएगी। सख्ती और सतर्कता दोनों का संतुलन बनाएगा प्रशासन जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि दीपोत्सव जैसे विशाल आयोजन में खाद्य सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए जहां एक ओर विभाग सख्त कार्रवाई कर रहा है, वहीं व्यापारियों और भोजनालय संचालकों को भी साफ-सफाई और शुद्धता बनाए रखने की लगातार अपील की जा रही है।

लखीमपुर खीरी की माटी से बने 25 हजार इको-फ्रेंडली दीयों से जगमगाएगी रामनगरी अयोध्या

दीपोत्सव-2025 योगी सरकार का दीपोत्सव-25 जनसहभागिता, स्वावलंबन और पर्यावरण संरक्षण का बना प्रतीक लखीमपुर खीरी की माटी से बने 25 हजार इको-फ्रेंडली दीयों से जगमगाएगी रामनगरी अयोध्या महिला स्वयं सहायता समूह की दीदियों ने संभाली दीपोत्सव-25 की कमान सीएम योगी के इको-फ्रेंडली दीपोत्सव संकल्प को जनआंदोलन बना रहीं प्रदेश की महिलाएं प्रति दीया ₹5 की आय से महिलाओं ने अर्जित किए ₹1.25 लाख, दीपोत्सव बना आत्मनिर्भरता का अवसर दीपोत्सव-2025 से लौटा त्रेतायुगीन वैभव, मिट्टी और खुशबू से सजेगी रामनगरी गोबर और मिट्टी से बने प्राकृतिक दीये बिखेरेंगे रोशनी के साथ सकारात्मक ऊर्जा की खुशबू लखनऊ योगी सरकार के अयोध्या दीपोत्सव से न केवल भगवान श्रीराम की नगरी का त्रेतायुगीन वैभव पुनर्जीवित हुआ है, बल्कि यह आत्मनिर्भरता, जनसहभागिता और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक भी बन गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘इको-फ्रेंडली दीपोत्सव’ के संकल्प को साकार करने के लिए प्रदेश की आधी आबादी ने आगे आकर अपनी भूमिका निभाई है। अयोध्या में होने वाले नौवें दीपोत्सव-2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों की दीदियों ने अहम योगदान दिया है। इस वर्ष लखीमपुर खीरी की माटी से बने 25 हजार इको-फ्रेंडली दीये अयोध्या धाम की पवित्र भूमि पर रोशनी बिखेरेंगे। ये दीये खीरी की माटी और जड़ी-बूटियों की प्राकृतिक खुशबू से तैयार किए गए हैं, जो रामनगरी की फिजाओं में प्रकाश के साथ सकारात्मक सुगंध भी फैलाएंगे। इसके अलावा, प्रदेश के कई अन्य जिलों की महिलाओं ने भी दीपोत्सव-25 के लिए हजारों की संख्या में दीये भेजे हैं। 3 स्वयं सहायता समूहों की 44 महिलाओं ने बनाए 25 हजार दीये लखीमपुर खीरी की जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में अयोध्या का दीपोत्सव अब जनसहभागिता, स्वावलंबन और पर्यावरण संरक्षण का जीवंत उदाहरण बन गया है। इसी के तहत लखीमपुर की तीन स्वयं सहायता समूहों की 44 महिलाओं ने प्रभु श्रीराम की नगरी को आलोकित करने के लिए 25 हजार दीये तैयार किए। उन्होंने बताया कि “लखीमपुर की रौशनी से समृद्धि की दिवाली” की थीम पर अयोध्या में दीये भेजने की तैयारी जुलाई माह से ही प्रारंभ कर दी गई थी। इन दीयों को बनाने में महिलाओं का उत्साह देखते ही बनता था। मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप महिलाओं को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने और समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर इस पहल को आगे बढ़ाया गया। महिलाओं को प्रति दीया 5 रुपये का भुगतान किया गया, जिससे उन्होंने कुल ₹1.25 लाख की आय अर्जित की। “मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं, जो मुझे दीपोत्सव के लिए दीये बनाने का अवसर मिला” खीरी के धौरहरा ब्लॉक की ज्योति प्रेरणा स्वयं सहायता समूह की सदस्य ग्राम पंचायत गुदरिया की संजू देवी ने बताया कि उन्होंने पहली बार दीपोत्सव के लिए दीये तैयार किए हैं और वह बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा कि दीये बनाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से आधुनिक चाक उपलब्ध कराई गई। ग्राम पंचायत हरदी की सुंदर प्रेरणा स्वयं सहायता समूह की सदस्य बिट्टू देवी ने बताया कि उन्हें आधुनिक इलेक्ट्रिक चाक उपलब्ध कराई गई, जिससे न केवल उत्पादन में तेजी आई, बल्कि दीयों की गुणवत्ता भी बेहतर हुई। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा दीये बनाने की यह पहल महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी पहल है। ग्राम पंचायत हरदी की सीता प्रेरणा स्वयं सहायता समूह से जुड़ी फूलमती ने कहा कि “रामनगरी के दीपोत्सव के लिए दीये तैयार करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। इससे जहां एक ओर सांस्कृतिक परंपराएं पुनर्जीवित हुई हैं, वहीं आत्मनिर्भरता की भावना भी मजबूत हुई है।” ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और महिला सशक्तिकरण की यह मिसाल अब पूरे प्रदेश के लिए अनुकरणीय बन गई है।

अयोध्या के कुम्हारों के जीवन में ‘दीप’ जला रही योगी सरकार

दीपोत्सव 2025 दीपोत्सव से रोशन हुए कुम्हारों के घर, अयोध्या में युवाओं को मिल रहा रोजगार अयोध्या के कुम्हारों के जीवन में ‘दीप’ जला रही योगी सरकार 2017 के बाद बदला हाल : कभी हजारों में कमाने वाले अब दीपोत्सव में कमा रहे लाखों दीपोत्सव से अयोध्या के सैकड़ों कुम्हार परिवारों को मिला रोजगार इलेक्ट्रिक चाक से बढ़ा उत्पादन, आधुनिकता और परंपरा का संगम योगी सरकार की पहल से मिट्टी के दीयों को मिली नई पहचान 26 लाख 11 हजार 101 दीप जलाकर अयोध्या रचेगी नया कीर्तिमान अयोध्या दीपोत्सव शुरू होने के बाद से अयोध्या के कुम्हार परिवारों के घरों में खुशहाली का उजाला फैल गया है। जो युवा कभी काम की तलाश में बाहर जाते थे, वे अब अपनी ही धरती पर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। योगी सरकार के प्रयासों से शुरू हुए दीपोत्सव ने न केवल अयोध्या की अर्थव्यवस्था को बल दिया है बल्कि पारंपरिक मिट्टी कला को भी नई पहचान दी है। नौवें दीपोत्सव में इस बार 26 लाख 11 हजार 101 दीप जलाने का लक्ष्य रखा गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर दीपोत्सव की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं। अवध विश्वविद्यालय के छात्र, अधिकारी और स्वयंसेवी संगठन भी इस महाउत्सव को ऐतिहासिक बनाने में जुटे हैं। जयसिंहपुर गांव के बृज किशोर प्रजापति बताते हैं कि जबसे दीपोत्सव मनाया जा रहा है, तब से वे और उनका परिवार लगातार दीए बना रहे हैं। इस बार उन्हें दो लाख दीए बनाने का ऑर्डर मिला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव की परंपरा शुरू कर हमारे जैसे परिवारों को रोजगार से जोड़ा है। अब हम आत्मनिर्भर हैं। आधुनिक तकनीक से बढ़ रही उत्पादन क्षमता पुराने ढर्रे को छोड़कर अब कुम्हार आधुनिक इलेक्ट्रिक चाक का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे न केवल उत्पादन में तेजी आई है बल्कि दीयों की गुणवत्ता भी बेहतर हुई है। जयसिंहपुर गांव के करीब 40 से अधिक कुम्हार परिवार दीपोत्सव के लिए दिन-रात मिट्टी के दीए बनाने में जुटे हैं। कभी हजारों में कमाते थे, अब बन रहे लखपति 2017 से पहले ये कुम्हार रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करते थे। दीपोत्सव शुरू होने के बाद उनका जीवन पूरी तरह बदल गया है। पहले जहां ये परिवार महीने में 20 से 25 हजार रुपये कमाते थे, वहीं अब दीपोत्सव के दौरान ही लाखों रुपये की आमदनी हो जाती है। सोहावल की पिंकी प्रजापति बताती हैं कि इस बार उन्हें एक लाख दीए बनाने का ऑर्डर मिला है। उन्होंने कहा, पहले दीपावली के समय दीए सस्ते बिकते थे, अब सरकार के आह्वान से बाजार में अच्छा रेट मिल रहा है। दीपोत्सव ने दी नई पहचान और बाजार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर दीपोत्सव में मिट्टी के दीयों को प्राथमिकता दी जा रही है। इससे स्थानीय कुम्हारों को बड़े स्तर पर ऑर्डर मिल रहे हैं। जयसिंहपुर, विद्याकुण्ड, सोहावल और आसपास के गांवों में इस समय उत्सव जैसा माहौल है।  अयोध्या के स्थानीय निवासी रामभवन प्रजापति, गुड्डू प्रजापति, राजू प्रजापति, जगन्नाथ प्रजापति, राम भवन प्रजापति, सुनील प्रजापति और संतोष प्रजापति समेत यहां सैकड़ों की संख्या में पूरा परिवार मिट्टी गूंथने, आकार देने और दीयों को सुखाने-बेचने में जुटा है। जानिए, कब कितने दीप जले  वर्ष                जले दीप 2017             1.71 लाख 2018             3.01 लाख 2019             4.04 लाख 2020             6.06 लाख 2021             9.41 लाख 2022           15.76 लाख 2023           22.23 लाख 2024                25.12 लाख

मुख्यमंत्री के विशेष निर्देश पर रखा जाएगा एक एक व्यक्ति के स्वास्थ्य का ख्याल

दीपोत्सव 2025 अयोध्या दीपोत्सव के लिए बनाए जा रहे 15 अस्थायी चिकित्सालय मुख्यमंत्री के विशेष निर्देश पर रखा जाएगा एक एक व्यक्ति के स्वास्थ्य का ख्याल  दीपोत्सव 2025 को अविस्मरणीय बनाने के लिए युद्धस्तर पर जुटी योगी सरकार – समारोह में आने वाले लोगों की देखभाल के लिए संपूर्ण मेला क्षेत्र में 10 स्थानों पर एंबुलेंस रहेंगी तैनात – अयोध्या के अलावा अमेठी, अम्बेडकरनगर, बाराबंकी और सुल्तानपुर से बुलाई गई विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम – सभी चिकित्सालयों में आवश्यक दवाएं, पैरामेडिकल स्टाफ और विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध रहेंगे अयोध्या दीपोत्सव 2025 को अविस्मरणीय और पूर्णतः सुरक्षित बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने अयोध्या में पुख्ता इंतजाम किए हैं। इस बार दीपोत्सव में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए 15 अस्थायी चिकित्सालय बनाए जा रहे हैं। साथ ही संपूर्ण मेला क्षेत्र में 10 स्थानों पर चौबीसों घंटे एंबुलेंस की तैनाती की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष निर्देश पर इस वर्ष नौवें संस्करण के दीपोत्सव के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। इस आयोजन में एक-एक व्यक्ति के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाएगा। अयोध्या के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील कुमार बानियान ने बताया कि दीपोत्सव के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पूरी सतर्कता बरती जाएगी। सभी चिकित्सालयों में आवश्यक दवाएं, पैरामेडिकल स्टाफ और विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध रहेंगे। इन स्थानों पर तैनात रहेंगी एंबुलेंस कंट्रोल रूम, श्री राम जन्मभूमि परिसर, श्री हनुमानगढ़ी, श्री कनक भवन मंदिर परिसर, पक्का घाट, बंधा तिराहा (वीणा चौराहा), हनुमानगुफा (श्री राम कथा संग्रहालय), साकेत पेट्रोल पंप, अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन और श्री नागेश्वर नाथ मंदिर पर एंबुलेंस हर समय मौजूद रहेंगी। तीन प्रमुख अस्पतालों में 50 बेड आरक्षित 1. स्वशासी राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज, अयोध्या नगर में 20 बेड आरक्षित। 2. जिला चिकित्सालय अयोध्या (पुरुष) में 20 बेड आरक्षित। 3. श्री राम चिकित्सालय अयोध्या में 10 बेड आरक्षित। इन 15 स्थानों पर बनाए जा रहे अस्थायी प्राथमिक उपचार केंद्र कंट्रोल रूम (साकेत डिग्री कॉलेज के सामने), श्री राम जन्मभूमि निकास द्वार, श्री राम जन्मभूमि निकास द्वार (पीएफसी), श्री हनुमानगढ़ी मंदिर, बंधा तिराहा (विकास प्राधिकरण कार्यालय), पक्का घाट (08 बेड अस्थायी चिकित्सालय), श्री नागेश्वरनाथ मंदिर, साकेत पेट्रोल पंप, हनुमानगुफा (श्री राम कथा संग्रहालय), अंतर्राष्ट्रीय बस स्टॉप अयोध्या धाम, कारसेवकपुरम, दशरथ महल, अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन, कनक भवन मंदिर परिसर और झनकी घाट पर चिकित्सा शिविर लगाए जा रहे हैं। अन्य जनपदों से आएंगी विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीमें दीपोत्सव में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सशक्त बनाने के लिए अमेठी, अंबेडकरनगर, बाराबंकी और सुल्तानपुर जनपदों से विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीमें भी अयोध्या पहुंचेंगी। ये टीमें संपूर्ण आयोजन के दौरान अलग-अलग स्थानों पर तैनात रहकर श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगी।