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त्यौहारी सीजन में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए रात और तड़के किया जा रहा ट्रांसमिशन लाइनों का मेंटेनेंस: मंत्री तोमर

इंदौर मे एमपी ट्रांसको की अभिनव पहल : मंत्री  तोमर त्यौहारी सीजन में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए रात और तड़के किया जा रहा ट्रांसमिशन लाइनों का मेंटेनेंस: मंत्री  तोमर भोपाल  ऊर्जा मंत्री  प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि इंदौर महानगर के विद्युत उपभोक्ताओं को जरूरत के समय विद्युत का व्यवधान न हो, इस उद्देश्य  के साथ मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी इंदौर ने एक अभिनव पहल  की है। त्यौहारी सीजन में ट्रांसमिशन लाइन के मेंटेनेंस दिन के बजाय देर रात या  तड़के किए जा रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं को बिजली व्यवधान का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा है कि इसी तरह के प्रयोग अन्य शहरों में भी किए जाएंगे। सामान्यतः ट्रांसमिशन लाइन में मेंटेनेंस का कार्य दिन के उजाले में ही किया जाता है, लेकिन इंदौर ट्रांसमिशन मेंटेनेंस टीम ने इस परंपरा को बदल दिया है। अब जब शहर सो रहा होता है, तब एमपी ट्रांसको की टीमें फील्ड में सक्रिय होकर ट्रांसमिशन लाइनों की देखरेख कर रही होती  हैं। फ्रंट लाइन मे  महिला अधिकारी एमपी ट्रांसको इंदौर की यह पहल इसलिए भी विशेष है क्योंकि इसका नेतृत्व अतिरिक्त मुख्य अभियंता मती नीलम खन्ना के मार्गदर्शन मे कार्यपालन अभियंता मती नम्रता जैन कर रहीं है। कार्यपालन अभियंता मती नम्रता  जैन  चाहे रात्रि कालीन हो या सुबह तडके, पूरे शटडाउन समय मे फील्ड पर मौजूद रहकर मेंटेनेंस कार्य की स्वयं निगरानी करती हैं। त्यौहारी सीजन में उपभोक्ताओं को राहत देने का प्रयास अतिरिक्त मुख्य अभियंता मती नीलम खन्ना ने बताया कि इंदौर की बिजली व्यवस्था  कुछ इस तरह  है कि यदि ट्रांसमिशन लाइन पर मेंटेनेंस के दौरान शटडाउन लिया जाए, तो उपभोक्ताओं को असुविधा हो सकती है। इस समय त्यौहारी सीजन होने के कारण घरेलू और व्यावसायिक दोनों वर्गों के लिए  निर्बाध बिजली आपूर्ति बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। रेलवे के मेगा ब्लॉक के दौरान भी किया गया सफल कार्य विगत दिवस रेलवे द्वारा दिए गए समय सीमा वाले मेगा ब्लॉक के दौरान  मती  नम्रता जैन की सूझबूझ और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता के कारण एमपी ट्रांसको की टीम ने रात भर काम कर रेलवे क्रॉसिंग पर कंडक्टर बदली के बेहद चुनौतीपूर्ण काम  को न्यूनतम संभव समय मे  पूरा करने का उल्लेखनीय कार्य किया। इसी तरह 132 के व्ही नॉर्थ जोन- चंबल सर्किट एक ट्रांसमिशन  लाइन पर सुबह 4 बजे से शटडाउन लेकर काम किया गया, तो  इसी फीडर के सर्किट नंबर दो पर रात भर ब्रेकडाउन अटेंड किया गया। अंधेरे और ठंड के बावजूद अधिकारी-कर्मचारी पूरी निष्ठा से कार्य में जुटे रहे। एमपी ट्रांसको की यह अनूठी पहल तकनीकी नवाचार के साथ-साथ कार्यसंस्कृति का उत्कृष्ट उदाहरण भी है।  

MP Transco ने व्हाट्सएप को कहा अलविदा, अब स्वदेशी ऐप ‘अराताई’ का सफल प्रयोग

भोपाल “आत्मनिर्भर भारत” की दिशा में कदम बढ़ाते हुए मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) ने भारत में निर्मित स्वदेशी मैसेजिंग ऐप अराताई का प्रयोग शुरू कर दिया है। ज़ोहो कॉर्प द्वारा विकसित यह ऐप विदेशी प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप का सुरक्षित और मजबूत विकल्प माना जा रहा है। एम.पी. ट्रांसको में सबसे पहले शहडोल डिवीजन के कार्यपालन अभियंता चंद्रभान कुशवाहा ने कार्यालयीन संवाद और फाइल शेयरिंग के लिए स्वदेशी अराताई का उपयोग प्रारंभ किया है। उन्होंने बताया कि “अराताई पूरी तरह भारत में विकसित सुरक्षित और विश्वसनीय प्लेटफॉर्म है, जिससे विभागीय संवाद को स्वदेशी तकनीक के माध्यम से सशक्त बनाया जा सकेगा।” इस ऐप में उच्च स्तरीय डेटा सुरक्षा, ग्रुप मैसेजिंग, मल्टी-डिवाइस सपोर्ट और तेज़ फ़ाइल शेयरिंग जैसी सुविधाएं हैं। इसका डेटा भारत के सर्वरों पर सुरक्षित रहता है। श्री कुशवाहा की पहल से शहडोल डिवीजन का संपूर्ण आंतरिक संचार अब अराताई के माध्यम से हो रहा है। एम.पी. ट्रांसको की यह पहल डिजिटल आत्मनिर्भरता और स्वदेशी तकनीकी समाधानों को प्रोत्साहित करने की दिशा में सराहनीय कदम है।  

एम.पी. ट्रांसको के रियल हीरो बने आउटसोर्स कर्मी संजय यादव

जलते ट्रांसफार्मर की आग बुझा कर दिखाया अदम्य साहस भोपाल मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) के जबलपुर में गोरा बाजार स्थित 220 के.वी. सबस्टेशन में बीती रात हुई आग की घटना में आउटसोर्स कर्मी श्री संजय यादव ने अदम्य साहस और जांबाजी का परिचय देते हुए एक बड़ी दुर्घटना को टाल दिया। उनकी त्वरित कार्रवाई से न केवल 160 एम व्ही ए. पावर ट्रांसफार्मर सुरक्षित रहा, बल्कि पूरे यार्ड और शहर की बिजली आपूर्ति को भी खतरे से बचा लिया गया। दरअसल लगभग 10 करोड की लागत से स्थापित 160 एमव्हीए क्षमता वाले पावर ट्रांसफार्मर के टेप चेंजर में तकनीकी खराबी आने से अचानक आग लग गई। इसके पहले की लपटें तेज़ी से उठती और स्थिति गंभीर हो जाती, आउटसोर्स आपरेटर श्री संजय यादव ने सहायक अभियंता श्री चेतन यादव, श्री आर.एस. बैस और हेल्पर श्री अय्यूब खान के मार्गदर्शन मे अग्निशमन यंत्रों की मदद से जलते ट्रांसफार्मर के ऊपर चढ़कर आग पर नियंत्रण पा लिया। उनकी सूझबूझ, साहस और समय पर की गई कार्रवाई से एक बड़ी आपदा टल गई। यदि यह हादसा हो जाता तो शहर की विद्युत व्यवस्था के साथ औद्योगिक क्षेत्र मनेरी प्रभावित तो होता ही अमरकंटक पावर हाउस से आने वाले पावर का प्रबंधन करने की विकट चुनौती खडी हो जाती। एमडी सुनील तिवारी ने किया सम्मानित और पुरस्कृत एम.पी. ट्रांसको के प्रबंध संचालक श्री सुनील तिवारी ने सब स्टेशन पहुंचकर आउटसोर्स कर्मी श्री संजय यादव का अभिनन्दन करते हुए उन्हें नगद राशि प्रदान कर पुरस्कृत किया। विषम परिस्थिति में श्री यादव को मार्गदर्शन देने वाले वरिष्ठ हेल्पर श्री अयूब खान को भी सम्मानित किया तथा टीम के सभी सदस्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि श्री यादव और टीम ने जिस असाधारण साहस, तत्परता और जिम्मेदारी का परिचय दिया है, वह एम.पी. ट्रांसको परिवार के लिए गर्व की बात है। समय-समय पर दिए प्रशिक्षण से मिला लाभ एम.पी. ट्रांसको द्वारा समय-समय पर अग्निशमन एवं सुरक्षा प्रशिक्षणों के परिणामस्वरूप ही कर्मचारी आपात स्थितियों में इस तरह की प्रभावी कार्रवाई करने में सक्षम हो सके।  

इंदौर मेट्रो को बड़ी तकनीकी मदद, MP ट्रांसको ने पूरी की 13 किमी की कम्पोज़िट लाइन

इंदौर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जानकारी दी है किमध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) ने इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए महत्वपूर्ण एक्स्ट्रा हाईटेंशन लाइन का निर्माण कर उसे ऊर्जीकृत कर दिया है। अब मेट्रो के एम.आर.-10 सब स्टेशन को 132 के.व्ही. डबल सर्किट सप्लाई एम.पी. ट्रांसको के 220 के.व्ही. जैतपुरा सब स्टेशन से प्राप्त होगी। एमपी ट्रांसको इंदौर के अतिरिक्त मुख्य अभियंता आर.के. अग्रवाल ने बताया कि जैतपुरा से एम.आर.-10 सब स्टेशन तक ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण घने आबादी वाले क्षेत्र से होकर गुजरने के कारण चुनौतीपूर्ण रहा। इस कारण एम.पी. ट्रांसको मुख्यालय जबलपुर के विशेषज्ञों द्वारा विशेष डिजाइन तैयार कर 12.77 किमी लंबी कम्पोज़िट लाइन का निर्माण कराया गया।  इस लाइन में परंपरागत टावर के स्थान पर कम जगह मे लगने वाले नैरोबेस टावर,मोनोपोल टावर और 132 के.व्ही. अंडरग्राउंड केबल तीनों तकनीकों का समावेश किया गया। कुल 38 नैरोबेस टावर, 14 मोनोपोल तथा 0.777 किमी लंबी भूमिगत केबल का उपयोग कर लाइन तैयार की गई। इसके साथ ही जैतपुरा 220 के.व्ही. सब स्टेशन में 160 एम.व्ही.ए. क्षमता का पावर ट्रांसफार्मर भी स्थापित किया गया है, इससे मेट्रो को सतत और भरोसेमंद विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी।  

टीकमगढ़ परीक्षण संभाग को एम.पी. ट्रांसको की सर्वोत्तम दक्षता ट्रॉफी

भोपाल  मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) के टीकमगढ़ परीक्षण संभाग ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। इस उपलब्धि के लिए टीकमगढ़ को राज्य स्तरीय सर्वोत्तम दक्षता ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। जबलपुर मुख्यालय में आयोजित समारोह में एम.पी. ट्रांसको के प्रबंध संचालक श्री सुनील तिवारी ने यह ट्रॉफी टीकमगढ़ टीम को प्रदान की। टीकमगढ़ की ओर से कार्यपालन अभियंता श्री आर.पी. कान्यकुब्ज, सहायक अभियंता श्री जी.पी. राय और श्रीमती चंदा यादव ने यह सम्मान ग्रहण किया। प्रबंध  संचालक श्री सुनील तिवारी ने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद टीकमगढ़ की टीम की यह उपलब्धि सभी के लिए प्रेरणा है।

एम.पी. ट्रांसको की सख्ती: बड़वानी में अवैध निर्माण पर 24 नोटिस जारी, सुरक्षा की जाए सुनिश्चित

बड़वानी मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) ने बड़वानी शहर में एक्स्ट्रा हाईटेंशन ट्रांसमिशन लाइनों के समीप विद्युत सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर बने असुरक्षित और अवैध निर्माणों को हटाने के लिए मुहिम शुरू की है। प्रतिबंधित कॉरीडोर 27 मीटर की सीमा के अंदर बने इन निर्माणों से मानव जीवन को गंभीर खतरा है तथा दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। इन क्षेत्रों में अवैध निर्माण हटाने के लिए 24 व्यक्तियों को नोटिस जारी किये गए हैं। एम पी ट्रांसको बड़वानी के अभियंता वीर सिंह भूरिया ने बताया कि मुहिम के पहले चरण में लोगों को समझाइश दी गई थी, अब संबंधितों को नोटिस देकर निर्माण हटाने के लिए कहा गया है। कर्मचारी पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम द्वारा हाईटेंशन लाइन से निर्धारित सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील कर रहे हैं और लोगों को संभावित खतरों के प्रति सतर्क किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में जारी किए गए नोटिस बड़वानी क्षेत्र में एम.पी. नगर, तलुन, अंजद, न्यू फिल्टर के पास कसरावद रोड आदि स्थानों पर 132 के.व्ही. वोल्टेज की बड़वानी- निमरानी ट्रांसमिशन लाइन के समीप सबसे कम सुरक्षा दूरी में निर्माण किए गए हैं। इन्हें हटाने के लिए एम.पी. ट्रांसको द्वारा संबंधित व्यक्तियों को कुल 24 नोटिस जारी किए गए हैं। 27 मीटर का सुरक्षित कॉरीडोर क्यों आवश्यक? केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की गाइडलाइन्स के अनुसार 132 के.व्ही. क्षमता की ट्रांसमिशन लाइनों के 27 मीटर कॉरीडोर की न्यूनतम सुरक्षित दूरी में कोई निर्माण नहीं किया जाना चाहिए। यह दूरी इसलिए तय की गई है क्योंकि हवा के दबाव से कंडक्टर (विद्युत तार) झूल सकता है, जिसे स्विंग कहा जाता है। इस स्विंग को ध्यान में रखते हुए ही दुर्घटनाओं से बचाव के लिए यह मानक निर्धारित है। घरेलू बिजली से 600 गुना अधिक घातक ट्रांसमिशन लाइनों के नीचे बने अवैध निर्माण घरेलू बिजली से 600 गुना से अधिक खतरनाक साबित हो सकते हैं। इससे न केवल जिले की विद्युत आपूर्ति लंबे समय तक बाधित होने का खतरा है, बल्कि आम नागरिकों के जीवन पर भी बड़ा संकट होता है। सुरक्षा की दृष्टि से एम.पी. ट्रांसको ने नागरिकों से अपील की है कि वे मानकों के अनुरूप ही निर्माण करें और ट्रांसमिशन लाइनों से निर्धारित दूरी बनाए रखें।  

एमपी ट्रांसको को मिला गौरव, इंजीनियर तिवारी के शोधकार्य को वैश्विक मंच पर मिली सराहना

एमपी ट्रांसको के इंजीनियर तिवारी के शोधपत्र को अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में मिली सराहना MP ट्रांसको के इंजीनियर तिवारी को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सम्मान, शोधपत्र को मिली सराहना इंजीनियर तिवारी का कमाल, MP ट्रांसको के शोधपत्र की अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में हुई तारीफ एमपी ट्रांसको को मिला गौरव, इंजीनियर तिवारी के शोधकार्य को वैश्विक मंच पर मिली सराहना तकनीकी समाधान और सुझावों को विशेषज्ञों ने माना उपयोगी भोपाल  मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी (एमपी ट्रांसको) में कार्यरत कार्यपालन अभियंता हितेश कुमार तिवारी द्वारा प्रस्तुत तकनीकी शोधपत्र को जयपुर में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सराहना मिली। यह सम्मेलन अमेरिका मुख्यालय स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर्स (IEEE) के तत्वावधान में आयोजित किया गया था। तिवारी का शोधपत्र "प्रस्तावित 2×800 मेगावाट उत्पादन इकाइयों से विद्युत निकासी के लिये ट्रांसमिशन सिस्टम नेटवर्क की तकनीकी-आर्थिक योजना" विषय पर आधारित है। यह शोध पत्र डॉ. राजीव कुमार चौहान एवं डॉ. संजय कुमार मौर्य के सहयोग से 5वें IEEE अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया। इसमें सतत ऊर्जा एवं भविष्य की विद्युत परिवहन प्रणालियों पर भी गहन मंथन हुआ। ट्रांसमिशन क्षेत्र के लिए सुझाये अनेक उपाय सम्मेलन का उद्देश्य सतत ऊर्जा समाधान एवं भविष्य की विद्युत प्रणालियों के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी विकास को साझा करना भी था। तिवारी द्वारा प्रस्तुत शोधपत्र ने न केवल विशेषज्ञों का ध्यान आकर्षित किया, बल्कि ट्रांसमिशन प्रणाली की योजना, निष्पादन और मूल्यांकन के लिए एक उपयोगी मार्गदर्शन भी प्रस्तुत किया। शोधपत्र में तिवारी ने ट्रांसमिशन सिस्टम की स्थिरता, सामान्य परिचालन परिस्थितियों में प्रदर्शन तथा आपात स्थिति में ग्रिड की लचीलापन क्षमता का विश्लेषण विशेषज्ञों के सामने रखा। उनके द्वारा दिए गए तकनीकी समाधान और सुझावों को बिजली क्षेत्र के दिग्गज विशेषज्ञों ने गंभीरता से लिया और ऊर्जा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण माना। एमपी ट्रांसको के लिए यह एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है।