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शिवभक्ति का महासैलाब: सीहोर से निकलेगी विशाल कांवड़ यात्रा, पुष्पवर्षा से होगा स्वागत

सीहोर  सावन मास के पावन अवसर पर सीहोर का कुबेरेश्वरधाम देश की सबसे बड़ी कांवड़ यात्रा का साक्षी बनने जा रहा है। सीवन नदी से लेकर कुबेरेश्वरधाम तक का संपूर्ण मार्ग 'बोल बम' के नारों और शिवभक्तों के जयघोष से गूंज उठा है। पं. प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में आयोजित इस यात्रा के दौरान इस बार विशेष आकर्षण के रूप में हेलिकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की जाएगी। हर कदम पर सेवा, श्रद्धालुओं का पुष्पवर्षा से स्वागत यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर सेवा पंडाल लगाए गए हैं, जहां भक्तों को चाय, नाश्ता और पेयजल की सुविधा दी जा रही है। स्थानीय निवासी भी श्रद्धालुओं का पुष्पवर्षा कर स्वागत कर रहे हैं। इस बार यात्रा में देशभर से दो दर्जन से अधिक हाई-टेक डीजे शामिल किए गए हैं। इनमें सीहोर का बाबा डीजे, झारखंड का सार्जन डीजे, उत्तर प्रदेश का रावण डीजे, दिल्ली का कसाना डीजे, महाराष्ट्र का प्रशांत डीजे और इंदौर का श्याम बैंड प्रमुख हैं। ये डीजे भक्ति संगीत और धमाकेदार धुनों से भक्तों को झूमने पर मजबूर कर देंगे। भारत की सबसे बड़ी भोजनशाला से बंटेगी प्रसादी विठलेश सेवा समिति के व्यवस्थापक समीर शुक्ला ने बताया कि लाखों की संख्या में कांवड़िये देश के विभिन्न राज्यों से यहां पहुंच रहे हैं। इनके लिए देश की सबसे बड़ी भोजनशाला से प्रसादी वितरित की जाएगी। यह आयोजन शिवभक्ति के महाकुंभ का स्वरूप ले चुका है। विठलेश सेवा समिति के संयोजक मनोज दीक्षित ने कहा कि यह आयोजन कलियुग में शिव युग की वापसी जैसा प्रतीत हो रहा है। बीते 20-25 दिनों में 10 लाख से अधिक श्रद्धालु सीवन नदी से जल लेकर कुबेरेश्वरधाम पहुंच चुके हैं और भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर चुके हैं। हर आयु वर्ग में उमंग, लगातार बढ़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं, युवा और बुजुर्ग शामिल हो रहे हैं। पूरे क्षेत्र में भगवान शंकर के भजन, ढोल-नगाड़ों, डमरू और डीजे की धुनें गूंज रही हैं। 6 अगस्त को सुबह 9 बजे मुख्य यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। जिला कलेक्टर बालागुरु के. और पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला ने सीवन नदी घाट और यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाने के लिए होमगार्ड, मोटरबोट, फायर ब्रिगेड और सफाई व्यवस्था को लेकर विशेष निर्देश जारी किए हैं। यातायात सुचारु रखने के लिए पुलिस अधिकारियों को भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।  

दुकानों पर लगाएं QR कोड, कांवड़ मार्ग पर योगी -धामी सरकार का आदेश SC ने माना सही

लखनऊ / देहरादून  कांवड़ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत का कहना है कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित दुकानों में क्यूआर कोड लगाने के फैसले के सही करार दिया है। योगी आदित्यनाथ सरकार की तरफ से यह आदेश दिया गया था, जिसे प्रोफेसर अपूर्वानंद समेत कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसी पर अदालत का कहना है कि दुकानदारों को क्यूआर कोड और अपना लाइसेंस लगाना चाहिए। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। इस तरह यूपी सरकार की ओर से जारी आदेश जारी रहेगा। हालांकि इस फैसले का अब कोई खास असर नहीं होगा। इसकी वजह यह है कि बुधवार को कांवड़ यात्रा का महाशिवरात्रि के साथ समापन होना है। फिर भी अदालत का यह फैसला आने वाले सालों के लिए लागू हो सकता है। योगी सरकार ने बीते साल भी एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि दुकानदारों को अपना नाम बोर्ड पर लिखना होगा। इसे लेकर भी अदालत का रुख किया गया था और तब सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले को गलत करार दिया था। हालांकि तब भी फैसला आते-आते कांवड़ यात्रा का समापन हो गया था। फिर भी अदालत का आदेश ऐसे मामलों में भविष्य के लिए एक नजीर होता है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा, ‘हमें बताया गया है कि आज यात्रा का अंतिम दिन है. बहरहाल, निकट भविष्य में इसके समाप्त होने की संभावना है. इसलिए इस समय हम केवल यह आदेश पारित करेंगे कि सभी संबंधित होटल मालिक वैधानिक आवश्यकताओं के अनुसार लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदर्शित करने के आदेश का पालन करें. हम स्पष्ट करते हैं कि हम अन्य विवादित मुद्दों पर विचार नहीं कर रहे हैं. आवेदन समाप्त किया जाता है. पिछली सुनवाई में उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा 25 जून को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति का हवाला देते हुए झा ने कहा था, ‘नए उपायों में कांवड़ मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों पर क्यूआर कोड प्रदर्शित करना अनिवार्य है जिससे मालिकों के नाम और पहचान का पता चलता हो। इस तरह उसी भेदभावपूर्ण तरीके से पहचान की बात हो रही है जिस पर पहले इस अदालत ने रोक लगा दी थी.’ याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार का निर्देश, जिसमें दुकान मालिकों को ‘‘कानूनी लाइसेंस आवश्यकताओं’’ के तहत धार्मिक और जातिगत पहचान बताने के लिए कहा गया है, दुकान, ढाबा और रेस्टोरेंट मालिकों की निजता के अधिकार का उल्लंघन है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण महीने में शिवलिंगों का जलाभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में कांवड़िए गंगा और अन्य नदियों से जल लेकर आते हैं. कई श्रद्धालु इस महीने में मांसाहार से परहेज करते हैं. कई लोग तो प्याज और लहसुन युक्त भोजन भी नहीं खाते.

कांवड़ यात्रा में श्रद्धालुओं को मिलेगा वीआईपी अनुभव, सुरक्षा, फलाहार और आराम का पूरा ख्याल, सरकार ने की विशेष व्यवस्थाएँ

इंदौर  कांवड़ यात्रा करते-करते अगर आप थक जाएं और आपको आराम करने के साथ स्वादिष्ट व्यंजन चखने का मन करें, तो आपके लिए राज्य सरकार की ओर से तैयार किए गए कांवड़ कैंप में तमाम सुख सुविधाओं की व्यवस्था की गई है. जहां आपके रहने और खाने से लेकर तमाम व्यवस्था निशुल्क की गई है. उत्तर प्रदेश की राह पर एमपी मध्य प्रदेश में अब कावड़ यात्री सरकार के वीआईपी अतिथि होंगे, क्योंकि कांवड़ियों को मोहन यादव सरकार ने खाने पीने से लेकर रहने तक की सुविधा देने का फैसला किया है. जिसकी तैयारियां खंडवा इंदौर मार्ग पर हो गई हैं. दरअसल, श्रावण मास शुरू होते ही शिव के दर्शन के लिए कावड़ यात्रियों की बड़ी संख्या में उज्जैन और ओंकारेश्वर सहित शिव तीर्थों की ओर से यात्रा आरंभ हो चुकी है. लिहाजा उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर सीएम मोहन यादव ने भी यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद इंदौर जिले में कांवड़ यात्रियों के लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्था की गई है. भोजन एवं फलाहार की विशेष व्यवस्था मुख्यमंत्री के निर्देश पर कावड़ यात्रियों के लिए राजोदा (सांवेर रोड) और बाईग्राम (खंडवा रोड, महू क्षेत्र) में ठहराव, भोजन और विश्राम की समुचित व्यवस्था की गई हैं. इसी प्रकार इंदौर-उज्जैन महाकालेश्वर मार्ग पर राजोदा ग्राम में रामा फास्फेट फैक्ट्री के सामने और इंदौर-ओंकारेश्वर मार्ग पर बाईग्राम में वाटरप्रूफ डोम बनाए गए हैं, जिनमें यात्रियों को शयन, भोजन, चाय, फलाहार और प्राथमिक उपचार जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही है. भोजन की व्यवस्था प्रतिदिन 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक रहेगी. उपवास वाले कांवड़ियों का खास ख्याल कांवड़ यात्रियों के साथ चलने वाले श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए कैंपों में चाय, रोटी, पूरी, सब्जी, दाल, चावल, खिचड़ी आदि भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं, उपवास रखने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा गया है. उनके लिए फलाहार में मोरधन की खिचड़ी, केले, ककड़ी तथा साबूदाने की खिचड़ी उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे उपवास वाले यात्री भी बिना कठिनाई के अपनी यात्रा पूरी कर सकें. खंडवा रोड पर भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध श्रावण मास के अवसर पर इंदौर-खंडवा रोड में ट्रक भार वाहक वाहनों की आवाजाही सुबह 8 बजे से रात्रि 9 बजे तक (केवल श्रावण मास हेतु) प्रतिबंधित रहेगी. उक्त वाहन एबी रोड होते हुए सनावद की ओर जा सकेंगे. यह प्रतिबंध केवल भारी मालवाहक वाहनों पर लागू होगा. यात्री बस, कार, जीप, दोपहिया वाहन, दूध-वाहन, एलपीजी गैस सप्लाई, पानी टैंकर, एम्बुलेंस, अग्निशमन वाहन आदि आवश्यक सेवाओं से संबंधित वाहन प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे. कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा, "कांवड़ यात्रा को देखते हुए इंदौर-खंडवा रोड में भारी वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित किया गया है. इस साल से हम लोगों ने दो जगहों पर कांवड़ियों के लिए सुविधा केंद्र बनाने का फैसला किया है. जहां पर विभिन्न प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी."

बरेली में गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल, मस्जिद के पास से कांवड़ यात्रा की होगी शुरुआत

बरेली  बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र के जोगी नवादा में एक बार फिर सौहार्द बढ़ाने की तैयारी है। कांवड़ियों को पहले जत्था शाहनूरी मस्जिद के पास से निकलेगा। कांवड़ियों पर मुस्लिम समुदाय के लोग फूल बरसाएंगे। दो समुदायों में सौहार्द बढ़ाने में अफसर लगातार कवायद कर रहे हैं। एहतियात के तौर पर इलाके में फोर्स भी तैनात किया गया है।  हरिद्वार के लिए रवाना होंगे कांवड़िये  शुक्रवार को जोगी नवादा में शाहनूरी मस्जिद के पास से कांवड़ियों का पहला जत्था निकलेगा। शिवनंदन शर्मा के इस जत्थे में कांवड़िये गंगाजल लेने के लिए हरिद्वार को रवाना होंगे। वहां से गंगाजल लाकर सावन के पहले सोमवार को वह शहर के प्रमुख शिवालयों पर जलाभिषेक करेंगे। इसको लेकर कांवड़ियों में उत्साह है।  जोगी नवादा में पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी लगातार नजर बनाए हुए हैं। कोई विवाद न हो, इसलिए पुलिस अलर्ट है। शुक्रवार को जुमा की नमाज के बाद जब नमाजी चले जाएंगे तो दोपहर करीब तीन बजे कांवड़ियों का जत्था गुजरेगा। बताया जा रहा है कि इस बार मुस्लिम पक्ष के लोग कांवड़ियों के जत्थे पर सौहार्द के फूल बरसाएंगे। 32 साल से मिश्रित बस्ती के वाशिंदों में थी अनबन करीब 32 साल से मौर्य गली में पीपल के पेड़ की डाल की वजह से समस्या बनी हुई थी। यहां सड़क पार कर राकेश की छत पर जा रही डाल की वजह से सड़क पर ऊंचाई वाले वाहन या कोई चीज नहीं ले जाई जा सकती थी। चूंकि ताजियेदार अपने ताजियों की ऊंचाई कम नहीं करते थे, इसलिए करीब डेढ़ सौ मीटर सड़क छह फुट गहराई तक खोदकर ताजिया निकाला जाता था। इसकी वजह से कांवड़ यात्रा को लेकर तनातनी होती थी।  दो साल पहले विवाद के दौरान तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी का तबादला कर दिया गया, इंस्पेक्टर बारादरी समेत कई पुलिसकर्मी निलंबित हुए थे। पेड़ की डाल कटने के बाद से ही जोगी नवादा में सकारात्मक माहौल बनने लगा था। एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव ने डेढ़ महीने के अंतराल में दोनों समुदायों की बस्तियों में 18 बैठकें कर लोगों को एकमत किया था। इसके बाद पिछले सप्ताह ताजिया का जुलूस सौहार्द के माहौल में निकाला गया था।    

कांवड़ यात्रा को लेकर गाजियाबाद में ट्रैफिक प्लान तैयार, कई रूट होंगे डायवर्ट, यात्रा को लेकर तैयारी तेज

 गाजियाबाद सावन महीने की शुरुआत के साथ ही कांवड़ यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं. हर साल लाखों श्रद्धालु शिवभक्ति में लीन होकर कांवड़ लेकर हरिद्वार से अपने-अपने शहरों की ओर निकलते हैं. इस दौरान सड़क पर भारी भीड़ होती है, जिसे देखते हुए ट्रैफिक और सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने सख्ती शुरू कर दी है. खासकर दिल्ली-मेरठ रोड पर नियम और कड़े किए जा रहे हैं. वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से जाना होगा अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के अनुसार, रूट डायवर्जन प्लान लागू होने के बाद दिल्ली से आने वाले वाहन चौधरी चरण सिंह मार्ग (रोड नंबर 58) का प्रयोग कर यूपी गेट (गाजीपुर बॉर्डर) होते हुए एनएच-9 से जा सकेंगे। वहीं, दिल्ली से जिन्हें हरिद्वार, अमरोहा, मुरादाबाद और लखनऊ आदि स्थानों पर जाना है, वे यूपी गेट से प्रवेश कर एनएच-9 का प्रयोग करते हुए डासना से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे होते हुए जा सकेंगे। इसके अलावा एनएच नौ के जरिये हापुड़ होते हुए मेरठ भी जा सकेंगे। वहीं, बुलंदशहर और हापुड़ की ओर से आने वाले वाहन लालकुआं से सीधे गाजियाबाद शहर की ओर न आकर एनएच-9 का प्रयोग करते हुए दिल्ली जा सकेंगे। जीटी रोड भी बंद होगा अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के मुताबिक, सावन के पहले सोमवार से जीटी रोड स्थित दूधेश्वरनाथ मंदिर के आसपास का मार्ग बंद करने की योजना है। अभी बनी योजना के अनुसार, चौधरी मोड़ से हापुड़ तिराहा या मेरठ तिराहा की ओर जाने वाले वाहन घंटाघर फ्लाईओवर से होकर भेजे जा सकते हैं।फ्लाईओवर के नीचे से किसी भी वाहन को जाने नहीं देने की योजना है। विजयनगर की तरफ से भी वाहन को गोशाला बैरियर से आगे दूधेश्वरनाथ की ओर नहीं भेजने की योजना है। हालांकि, यह व्यवस्था श्रद्धालुओं की भीड़ देखते हुए लागू की जाएगी। मेरठ तिराहे पर कंट्रोल रूम बनाया गया नगर निगम ने कांवड़ यात्रा की तैयारी शुरू कर दी है। मेरठ तिराहे पर कांवड़ यात्रा पर नजर रखने के लिए कंट्रोल रूम बना दिया है। 200 से ज्यादा स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। कैमरों को कंट्रोल रूम से जोड़कर कांवड़ यात्रा पर नजर रखी जाएगी। दस जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है। नगर आयुक्त ने तीन दिन पहले बैठक कर अधिकारियों को कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए। इसी क्रम में निगम के निर्माण विभाग ने मेरठ तिराहे पर कंट्रोल रूम बना दिया है। यह मुख्य कंट्रोल रूम है। कंट्रोल रूम से मेरठ रोड और जीटी रोड पर नजर रखी जाएगी। कैमरों को कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। नगर आयुक्त ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ मार्ग पर 24 घंटे सफाई व्यवस्था रहेगी। मेरठ रोड पर दस किलोमीटर तक अस्थाई प्रकाश व्यवस्था की जाएगी। पड़ोसी राज्यों और जनपदों के अधिकारी मौजूद रहे पुलिस लाइन में हुई समन्वयक बैठक में बताया गया कि तीन मुख्य कंट्रोल रूम, एक यातायात कंट्रोल रूम के अलावा 12 सब कंट्रोल रूम के जरिए पूरे कांवड़ मार्ग और यात्रा पर नजर रखी जाएगी। बैठक में पड़ोसी राज्यों और जनपदों के अधिकारी मौजूद रहे। 11 जुलाई से भारी वाहनों पर रोक प्रशासन ने फैसला लिया है कि 11 जुलाई से दिल्ली-मेरठ रोड पर भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रोक दी जाएगी. इस दौरान ट्रक, बड़े मालवाहक और दूसरे भारी वाहन इस रास्ते पर नहीं चल सकेंगे. ये कदम कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा और ट्रैफिक जाम से बचने के लिए उठाया गया है. वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू करने की तैयारी यात्रा के दौरान ट्रैफिक को सुचारु रखने के लिए वन-वे सिस्टम भी लागू किया जा सकता है. जानकारी के मुताबिक 22 जुलाई से लेकर 26 जुलाई के बीच किसी भी दिन यह व्यवस्था लागू की जा सकती है. इससे रास्ते में होने वाले जाम और टकराव की स्थिति से बचा जा सकेगा. इन रास्तों पर होगा डायवर्जन दिल्ली से मेरठ, गाजियाबाद होते हुए हरिद्वार जाने वाले रास्तों पर खास ध्यान दिया जा रहा है. जहां जरूरत होगी, वहां डायवर्जन लगाया जाएगा ताकि कांवड़ियों को बिना किसी रुकावट के रास्ता मिल सके. खबर है कि चौधरी मोड़ से हापुड़ तिराहा और मेरठ तिराहा जाने वाले वाहन घंटाघर फ्लाईओवर से होकर भेजे जाएंगे. साथ ही फ्लाइओवर के नीचे से किसी भी वाहन को जाने देने की अनुमति नहीं होगी. यात्रा के बीच में पड़ने वाली टूटी सड़को की मरम्मत शुरू कर दी गई है. पुलिस और ट्रैफिक विभाग के अधिकारी लगातार रूट प्लानिंग कर रहे हैं. कांवड़ियों की सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम सुरक्षा के साथ-साथ प्रशासन ने जगह-जगह आराम करने के लिए शिविर, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं की भी व्यवस्था की है. साथ ही मेडिकल टीम और वॉलंटियर्स को भी मुस्तैद रखा गया है ताकि किसी भी इमरजेंसी में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके. बता दें कि यह सारी तैयारी इस बार की कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए की जा रही है.