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मानसून सत्र में हरियाणा विधानसभा रही बेहद सक्रिय, कार्य उत्पादकता 120% तक पहुँची

चंडीगढ़  हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि मानसून सत्र हर दृष्टि से ऐतिहासिक रहा और इसने संसदीय परंपराओं को नई दिशा दी है। यह सत्र सकारात्मक माहौल में सम्पन्न हो गया। चार दिनों तक चले इस सत्र में 21 घंटे 8 मिनट की कार्यवाही हुई, जो 120.37 प्रतिशत उत्पादकता का प्रतीक रही। सत्र के दौरान कुल 7 विधेयक पारित किए गए और कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर विधायकगणों ने चर्चा में भाग लिया। विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने शनिवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 3 स्थित हरियाणा निवास में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि सत्र 22 अगस्त से 27 अगस्त तक चला। पहले और दूसरे दिन 71, तीसरे दिन 72 और चौथे दिन 70 विधायक मौजूद रहे। इसमें मुख्यमंत्री, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मंत्रियों की संख्या शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि अनुशासन और गंभीरता के साथ विधायकगणों ने बहस में हिस्सा लिया और सदन की गरिमा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। सत्र के समापन पर पहली बार राज्यगीत का वादन हुआ। विस अध्यक्ष ने बताया कि शून्यकाल की कार्यवाही तीन दिन चली, जिसमें 78 सदस्यों ने हिस्सा लिया। भाजपा के 30 सदस्यों ने 99 मिनट, कांग्रेस के 34 सदस्यों ने 129 मिनट, इनेलो के 2 सदस्यों ने 7 मिनट और निर्दलीय 3 विधायकों ने 10 मिनट तक अपनी बात रखी। प्रश्नकाल में भी विधायकों की सक्रियता देखने को मिली। इस दौरान 53 विधायकों से 307 तारांकित प्रश्न प्राप्त हुए, जिनमें से 194 स्वीकार किए गए और 56 प्रश्नों पर सदन में चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त 160 अतारांकित प्रश्नों में से 132 स्वीकृत किए गए। ध्यानाकर्षण सूचनाओं के तहत कुल 40 नोटिस आए, जिनमें से 11 को स्वीकार किया गया। इनमें जलभराव, सीईटी परीक्षा की कार्यप्रणाली, धान में वायरस की समस्या, कलेक्टर रेट में वृद्धि और खिलाड़ियों की समस्याओं जैसे मुद्दे शामिल रहे। स्थगन प्रस्तावों में से एक को स्वीकार कर 26 अगस्त को तीन घंटे 35 मिनट लंबी चर्चा की गई, जिसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी 67 मिनट तक जवाब दिया। इस सत्र में तीन सरकारी प्रस्ताव भी पारित हुए। इनमें गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत वर्षगांठ पर प्रस्ताव, मीडिया से अपराध का महिमामंडन रोकने की अपील और एक आपराधिक विधेयक वापसी शामिल हैं। साथ ही सात महत्त्वपूर्ण विधेयक भी पारित किए गए, जिनमें सदस्य वेतन-भत्ता संशोधन, पिछड़ा वर्ग आयोग संशोधन और जीएसटी संशोधन प्रमुख रहे। सत्र के दौरान दर्शकों की भी बड़ी संख्या में भागीदारी रही। कुल 1585 लोग विधान सभा पहुंचे, जिनमें 842 विद्यार्थी, 281 स्पीकर गैलरी और 462 दर्शक दीर्घा से थे। सत्र में कई विशेष पहलें भी हुईं। पहली बार महामहिम राज्यपाल प्रो. अशीम कुमार घोष विधान भवन आए, जिनका भव्य स्वागत किया गया। टीवी चैनलों पर कार्यवाही का सीधा प्रसारण सुनिश्चित करने के लिए गाइडलाइन जारी की गई। वहीं 26 अगस्त को नशा मुक्ति का संदेश देने के लिए मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों की भागीदारी से साइक्लोथॉन आयोजित किया गया। भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए विस अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि अब अधिकारियों को विधायी प्रारूपण की ट्रेनिंग दी जाएगी, लोकसभा की तर्ज पर एआई आधारित रिकॉर्डिंग और अनुवाद व्यवस्था शुरू होगी तथा संविधान के मूल सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राज्यव्यापी सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। अनुसंधान विंग को सुदृढ़ बनाने, एमएलए हॉस्टल के विस्तार और नई डिस्पेंसरी की योजना भी घोषित की गई है। इस मौके पर विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि वे भविष्य में भी इन व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत हैं। 

कांग्रेस और इनेलो तैयार, हरियाणा विधानसभा में कल से शुरू होगा मानसून सत्र

चंडीगढ़ हरियाणा विधानसभा के शुक्रवार को दोपहर दो बजे से आरंभ होने वाले मानसून सत्र में हंगामा होने के पूरे आसार हैं। कांग्रेस व इनेलो विधायक जहां सरकार को राज्य की कानून व्यवस्था पर घेरने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं हरियाणा सरकार ने सत्र से पहले ही भिवानी के लोहारू की मनीषा के शव का अंतिम संस्कार करवाकर विपक्ष के मुद्दे को छीनने की कोशिश की है। विपक्षी विधायकों द्वारा राज्य में अपहरण, हत्या और लूटमारी समेत विभिन्न आपराधिक वारदातों को लेकर सरकार से जवाब मांगा जाएगा। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा कराने के लिए विधानसभा सचिवालय को ‘काम रोको प्रस्ताव’ दिया जा चुका है। सरकार भी कानून व्यवस्था की स्थिति पर विपक्ष को जवाब देने के लिए तैयार नजर आ रही है। हरियाणा के नये राज्यपाल प्रो. अशीम घोष के संबोधन से मानसून सत्र की शुरुआत होगी। पिछले 10 माह में यह चौथा सत्र होगा, जिसमें कांग्रेस बिना विधायक दल के नेता के नजर आएगी। कांग्रेस के जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद संभावना जताई जा रही थी कि मानसून सत्र से पहले कांग्रेस अपनी पार्टी के विधायक दल के नेता का नाम घोषित कर सकती है, लेकिन बृहस्पतिवार शाम तक भी कांग्रेस की ओर से ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई। हालांकि विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही बिना घोषणा के विपक्ष के नेता की भूमिका में होते हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पिछले बजट सेशन में कह चुके हैं कि हमारी नजर में हुड्डा ही विपक्ष के नेता हैं। संवैधानिक पदों पर होने वाली नियुक्तियों पर निर्णय लेने के लिए आयोजित बैठकों में हुड्डा ही कांग्रेस की ओर से शामिल होते रहे हैं। विधानसभा का मानसून सत्र कितने दिन चलेगा, यह शुक्रवार को सुबह 11 बजे होने वाली बिजनेस एडवाइजर कमेटी की बैठक में तय किया जाएगा, लेकिन विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी अस्थाई कार्यक्रम के मुताबिक सत्र 26 अगस्त तक चलने की संभावना है। पूरे सत्र में तीन दिन सदन की कार्यवाही चलेगी। 23 और 24 अगस्त को अवकाश रहेगा, जबकि 25 व 26 अगस्त को सदन की कार्यवाही का संचालन होगा। छोटा होने के बाद भी यह सत्र काफी प्रभावी और हंगामेदार रहने के आसार हैं। प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सदन में बड़ा गतिरोध देखने को मिल सकता है। हरियाणा के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से कानून व्यवस्था की स्थिति पर दिए गए काम रोको प्रस्ताव पर हंगामा होने की संभावना है। विधानसभा स्पीकर हरविन्द्र कल्याण यदि शुक्रवार को ही इस प्रस्ताव को चर्चा के लिए स्वीकार नहीं करते तो कांग्रेस पहले दिन ही वाकआउट कर सकती है। भिवानी की शिक्षिका मनीषा की संदिग्ध मौत के अलावा व्यापारियों से मांगी जा रही फिरौती, विधायकों को मिल रही धमकियां और हत्या की कई वारदातों को कांग्रेस विधानसभा में मुद्दा बनाने वाली है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार की शाम को भाजपा विधायक दल की अहम बैठक का आयोजन किया गया है, जिसमें विपक्ष के हर हमले का जवाब देने की रणनीति पर चर्चा की गई है। मानसून सत्र में उठाए जाने वाले सवालों के जवाब को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी शुक्रवार को 12 बजे विधानसभा के कमेटी हाल में मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में उन सभी प्रश्नों पर चर्चा होगी, जो शुक्रवार के प्रश्नकाल में लगाए गए हैं। मानसून सत्र की शुरूआत से पहले मुख्यमंत्री रोजाना ही मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे ताकि उनमें प्रश्नों के साथ-साथ दूसरे प्रस्तावों पर भी चर्चा हो सके। जलभराव से नुकसान का मुद्दा गूंजेगा साइबर सिटी गुरुग्राम, फरीदाबाद व जींद समेत कई शहरों में मानसून में जलभराव की वजह से जो हालत हुई है, विपक्ष विधानसभा में उसे भी मुद्दा बनाने की तैयारी में है। सीएम के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर एक सप्ताह तक गुरुग्राम में रहकर वहां जल निकासी समेत विभिन्न समस्याओं के समाधान की रूपरेखा तैयार करवाकर आए हैं।