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ताजातरीन अपडेट: Microsoft ने अचानक बंद की क्लाउड और AI सेवाएं

वॉशिंगटन दुनिया की प्रमुख टेक कंपनियों में से एक Microsoft ने इजरायल के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मच गई है। कंपनी ने इजरायल को दी जा रही क्लाउड, AI और तकनीकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से बंद कर दी हैं। Microsoft के प्रेसिडेंट और वाइस चेयरमैन ब्रैड स्मिथ ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह निर्णय जासूसी के गंभीर आरोपों और जांच रिपोर्टों के आधार पर लिया गया है, जिनमें Microsoft की सेवाओं के दुरुपयोग की बात सामने आई है। क्या है पूरा मामला? ब्रिटिश अखबार The Guardian और इजरायली पब्लिकेशन +972 Magazine द्वारा अगस्त 2025 में की गई एक संयुक्त जांच में खुलासा हुआ था कि इजरायली सुरक्षा एजेंसियां गाज़ा पट्टी और वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों की व्यापक निगरानी कर रही हैं, और इसके लिए वे Microsoft की Azure Cloud Services का उपयोग कर रही थीं। Microsoft ने शुरुआती तौर पर इन आरोपों को खारिज किया, लेकिन बाद में आंतरिक जांच में कुछ तथ्यों की पुष्टि होने पर यह बड़ा कदम उठाया गया। कंपनी ने साफ किया कि वह किसी भी देश को अपनी सेवाओं का उपयोग निगरानी या जासूसी के लिए नहीं करने देती, और अगर ऐसा होता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाती है। किन सेवाओं पर लगी रोक? Microsoft ने इजरायली मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस (IMOD) को भेजे नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया है कि उनके साथ की गई सभी तकनीकी साझेदारियां अब समाप्त की जा रही हैं। इसमें शामिल हैं: -Azure Cloud Platform -AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) टूल्स -क्लाउड स्टोरेज सेवाएं -टेक्निकल सब्सक्रिप्शन और API एक्सेस -इन सेवाओं को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया है, और इजरायल को इसकी जानकारी औपचारिक रूप से भेज दी गई है। जांच में क्या सामने आया? संयुक्त रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि इजरायली सेना और खुफिया एजेंसियां Microsoft की क्लाउड टेक्नोलॉजी का प्रयोग फिलिस्तीनी नागरिकों की जासूसी, पहचान और मूवमेंट ट्रैकिंग के लिए कर रही हैं। रिपोर्ट में इस बात के प्रमाण भी दिए गए कि Azure प्लेटफॉर्म पर डेटा एनालिटिक्स और AI आधारित टूल्स के जरिए फिलिस्तीनियों की निजी जानकारी इकट्ठा की जा रही थी। Microsoft ने अपनी ओर से इन आरोपों की स्वतंत्र जांच करवाई, और जब कुछ तथ्यों की पुष्टि हुई, तो कंपनी ने यह निर्णय लिया। Microsoft का आधिकारिक बयान ब्रैड स्मिथ ने अपने ब्लॉगपोस्ट में लिखा: "Microsoft किसी भी हालत में अपनी टेक्नोलॉजी का उपयोग निगरानी या मानवाधिकार हनन जैसे उद्देश्यों के लिए नहीं होने देगा। हमने इजरायली रक्षा मंत्रालय को सूचित कर दिया है कि हमारी सेवाएं, जिनमें AI और क्लाउड स्टोरेज शामिल हैं, तत्काल प्रभाव से बंद की जा रही हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम कंपनी की नीति के अनुसार लिया गया है, ताकि विश्व स्तर पर उसकी नैतिक और पारदर्शी छवि बनी रहे। AI के दुरुपयोग को लेकर चिंता इस प्रकरण ने वैश्विक स्तर पर AI और क्लाउड टेक्नोलॉजी के उपयोग को लेकर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। क्या बड़ी टेक कंपनियों को इस बात की जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि उनकी सेवाओं का प्रयोग कैसे और कहां किया जा रहा है? Microsoft ने इस घटना को एक उदाहरण बनाते हुए यह साफ कर दिया है कि यदि कोई सरकार या संस्था उनके प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करती है, तो कंपनी चुप नहीं बैठेगी। इजरायल की प्रतिक्रिया का इंतजार फिलहाल इजरायल की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि Microsoft के इस निर्णय से इजरायली रक्षा और साइबर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर असर पड़ सकता है।  

25 साल के बाद Microsoft ने छोड़ा पाकिस्तान का साथ? अब किसका लेगा सहारा

लाहौर  भारत के पड़ोसी मुल्‍क पाकिस्‍तान से बड़ी जानकारी सामने आ रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, टेक्‍नोलॉजी की दुनिया का बड़ा नाम माइक्रोसॉफ्ट कथित तौर पर पाकिस्‍तान से बाहर निकल रही है यानी उसने कामकाज समेट दिया है। कहा जाता है कि इसके संकेत पहले ही दे दिए गए थे। कर्मचारियों को भी बताया गया था। टेक रडार की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्‍तान में माइक्रोसॉफ्ट का ऑपरेशन बंद हो गया है सिर्फ एक ऑफ‍िस बचा है, जहां 5 लोग काम पर हैं। यह पाकिस्‍तान की टेक इंडस्‍ट्री के लिए किसी सदमे से कम नहीं होगा। 25 साल पहले पाक में माइक्रोसॉफ्ट ने अपना काम शुरू किया था। उस वक्‍त जव्वाद रहमान नाम के व्‍यक्ति ने इसमें अहम भूमिका न‍िभाई। उन्‍हें माइक्रोसॉफ्ट पाकिस्‍तान के संस्‍थापकों में गिना जाता है। रहमान के लिंक्‍डइन पोस्‍ट से कुछ बातें सामने आई हैं जो कई सवाल खड़े करती हैं। जव्वाद रहमान का लिंक्‍डइन पोस्‍ट जव्‍वाद रहमान ने अपने लिंक्‍डइन पोस्‍ट में माइक्रोसॉफ्ट का पाकिस्‍तान में कामकाज बंद होने की जानकारी दी है। उन्‍होंने लिखा कि एक युग खत्‍म हो गया। 25 साल पहले जून महीने में ही मुझे पाकिस्‍तान में माइक्रोसॉफ्ट को लॉन्‍च करने की जिम्‍मेदारी मिली थी। उन्‍होंने बताया कि कंपनी के कुछ बचे हुए कर्मचारियों को जानकारी दी गई और पाकिस्‍तान से माइक्रोसॉफ्ट से जाने की जानकारी आई। उन्‍होंने लिखा कि कंपनी का यह फैसला सोचने पर मजबूर करता है। माइक्रोसॉफ्ट ने क्‍या बताया रहमान के अनुसार, यह उस माहौल का दर्शाता है जो हमारे देश ने बनाया है। एक ऐसा माहौल जिसमें माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनी को भी अस्थितरता नजर आती है। उन्‍होंने कहा कि अब पूछा जाना चाहिए कि पाकिस्‍तान को लेकर क्‍या बदल रहा है। ऐसा क्‍या है जिसने दिग्‍गज कंपनी को देश छोड़ने पर मजबूर किया है। हालांकि माइक्रोसॉफ्ट की तरफ की ओर इस बारे में ऑफ‍िशियली कोई जानकारी नहीं दी गई है। कितने देशों में माइक्रोसॉफ्ट का कामकाज माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक है, जिसका कामकाज 190 से अधिक देशों में फैला हुआ है। कंपनी क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर जैसे कई क्षेत्रों में लीडर की भूमिका निभा रही है। विंडोज, ऑफिस, ऐज जैसे प्रोडक्ट्स पूरी दुनिया में इस्तेमाल किए जाते हैं। पाकिस्तान से इसकी कथित विदाई एक चौंकाने वाला कदम माना जा रहा है। यह सिर्फ एक कारोबारी फैसला नहीं बल्कि स्थानीय परिस्थितियों की गहराई से जुड़ा मुद्दा माना जा रहा है। रहमान के अनुसार "अल्लाह जिसे चाहे उसे इज्जत और मौके देता है… और जिससे चाहे, वो इन्हें वापस भी ले सकता है, खासकर जब कोई इनकी कदर करना भूल जाए। लेकिन अगर आपका काम असर छोड़ जाए, ईमानदारी और प्रेरणा का स्रोत बन जाए… तो समझ लीजिए कि अल्लाह की रहमत आपके साथ थी।" एक और पोस्ट में रहमान ने पाकिस्तान के आईटी मंत्री और सरकार से अपील की कि वे माइक्रोसॉफ्ट के रीजनल और ग्लोबल लीडर्स से संपर्क करें, ताकि कंपनी पाकिस्तान में अपनी मौजूदगी बनाए रख सके।

बड़े पैमाने पर माइक्रोसॉफ्ट में होगी छंटनी, 9000 से अधिक कर्मचारियों के लिए झटका

वाशिंगटन  टेक्नोलॉजी दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट (MSFT.O) ने एक बार फिर बड़े पैमाने पर छंटनी का ऐलान किया है। Seattle Times की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी अपने कुल वैश्विक कार्यबल के लगभग 4% यानी कि 9000 के पास कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। यह 2023 के बाद कंपनी की सबसे बड़ी छंटनी मानी जा रही है। जून 2024 तक माइक्रोसॉफ्ट में करीब 2,28,000 कर्मचारी कार्यरत थे। हालांकि, इस नई छंटनी की पुष्टि के लिए कंपनी ने रॉयटर्स के सवालों का जवाब नहीं दिया। बिक्री विभाग पर पड़ेगा मुख्य असर जून में Bloomberg News की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि माइक्रोसॉफ्ट विशेष रूप से सेल्स (बिक्री) विभाग में हजारों कर्मचारियों की कटौती की योजना बना रही है। इससे पहले, मई 2025 में भी कंपनी ने करीब 6,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था। 2023 के बाद सबसे बड़ी छंटनी रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2 जुलाई को पुष्टि की गई Microsoft Lay Off का ये चरण साल 2023 के बाद से टेक दिग्गज कंपनी द्वारा की जाने वाली छंटनी का सबसे बड़ा दौर है. ऐसा माना जा रहा है कि ये छंटनी माइक्रोसॉफ्ट में संगठनात्मक परिवर्तन का हिस्सा है. फिलहाल, कंपनी में इस छंटनी का असर सबसे ज्यादा किस सेक्शन पर पड़ने वाला है इसके बारे में पूरी जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन तमाम रिपोर्टों के आधार पर ये पता चलता है कि कोडिंग असिस्टेंट जैसे AI ऑपरेटेड उपकरणों का तेजी से इस्तेमाल इससे जुड़े कर्मचारियों को प्रभावित कर सकता है.  Microsoft अपने वर्कफ्लो में एआई को शामिल करने पर अधिक फोकस कर रही है और इस साल की शुरुआत में, Microsoft CEO सत्य नडेला ने साफ किया था कि किस तरह लगभग सभी कोड का 20-30 फीसदी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा तैयार किया गया था. इस बीच हाल ही सामने आया था कि माइक्रोसॉफ्ट के कुछ सेक्शन में अब AI के इस्तेमाल को अनिवार्य बना दिया गया है और इसे सीधे तौर पर उस सेक्शन में काम करने वाले कर्मचारियों की परफॉर्मेंस समीक्षा से जोड़ा गया है.  साल-दर-साल तेज हो रही छंटनी दुनिया भर में माइक्रोसॉफ्ट के साथ करीब 2,28,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं और छंटनी की बात करें, तो ये साल-दर-साल बढ़ती जा रही है. इस साल की बात करें, तो मई 2025 में, Microsoft ने लगभग 6,000 नौकरियों में कटौती की थी और जून में 300 कर्मचारी निकाले थे. इससे पहले जनवरी महीने में कंपनी ने अपने कर्मचारियों के 1% की प्रदर्शन-आधारित कटौती की घोषणा की थी. कंपनी में सबसे बड़ी छंटनी साल 2023 में देखने को मिली थी, जब 10,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया था.  हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट में सबसे बड़ी छंटनी साल 2014 में की गई थी, जबकि कंपनी ने अपने ग्लोबल वर्कफोर्स में से 18000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था. ये छंटनी कंपनी द्लारा Nokia के डिवाइस और सर्विस बिजनेस के अधिग्रहण के बाद की थी.  क्या बोले माइक्रोसॉफ्ट के प्रवक्ता?  एएफपी की रिपोर्ट की मानें तो माइक्रोसॉफ्ट के प्रवक्ता की ओर से बताया गया है कि कंपनी में आवश्यक संगठनात्मक परिवर्तनों को लागू करना जारी है और इस तरह के कदम उसके नियमित कार्यबल मूल्यांकन का हिस्सा हैं. Microsoft प्रवक्ता के मुताबिक, सबसे अच्छे समय में भी, हमने व्यवसाय की रणनीतिक मांगों को पूरा करने के लिए अपने कार्यबल को नियमित रूप से समायोजित किया है. माइक्रोसॉफ्ट अकेली ऐसी कंपनी नहीं है जो इस तरह के फैसले ले रही है। अमेरिका में कई बड़ी कंपनियों ने आर्थिक अनिश्चितता और संचालन लागत में कटौती के चलते 2025 में छंटनियों का सिलसिला तेज किया है। कंपनियां अपनी संरचना को दुबारा व्यवस्थित कर अधिक कुशल बनने की कोशिश कर रही हैं।