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UK के साथ मुक्त व्यापार समझौता प्रदेश के उद्योग और निर्यात को देगा नया आयाम: डॉ. यादव

UK के साथ मुक्त व्यापार समझौता प्रदेश के उद्योग और निर्यात को देगा नया आयाम: डॉ. यादव मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एफटीए के लिए प्रधानमंत्री मोदी का किया अभिनंदन भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारत और यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते यानि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट-FTA की उल्लेखनीय उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हार्दिक अभिनंदन किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गरीब, किसान, युवाओं के साथ-साथ समूचा भारत गौरवान्वित हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर जो करार किया है, यह न केवल उद्योग, व्यापार और रोजगार की दृष्टि से, बल्कि वैश्विक संबंधों की दृष्टि से भी भारत को नई ऊंचाईयों पर लेकर जाएगा। भारत सरकार के "मेक इन इंडिया" और "वोकल फॉर लोकल" जैसे अभियानों से वैश्विक स्तर पर मिला विस्तार देश की बढ़ती प्रतिष्ठा का अतुलनीय उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हम सभी को एफटीए के स्वर्णिम अवसर का लाभ उठाते हुए आगे बढ़ने का संकल्प लेना चाहिए। मध्यप्रदेश को भी भविष्य में ब्रिटेन के साथ हुए इस मुक्त व्यापार समझौते का भरपूर लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि नये मुक्त व्यापार समझौते से मध्यप्रदेश को कृषि सेक्टर, टेक्सटाइल, फार्मास्यूटिकल्स, सर्विस सेक्टर, एविएशन सेक्टर, लेदर इंडस्ट्री, प्लास्टिक एवं इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर सहित मैन्युफैक्चरिंग एवं इंडस्ट्रियल ग्रोथ में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शुक्रवार को मीडिया को जारी संदेश में यह विचार व्यक्त किए।  

नशा मुक्ति अभियान को मिला मुख्यमंत्री डॉ. यादव का समर्थन, संकल्प पत्र पर किए हस्ताक्षर

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नशे से दूरी है जरूरी अभियान के संकल्प पत्र पर किए हस्ताक्षर समाज को नशा और अपराध मुक्त बनाने के लिए प्रदेश पुलिस चला रही है जागरुकता अभियान-मुख्यमंत्री डॉ. यादव नशा मुक्ति अभियान को मिला मुख्यमंत्री डॉ. यादव का समर्थन, संकल्प पत्र पर किए हस्ताक्षर 30 जुलाई तक जारी रहेगा अभियान अभियान समाज और पुलिस की सहभागिता का सशक्त प्रयास भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि 'नशे से दूरी है जरूरी' अभियान केवल अभियान नहीं, मादक पदार्थों की लत से युवाओं को बचाने की दिशा में समाज और पुलिस की सहभागिता का सशक्त प्रयास है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश को नशामुक्त बनाने के उद्देश्य से संचालित वृहद जन-जागरूकता अभियान "नशे से दूरी-है जरूरी" के अंतर्गत भारतीय वन प्रबंधन संस्थान में संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर किए। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में यह अभियान 15 से 30 जुलाई 2025 तक प्रदेश के सभी जिलों में पुलिस मुख्यालय के नारकोटिक्स विंग द्वारा संचालित किया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य किशोरों और युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराना, उन्हें इस लत से दूर रखना और जो लोग पहले से नशे की गिरफ्त में हैं, उन्हें उचित परामर्श और सहयोग प्रदान कर पुनर्वास की दिशा में मार्गदर्शन देना है। पुलिस के नशा मुक्ति अभियान से जुड़ीं स्वयंसेवी संस्थाएं नशा मुक्ति अभियान में प्रदेश के विभिन्न जिलों में पुलिस अधिकारी, नगर एवं ग्राम रक्षा समितियां और कम्युनिटी पुलिसिंग के सभी विंग साथ मिलकर स्कूल, कॉलेज के युवाओं और आमजनों को नशे से दूरी बनाने के लिए जागरुक करेंगी। स्वयंसेवी संस्थाओं को भी प्रदेश स्तरीय महाअभियान से जोड़ा जा रहा है ताकि जनता में विशेषकर युवाओं में जागृति आए कि नशा किस प्रकार से उनके स्वास्थ्य एवं सामाजिक प्रतिष्ठा को खत्म कर प्रगति को बाधित कर रहा है। पुलिस का यह कार्य जन-जागरुकता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि समुदाय को कानून, असुरक्षा, गलत नीतियों के बारे में जानकारी देना आवश्यक है, ताकि प्रदेशवासी नशा और अपराध मुक्त वातावरण में एक बेहतर जीवन जी सकें। जागरूकता, संवाद, सहयोग और सुरक्षा है अभियान का मूलमंत्र नशे के विरुद्ध समुदाय आधारित जन-जागरुकता अभियान में विभिन्न शासकीय विभाग, गैर-सरकारी संगठन (NGO), धर्माचार्य, समाजसेवी, जनप्रतिनिधि, सभी समुदायों के लोग बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। मध्यप्रदेश पुलिस गली-गली में जाकर आम जनता से संवाद कर रही है कि कैसे वे नशे से मुक्त रहें और युवा पीढ़ी नशे से दूरी बनाकर अपना भविष्य सुरक्षित करे। यह अभियान स्कूलों, कॉलेजों, सार्वजनिक स्थलों और डिजिटल माध्यमों के ज़रिए जन-जागृति फैलाने में सहायक सिद्ध होगा। जागरूकता, संवाद, सहयोग और सुरक्षा अभियान का मूलमंत्र है।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योगपतियों से किया संवाद, युवा उद्योगपतियों को वितरित किए भूमि आवंटन आशय-पत्र

मध्यप्रदेश को औद्योगिक और रोजगार संपन्न राज्य बनाएंगे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री ने किया 6 औद्योगिक इकाइयों का भूमिपूजन अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में शीघ्र प्रारंभ होगी पुलिस चौकी, महिला अधिकारी भी होंगी पदस्थ 15 करोड़ 61 लाख लागत के विस्तारित अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र का हुआ भूमि-पूजन युवा उद्योगपतियों को वितरित किए भूमि आवंटन आशय-पत्र मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योगपतियों से किया संवाद भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारे उद्योग और कारखाने मंदिरों की तरह हैं, जो लोगों के कष्ट मिटाते हैं। मध्यप्रदेश में उद्योगों का निरंतर जाल फैलाया जा रहा है। प्रदेश के युवाओं को पलायन की आवश्यकता नहीं है, नए उद्योग शुरू होने से प्रदश में तेजी से समृद्धि आएगी। युवाओं को रोजगारपरक उद्योगों में प्रोत्साहन देते हुए 5 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी। मध्यप्रदेश को औद्योगिक और रोजगार संपन्न राज्य बनाएंगे और मध्यप्रदेश देश का नंबर एक राज्य होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरूवार को भोपाल के निकट अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में 416 करोड़ रूपये निवेश वाली 6 नवीन औद्योगिक इकाईयों के भूमि-पूजन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अचारपुरा विशेष औद्योगिक केन्द्र के रूप में उभरेगा। उन्होंने अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र एक्सटेंशन फेज-3 (ग्राम हज्जामपुर) का शिलान्यास भी किया, जो 31.21 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में दुनिया के बड़े-बड़े उद्योगपति उद्योग लगाने के लिए आ रहे हैं। अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में आज हर पीढ़ी के उद्यमी हैं। जहां गोकलदास एक्सपोर्टस प्रा.लि. के प्रभात सिंह उपस्थित हैं वहीं सिनाई हेल्थकेयर के युवा आदित्य शर्मा और एसेड्स प्राइवेट लिमिडेट के रौनक चौधरी की उपस्थिति प्रसन्नता प्रदान कर रही है। अचारपुरा की तस्वीर बदल गई है। सावन का समय है और यहां उद्योगों की वर्षा हो रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश सहित देशभर में उद्योग-व्यापार का वातावरण बना है। मध्यप्रदेश में उद्योग प्रारंभ करने के लिए छोटे-बड़े उम्र की कोई सीमा नहीं है और सरकार के द्वार सभी के लिए खुले हैं। उन्होंने कहा कि खुशी का विषय है कि अचारपुरा की फैक्ट्रियों में ऐसी जैकेट बनाई जा रही हैं जो अमेरिका और अन्य देशों में निर्यात होती हैं। मध्यप्रदेश की प्रतिभाएं इन उत्पादों को तैयार कर विश्व में पहुंचा रही हैं। चीन जैसा देश हमारे कॉटन को बेच रहा है। मध्यप्रदेश की कपास की गुणवत्ता विश्व विख्यात है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मेहनत के मंदिर हमारे कारखाने इस बात के प्रतीक हैं कि वे सभी की तकलीफें दूर करते हैं। उद्योगपतियों की पूंजी और युवाओं का परिश्रम मिलकर अच्छा परिणाम देता है। राज्य सरकार ने देश के अलग-अलग शहरों में उद्योगों की स्थापना के लिए रोड शो आयोजित कर निवेशकों को आकर्षित किया है। राज्य सरकार भारत ही नहीं यूके, दुबई, स्पेन, जर्मनी, जापान सहित अनेक देशों से निवेश लेकर आई हैं।   मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अर्थव्यवस्था के मामले में भारत का नंबर दुनिया में वर्ष 2014 में 15वें स्थान पर था, अब भारत तीसरे स्थान की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्र में संपन्नता लाने का कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में 20 वर्ष पूर्व प्रति व्यक्ति आय 11 हजार रुपए थी, जो अब 1 लाख 52 हजार रुपए हो गई है। प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ाकर 55 लाख हेक्टेयर है जिसे बढ़ाकर 100 लाख हेक्टेयर करेंगे। प्रदेश की सभी पात्र लाड़ली बहनों को दीपावली के बाद 1500 रुपए की राशि हर माह दी जाएगी। सावन का महीना है, बहनों को शगुन की राशि भी देंगे। लाड़ली बहनों की राशि साल दर साल बढ़ाएंगे और इसे वर्ष 2028 तक बढ़ाकर 3000 रुपए तक ले जाएंगे। 6 नई औद्योगिक इकाईयों का किया भूमि-पूजन मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा नए उद्योगों के भूमि-पूजन के साथ-साथ युवा उद्यमियों को भूमि-आवंटन के आशय पत्र भी बांटे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यहां 6 नई औद्योगिक इकाईयों ऐसेड्स प्राइवेट लिमिटेड, सिनाई हेल्थ केयर, गोकुलदास एक्सपोर्ट, इंडो एकॉर्ड अपरल्स, थिंक गैस एवं समर्थ अग्रीटेक का रिमोट दबाकर भूमि-पूजन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर अचारपुरा में पुलिस चौकी काम करना शुरू कर देगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में उपस्थित आईजी (पुलिस) को इस चौकी पर महिला पुलिसकर्मियों को तैनात करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अचारपुरा में गोकलदास गारमेंट इकाई का भ्रमण किया। उन्होंने यहां कार्य करने वाली बहनों से बातचीत की और उनका उत्साहवर्धन किया। एमएसएमई और भोपाल जिले के प्रभारी मंत्री चेतन्य कुमार काश्यप ने कहा है मुख्यमंत्री डॉ. यादव के कुशल नेतृत्व में यह परिवर्तन हुआ है।रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं। अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है। गोकलदास एक्सपोर्टस प्रा.लि. में क्षेत्र की लगभग 2500 महिलाएँ दक्षता से कार्य कर रही हैं।मध्यप्रदेश के युवा उद्योगपति बनकर यहीं उद्योग स्थापित कर रहे हैं।मुख्यमंत्री डॉ. यादव हाल ही दुबई एवं स्पेन की यात्रा से आए हैं।वे निरंतर उद्योगपतियों से संवाद कर रहे हैं जिससे औद्योगिक परिदृश्य बदला है एवं मध्यप्रदेश का स्थान विश्व में ऊँचा उठ रहा है।प्रदेश में सम्पूर्ण विकास की अवधारणा बनी है। कृषि एवं औद्योगिक विकास के साथ रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।प्रदेश में उद्योगपतियों की आवश्यकताओं के आधार पर औद्योगिक नीतियां बनाई गई हैं एवं निरंतर उद्योगपतियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यही कारण है कि आज नवीन औद्योगिक इकाइयों का भूमिपूजन हो रहा है और अनेक निवेशकों को उद्योग के लिए भूमि आवंटन के आशय-पत्र दिए गए हैं। बैरसिया विधायक विष्णु खत्री ने कहा कि अचारपुरा और आसपास का क्षेत्र औद्योगिक गतिविधियों का सक्रिय केंद्र बनना मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सतत प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने बताया कि MSME क्षेत्र के अंतर्गत 280 हेक्टेयर में औद्योगिक विकास की योजना से बैरसिया का हर घर किसी न किसी रूप में औद्योगिक विकास से जुड़ेगा। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र अब राज्य का एक सक्रिय और आदर्श औद्योगिक केंद्र बन चुका है। उन्होंने बताया कि 100 से अधिक औद्योगिक इकाइयों की … Read more

निगम ने जंगल के साथ लोगों की जिन्दगी भी संवारी, प्रदेश में ईको टूरिज्म गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा-CM

वन विकास निगम ने वन सम्पदा को पुनर्स्थापित किया : मुख्यमंत्री डॉ. यादव 3 लाख 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वनों का पुर्नवास बड़ी उपलब्धि निगम ने जंगल के साथ लोगों की जिन्दगी भी संवारी प्रदेश में ईको टूरिज्म गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट कार्य के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों को किया सम्मानित वन‍विकास निगम के विजन डाक्यूमेंट-2047 का किया अनावरण जू (चिड़ियाघर) तथा वन्य जीवों के रेस्क्यू सेंटर स्थापित होंगे वन क्षेत्र की सुरक्षा और बेहतर प्रबंधन के लिए वन सेवा के अधिकारी-कर्मचारियों का योगदान सराहनीय मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य वन विकास निगम की स्थापना के 50वें वर्ष के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय कार्यशाला का किया शुभारंभ भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में खनन गतिविधियों और बिजली उत्पादन की प्रक्रिया में बने राख के पहाड़ों पर वनों को विकसित करने की चुनौती स्वीकार कर मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम ने वन सम्पदा को पुनर्स्थापित किया है। प्रदेश के तीन लाख 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वनों का पुनर्वास करना बड़ी उपलब्धि है। वन विकास निगम इस उपलब्धि के लिए बधाई का पात्र है। यह गर्व का विषय है कि अन्य राज्य भी निगम की इस विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए उत्सुक हैं। प्रदेश में अद्यतन तकनीक के माध्यम से वनों का उचित प्रबंधन किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि प्रदेश वन सम्पदा में देश में सर्वश्रेष्ठ है। राज्य सरकार वनों और वन उपज के साथ वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में भी हरसंभव प्रयास कर रही है। प्रदेश के सघन वन क्षेत्र की सुरक्षा और बेहतर प्रबंधन के लिए वन सेवा के अधिकारी-कर्मचारी प्रशंसा के पात्र हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को राज्य वन विकास निगम की स्थापना के 50वें वर्ष के उपलक्ष्य में भारतीय वन प्रबंधन संस्थान में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में सभी दिशाओं में क्षमता विकास और प्रगति के अवसर उपलब्ध हैं। इसी का परिणाम है कि प्रदेश में वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में विशेष पहल की जा रही है। राज्य सरकार जू (चिड़ियाघर) तथा वन्य जीवों का रेस्क्यू सेंटर स्थापित करने की दिशा में भी कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य वन विकास निगम द्वारा विकसित वनों के प्रबंधन और आगामी कार्ययोजना के बारे में विचार मंथन की आवश्यकता है। अब तक किए गए कार्यों का सिंहावलोकन करते हुए राज्य सरकार वन विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में विशेष नवाचार और पहल करने के लिए तत्पर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वन विकास निगम के केन्द्रों में ईको टूरिज्म की गतिविधियां संचालित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान का जोधपुर आम और बबूल की लकड़ी के आधार पर फर्नीचर के बड़े केन्द्र के रूप में स्थापित हुआ है। प्रदेश में उपलब्ध सागौन और अन्य श्रेष्ठ काष्ठ के उपयोग से मध्यप्रदेश भी इस प्रकार की पहल कर सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि मध्यप्रदेश नदियों का मायका है। प्रदेश के वन, देश की कई प्रमुख नदियों को जलराशि से समृद्ध बनाते हैं। प्रदेश के विशाल भू-क्षेत्र में फैली वन आधारित जीवनशैली हमें प्रकृति के साथ जीवन जीने का अवसर प्रदान करती है। देश में सर्वाधिक बाघ मध्यप्रदेश में हैं। चंबल क्षेत्र में घड़ियाल भी वन्यजीव पर्यटन की शोभा बढ़ा रहे हैं। वन विभाग ने विलुप्तप्राय गिद्धों का संरक्षण करते हुए प्रदेश में गिद्धों को नया जीवन प्रदान किया है। सर्पदंश से होने वाली मौतों को कम करने के लिए राज्य सरकार योजनाओं पर कार्य कर रही है। प्रदेश में सर्प गणना की तैयारी हो रही है। मध्यप्रदेश ऐसा क्षेत्र हैं, जहां टाइगर और मनुष्य सहचर्य की भावना से साथ-साथ रहते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने वन विकास निगम के उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों का सम्मान किया। इनमें सर्वआर.के. नामदेव, आर.एस. नेगी, रतन पुरवार, पी.सी. ताम्रकार तथा भगवंतराव बोहरपी को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निगम के स्वर्ण जयंती वर्ष पर वन विकास की आगामी कार्ययोजना पर केन्द्रित विजन-2047 का अनावरण किया। इस अवसर पर वन विकास निगम द्वारा संचालित गतिविधियों और उसकी विकास यात्रा पर केन्द्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का भारतीय वन प्रबंधन संस्थान के संचालक के.रविचंद्रन ने अंगवस्त्रम और भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा भेंटकर अभिवादन किया। वन राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि वन विकास निगम, स्थानीय लोगों को जोड़ते हुए वन संरक्षण की गतिविधियां संचालित कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश में अनेक नवाचार क्रियान्वित हो रहे हैं। इसके अंतर्गत प्रदेश को वन संपदा से समृद्ध करने के लिए 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान शुरू किया गया। प्रदेश में जल संरक्षण के लिए जल-गंगा संवर्धन अभियान चलाया गया। इसके अंतर्गत प्रदेश में अनेकों कुए, बावड़ी, तालाब और जलस्त्रोतों का जीर्णोद्धार किया गया। जल-गंगा संवर्धन अभियान भूजल स्तर सुधार के क्षेत्र में एक बड़ी पहल है। राज्य वन विकास निगम की भूमिका सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है। अपर मुख्य सचिव वन अशोक वर्णबाल ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि आयोग की अनुशंसा पर 1975 में स्थापित राज्य वन विकास निगम अपनी स्थापना से लेकर अब तक निरंतर लाभ में ही रहा है। पर्यावरणीय आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध निगम की गतिविधियों से जंगल के साथ-साथ लोगों की जिन्दगी भी संवर रही है। निगम का 50वां स्थापना दिवस मनाना हम सभी के लिए गौरव का क्षण है। वन विकास निगम के सहयोग से 3 लाख 90 हजार हेक्टेयर जंगलों का विकास और ट्रीटमेंट किया गया। इस उपलब्धि में निगम के अधिकारी और कर्मचारियों का योगदान महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम में वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, वन तथा वानिकी के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं के प्रतिनिधि और भारतीय वन प्रबंधन संस्थान के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

रायसेन में रेल कोच निर्माण की नींव रखेंगे राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री से बीईएमएल के अधिकारियों ने की भेंट

रक्षा मंत्री सिंह रायसेन में करेंगे रेल कोच निर्माण इकाई का भूमिपूजन रायसेन को मिलेगी बड़ी सौगात: रक्षा मंत्री करेंगे रेल कोच फैक्ट्री का भूमिपूजन रायसेन में रेल कोच निर्माण की नींव रखेंगे राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री से बीईएमएल के अधिकारियों ने की भेंट भोपाल केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आगामी 10 अगस्त को रायसेन में 1800 करोड़ रूपए के निवेश से प्रारंभ होने वाली रेल कोच निर्माण इकाई का शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में मेसर्स बीईएमएल लिमिटेड बैंगलुरु के चेयरमेन, मैनेजिंग डायरेक्टर शांतनु रॉय, निदेशक रेल एवं मेट्रो राजीव गुप्ता, महाप्रबंधक बीईएमएल चंद्रशेखर और ईडी ओ.पी. सिंह ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को जानकारी दी गई कि बीईएमएल द्वारा औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, रायसेन जिला प्रशासन और संबंधित एजेंसियों के साथ सम्पर्क कर रायसेन जिले की गौहरगंज तहसील के ग्राम उमरिया में अत्याधुनिक रेल कोच फैक्ट्री के शिलान्यास की आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। इस इकाई के फलस्वरूप 1575 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होगा। इकाई को आवंटित शासकीय भूमि को रेल लाइन से जोड़ने के लिए अधिग्रहण की कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बीईएमएल के पदाधिकारियों को मध्यप्रदेश में विभिन्न सेक्टर्स में आ रहे निवेश की जानकारी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रायसेनजिले में रेल कोच निर्माण इकाई प्रारंभ होने से स्थानीय युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन आयेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव से भेंट के दौरान प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेन्द्र कुमार सिंह भी उपस्थित थे।  

गौरवशाली भारतीय नायकों की गाथा नाटक से पहुंचेगी नई पीढ़ी तक : मुख्यमंत्री

भारतीय नायकों के गौरवशाली इतिहास से युवाओं को परिचित कराने का नाटक सशक्त माध्यम : मुख्यमंत्री डॉ. यादव युवाओं को इतिहास से जोड़ेगा नाटक: डॉ. यादव ने बताया सांस्कृतिक माध्यम का महत्व गौरवशाली भारतीय नायकों की गाथा नाटक से पहुंचेगी नई पीढ़ी तक : मुख्यमंत्री नाटक बनेगा प्रेरणा का मंच, युवाओं में भरेगा राष्ट्रभक्ति : डॉ. यादव का संदेश 6 दिवसीय हरिहर राष्ट्रीय नाट्य समारोह का किया शुभारंभ भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि वास्तव में नाटक कला अनूठी है। नाटकों के माध्यम से भारतीय इतिहास के गौरवशाली व्यक्तित्वों की जानकारी वर्तमान पीढ़ी को प्राप्त होती है। मुख्यमंत्री ने संस्कृति विभाग की संस्था मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय के सहयोग से रवीन्द्र भवन में आयोजित छह दिवसीय हरिहर राष्ट्रीय नाट्य समारोह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर, मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष रामकृष्ण कुसमरिया, पूर्व राज्यसभा सदस्य रघुनंदन शर्मा, प्रमुख सचिव संस्कृति शिवशेखर शुक्ला, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी, फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य सुवाणी त्रिपाठी और अन्य अतिथि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह संयोग है कि वे हरिहर की नगरी से आते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की चौदह विद्याओं और चौसठ कलाओं में नाट्य शास्त्र के सभी आयाम शामिल हैं। उज्जैन ऐसी नगरी है, जहां भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा हुई साथ ही महाकाल की नगरी होने का आशीर्वाद भी इसे मिला है। उज्जैन में श्रावण माह, कार्तिक माह और अन्य अवसरों पर होने वाले आयोजन अनूठे होते हैं। हमारे इतिहास में जहां राष्ट्र के दुर्बल होने के निराशाजनक उदाहरण देखने को मिलते हैं, वहीं हमारे समर्थ होने के भी प्रमाण मिलते हैं। विदेशी आक्रांताओं ने आराध्य स्थलों को नष्ट करने और प्रतिमाएं अन्य देशों में ले जाने का कृत्य किया, लेकिन यह भी सत्य है कि हमारे पराक्रमी और राष्ट्रप्रेमी शासकों ने उन प्रतीकों को पुन: स्वदेश लाने का कार्य भी किया। नाटक कला अनूठी है मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वे स्वयं विद्यालयीन और महाविद्यालयीन स्तर से नाटकों के मंचन से जुड़े रहे हैं। उन्हें अनेक वर्ष पूर्व महानाट्य जाणताराजा देखने का सौभाग्य मिला, जो शिवाजी महाराज के साहसिक जीवन पर केन्द्रित था। बाद में इस तर्ज पर सम्राट विक्रमादित्य के जीवन को मंच पर लाने में सफलता मिली। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सम्राट विक्रमादित्य के जीवन के विविध  पक्षों का उल्लेख करते हुए बताया कि शिवाजी महाराज की तरह सम्राट विक्रमादित्य सुशासन और शौर्य के प्रतीक थे। उनके राज्य का काफी विस्तार हुआ। उन्होंने अपने भूभाग के समस्त नागरिकों का ऋण समाप्त करने का ऐतिहासिक कार्य किया और विक्रम संवत् के प्रर्वतन की दिशा में आगे बढ़े। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संस्कृति विभाग को छह दिवसीय नाट्य समारोह के आयोजन के लिए बधाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीर भारत न्यास द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'लोक में मणिधर-बघेश्वर' और नाट्य समारोह की स्मारिका का विमोचन किया। प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने हरिहर राष्ट्रीय नाट्य समारोह में प्रस्तुत होने वाले नाटकों और भरतमुनि राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रस्तुत होने वाले शोध पत्रों की जानकारी दी। अतिथियों का स्वागत संस्कृति संचालक एन.पी. नामदेव ने किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी सहित विभिन्न सांस्कृतिक संस्थाओं के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कलाप्रेमी उपस्थित थे।  

गौरवशाली भारतीय नायकों की गाथा नाटक से पहुंचेगी नई पीढ़ी तक : मुख्यमंत्री

भारतीय नायकों के गौरवशाली इतिहास से युवाओं को परिचित कराने का नाटक सशक्त माध्यम : मुख्यमंत्री डॉ. यादव युवाओं को इतिहास से जोड़ेगा नाटक: डॉ. यादव ने बताया सांस्कृतिक माध्यम का महत्व गौरवशाली भारतीय नायकों की गाथा नाटक से पहुंचेगी नई पीढ़ी तक : मुख्यमंत्री नाटक बनेगा प्रेरणा का मंच, युवाओं में भरेगा राष्ट्रभक्ति : डॉ. यादव का संदेश 6 दिवसीय हरिहर राष्ट्रीय नाट्य समारोह का किया शुभारंभ भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि वास्तव में नाटक कला अनूठी है। नाटकों के माध्यम से भारतीय इतिहास के गौरवशाली व्यक्तित्वों की जानकारी वर्तमान पीढ़ी को प्राप्त होती है। मुख्यमंत्री ने संस्कृति विभाग की संस्था मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय के सहयोग से रवीन्द्र भवन में आयोजित छह दिवसीय हरिहर राष्ट्रीय नाट्य समारोह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर, मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष रामकृष्ण कुसमरिया, पूर्व राज्यसभा सदस्य रघुनंदन शर्मा, प्रमुख सचिव संस्कृति शिवशेखर शुक्ला, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी, फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य सुवाणी त्रिपाठी और अन्य अतिथि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह संयोग है कि वे हरिहर की नगरी से आते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की चौदह विद्याओं और चौसठ कलाओं में नाट्य शास्त्र के सभी आयाम शामिल हैं। उज्जैन ऐसी नगरी है, जहां भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा हुई साथ ही महाकाल की नगरी होने का आशीर्वाद भी इसे मिला है। उज्जैन में श्रावण माह, कार्तिक माह और अन्य अवसरों पर होने वाले आयोजन अनूठे होते हैं। हमारे इतिहास में जहां राष्ट्र के दुर्बल होने के निराशाजनक उदाहरण देखने को मिलते हैं, वहीं हमारे समर्थ होने के भी प्रमाण मिलते हैं। विदेशी आक्रांताओं ने आराध्य स्थलों को नष्ट करने और प्रतिमाएं अन्य देशों में ले जाने का कृत्य किया, लेकिन यह भी सत्य है कि हमारे पराक्रमी और राष्ट्रप्रेमी शासकों ने उन प्रतीकों को पुन: स्वदेश लाने का कार्य भी किया। नाटक कला अनूठी है मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वे स्वयं विद्यालयीन और महाविद्यालयीन स्तर से नाटकों के मंचन से जुड़े रहे हैं। उन्हें अनेक वर्ष पूर्व महानाट्य जाणताराजा देखने का सौभाग्य मिला, जो शिवाजी महाराज के साहसिक जीवन पर केन्द्रित था। बाद में इस तर्ज पर सम्राट विक्रमादित्य के जीवन को मंच पर लाने में सफलता मिली। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सम्राट विक्रमादित्य के जीवन के विविध  पक्षों का उल्लेख करते हुए बताया कि शिवाजी महाराज की तरह सम्राट विक्रमादित्य सुशासन और शौर्य के प्रतीक थे। उनके राज्य का काफी विस्तार हुआ। उन्होंने अपने भूभाग के समस्त नागरिकों का ऋण समाप्त करने का ऐतिहासिक कार्य किया और विक्रम संवत् के प्रर्वतन की दिशा में आगे बढ़े। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संस्कृति विभाग को छह दिवसीय नाट्य समारोह के आयोजन के लिए बधाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीर भारत न्यास द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'लोक में मणिधर-बघेश्वर' और नाट्य समारोह की स्मारिका का विमोचन किया। प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने हरिहर राष्ट्रीय नाट्य समारोह में प्रस्तुत होने वाले नाटकों और भरतमुनि राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रस्तुत होने वाले शोध पत्रों की जानकारी दी। अतिथियों का स्वागत संस्कृति संचालक एन.पी. नामदेव ने किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी सहित विभिन्न सांस्कृतिक संस्थाओं के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कलाप्रेमी उपस्थित थे।  

स्वास्थ्य सेवाओं में नई उपलब्धि: सीएम डॉ. यादव करेंगे भोपाल में अत्याधुनिक सीटी स्कैन और एमआरआई का लोकार्पण

मुख्यमंत्री डॉ. यादव भोपाल में अत्याधुनिक सी.टी. स्कैन एवं एम.आर.आई. सेवाओं का करेंगे लोकार्पण भोपाल को मिलेगी नई स्वास्थ्य सुविधा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव करेंगे आधुनिक सीटी स्कैन व एमआरआई सेवा का शुभारंभ स्वास्थ्य सेवाओं में नई उपलब्धि: सीएम डॉ. यादव करेंगे भोपाल में अत्याधुनिक सीटी स्कैन और एमआरआई का लोकार्पण मशीनें फास्ट स्क्रीनिंग में सक्षम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित शोध भी किया जा सकेगा भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार प्रदेशवासियों को आधुनिक, सुलभ और सर्वसमावेशी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है। चिकित्सा शिक्षा एवं जनस्वास्थ्य सेवाओं को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित कर सर्वसुलभ और अधिक सक्षम बनाने की दिशा में सरकार सतत कार्य कर रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल में अत्याधुनिक तकनीकी से युक्त सी.टी. स्कैन मशीन (80 रो डिटेक्टर एक्वारिंग – 128 स्लाइस) तथा एम.आर.आई. मशीन (1.5 टेसला) का 25 जुलाई को लोकार्पण करेंगे। उल्लेखनीय है कि यह सुविधा प्रदेश के समस्त शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में सर्वप्रथम भोपाल में प्रारंभ की गई है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल और लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल की गरिमामयी उपस्थिति भी रहेगी। चिकित्सा छात्रों को बेहतर शिक्षा और शोध कार्यों को मिलेगी गति इन आधुनिकतम मशीनों से आयुष्मान भारत योजना एवं अन्य शासकीय योजनाओं के अंतर्गत आने वाले मरीजों को निःशुल्क सी.टी. स्कैन एवं एम.आर.आई. जाँच की सुविधा प्रदान की जाएगी। इससे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता एवं पहुंच को और अधिक मजबूती प्राप्त होगी। इन मशीनों की स्थापना से चिकित्सा छात्रों यू.जी., पी.जी. एवं पैरामेडिकल को बेहतर शैक्षणिक अवसर मिलेंगे, साथ ही शोध कार्यों को भी गति मिलेगी। साथ ही, प्रदेश की जनता को उच्च गुणवत्ता की वे जाँच सुविधाएं अब भोपाल में ही मिल सकेंगी। इसके लिए पूर्व में अन्य राज्यों में जाना पड़ता था। मशीनों के संचालन हेतु प्रशिक्षित तकनीकी स्टाफ की उपलब्धता भी शासन द्वारा सुनिश्चित की गई है। इन मशीनों में हाई-क्वालिटी कार्डियक पैकेजेस शामिल हैं, जिनसे हृदय रोगों की उन्नत और सटीक जाँच संभव है। एम.आर.आई. मशीन में डेडीकेटेड ब्रेस्ट कॉइल्स सहित उच्च गुणवत्ता की सभी आवश्यक कॉइल्स प्रदाय की गई हैं, जिससे स्तन कैंसर की गहन जांच सरलता से की जा सकेगी। सी.टी. स्कैन मशीन वॉल्यूमेट्री, फ्यूजन एवं परफ्यूजन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित है, जिससे तीव्र एवं गहन जांच संभव है। ये मशीनें फास्ट स्क्रीनिंग में सक्षम हैं और इन पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित शोध भी किया जा सकता है।  

प्रदेश में ईको टूरिज्म गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

वन विकास निगम ने वन सम्पदा को पुनर्स्थापित किया : मुख्यमंत्री डॉ. यादव 3 लाख 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वनों का पुर्नवास बड़ी उपलब्धि निगम ने जंगल के साथ लोगों की जिन्दगी भी संवारी प्रदेश में ईको टूरिज्म गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट कार्य के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों को किया सम्मानित वन‍विकास निगम के विजन डाक्यूमेंट-2047 का किया अनावरण जू (चिड़ियाघर) तथा वन्य जीवों के रेस्क्यू सेंटर स्थापित होंगे वन क्षेत्र की सुरक्षा और बेहतर प्रबंधन के लिए वन सेवा के अधिकारी-कर्मचारियों का योगदान सराहनीय मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य वन विकास निगम की स्थापना के 50वें वर्ष के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय कार्यशाला का किया शुभारंभ भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में खनन गतिविधियों और बिजली उत्पादन की प्रक्रिया में बने राख के पहाड़ों पर वनों को विकसित करने की चुनौती स्वीकार कर मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम ने वन सम्पदा को पुनर्स्थापित किया है। प्रदेश के तीन लाख 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वनों का पुनर्वास करना बड़ी उपलब्धि है। वन विकास निगम इस उपलब्धि के लिए बधाई का पात्र है। यह गर्व का विषय है कि अन्य राज्य भी निगम की इस विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए उत्सुक हैं। प्रदेश में अद्यतन तकनीक के माध्यम से वनों का उचित प्रबंधन किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि प्रदेश वन सम्पदा में देश में सर्वश्रेष्ठ है। राज्य सरकार वनों और वन उपज के साथ वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में भी हरसंभव प्रयास कर रही है। प्रदेश के सघन वन क्षेत्र की सुरक्षा और बेहतर प्रबंधन के लिए वन सेवा के अधिकारी-कर्मचारी प्रशंसा के पात्र हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को राज्य वन विकास निगम की स्थापना के 50वें वर्ष के उपलक्ष्य में भारतीय वन प्रबंधन संस्थान में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में सभी दिशाओं में क्षमता विकास और प्रगति के अवसर उपलब्ध हैं। इसी का परिणाम है कि प्रदेश में वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में विशेष पहल की जा रही है। राज्य सरकार जू (चिड़ियाघर) तथा वन्य जीवों का रेस्क्यू सेंटर स्थापित करने की दिशा में भी कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य वन विकास निगम द्वारा विकसित वनों के प्रबंधन और आगामी कार्ययोजना के बारे में विचार मंथन की आवश्यकता है। अब तक किए गए कार्यों का सिंहावलोकन करते हुए राज्य सरकार वन विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में विशेष नवाचार और पहल करने के लिए तत्पर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वन विकास निगम के केन्द्रों में ईको टूरिज्म की गतिविधियां संचालित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान का जोधपुर आम और बबूल की लकड़ी के आधार पर फर्नीचर के बड़े केन्द्र के रूप में स्थापित हुआ है। प्रदेश में उपलब्ध सागौन और अन्य श्रेष्ठ काष्ठ के उपयोग से मध्यप्रदेश भी इस प्रकार की पहल कर सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि मध्यप्रदेश नदियों का मायका है। प्रदेश के वन, देश की कई प्रमुख नदियों को जलराशि से समृद्ध बनाते हैं। प्रदेश के विशाल भू-क्षेत्र में फैली वन आधारित जीवनशैली हमें प्रकृति के साथ जीवन जीने का अवसर प्रदान करती है। देश में सर्वाधिक बाघ मध्यप्रदेश में हैं। चंबल क्षेत्र में घड़ियाल भी वन्यजीव पर्यटन की शोभा बढ़ा रहे हैं। वन विभाग ने विलुप्तप्राय गिद्धों का संरक्षण करते हुए प्रदेश में गिद्धों को नया जीवन प्रदान किया है। सर्पदंश से होने वाली मौतों को कम करने के लिए राज्य सरकार योजनाओं पर कार्य कर रही है। प्रदेश में सर्प गणना की तैयारी हो रही है। मध्यप्रदेश ऐसा क्षेत्र हैं, जहां टाइगर और मनुष्य सहचर्य की भावना से साथ-साथ रहते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने वन विकास निगम के उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों का सम्मान किया। इनमें सर्वआर.के. नामदेव, आर.एस. नेगी, रतन पुरवार, पी.सी. ताम्रकार तथा भगवंतराव बोहरपी को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निगम के स्वर्ण जयंती वर्ष पर वन विकास की आगामी कार्ययोजना पर केन्द्रित विजन-2047 का अनावरण किया। इस अवसर पर वन विकास निगम द्वारा संचालित गतिविधियों और उसकी विकास यात्रा पर केन्द्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का भारतीय वन प्रबंधन संस्थान के संचालक के.रविचंद्रन ने अंगवस्त्रम और भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा भेंटकर अभिवादन किया। वन राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि वन विकास निगम, स्थानीय लोगों को जोड़ते हुए वन संरक्षण की गतिविधियां संचालित कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश में अनेक नवाचार क्रियान्वित हो रहे हैं। इसके अंतर्गत प्रदेश को वन संपदा से समृद्ध करने के लिए 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान शुरू किया गया। प्रदेश में जल संरक्षण के लिए जल-गंगा संवर्धन अभियान चलाया गया। इसके अंतर्गत प्रदेश में अनेकों कुए, बावड़ी, तालाब और जलस्त्रोतों का जीर्णोद्धार किया गया। जल-गंगा संवर्धन अभियान भूजल स्तर सुधार के क्षेत्र में एक बड़ी पहल है। राज्य वन विकास निगम की भूमिका सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है। अपर मुख्य सचिव वन अशोक वर्णबाल ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि आयोग की अनुशंसा पर 1975 में स्थापित राज्य वन विकास निगम अपनी स्थापना से लेकर अब तक निरंतर लाभ में ही रहा है। पर्यावरणीय आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध निगम की गतिविधियों से जंगल के साथ-साथ लोगों की जिन्दगी भी संवर रही है। निगम का 50वां स्थापना दिवस मनाना हम सभी के लिए गौरव का क्षण है। वन विकास निगम के सहयोग से 3 लाख 90 हजार हेक्टेयर जंगलों का विकास और ट्रीटमेंट किया गया। इस उपलब्धि में निगम के अधिकारी और कर्मचारियों का योगदान महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम में वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, वन तथा वानिकी के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं के प्रतिनिधि और भारतीय वन प्रबंधन संस्थान के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।  

औद्योगिक विकास को मिलेगी रफ्तार: अचारपुरा में 5 इकाइयों का भूमि-पूजन आज

मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज अचारपुरा में करेंगे 406 करोड़ रूपये के निवेश की 5 औद्योगिक इकाइयों का भूमि-पूजन अचारपुरा में 406 करोड़ के निवेश को हरी झंडी: मुख्यमंत्री डॉ. यादव करेंगे भूमि-पूजन औद्योगिक विकास को मिलेगी रफ्तार: अचारपुरा में 5 इकाइयों का भूमि-पूजन आज मुख्यमंत्री गारमेंट इकाई का भ्रमण करेंगे भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मध्यप्रदेश को औद्योगिक और रोजगार संपन्न राज्य बनाने की पहल रंग ला रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव 24 जुलाई को भोपाल के अचारपुरा में 406 करोड़ के निवेश वाली 5 औद्योगिक इकाइयों का भूमि-पूजन करेंगे। साथ ही 8 उद्योगों के निवेशकों को भूमि आवंटन के आशय-पत्र भी सौपेंगे। कार्यक्रम की शुरुआत अचारपुरा स्थित गोकलदास एक्सपोर्ट्स की गारमेंट यूनिट के भ्रमण से होगी, जहाँ लगभग 2500 महिलाएँ कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कार्यरत महिला श्रमिकों से संवाद करेंगे और इकाई में हो रहे उत्पादन कार्यों का अवलोकन करेंगे। यह इकाई न केवल औद्योगिक गतिविधियों बल्कि महिला सशक्तिकरण का भी एक सफल उदाहरण बनकर उभरी है। टेक्सटाइल, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को मिलेगा विस्तार मुख्यमंत्री डॉ. यादव टेक्सटाइल, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर से जुड़ी 5 प्रमुख इकाइयों का भूमि -पूजन करेंगे। इसमें इंडो एकॉर्ड अप्पैरल्स द्वारा 125 करोड़ रूपये के निवेश से 500 रोजगार, एसेड्स प्रा. लि. द्वारा 106 करोड़ रूपये के निवेश से 100 रोजगार, सिनाई हेल्थकेयर द्वारा 100 करोड़ रूपये से 200 रोजगार, समर्थ एग्रीटेक द्वारा 50 करोड़ रूपये से 200 रोजगार और गोकलदास एक्सपोर्ट्स द्वारा 25 करोड़ रूपये के निवेश से 500 रोजगार के अवसर सृजित होंगे। ये सभी 5 इकाइयाँ 12.88 हेक्टेयर क्षेत्रफल में स्थापित होगी, जिसमें 406 करोड़ रूपये का निवेश और 1500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। विशेष औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरेगा अचारपुरा मुख्यमंत्री डॉ. यादव अचारपुरा में 31.21 हेक्टेयर भूमि पर विकसित की जा रही नई औद्योगिक परियोजना का भूमि-पूजन भी करेंगे। यह परियोजना लगभग 15.61 करोड़ रूपये से विकसित की जाएगी, जिससे भविष्य में 800 करोड़ रूपये तक के निवेश आकर्षित होने की संभावना है और 1000 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इस क्षेत्र को विशेष रूप से टेक्सटाइल और फार्मा सेक्टर के लिए विकसित किया जा रहा है। 8 नई इकाइयों को सौंपे जाएंगे भूमि आवंटन के आशय-पत्र मुख्यमंत्री डॉ. यादव कार्यक्रम में महालक्ष्मी दाल उद्योग, जियो फिल्टेक, प्रवाह एंटरप्राइजेज, योगी इंडस्ट्रीज, अजमेरा इंडस्ट्रीज, सामवी एंटरप्राइजेज और बैग क्रिएशन इंडिया इकाइयों को औद्योगिक भूखंड आवंटन के आशय पत्र भी सौंपेंगे। ये 8 इकाइयाँ 12494.5 वर्ग मीटर भूमि पर 1770 लाख रूपये का निवेश करेंगी और 186 से अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करेंगी। निवेशकों ने जताया विश्वास, सराहा सरकार का सहयोग गोकलदास एक्सपोर्ट्स के प्रतिनिधि प्रदेश में निवेश के अनुभवों को साझा करेंगे। मध्यप्रदेश की स्थिर नीतियाँ, कुशल श्रमिक बल और समय पर मिल रही सुविधाओं से उन्होंने अचारपुरा में विस्तार का निर्णय लिया है। टेक्सटाइल, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर के अन्य उद्यमी भी प्रदेश सरकार और प्रशासन द्वारा दिए जा रहे सक्रिय सहयोग और नीतियों को साझा करेंगे। निवेश के लिए सुविधाजनक वातावरण, कुशल लॉजिस्टिक्स और 'प्लग एंड प्ले' की सुविधा कार्यक्रम में प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेंद्र कुमार सिंह  अचारपुरा को निवेशकों के लिए उद्योग अनुकूल बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा दी रही सुविधाओं की जानकारी देंगे। सरकार द्वारा निवेशकों को 'प्लग एंड प्ले' मॉडल, तेज़ स्वीकृति प्रक्रियाएँ और बेहतर लॉजिस्टिक्स जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। इन सुविधाओं से औद्योगिक इकाइयों को सुगमता से संचालन का लाभ मिलेगा और क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियाँ तेज़ होंगी।