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सियासी धरने पर ASI संदीप की पत्नी ने किया खुलासा, IPS पूरन की पत्नी को लेकर आया चौंकाने वाला बयान

रोहतक एएसआइ संदीप आत्महत्या के मामले में परिवार की ओर से लगाए गए आरोप की अब कुछ परतें सामने आ रही हैं। संदीप की पत्नी संतोष की ओर से पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाए गए हैं कि अर्बन एस्टेट थाना में आइजी वाई पूरन कुमार के गनमैन सुशील कुमार के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। इस मामले में सुशील को गिरफ्तार करने वाली टीम में उसके पति संदीप लाठर भी शामिल थे। सुशील की गिरफ्तारी के बाद आइजी वाई पूरन कुमार ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद आइजी वाई पूरन कुमार के परिवार ने चंडीगढ़ में धरना दे दिया। शिकायत में कहा गया कि आइजी वाई पूरन कुमार व अन्य के खिलाफ विजिलेंस जांच चल रही थी। इसे लेकर उसके पति तनाव में थे। उनके परिवार के धरने की वजह से उसके पति संदीप कुमार ने मानसिक तनाव में आकर खुद को गोली मार ली। इधर, पुलिस को मामले में अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी इंतजार है। क्योंकि रिपोर्ट के आधार पर भी पुलिस की टीम जांच को आगे बढ़ा पाएगी। सदर थाना पुलिस की टीम ने स्वजन की शिकायत के आधार में जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने मौके से बरामद सुसाइड नोट और वीडियो को कब्जे में लिया था। अब पुलिस की टीम सुसाइड नोट को जांच के लिए मधुबन लैब में भेजेगी। क्योंकि रिपोर्ट आने के बाद ही ये स्पष्ट हो पाएगा की सुसाइड नोट की राइटिंग संदीप लाठर की ही है या किसी अन्य की। पुलिस मामले में अन्य तथ्य भी जुटाने में लगी है। 

जिलाधिकारी आज़मगढ़ की साहसिक यात्रा

आज़मगढ़  दिनांक 19 सितम्बर, 2025 को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में  रविंद्र कुमार, आई0ए0एस0, जिलाधिकारी, आज़मगढ़ द्वारा 100वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के अधिकारी प्रशिक्षुओं को एक ज्ञानवर्धक सत्र प्रदान किया गया।  कुमार द्वारा फाउंडेशन कोर्स के अंतर्गत अधिकारी प्रशिक्षुओं को पर्वतारोहण एवं ट्रेकिंग से सम्बन्धित साहसिक गतिविधियों पर एक विशेष प्रशिक्षण सत्र प्रदान किया गया। इस सत्र के दौरान  कुमार ने पीपीटी एवं व्याख्यान के माध्यम से प्रशिक्षुओं को न केवल पर्वतीय गतिविधियों की तकनीकी जानकारी दी, ताकि प्रशिक्षु अधिकारियों को दिये गये स्किल से भविष्य में पर्वतीय या आपदा-प्रवण क्षेत्रों अपनी फील्ड पोस्टिंग के दौरान आपदा प्रबन्धन में राहत एवं बचाव कार्यों में मदद मिल सके और जिससे आम  लोगों की जान-माल की सुरक्षा हो सके।  कुमार द्वारा पूर्व में भी कई बार पर्वतारोहण के विषय पर ट्रेकिंग से सम्बन्धित साहसिक गतिविधियों पर प्रशिक्षण सत्र प्रदान किया है।   रविन्द्र कुमार 2011 बैच के आई0ए0एस0 अधिकारी हैं। लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में प्रथम फेज की टेªनिंग के बाद सिक्किम में परीवीक्षा प्रशिक्षण के तहत तैनात थे। सिक्किम में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग के दौरान वर्ष 2012 में एच0एम0आई0 दार्जीलिंग से बेसिक माउंटेनियरिंग प्रशिक्षण कोर्स एवं एडवांस माउंटेनियरिंग का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके अलावा  कुमार ने सिक्किम के पर्वतीय क्षेत्रों में लम्बी-लम्बी ट्रेकिंग की एवं पर्वतारोहण का अभ्यास किया।   रविन्द्र कुमार द्वारा वर्ष 2013 में नेपाल रूट से एवरेस्ट अभियान प्रारम्भ किया। 10 दिन की ट्रैकिंग के बाद बेस कैम्प पहुँचे। वहाँ पहुँचने पर लगभग 2 सप्ताह तक अनुकूलन (Acclimatisation) हेतु अभ्यास किया, तत्पश्चात अनुकूल मौसम मिलने पर शिखर की ओर बढ़ना शुरू किया। अंतिम चढ़ाई के दौरान Death Zone में ऑक्सीजन मास्क का प्रयोग किया क्योंकि एवरेस्ट की ऊँचाई पर केवल एक-तिहाई ऑक्सीजन मिलती है। इस वर्ष कुल 9 पर्वतारोहियों की मृत्यु हुई, जिनमें से दो पर्वतारोहियों से  कुमार की पहले बेस कैम्प में मुलाकात भी हुई थी। उन्हें उन पर्वतारोही की मौत पर गहरा दुःख हुआ। अंततः  रविन्द्र कुमार ने 19 मई 2013 को शिखर पर पहुँचकर भारतीय तिरंगा लहराया।     जून 2013 में एवरेस्ट से लौटने के बाद सिक्किम के विभिन्न जिलो में एस0डी0एम0 एवं ए0डी0एम0 के रूप में तैनाती रही, जहाँ वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव भी करवाया। तत्पश्चात माननीय प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने 02 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन का शुभारम्भ किया, तब रविन्द्र कुमार ने तय किया कि स्वच्छ भारत मिशन के बारे में लोगों को जागरूक करने हेतु दूसरी बार एवरेस्ट की चढ़ाई की जाये।  वर्ष 2015 में 5 सिविल सेवकों की एक टीम बनाई गई। जिसे माननीय प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 27 मार्च 2015 को ‘स्वच्छ भारत अभियान‘ के तहत हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया।  कुमार द्वारा टीम का नेतृत्व करते हुए ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत देश के लोगों में स्वच्छता को लेकर जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से नेपाल (दक्षिण) मार्ग से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का प्रयास किया गया, परन्तु 25 अप्रैल, 2015 को आए विनाशकारी भूकंप के कारण उनका प्रयास विफल हो गया। नेपाल में भूकंप आने से एवरेस्ट पर हिमस्खलन (Avalanche) हुआ। इस भीषण भूकंप ने एवरेस्ट अभियान को गहरा झटका दिया। अभियान के दौरान अचानक आए हिमस्खलन से बेस कैम्प बुरी तरह प्रभावित हुआ। कई टेंट नष्ट हो गए, कई पर्वतारोही घायल हुए और कई लोगो ने अपनी जान गवांई। नेपाल सरकार ने सभी अभियानों को रद्द कर दिया।  कुमार ने साहस और मानवता का परिचय देते हुए घायल पर्वतारोहियों एवं शेरपाओं को अस्थायी अस्पताल तक पहुँचाने में मदद की। इस मानवीय कार्य एवं सेवा भावना को देखते हुए  रविन्द्र कुमार को हिमालयन रेस्क्यू एसोसिएशन, नेपाल ने प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। यह अभियान भले ही अधूरा रहा हो, लेकिन मानवता और सेवा के मूल्यों ने इसे अविस्मरणीय बना दिया। वर्ष 2019 में जल संरक्षण हेतु जागरूक करने के उद्देश्य ‘स्वच्छ गंगा स्वच्छ भारत एवरेस्ट अभियान’ केे तहत  रविन्द्र कुमार गंगा जल लेकर द्वारा उत्तरी मार्ग (चीन) से दिनांक 23 मई 2019 को विश्व की सबसे ऊँची चोटी एवरेस्ट पर पुनः पहुँचे।   कुमार द्वारा एवरेस्ट शिखर पर तिरंगा लहराया एवं गंगाजल अर्पित करते हुए समस्त देशवासियों से जल बचाओ की अपील की।  कुमार द्वारा एवरेस्ट शिखर पर नमामि गंगे, स्वच्छ भारत मिशन एवं उत्तर प्रदेश सरकार का लोगो (प्रतीक चिन्ह्)  भी ले जाया गया। इस वर्ष 11 पर्वतारोहियों की मृत्यु हुई, जिनमें से कुछ साथी अभियान के दौरान मिले भी थे। चढ़ाई के दौरान कई पुरानी मृत देहें भी दिखीं, जो अत्यधिक ठंड के कारण दशकों बाद भी सुरक्षित पड़ी थीं। यह अभियान दृढ़ निश्चय, अनुशासन और भारत की सांस्कृतिक धरोहर के प्रति श्रद्धा का प्रतीक रहा।   रविन्द्र कुमार भारत के पहले और एकमात्र सिविल सेवक हैं जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर दो बार अलग-अलग रास्तों से चढ़ाई की है, एक बार 2013 में दक्षिण (नेपाल) मार्ग से और 2019 में उत्तर (चीन) मार्ग से। वे उन 15 भारतीयों में से एक हैं, जिन्होंने नेपाल और चीन दोनों मार्गों से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की है।  कुमार ने माउंट एवरेस्ट के अलावा, उन्होंने 2014 में टिंगचेनखांग पीक (पश्चिम सिक्किम), 2015 में बीसी रॉय पीक (पश्चिम सिक्किम), जनवरी 2019 में तांगलांग-ला पीक (लेह) और मार्च 2019 में रेनोक पीक (पश्चिम सिक्किम) जैसी अन्य चोटियों पर भी चढ़ाई की है।  रविन्द्र कुमार वर्तमान में जिलाधिकारी आज़मगढ़ के पद पर तैनात हैं। वर्ष 2011 बैच के  रविन्द्र कुमार ने सिक्किम में नियुक्ति के दौरान एस0डी0एम0 तथा ए0डी0एम0 के पदीय दायित्वों का निर्वहन किया है। मई, 2016 में उत्तर प्रदेश कैडर में ट्रांसफर होने के बाद मुख्य विकास अधिकारी, सीतापुर के पद पर रहे, जहां 2017 विधानसभा चुनाव सकुशल सम्पन्न कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। तत्पश्चात जिलाधिकारी, फर्रूखाबाद के पद पर स्थानान्तरित हुए। उसके बाद डेढ़ साल तक वर्ष 2019 में जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार में मा0 कैबिनेट मंत्री सु उमा भारती जी के निजी सचिव के रूप में कार्य किया, जिस दौरान दूसरी बार एवरेस्ट की सफलतम चढ़ाई की।  एवरेस्ट से लौटने पर जिलाधिकारी, बुलन्दशहर के रूप में अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन किया जहां ‘नागरिक संशोधन विधेयक’ एवं ‘कोविड’ के दौरान बहुत ही साहसिक एवं निडर भाव से सराहनीय कार्य किया।  वर्ष 2021 में जिलाधिकारी, झाँसी के पद पर स्थानान्तरित हुए जहां पर जल संरक्षण हेतु सरकार द्वारा चलाये गये कार्यक्रमों में विशेष अभिरूचि … Read more

MP के 16 स्टेट अफसर को मिला IAS का प्रतिष्ठित सम्मान, सरकार ने किया नोटिफिकेशन जारी

भोपाल  मध्य प्रदेश के 16 राज्य प्रशासनिक सेवा (SAS) अफसरों को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में प्रमोशन मिला है। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने वर्ष 2023 और 2024 में खाली हुए IAS पदों के विरुद्ध यह अवार्ड जारी किया। वर्ष 2023 और 2024 के प्रत्येक आठ-आठ अफसरों को इस अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। मध्य प्रदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा (SAS) के 16 अफसरों को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में प्रमोशन दिया गया है। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने वर्ष 2023 और 2024 में उपलब्ध IAS पदों के लिए यह निर्णय लिया है। इसका  नोटिफिकेशन सोमवार को जारी किया गया। वर्ष 2023 के आठ और 2024 के आठ अधिकारियों को आईएएस अवॉर्ड हुआ है। हालांकि इस आदेश के साथ ही यह भी शर्त जोड़ी गई है कि यह नियुक्तियां मध्य प्रदेश सरकार बनाम कमल नागर और अन्य संबंधित प्रकरणों में जबलपुर हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी।  वर्ष 2023 के IAS अवार्ड प्राप्त अधिकारियों में नारायण प्रसाद, नामदेव, डॉक्टर कैलाश बुंदेला,  नंदा भलावे कुशरे, अनिल कुमार डामोर, सविता झानिया,  सारिका भूरिया, कमल सोलंकी, जितेंद्र सिंह चौहान शामिल है। वहीं, वर्ष 2024 के IAS अवार्ड प्राप्त अधिकारियों में संतोष कुमार टिगोर, निशा डामर, राकेश कुशरे, शैली कनाश, रोहन सक्सेना, कविता बतुला, सपना अनुराग जैन औरआशीष कुमार पाठक है।   

IAS अधिकारी के मुरीद बने ज्योतिरादित्य सिंधिया, खूब सराहा कामकाज

अशोकनगर मध्यप्रदेश की गुना शिवपुरी सीट से सांसद और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश के एक IAS के कायल हो गए हैं। सिंधिया ने भरे मंच से IAS की तारीफ करते हुए उनके लिए तालियां बजवाईं और उन्हें धन्यवाद भी दिया। पूरा वाक्या अशोकनगर का है जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए पहुंचे थे। बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरण कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अशोकनगर कलेक्टर आदित्य सिंह के काम की जमकर तारीफ की है। कलेक्टर के कायल हुए सिंधिया बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री कार्यक्रम वितरण के दौरान मंच से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंच से कहा कि सरकार आपके साथ खड़ी है और आपके पास तो ऐसे कलेक्टर हैं जो गाड़ी में बैठकर बत्ती नहीं चलाते वह तो साइकिल पर बैठकर अशोकनगर से चंदेरी पहुंच जाते हैं। इन के लिए तालियां बजाएं। इस पर मंच पर मौजूद अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी कलेक्टर आदित्य सिंह की तारीफ करते हुए सिंधिया को बताया कि कलेक्टर कीचड़ में एक-एक घर तक पहुंचे थे जिससे सिंधिया और भी प्रभावित हुए और फिर से कलेक्टर के लिए तालियां बजवाईं।   कलेक्टर ने कहा थैंक्यू ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस दौरान मंच से ये भी कहा कि हमारे नाम भी एक ही हैं ये आदित्य हैं और मैं ज्योतिरादित्य हूं। बाढ़ के समय कलेक्टर आदित्य सिंह ने कलेक्टर की तरह नहीं बल्कि परिवार के सदस्य की तरह आप लोगों की सेवा की है। सिंधिया के द्वारा की गई इस तारीफ पर कलेक्टर आदित्य सिंह ने भी मुस्कुरा कर उन्हें थैंक्यू कहा। बता दें कि आदित्य सिंह 2014 बैच के मध्यप्रदेश कैडर के IAS हैं। उन्होंने करीब 4 महीने पहले अशोकनगर कलेक्टर का पद संभाला और लगातार कार्रवाई करने के लिए चर्चाओं में रहे। उन्होंने साइकिल से अशोकनगर जिले में 65 किमी. का दौरा भी किया जिसकी चर्चा पूरे प्रदेश में हुई थी।

प्रशासनिक हलकों में हलचल, देर रात राज्य शासन ने किए तबादले

भोपाल   राज्य शासन ने सोमवार देर रात प्रशासनिक अमले में बड़ा फेरबदल करते हुए राज्य प्रशासनिक सेवा के कई अधिकारियों का तबादला किया है। इस आदेश के तहत उमरिया जिले में दो अहम प्रशासनिक नियुक्तियां की गई हैं। जिले में लंबे समय से खाली चल रहे अपर कलेक्टर के पद पर अब 2014 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी प्रमोद कुमार सेन गुप्ता को नियुक्त किया गया है। प्रमोद सेन गुप्ता की नियुक्ति को जिले के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, बीते दो महीनों से अपर कलेक्टर का पद रिक्त होने के कारण कई अहम फैसलों में विलंब हो रहा था। अब उनके कार्यभार ग्रहण करने से जिले में नीति निर्धारण और विकास कार्यों को गति मिलने की उम्मीद है। इधर, मानपुर के एसडीएम टीआर नाग का तबादला अनूपपुर जिले में कर दिया गया है। टीआर नाग का कार्यकाल मानपुर में काफी सक्रिय और उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने स्थानीय विवादों के समाधान, राजस्व मामलों की सुनवाई और आपदा प्रबंधन जैसे विषयों में प्रभावी कार्य किया। उनके स्थानांतरण के बाद मानपुर में एसडीएम का पद रिक्त हो गया है, जिस पर शीघ्र नई नियुक्ति की संभावना जताई जा रही है। प्रदेशभर में इस तबादला सूची को लेकर चर्चाओं का दौर तेज है। माना जा रहा है कि यह बदलाव आगामी प्रशासनिक चुनौतियों और सुशासन की रणनीतियों को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं। शासन द्वारा संयुक्त कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर और प्रभारी डिप्टी कलेक्टरों को भी नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जिससे प्रशासनिक तंत्र को अधिक प्रभावशाली और जनहितैषी बनाया जा सके। उमरिया जिले के प्रशासनिक हलकों में इस फेरबदल को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जा रहा है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों को उम्मीद है कि नए अधिकारियों के नेतृत्व में जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन और अधिक प्रभावी होगा तथा विकास कार्यों में तेजी आएगी।