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इलाका दहला देने वाली फायरिंग! पुलिस कार्रवाई में दो बदमाश घायल, हथियारों का भंडार पकड़ा

रांची झारखंड में रांची के रातू थाना क्षेत्र के खलारी रोड पर शुक्रवार सुबह पुलिस और राहुल दुबे गैंग के सदस्यों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में दो कुख्यात अपराधी घायल हो गए हैं। पुलिस ने इस मुठभेड़ के बाद जैसे ही इलाके में सर्च अभियान चलाया, वहां भारी मात्रा में हथियार सहित कारतूस भी बरामद किए हैं।         पुलिस सूत्रों ने आज बताया कि ठाकुर गांव, खलारी और रातू थाना क्षेत्र की सीमा पर अपराधियों के होने की सूचना पुलिस को मिली थी। सूचना मिलने के तुरंत बाद पुलिस की एक टीम मौका-ए-वारदात पर पहुंची। जैसे ही पुलिस ने पहुंच कर तलाशी शुरू की, वहां मौजूद अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी उसी वक्त जवाबी कार्रवाई की इसमें दो अपराधियों को गोली लगी। दोनों घायल अपराधी साजन अंसारी और अमित गुप्ता बताए जा रहे हैं। इन दोनों अपराधियों को घायल अवस्था में गिरफ्तार कर तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। रांची ग्रामीण एसपी प्रवीन पुष्कर ने बताया कि अभी दोनों से पूछताछ की जा रही है ताकि इनके गैंग की अन्य जानकारी मिल सके और बाकी अपराधियों को भी पकड़ा जा सके। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने इलाके में व्यापक सर्च अभियान चलाकर घटनास्थल में 8 पिस्टल और दर्जनों कारतूस बरामद किए हैं।  

एसटीएफ के साथ जबर्दस्त मुठभेड़, आजमगढ़ में 1 लाख का इनामी बदमाश शंकर कनौजिया हताहत

आजमगढ़   उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में एक लाख का इनामी बदमाश शंकर कनौजिया एनकाउंटर में ढेर हो गया है। यूपी एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में शंकर कनौजिया मारा गया है। शंकर कनौजिया के साथ हथियार भी बरामद किए गए हैं।  जानकारी के अनुसार, यूपी एसटीएफ ने मुठभेड़ में इनामी शंकर कन्नौजिया को मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। शंकर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था। आजमगढ़ में हुई इस मुठभेड़ में अपराधी के पास से एक कार्बाइन, एक पिस्टल और कारतूस बरामद किए गए। यूपी एसटीएफ ने बताया कि यह अपराधी 2011 से फरार था। इसके बाद वह लूट और अपहरण जैसे अपराधों को अंजाम देता रहा। जानकारी के अनुसार, आजमगढ़ के जहानागंज थाना इलाके में शनिवार को यूपी एसटीएफ और बदमाश में मुठभेड़ हो गई। पुलिस पर फायर कर भाग रहा एक लाख का इनामी बदमाश शंकर कनौजिया गोली से ढेर हो गया। उक्त आरोपी रौनापार थाना इलाके के हाजीपुर गांव का निवासी था।  जान से मारकर पिकअप लूटने के मामले में फरार चल रहे आजमगढ़ रौनापार थाना क्षेत्र के हाजीपुर गांव का निवासी शंकर कन्नौजिया वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया ने एक लाख का इनाम घोषित किया है।   11 जुलाई को मिली थी सिर कटी लाश जानकारी मुताबिक, आजमगढ़ के रौनापार थाना इलाके में 11 जुलाई को सिर कटी लाश बरामद हुई थी। जिसकी पहचान शैलेन्द्र के रूप में हुई थी। इस घटना को तीन आरोपियों ने मिलकर अंजाम दिया था।  इन तीन आरोपियों में से दो आरोपियों को 15 जुलाई को रामछवि उर्फ दबिया और छांगुर को गिरफ्तार कर लिया गया था। जबकि एक आरोपी शंकर कनौजिया जो कि जिले के रौनापार थाना क्षेत्र का रहने वाला था, लगातार फरार चल रहा था।  फरार आरोपी पर वाराणसी एडीजी पीयूष मोर्डिया ने इनाम घोषित किया था। फरार आरोपी शंकर कनौजिया अंर्तजनपदीय अपराधी था। आरोपी के खिलाफ हत्या, लूट, हत्या के प्रयास जैसे कुल नौ गंभीर आपराधिक मुकदमें दर्ज थे। आरोपी की लगातार तलाश की जा रही थी। गोरखपुर से बनाई थी वारदात की योजना पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने गोरखपुर से फर्जी कागजों के सहारे पिकअप बुक कर वारदात का प्लान बनाया था। 3 जुलाई को ड्राइवर शैलेन्द्र को लाटघाट बुलाकर खाद्य पदार्थ में जहरीला पदार्थ खिलाया गया, जिससे वह अचेत हो गया और उसकी हत्या कर वाहन लूट लिया गया। पुलिस ने पहले ही आरोपियों से घटना में प्रयुक्त तमंचा, फावड़ा, दो मोबाइल और पिकअप बरामद कर लिया था। 

लॉरेंस बिश्नोई गैंग के दो सदस्यों को दिल्ली पुलिस ने मारी गोली, एनकाउंटर में खत्म

दिल्ली दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने एक एनकाउंटर में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के दो सदस्यो को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए दोनों अपराधियों की पहचान कार्तिक जाखड़ और कविश के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि जब दोनों अपराधियों का पीछा किया गया तो उन्होंने पुलिस पर ही गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने दोनों बदमाशों के पैर में गोली मारी और घायल अवस्था में गिरफ्तार कर लिया है। इसी महीने झारखंड एटीएस ने मयंक सिंह को अजरबैजान से प्रत्यर्पित किया है। मिली जानकारी के अनुसार, मामला न्यू अशोक नगर का है। यहां दिल्ली पुलिस ने दो संदिग्धों को रोकने की कोशिश की लेकिन दोनों पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। इस फायरिंग के बाद जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने दोनों बदमाशों के पैरों में गोली मारी और दोनों घायल हो गए। घायल अवस्था में पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में झारखंड एटीएस ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गैंगस्टर मयंक सिंह को बाकू से प्रत्यर्पित किया। इसके बाद उसे अजरबैजान से वापस लाया गया है। यह प्रत्यर्पण झारखंड एटीएस का ऐतिहासिक काम था। इस मामले की जानकारी देते हुए एटीएस के एसपी ऋषव कुमार झा ने कहा था कि हमने उसे बाकू, अज़रबैजान से प्रत्यर्पित किया है। झारखंड पुलिस के इतिहास में यह पहला सफल प्रत्यर्पण है और हमें उम्मीद है कि देश से बाहर रह रहे बाकी अपराधियों को भी जल्द ही प्रत्यर्पित या निर्वासित कर दिया जाएगा। झा ने कहा कि वह अमन साहू और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के बीच संपर्क सूत्र प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि हम मयंक से पूछताछ करेंगे और जेल में बंद दोनों गिरोहों के बीच रिश्तों के बारे में सभी जानकारी जुटाएंगे और उसके खिलाफ झारखंड, राजस्थान और अन्य जगहों पर 50 मामले दर्ज हैं। इसकी जांच की जाएगी।

खूंखार माफिया छोटू सिंह का अंत, STF एनकाउंटर में AK-47 समेत हुआ ढेर

प्रयागराज प्रयागराज पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। चार लाख रुपये शातिर अपराधी आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह निवासी जे सी मल्लिक रोड , धनबाद, झारखंड को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। अपराधी के कब्जे से पुलिस को एके 47 समेत भारी मात्रा में कारतूस और खोखे बरामद हुए हैं। घेराबंदी के दौरान अपराधी ने पुलिस पर एके 47 से हमला कर दिया। इसमें एसटीएफ टीम बाल-बाल बच गई। जवाबी कार्रवाई में शातिर बदमाश को मार गिराया गया।  एसटीएफ यूनिट प्रयागराज के तीन कर्मचारी व अधिकारी जेपी राय, प्रभंजन व रोहित सिंह एके 47 के हमले में बाल-बाल बच गए। जवाबी फायरिंग में एसटीएफ ने बदमाश को गोली मार दी। घायल अवस्था में उसे गिरफ्तार कर शंकरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मारा गया बदमाश कई मामलों में वांछित था और उसके ऊपर पुलिस ने चार लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था। उसके कब्जे से पुलिस ने एके-47, नाइन एमएम पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस का खोखा के साथ ही एक बाइक बरामद किया है।  झारखंड का रहने वाला है बदमाश शंकरगढ़ क्षेत्र में गुरुवार को एसटीएफ प्रयागराज यूनिट और एक कुख्यात अपराधी के बीच हुई मुठभेड़ में 4 लाख रुपये का इनामी बदमाश आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह निवासी जे सी मल्लिक रोड , धनबाद, झारखंड मारा गया। बिहार और झारखंड से जुड़ा यह अपराधी कई संगीन मामलों में वांछित था। वह अंतरराज्यीय गैंग से जुड़ा था और पुलिस को लंबे समय से इसकी तलाश थी। एसटीएफ प्रयागराज को इनपुट मिला था कि यह वांछित अपराधी शंकरगढ़ क्षेत्र में मौजूद है। सूचना के आधार पर टीम तत्काल मौके पर पहुंची। टीम में शामिल अधिकारी जेपी राय, प्रभंजन और रोहित सिंह ने जब उसे पकड़ने की कोशिश की, तो अपराधी ने एके-47 राइफल से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। अचानक हुए इस हमले में एसटीएफ के सभी सदस्य बाल-बाल बच गए।स्थिति की गंभीरता को देखते हुए टीम ने आत्मरक्षार्थ जवाबी फायरिंग की। कुछ ही देर चली मुठभेड़ में अपराधी को गोली लग गई और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने उसे तत्कालत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, शंकरगढ़ पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।