samacharsecretary.com

सरस्वती शिक्षा संस्थान को राज्यपाल ने प्रदान किए चार ई-रिक्शे

रायपुर, राज्यपाल रमेन डेका ने आज राजभवन में सरस्वती शिक्षा संस्थान छत्तीसगढ़ रायपुर को चार ई-रिक्शे प्रदान किए। उन्होंने राजभवन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में अपने स्वेच्छानुदान मद से चार ई-रिक्शे की चाबी वाहन चालकों को सौंपी और हरी झंडी दिखाकर वाहनों को रवाना किया। इन वाहनों का उपयोग विभिन्न सरस्वती शिक्षा संस्थानों में किया जाएगा। इस अवसर पर डॉ. पुर्णेन्द्रु सक्सेना सहित संस्थान के पदाधिकारी उपस्थित थे।

पर्यावरण संरक्षण के साथ रोज़गार सृजन: पंजाब में ज़रूरतमंदों को बंटे ई-रिक्शा

पंजाब  पंजाब में भगवंत मान सरकार ने एक बार फिर जनता को भरोसा दिलाया है कि उसकी प्राथमिकता सबसे पहले आम इंसान की भलाई है. मलोट हल्के में कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने 15 जरूरतमंद परिवारों को ई-रिक्शा भेंट कर न सिर्फ रोजगार का साधन दिया, बल्कि आत्मनिर्भर जीवन की ओर बढ़ने का सुनहरा अवसर भी प्रदान किया. यह पहल उन गरीब और मजदूर वर्गों के लिए नई उम्मीद की किरण है जो लंबे समय से आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे थे. पर्यावरण संरक्षण का रखा गया विशेष ध्यान डॉ. बलजीत कौर ने इस अवसर पर कहा कि मान सरकार का लक्ष्य राज्य से गरीबी और बेरोजगारी को समाप्त करना है. सरकार चाहती है कि कोई भी परिवार बेसहारा न रहे और हर मजदूर व गरीब परिवार को अपने पैरों पर खड़ा होने का अवसर मिले. ई-रिक्शा योजना इस सोच की स्पष्ट मिसाल है, जो लोगों को रोज़गार के साथ-साथ इज्जत और आत्मसम्मान से जीने का अवसर देती है. इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें पर्यावरण संरक्षण का भी विशेष ध्यान रखा गया है. ई-रिक्शा न केवल प्रदूषण-मुक्त साधन हैं बल्कि बढ़ते ईंधन खर्च से भी राहत दिलाते हैं. इस तरह मान सरकार ने रोजगार के साथ-साथ पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में भी सराहनीय कदम उठाया है. यह सोच दिखाती है कि सरकार दीर्घकालीन विकास की ओर अग्रसर है.   गरीब और मजदूर वर्ग को मजबूत करना ही असली विकास इस दौरान लाभार्थियों ने ई-रिक्शा मिलने पर मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और डॉ. बलजीत कौर का दिल से धन्यवाद किया. उनका कहना था कि पहले उनके पास रोजगार का कोई स्थायी साधन नहीं था, लेकिन अब वे अपने परिवार की रोजमर्रा की जरूरतें आसानी से पूरी कर पाएंगे. इस पहल से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है और समाज में जीने का एक नया हौसला मिला है. मान सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना ने यह साबित कर दिया है कि गरीब और मजदूर वर्ग को मज़बूत करना ही असली विकास है. पंजाब सरकार का यह प्रयास दिखाता है कि सरकार केवल वायदे नहीं कर रही बल्कि धरातल पर काम कर रही है. यह कदम राज्य के हज़ारों परिवारों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा. ई-रिक्शा वितरण के इस अवसर पर डॉ. बलजीत कौर ने भरोसा दिलाया कि मान सरकार आगे भी गरीबों और मज़दूरों के लिए ऐसी योजनाएं लाती रहेगी. पंजाब के हर नागरिक को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना ही इस सरकार का मुख्य उद्देश्य है. यही वजह है कि आज मान सरकार को “जनता की सरकार” कहा जा रहा है, जो हर वर्ग के हित में दिन-रात कार्य कर रही है.

भोपाल में ट्रैफिक कंट्रोल के लिए बड़ा फैसला: ई-रिक्शा 12 मार्गों से बाहर, पार्किंग पर भी रोक

भोपाल   राजधानी भोपाल की स्कूलों के बाद आज से शहर के 12 व्यस्ततम और अहम वीवीआईपी जगहों पर ई-रिक्शा चलाने और पार्किंग पर प्रतिबंध है। दरअसल 27 जून को हुई जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में ई-रिक्शा चलाने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया था। पहले 7 दिन दी जाएगी समइाइश इन सभी मार्गों को भोपाल ट्रैफिक पुलिस ने दो पैमानों पर तय किया है। पहला ये कि इन सभी मार्गो पर नगर सेवा बाहन पहले से संचालित है। दूसरा यह कि इन सड़कों पर ई-रिक्शा की ज्यादा संख्या होने के कारण ट्रैफिक जाम के हालात बनते हैं। दो दिन पहले ई-रिक्शा से स्कूली छात्र-छात्राओं के परिवहन पर भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने प्रतिबंध लगाया था। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि अगले सात दिनों तक प्रतिबंधित मार्गों पर ई-रिक्शा चलाने और पार्क करने वाले चालकों को समइाइश दी जाएगी। इसके बाद चालान होंगे। यहां ई-रिक्शा व उसकी पार्किंग प्रतिबंधित -राजभवन से पॉलिटेक्निक चौराहा – पॉलिटेक्निक चौराहा से स्टेट हैंगर – बोट क्लब – हमीदिया रोड-अल्पना से भोपाल टॉकीज -अपेक्स बैंक से रोशनपुरा – लिंक रोड-1 बोर्ड ऑफिस चौराहा से अपेक्स बैंक तक – काटजू अस्पताल तिराहा से रंगमहल तिराहा तक – वन्दे मातरम से 10 नंबर स्टॉप तक -10 नंबर से नेशनल अस्पताल तक – 10 नंबर से साढ़े 10 नंबर तक – सेंटर प्वाइंट से रोशनपुरा तक – जीजी फ्लाईओवर  सुरक्षा कारणों से लिया गया फैसला यातायात पुलिस के अनुसार, भोपाल की इन सड़कों पर वीआईपी मूवमेंट और उच्च यातायात घनत्व अधिक होता है। आम नागरिकों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। ई-रिक्शा की धीमी गति और बेतरतीब पार्किंग व्यवस्था कई बार दुर्घटनाओं और जाम का कारण बनती है। स्कूली बच्चों को ले जाने पर भी सख्त रोक भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने 20 जुलाई 2025 को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा, स्कूली छात्रों को अब ई-रिक्शा से नहीं ले जाया जा सकता। यह फैसला बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है। ट्रैफिक पुलिस इस विषय पर जागरूकता अभियान भी चला रही है। भोपाल में 7,000 से अधिक ई-रिक्शा संचालित भोपाल क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के मुताबिक, भोपाल में 7,000 से अधिक ई-रिक्शा संचालित हैं। इनमें से ज्यादातर बिना परमिट के संचालित हैं। भोपाल टॉकीज़ से करोंद चौराहा और अयोध्या बाईपास तक ई रिक्शा के चलते भारी ट्रैफ़िक जाम लगता है। भोपाल आरटीओ ने यह आंकड़े पिछले साल जारी किए थे। अब इनकी संख्या और बढ़ गई होगी।  स्कूलों में ई-रिक्शा पर प्रतिबंध लगेगा, बच्चों की सेफ्टी  …….  शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए शुक्रवार को कंट्रोल रूम में एक मीटिंग हुई। सांसद आलोक शर्मा ने जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। मीटिंग में लेफ्ट-टर्न को सुधारने, ई-रिक्शा पर नियंत्रण रखने, ट्रांसफार्मर हटाने और पार्किंग व्यवस्था को ठीक करने जैसे मुद्दों पर बात हुई। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को उनके अधूरे प्लान के लिए फटकार लगाई गई और उन्हें एक हफ्ते में ट्रैफिक एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर लेफ्ट टर्न सुधार का प्लान पेश करने का निर्देश दिया गया। शहर के 42 चौराहों पर लेफ्ट टर्न की समस्या को दूर करने के लिए 3 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। ई-रिक्शा पर रोक ई-रिक्शा के गलत इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई गई और कलेक्टर ने कहा कि बच्चों को ई-रिक्शा में स्कूल भेजना सुरक्षित नहीं है। इसलिए स्कूलों में ई-रिक्शा को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया गया, क्योंकि यह बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी था। मीटिंग में सड़कों से अतिक्रमण हटाने और कंडम वाहनों को हटाने पर भी बात हुई। सांसद शर्मा ने ट्रांसफार्मर और खंभों को हटाने की बात कही और पार्किंग व्यवस्था को आम लोगों के लिए आसान बनाने के निर्देश दिए। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को फटकार सांसद आलोक शर्मा ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को फटकार भी लगाई। दरअसल, पीडब्ल्यूडी अधिकारी बिना किसी वर्किंग प्लान के मीटिंग में पहुंच गए थे। इस पर सांसद ने नाराजगी जताई। मीटिंग में संबंधित विभागों को कुछ निर्देश दिए गए। उन्हें मैनिट के ट्रैफिक विशेषज्ञों की मदद से सभी 42 चौराहों की समीक्षा रिपोर्ट और एस्टीमेट तैयार करने को कहा गया। इससे जल्द से जल्द काम शुरू किया जा सके। ऐसा करने से ट्रैफिक जाम में कमी आएगी और लोगों का आना-जाना आसान हो जाएगा। साथ ही, चौराहों की सुरक्षा और दृश्यता भी बेहतर हो जाएगी।