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मेडिकल कॉलेज के जेल वार्ड से दो बंदी लापता, प्रशासन में मचा हड़कंप

अम्बिकापुर छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर के मेडिकल कॉलेज के जेल वार्ड से दो कैदियों के फरार होने की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज के जेल वार्ड में कैदी दिवाली की रात तीन बजे सुरक्षाकर्मियो को चकमा देकर फरार हो गए थे। इस मामले में जिले के एसपी ने नाराजगी जाहिर करते हुए बंदी की देखरेख में शामिल दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।   दरअसल, अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के जेल वार्ड से दो कैदी दीवाली के दिन फरार हो गए थे। यह घटना देर रात करीब तीन बजे की समीप की बताई जा रही थी, उस वक्त दोनों ने ही सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर भागने में कामयाब हो गए थे।  इस वारदात से जेल प्रशासन और पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया।

हिंदी में मेडिकल पढ़ाई की शुरुआत, जबलपुर में खुल रहा पहला हिंदी माध्यम कॉलेज

 जबलपुर  मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जल्द ही जबलपुर में देश का पहला हिंदी चिकित्सा कॉलेज आरंभ करने जा रहा है। एमबीबीएस की 50 सीटों के साथ यह कालेज शैक्षिक सत्र 2027-28 से आरंभ होगा। इसमें पढ़ाई हिंदी माध्यम से कराई जाएगी। आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने प्रस्ताव मध्य प्रदेश सरकार को भेजा विश्वविद्यालय कार्य परिषद की हरी झंडी मिलने के बाद प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। इसके लिए एक करोड़ रुपये का प्रारंभिक बजट भी प्रस्तावित किया गया है। विश्वविद्यालय ने मातृभाषा हिंदी में इसे कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। अभी तक विश्वविद्यालय स्वयं कोई कॉलेज संचालित नहीं करता है। सिर्फ संबद्धता और परीक्षा संबंधी कार्य ही विश्वविद्यालय के जिम्मे होते हैं। अब विश्वविद्यालय का अपना कालेज होने से अकादमिक गुणवत्ता भी निखरेगी। हिंदी में चिकित्सा की पढ़ाई से ग्रामीण व आदिवासी अंचल से आने वाले छात्रों को सुविधा हो जाएगी। यह प्रस्ताव विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक में पारित हुआ है। जबलपुर के सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज से रहेगा संबद्ध यह कॉलेज, जबलपुर स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज से संबद्ध रहेगा और एनएमसी के सभी मानकों के अनुरूप तैयार किया जाएगा। कॉलेज को पूरी तरह आवासीय बनाया जाएगा। राज्य शासन से मंजूरी और एनएमसी से मान्यता के बाद निर्माण व फैकल्टी चयन की प्रक्रिया शुरू होगी। विश्वविद्यालय अपना जनरल हिंदी में प्रकाशित करेगामध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (एमयू) अपना जनरल भी हिंदी में प्रकाशित करेगा। कॉलेज के शुरू होने के साथ भाषाई दिक्कत शिक्षकों व छात्रों को न आए, इस दिशा में एमयू लगातार कार्य में जुटा हुआ है। हिंदी पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए एमयू ऐसी लाइब्रेरी पर काम कर रहा है जिसमें कोर्स से संबंधित पाठ्य पुस्तकें हिंदी में अनुवादित होंगी। नए कॉलेज का मसौदा राज्य सरकार को भेज दिया     कार्य परिषद की स्वीकृति के बाद नए कॉलेज का मसौदा राज्य सरकार को भेज दिया गया है। वहां से अनुमति के बाद इस दिशा में कार्य और तेज हो सकेगा। उम्मीद है जल्द ही सरकार इस पर फैसला लेगी। यह अपनी तरह का देश में पहला कालेज होगा, जहां चिकित्सा की पढ़ाई हिंदी में होगी। -डॉ पुष्पराज सिंह बघेल, कुलसचिव, मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर