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टर्मिनल ट्रायल में कामयाब नोएडा एयरपोर्ट, कर्मचारियों ने किया असली यात्री अनुभव

नोएडा चार वर्षों की अथक मेहनत, दिन-रात जारी निर्माण कार्य और अनगिनत घंटों की तपस्या…..इन सबका परिणाम शनिवार को उस वक्त झलका जब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के कर्मचारियों ने खुद को पहली बार यात्री के रूप में महसूस किया. एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग में हुए इस विशेष ट्रायल में कर्मचारियों ने टिकट और पहचान पत्र के साथ सभी यात्री प्रक्रियाओं का अनुभव लिया. बिलकुल वैसे ही जैसे वास्तविक उड़ान के समय यात्री करते हैं. एयरपोर्ट बना उत्साह का केंद्र सुबह से ही माहौल उत्साहपूर्ण था. यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (यापल) की ओर से चयनित कर्मचारियों को बसों से टर्मिनल बिल्डिंग लाया गया. सुरक्षा जांच पूरी करने के बाद वे चेक-इन काउंटर पर पहुंचे, जहां टिकट और पहचान पत्र दिखाकर ऑनलाइन चेक-इन किया गया और बोर्डिंग पास सौंपे गए. लगेज कराया जमा कर्मचारियों ने अपने बैग और लगेज को बोर्डिंग प्रक्रिया के अनुसार जमा कराया. सामान का वजन करने के बाद उस पर बारकोड टैग लगाया गया और कन्वेयर बेल्ट के जरिए उसे स्कैन कर उड़ान क्षेत्र में भेजा गया. इस दौरान कर्मचारियों ने हैंड बैगेज और व्यक्तिगत वस्तुओं की सुरक्षा जांच भी पूरी की.   सुविधाओं की बारीकी से हुई जांच इस ट्रायल का मुख्य उद्देश्य एयरपोर्ट के हर सिस्टम, सुरक्षा प्रक्रिया और यात्री सुविधा की बारीकी से जांच करना था. यापल की टीम ने यह सुनिश्चित किया कि संचालन शुरू होने के बाद किसी भी यात्री को असुविधा न हो. ट्रायल के दौरान टर्मिनल की स्वचालित सीढ़ियां, कोर्ट यार्ड एरिया, एयरो ब्रिज कनेक्टिविटी और बैगेज हैंडलिंग सिस्टम की जांच की गई.

675 करोड़ की ई-बस योजना कागजों में फंसी, नोएडा एयरपोर्ट की उड़ान अब भी टिकी

लखनऊ  देश के सबसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचे में शामिल नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन 30 अक्टूबर को प्रस्तावित है, लेकिन एयरपोर्ट तक सुगम यातायात सुविधा की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी ई-बस सेवा अब भी कागजों में उलझी हुई है. बेहतर कनेक्टिविटी नहीं होने की वजह से यात्रियों का सीधे एयरपोर्ट पहुंचना मुश्किल होगा. 500 बसों की योजना जिले में सार्वजनिक परिवहन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से 500 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की योजना तैयार की गई थी जिसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्रों को शामिल किया गया है. योजना के मुताबिक नोएडा में 300, ग्रेटर नोएडा व यीडा क्षेत्र में 100-100 बसें चलाई जानी है. इसके लिए 25 रूट प्रस्तावित किए गए है.   कंपनी का गठन अधर में लटका अभी तक बस संचालन के लिए आवश्यक जरूरतें जैसे बस स्टैंड, ई-चार्जिंग स्टेशन और वर्कशॉप आदि पूरी तरह विकसित नहीं हो पाई है. इतना ही नहीं तीनों प्राधिकरणों की सहमति के बावजूद बसों के संचालन के लिए गठित की जाने वाली संयुक्त कंपनी ग्रीन ट्रांसपोर्ट लिमिटेड का औपचारिक गठन भी अधर में लटका हुआ है. करीब 675 करोड़ की लागत इस योजना की लागत लगभग 675 करोड़ रुपये आंकी गई है इसे प्लान करके लागू करने पर विचार किया जा रहा है. शासन स्तर पर दो निजी कंपनियों ट्रैवल टाइम मोबिलिटी इंडिया प्रा. लि. और डेलबस मोबिलिटी का चयन कर लिया गया है, जो बस संचालन की जिम्मेदारी संभालेंगी. यात्रियों के बिना कैसे चलेंगी बसें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने स्पष्ट किया कि बिना पर्याप्त यात्री संख्या के रूट पर बसें चलाने से तीनों प्राधिकरणों पर फाइनेंशियल बोझ बढ़ सकता है. इसलिए बसों के संचालन से पहले एक बार इस रूट का सर्वे करना जरूरी है. यीडा ने शुरू की तैयारी यीडा ने एयरपोर्ट को ध्यान में रखते हुए अपने ई-बस रूट में एयरपोर्ट को प्रमुख ठहराव बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा से यात्रियों की सीधी कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए ई-बस रूट की शुरुआत नोएडा एयरपोर्ट से ही की जाएगी. एयरपोर्ट उद्घाटन के 45 दिनों के भीतर विमान सेवाएं शुरू होने की संभावना है. ऐसे में यात्रियों को एयरपोर्ट तक पहुंचने के बेहतर कनेक्टिविटी होनी जरूरी है.

नोएडा को मिलेगी नई उड़ान: पीएम मोदी 30 अक्टूबर को इंटरनेशनल एयरपोर्ट का करेंगे उद्घाटन

नई दिल्ली   ग्रेटर नोएडा के यमुना सिटी में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन 30 अक्टूबर को होगा। उद्घाटन के मद्देनजर जमीन पर तैयारियों का खाका खींचा जाना शुरू हो चुका है। कार्यक्रम स्थल से लेकर सुरक्षा व्यवस्था, यातायात प्रबंधन और जनसभा की व्यवस्था तक हर पहलू पर अधिकारियों ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एयरपोर्ट उद्घाटन में बतौर चीफ गेस्ट शामिल होंगे। वह एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम स्थल का किया निरीक्षण यीडा के सीईओ राकेश कुमार सिंह व एयरपोर्ट के नोडल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया ने संभावित कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक में उद्घाटन कार्यक्रम से जुड़ी व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। उड़ान के लिए तैयार एयरपोर्ट जेवर में बन रहा यह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा एनसीआर का दूसरा और उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। अधिकारियों के मुताबिक निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है और लगभग सभी प्रमुख हिस्से तैयार हो चुके है। अनुमान है कि अक्टूबर तक एयरपोर्ट उड़ानों के संचालन के लिए तैयार हो जाएगा। आमंत्रण भेजा गया प्रदेश सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उद्घाटन समारोह के लिए आमंत्रण भेजा गया है। फुल-स्केल ग्राउंड प्लानिंग अमल में लाई जा रही है। सूत्रों की मानें तो उद्घाटन समारोह को भव्य बनाने के लिए न केवल जिला प्रशासन बल्कि राज्य और केंद्र सरकार के विभिन्न विभाग तालमेल के साथ काम कर रहे है। कार्यक्रम के दौरान आने वाले अतिथियों की सुरक्षा, आगंतुकों की आवाजाही और यातायात प्रबंधन के लिए विशेष प्लान तैयार किया जा रहा है।