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मंदिरों पर अब नहीं लगेगा प्रॉपर्टी टैक्स, रायपुर महापौर ने नगर निगम को दिए सख्त निर्देश

 रायपुर  शहर में मौजूद किसी भी मंदिर से अब संपत्तिकर (Property Tax) नहीं वसूला जाएगा। रायपुर की महापौर मीनल चौबे ने स्पष्ट किया है कि नगर निगम द्वारा किसी भी जोन या वार्ड के मंदिर को संपत्तिकर वसूली का नोटिस नहीं भेजा जाएगा। यह निर्णय नगर निगम की नियमावली के तहत लिया गया है। हाल ही में जोन-4 के ब्राह्मणपारा वार्ड स्थित सोहागा मंदिर को नगर निगम राजस्व विभाग की ओर से संपत्तिकर का नोटिस जारी किया गया था। इस घटना पर महापौर मीनल चौबे ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने संबंधित कर्मचारियों सुशांत और अमर को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन दिन के भीतर लिखित स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। महापौर ने कहा कि यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो दोनों कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी जोन आयुक्तों और अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी परिस्थिति में मंदिरों को संपत्तिकर वसूली का नोटिस न दिया जाए। मीनल चौबे ने कहा, 'इस मामले में किसी प्रकार की लापरवाही, हीला-हवाला या नियमों की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारियों को सुनिश्चित करना होगा कि मंदिरों के सम्मान और नियमों के पालन में कोई चूक न हो।' बताया जा रहा है कि रायपुर शहर में वर्तमान में लगभग 450 मंदिर स्थित हैं, जिन पर यह निर्णय लागू रहेगा।

सरकार की प्री-पेड बिजली योजना पर रोक, इंदौर नगर निगम और पुलिस ने नहीं किया अपनाना

इंदौर  सरकार द्वारा शुरू किया गया  प्री-पेड बिजली कनेक्शन सिस्टम खुद सरकारी विभागों के लिए चुनौती बन गया है। अगस्त महीने तक शहर के करीब 1300 सरकारी कनेक्शनों को प्री-पेड मोड पर लाना था, लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी केवल 350 कनेक्शन ही इसमें जोड़े जा सके हैं। खास बात यह है कि नगर निगम और पुलिस प्रशासन जैसे बड़े उपभोक्ता भी अभी तक इस प्रणाली को अपनाने को तैयार नहीं हैं। आधे से ज्यादा विभागों ने कोषालय को न तो बिल भेजे हैं और न ही अग्रिम भुगतान किया है। योजना के तहत मोबाइल की तरह बिजली के लिए भी पहले रिचार्ज करवाने की व्यवस्था की जानी है। शुरुआत में सरकारी दफ्तरों को इसमें शामिल किया गया है, इसके बाद व्यावसायिक और घरेलू कनेक्शनों पर भी यह प्रणाली लागू की जाएगी। बिजली कंपनी की कोशिशें नाकाम, विभागों की बेरुखी बरकरार पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के इंदौर-उज्जैन संभाग में 15 जिले आते हैं। योजना के पहले चरण में इन जिलों के करीब 11 हजार सरकारी कनेक्शनों को प्री-पेड मोड में लाने का लक्ष्य रखा गया था। इंदौर शहर के लगभग 1300 सरकारी कनेक्शन इस सूची में थे, लेकिन अगस्त तक काम पूरा नहीं हो सका। बिजली कंपनी ने कोषालय के माध्यम से दो माह के अग्रिम बिल जमा कराने की व्यवस्था भी बना दी थी, परंतु वास्तविक अमल की रफ्तार बेहद धीमी रही। दिलचस्प बात यह है कि प्री-पेड योजना में सरकारी उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 25 पैसे की छूट भी दी जा रही है, इसके बावजूद विभागों की अनदेखी जारी है। निजी उपभोक्ताओं के लिए भी भविष्य में यह योजना लागू करने की तैयारी थी, लेकिन शुरुआती चरण की धीमी रफ्तार से अब यह योजना ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है। जिन विभागों का बिजली खर्च ज्यादा, वही कर रहे उपेक्षा वित्त मंत्रालय ने सभी जिलों को अगस्त से पहले दो माह के अग्रिम बिल भुगतान की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे। बिजली कंपनी ने स्मार्ट मीटर लगाकर सिस्टम अपग्रेड कर लिया, भुगतान फाइलें भेज दीं, लेकिन कई सरकारी विभागों ने सहयोग नहीं किया। जिन विभागों पर सबसे अधिक बिजली खर्च होता है, उन्हीं की फाइलें अटकी पड़ी हैं। नगर निगम और पुलिस प्रशासन की ओर से अब तक कोई स्पष्ट रुख सामने नहीं आया है। न तो कोषालय को अग्रिम भुगतान की जानकारी दी गई और न ही सहमति पत्र भेजे गए। अस्पताल, थाने और जल प्रदाय जैसी आवश्यक सेवाओं को पहले चरण से फिलहाल बाहर रखा गया था, फिर भी जिन कनेक्शनों को शामिल किया जाना था, वहां भी प्रक्रिया सुस्त है। इंदौर में 7.75 लाख उपभोक्ताओं के लिए तैयारी, पर गति धीमी इंदौर शहर में करीब 7.75 लाख उपभोक्ता हैं और सभी को भविष्य में प्री-पेड सिस्टम में लाने की योजना है। अधिकांश जगहों पर स्मार्ट मीटर लग चुके हैं और सिस्टम भी अपग्रेड किया जा चुका है। पहले चरण में लगभग 1300 सरकारी कनेक्शनों को प्री-पेड मोड पर देना तय था, लेकिन अब तक केवल 350 कार्यालयों ने दो माह का अग्रिम बिल जमा किया है। मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण अभियंता डी.के. गांठें ने बताया कि “कंपनी ने पूरी तैयारी कर ली है, अब विभागों से अपेक्षित सहयोग मिलना बाकी है।” 

सड़क सुधार की पहल: गुरुग्राम में 12 सेक्टरों की जर्जर सड़कें बनेंगी दोबारा

गुरुग्राम  गुरुग्राम के लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है। मानसून के दौरान क्षतिग्रस्त हुई शहर के 12 प्रमुख सेक्टरों की सड़कों की सूरत बदलने की तैयारी नगर निगम (एमसीजी) ने शुरू कर दी है। निगम ने इन सड़कों को दुरुस्त करने के लिए करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से एक व्यापक योजना बनाई है, जिसके टेंडर जारी कर दिए गए हैं। बता दें कि मानसून के दौरान नगर निगम के सेक्टरों और कॉलोनियों की सड़कें छलनी हो गई थी। अब निगम की तरफ से इन सड़कों के निर्माण के लिए निगम ने एस्टीमेट तैयार करके टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। निगम अधिकारियों का दावा है कि नवंबर माह के पहले सप्ताह में इन सभी सड़कों के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसको लेकर 80 फीसदी सड़कों के निर्माण और मरम्मत के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। निगम की इस योजना में मुख्य रूप से सेक्टर-30, 42, 43, 55, 5, 16, 17ए, 41, और सेक्टर-34 की बदहाल सड़कों को दुरुस्त किया जाएगा। इन सेक्टरों में रहने वाले हजारों लोगों को इससे सीधा फायदा मिलेगा। सेक्टर 16 औद्योगिक क्षेत्र, सेक्टर 42, सेक्टर 43 (नाला), सेक्टर 43 (तुलसी पार्क), -सेक्टर 17ए, सुशांत लोक दो, सेक्टर-55, पालीवास से बंधवाड़ी, सेक्टर-47 (मॉडल रोड), सेक्टर-30, साउथ सिटी-1 (ब्लॉक सी), सेक्टर 5 (भाग-3 और 4), सेक्टर- 41 आदि में सड़कें बनेंगी। गुरुग्राम नगर निगम ने सेक्टर 43 के निवासियों को बड़ी राहत देते हुए एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना शुरू की है। निगम ने व्यस्त गोल्फ कोर्स रोड के पास 18 मीटर चौड़ी सड़क के किनारे फुटपाथ के निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिया है। यह कार्य नगर निगम के नए वार्ड संख्या 22 के अंतर्गत आता है। यह नया फुटपाथ निवासियों और छात्रों दोनों के लिए सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करेगा। फुटपाथ का निर्माण एचवीपीएनएल कार्यालय, गोल्फ कोर्स रोड से शुरू होगा और पारस अस्पताल रोड तक जाएगा। यह फुटपाथ गैलेक्सी अपार्टमेंट्स, एंबिएंस स्कूल और हरिजन कॉलोनी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से होकर गुजरेगा, जिससे इन इलाकों के निवासियों और स्कूल आने-जाने वाले छात्रों को सुरक्षित रास्ता मिल सकेगा। इस फुटपाथ निर्माण कार्य पर अड़तालीस लाख रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा। लोगों को ये सुविधा मिलेंगी सुगम आवागमन: टूटी और गड्ढों वाली सड़कों से मुक्ति मिलेगी, जिससे वाहनों का मेंटेनेंस खर्च कम होगा और आवागमन सुगम होगा। सुरक्षा: सड़कों की गुणवत्ता सुधरने और नालों के निर्माण से शहर में जलभराव की समस्या खत्म होगी, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा कम होगा। बुनियादी ढांचा: मॉडल रोड और फुटपाथ बनने से शहर का बुनियादी ढांचा सुधरेगा और पैदल यात्रियों को सुरक्षित रास्ता मिलेगा। स्वच्छता: जल निकासी की बेहतर व्यवस्था से सड़कों पर गंदगी और जल जमाव की समस्या खत्म होगी, जिससे स्वच्छता बढ़ेगी। नगर निगम के इस कदम से उम्मीद है कि आगामी वर्षों में शहर की आंतरिक सड़कें उच्च गुणवत्ता वाली बनेंगी।

नगर निगम की बैठक में रांची के ट्रैफिक सुधार पर विशेष फोकस

रांची झारखंड की राजधानी रांची में यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर नगर निगम में मार्ग तकनीकी समिति की अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता नगर निगम प्रशासक सुशांत गौरव ने की, जिसमें अपर प्रशासक संजय कुमार, यातायात पुलिस अधीक्षक, डीटीओ अखिलेश कुमार समेत कई अधिकारी मौजूद थे। बैठक में निगम की बाजार शाखा की ओर से शहर में कई जगह नई पाकिर्ंग स्थल बनाने का प्रस्ताव रखा गया। समिति ने इन स्थानों का भौतिक निरीक्षण करने और उसके बाद रिपोर्ट बनाकर सुझाव देने का निर्णय लिया। निगम की इनफोर्समेंट टीम और ट्रैफिक पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि पाकिर्ंग स्थलों पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जहां भी अतिक्रमण होगा, वहां तुरंत कार्रवाई की जाएगी। वहीं डॉ जाकिर हुसैन पाकर् से किशोरी यादव चौक तक का मार्ग अक्सर जाम रहता है, इसे देखते हुए समिति ने विशेष टीम को इस मार्ग का अध्ययन कर जाम कम करने के लिए कार्ययोजना बनाने को कहा। साथ ही ट्रैफिक पुलिस और डीटीओ को निर्देश जारी किए गए कि वे सभी वाहनों के रूट परमिट की सख्त जांच करें और बिना परमिट वाले वाहनों पर कड़ी कार्रवाई करें। बैठक में शहर के ऐसे स्थानों की पहचान की गई, जहां गाड़यिों को मुड़ने में दिक्कत होती है। इन जगहों का निरीक्षण पुलिस, डीटीओ और नगर निगम के संयुक्त प्रयास से किया जाएगा और सुधार के सुझाव दिए जाएंगे, ताकि यातायात की सुगमता बढ़े। नगर निगम प्रशासक सुशांत गौरव ने बैठक के अंत में बताया कि यह बैठक यातायात की जटिलताओं को दूर करने और नागरिकों को सुरक्षित व सुविधाजनक यातायात व्यवस्था देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। गौरव ने कहा कि समिति द्वारा दिये गए सुझावों के आधार पर जल्द ही ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाएंगे, जिससे रांची की सड़कों पर यातायात का बेसुमार लाभ होगा और नागरिकों को चलने-फिरने में आसानी होगी।