samacharsecretary.com

पारिवारिक त्रासदी: झारखंड में पति-पत्नी ने बच्ची को भी पिलाया जहर, तीनों ने दी जान

धनबाद झारखंड के धनबाद जिले में दर्दनाक घटना सामने आई है। यहां के जोगता थाना क्षेत्र की सिजुआ 06/10 न्यू कॉलोनी में मंगलवार को जहर खाने से पति, पत्नी और मासूम बच्ची की मौत हो गई। यह परिवार एक सप्ताह पूर्व तेतुलमुड़ी दाऊद नगर बस्ती से यहां किराए के मकान में रहने आया था। मृतकों की पहचान दैनिक मजदूर राजा अंसारी (25 वर्ष), उसकी पत्नी अमीना खातून (20 वर्ष) और उनकी दो साल की बेटी मायरा के रूप में हुई है। पुलिस ने घटनास्थल से एक बर्तन में संदिग्ध घोल बरामद किया है। उसे जांच के लिए जब्त कर लिया गया है। क्या है पूरा मामला ? जानकारी के अनुसार राजा के पिता जमाल अंसारी और माता रजिया खातून दाऊद नगर में रहते हैं। पिता पहले रिक्शा चलाते थे। राजा कुछ दिन पहले तक माता-पिता के साथ ही रहता था, लेकिन पारिवारिक तनाव के चलते पांच दिन पहले ही वह पत्नी और बेटी के साथ आरएन चौहान के मकान में किराए पर रहने लगा था। राजा की ससुराल बोकारो जिले में है। लोगों के अनुसार मंगलवार की शाम करीब 7:15 बजे राजा कतरास से मजदूरी कर घर लौटा था। कुछ देर बाद गली से गुजर रहे लोगों ने पति-पत्नी और बच्ची को जमीन पर पड़ा देखा। जिसके बाद तत्काल जोगता पुलिस को सूचना दी गई। पति-पत्नी की मौत हो चुकी थी। बच्ची को कतरास के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जोगता पुलिस ने तीनों शवों को धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया है। बुधवार को शवों का पोस्टमार्टम होगा। आत्महत्या का शक इस मामले की जानकारी देते हुए जोगता के थाना प्रभारी पवन कुमार ने बताया कि प्रथमदृष्टया यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है। तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। अमीना खातून के परिजनों को सूचना दे दी गई है। उनके पहुंचने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। पुलिस ने बरामद पीले रंग के तरल पदार्थ की जांच कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

अभियुक्त की मौत के बाद भी जारी रहा केस, सह-आरोपी पत्नी, बेटे और बहू को 3 साल कैद

जबलपुर   आय से अधिक संपत्ति मामले में प्रवर्तन निर्देशालय (ईडी) ने ऐसा फैसला सुनाया है, जिसे सुनकर भ्रष्टाचार करने वालों के होश उड़ जाएंगे. दरअसल, विशेष न्यायाधीश इरशाद अहमद ने अभियुक्त कर्मचारी की मौत के बावजूद प्रकरण में सह आरोपी पत्नी, बेटे व बहू को तीन-तीन साल के कारावास व दस-दस हजार रूपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है. विशेष न्यायालय ने माना कि आय से अधिक अर्जित संपत्ति का उपयोग सह आरोपियों के नाम सम्पत्ति खरीदने व निवेश में किया गया था. परिवार के लोगों को क्यों मिली सजा? अभियोजन के अनुसार जबलपुर में पदस्थ रहे कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट, सहायक लेखाधिकारी सूर्यकांत गौर के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. ईडी ने साल 2011 में उनके खिलाफ कार्रवाई की थी. इस दौरान ईडी को उनके पास से आय से लगभग 90 लाख रु अधिक की संपत्ति मिली थी. आय से अधिक राशि का उपयोग पत्नी विनिता गौर, पुत्र शिशिर गौर व पुत्रवधू सुनीता गौर के नाम पर संपत्ति खरीदने व निवेश में किया गया था. ईडी ने प्रकरण में मुख्य आरोपी सहित परिवार के अन्य सदस्यों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया था. सभी को माना गया भ्रष्टाचार का दोषी प्रवर्तन निर्देशालय ने सभी आरोपियों के खिलाफ विशेष न्यायालय में चालान प्रस्तु किया था. न्यायालय में प्रकरण के लंबित रहने के दौरान मुख्य आरोपी सूर्यकांत गौर की मृत्यु हो गई थी. विशेष न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई के दौरान पेश किए गए साक्ष्य व गवाहों के आधार पर सह आरोपियों को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार देते हुए सजा से दंडित किया. स्पेशल कोर्ट ने यह भी कहा है कि जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर 6-6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजन अधिवक्ता विक्रम सिंह ने पैरवी की.