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यूपी वालों के लिए खुशखबरी! अब इस शहर में भी शुरू होगी मेट्रो सेवा

वाराणसी  यूपी के वाराणसी में लालबहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से कैंट रेलवे स्टेशन तक मेट्रो रेल सेवा शुरू होगी। इसके लिए विमानपत्तन प्राधिकरण की ओर से रेलवे मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है। इस सेवा को शुरू करने का उद्देश्य विमान से उतरने के बाद यात्री मेट्रो से शहर तक पहुंच जाएं। इससे यात्रियों को सुविधा होने के साथ किराये में बचत होगी। बाबतपुर एयरपोर्ट से प्रतिदिन लगभग 80 विमानों का संचालन होता है। इन उड़ानों से 10,000 से 12,000 यात्रियों का आवागमन होता है। इस समय हवाई अड्डे के विस्तारीकरण का काम तेजी के साथ चल रहा है। इसमें मल्टी लेवल पार्किंग, आठ एयरोब्रिज के साथ पांच हजार यात्री क्षमता वाला नया टर्मिनल भवन, रनवे के नीचे अत्याधुनिक सुविधा और सुरक्षा युक्त टनल निर्माण शामिल है। इससे यहां घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विमानों की संख्या बढ़ जाएगी। यात्री संख्या भी बढ़ेगी। एयरपोर्ट विस्तारीकरण में काशी की ऐतिहासिकता और पौराणिकता की छाप भी होगी ताकि यात्रियों को बाबा विश्वनाथ की नगरी में होने का अहसास हो। एयरपोर्ट से कैंट स्टेशन की दूरी करीब 22 किलोमीटर है। यहां से यात्री टैक्सी, ऑटो और ई-बस से गंतत्व को जाते हैं। इस दूरी को तय करने में खासकर टैक्सी और ऑटो चालक अच्छा-खासा किराया यात्रियों से वसूल लेते हैं। इसको देखते हुए मेट्रो सेवा कारगर साबित होगी। यात्रियों की सुविधा के लिए भेजा प्रस्ताव: निदेशक एयरपोर्ट निदेशक पुनीत गुप्ता ने बताया कि विस्तारीकरण के बाद विमानों के बढ़ने से यात्रियों का आवागमन भी बढ़ेगा। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर हवाई अड्डे से बाबतपुर रेलवे स्टेशन होकर शहर तक मेट्रो सेवा शुरू करने का प्रस्ताव भेजा गया है। इस बारे में रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि मेट्रो सेवा के लिए फिजिबिलिटी सर्वे के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

पटना से मेट्रो का सफर शुरू, किराया, रूट और सुविधाओं की पूरी जानकारी

पटना पटनावासियों के लिए आज बड़ा दिन है। कई साल का इंतजार खत्म हो गया रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सुबह पौने 12 बजे पटना मेट्रो के पहले फेज की सेवा का शुभारंभ कर दिया। पाटलिपुत्र बस टर्मिनल डिपो के पास बने मेट्रो स्टेशन से वह भूतनाथ से न्यू आईएसबीटी तक पहले फेज की मेट्रो के परिचालन का शुभारंभ किया। पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (पीएमआरएल) ने परिचालन की अंतिम तैयारी पूरी कर ली है। इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कॉरिडोर वन के तहत पटना जंक्शन सहित छह भूमिगत मेट्रो स्टेशनों और 9.35 किलोमीटर लंबी सुरंग की आधारशिला भी रखेंगे। मेट्रो के कोच को मधुबनी पेंटिंग से खास तौर पर सजाया गया है, जो बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है। कोचों में गेट, खिड़कियों और अंदरुनी हिस्सों पर गोलघर, महावीर मंदिर, महाबोधि वृक्ष, बुद्ध स्तूप और नालंदा के खंडहर जैसे बिहार के विश्वप्रसिद्ध पर्यटक स्थलों के आकर्षक स्टिकर लगाए गए हैं। मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त जनक कुमार गर्ग पहले ही प्रायरिटी कॉरिडोर के तीन स्टेशनों पर मेट्रो के परिचालन को हरी झंडी दे चुके थे हर 20 मिनट के अंतराल पर मिलेगी मेट्रो पटना मेट्रो प्रबंधन के अनुसार, मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त ने सिग्नलिंग सिस्टम, पटरियों की मजबूती, ट्रेन की गति, ब्रेकिंग सिस्टम और अन्य तकनीकी पहलुओं की गहन जांच की है। सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद मेट्रो को परिचालन के लिए मंजूरी दी गई। शुरुआत में मेट्रो की अधिकतम गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। आईएसबीटी से जीरो माइल का किराया 15 रुपये होगा। वहीं न्यू आईएसबीटी से भूतनाथ मेट्रो स्टेशन का किराया 30 रुपये निर्धारित किया गया है। यानी पटना मेट्रो का फिलहाल न्यूनतम किराया 15 रुपये और अधिकतम किराया 30 रुपये होगा। पहले चरण में आइएसबीटी मेट्रो स्टेशन से भूतनाथ रोड तक मेट्रो चलेगी। फिलहाल इसका परिचालन सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक किया जाएगा। हर 20 मिनट के अंतराल पर प्रत्येक स्टेशन पर मेट्रो उपलब्ध होगी। प्रतिदिन मेट्रो 40 से 42 फेरे लगाएगी। महिलाओं और दिव्यांगों के लिए प्रत्येक ट्रेन में 12-12 सीटें आरक्षित होंगी। बीएसएपी के जवान संभाएंगे सुरक्षा की कमान मेट्रो कोच में मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग की सुविधा भी होगी। प्रत्येक कोच में सभी दरवाजों के पास एक लाल रंग का पैनिक बटन दिया गया है। कोच के अंदर डिस्प्ले बोर्ड पर अगले स्टेशन की जानकारी और घोषणाएं लगातार चलती रहेंगी। वहीं यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर मेट्रो कोच में 360-डिग्री सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। आपात स्थिति के लिए दो इमरजेंसी बटन और माइक्रोफोन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। आपात स्थिति में बटन दबाने पर यात्री सीधे मेट्रो रेल के ड्राइवर से बात कर सकेंगे और सीसीटीवी फुटेज भी कंट्रोल रूम में भेजी जाएगी। प्रत्येक कोच में कुल 138 सीटें हैं और उसमें 945 यात्री खड़े होकर यात्रा कर सकते है। पटना मेट्रो की सुरक्षा बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस (बीएसएपी) के जवान संभालेंगे। बीएसएपी के जवान मेट्रो पर चप्पे-चप्पे पर तैनात रहेंगे। प्रवेश द्वार से लेकर प्लेटफार्म तक इनकी तैनाती होगी। बेली रोड पर मेट्रो के निर्माण कार्य का भी शिलान्यास करेंगे सीएम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को ही बेली रोड पर मेट्रो के भूमिगत खंड के निर्माण कार्य का भी शिलान्यास करेंगे। यह भूमिगत खंड मेट्रो परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो शहर के व्यस्त इलाकों में मेट्रो के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कॉरिडोर वन के तहत कुल छह भूमिगत स्टेशनों के लिए 9.35 किमी की सुरंग की आधारशिला रखेंगे। इस कॉरिडोर में पटना जंक्शन से रुकनपुरा और मीठापुर तक 9.35 किमी लंबी सुरंग शामिल है, जिस पर कुल 2,565.80 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। इसका निर्माण कार्य अगले 42 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य है। निर्माण के फेज वन में रुकनपुरा, राजा बाजार और चिड़ियाघर स्टेशन के साथ ही पाटलिपुत्र एलिवेटेड स्टेशन के बाद रुकनपुरा रैंप शामिल है। जिसकी कुल लागत 1,147.50 करोड़ रुपये है। वहीं, फेज दो में विकास भवन, विद्युत भवन और पटना जंक्शन स्टेशन के साथ विकास भवन से मीठापुर तक सुरंग का निर्माण भी शामिल है। जिसकी कुल लागत 1,148.3 करोड़ है। पटना मेट्रो की कुल लागत 13,925.5 करोड़ रुपये है, जिसमें जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआइसीए), केंद्र सरकार और बिहार सरकार का योगदान है। पटना मेट्रो के दो कॉरिडोर रेड लाइन (16.86 किमी) और ब्लू लाइन (14.56) में कुल 24 होंगे। पहले चरण का पूरा संचालन 2027 तक शुरू होने की संभावना है।  

श्री महाकालेश्वर उज्जैन से इंदौर तक मेट्रो सेवा का ऐलान, पीथमपुर भी जुड़ेगा

भोपाल भोपाल व इंदौर के बाद बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में भी मेट्रो दौड़ेगी। श्री महाकालेश्वर से इंदौर और पीथमपुर तक मेट्रो रेल चलाई जाएगी। इन तीन शहरों के बीच 84 किलोमीटर का सफर मेट्रो से हो सकेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट की बैठक में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव में श्री महाकालेश्वर, उज्जैन-इंदौर-पीथमपुर मेट्रो कॉरीडोर के लिए डीपीआर बनाने के लिए परामर्श शुल्क की वित्तीय स्वीकृति दी गई। मेट्रो सिंहस्थ के बाद ही चल पाएगी उज्जैन-पीथमपुर तक मेट्रो चलाने के लिए सर्वे का काम दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (डीएमआरसीएल) को दिया गया है। सर्वे का काम सिंहस्थ तक हो जाएगा लेकिन मेट्रो सिंहस्थ के बाद ही चल पाएगी। उज्जैन -इंदौर-पीथमपुर लाइन के प्रथम चरण में श्री महाकालेश्वर उज्जैन- लवकुश चौराहा इंदौर एवं द्वितीय चरण में लवकुश चौराहा इंदौर से पीथमपुर, मेट्रो रेल परियोजना की डीपीआर बनाई जा रही है।   नौ लाख रुपये प्रति किमी की दर पर बनेगी DPR महाराष्ट्र व ओडिशा में मेट्रो की डीपीआर बनाने का काम 12 लाख प्रति किमी पर दिया गया है, लेकिन मप्र में यह काम नौ लाख रुपये प्रति किमी की दर पर किया जाएगा। अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने का कार्य दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सौंपा गया है। देश की सबसे अनुभवी दिल्ली मेट्रो शासकीय कंपनी है। डीपीआर बनाने का कार्य प्रक्रियाधीन वर्तमान में प्रथम चरण के प्रथम भाग की डीपीआर बनाने का कार्य प्रक्रियाधीन है। उज्जैन-इंदौर-पीथमपुर लाइन के प्रथम चरण पर डीपीआर के लिए 4.23 करोड़ रुपये साथ में जीएसटी का व्यय होगा। द्वितीय चरण में लवकुश चौराहा, इंदौर से पीथमपुर पर डीपीआर के लिए 3.51 करोड़ रुपये व जीएसटी का व्यय होगा।