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APEC से पहले North Korea ने दागी बैलिस्टिक मिसाइलें, ट्रंप दौरे पर सस्पेंस बढ़ा

नॉर्थ कोरिया दक्षिण कोरिया में इस माह के अंत में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन आयोजित होने वाला है। इस सम्मेलन में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 21 प्रमुख देशों के नेता हिस्सा लेंगे। सम्मेलन से ठीक पहले उत्तर कोरिया ने बुधवार को कई शॉर्ट-रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। वहीं, एक्सपर्ट का कहना है कि दक्षिण कोरिया द्वारा एपेक शिखर सम्मेलन की मेजबानी की तैयारियों के दौरान ऐसे हमले और बढ़ सकते हैं। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, यह परीक्षण चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य वैश्विक नेताओं के ग्योंगजू में एपेक सम्मेलन के लिए इकट्ठा होने से महज एक सप्ताह पहले किया गया। दक्षिण कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी योनहाप के अनुसार, दक्षिण कोरियाई सेना ने पूर्वी सागर (जापान सागर के नाम से भी जाना जाता है) की ओर दागी गईं कई मिसाइलों का पता लगाया, जो शायद छोटी दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइलें हैं। बाद में सेना ने पुष्टि की कि ये मिसाइलें लगभग 350 किलोमीटर (217 मील) की दूरी तय कर अंतर्देशीय क्षेत्र में गिरीं, जिससे शुरुआती अनुमानों को खारिज कर दिया गया कि वे समुद्री इलाके में पड़ी होंगी। अल जजीरा के अनुसार, दक्षिण कोरिया के संयुक्त स्टाफ चीफ्स ने कहा कि हमारी सेना ने संभावित आगे के प्रक्षेपणों की आशंका को ध्यान में रखते हुए निगरानी बढ़ा दी है और अमेरिका तथा जापान के साथ खुफिया जानकारी साझा करते हुए पूरी सतर्कता बरत रही है। गौरतलब है कि उत्तर कोरिया ने मई माह में 8 और 22 तारीख को पूर्वी सागर की ओर लघु दूरी वाली बैलिस्टिक तथा क्रूज मिसाइलें दागी थीं। यह प्रक्षेपण दक्षिण कोरिया के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ली जे म्युंग के कार्यकाल का पहले था, जिन्होंने जून में पद संभाला था। इस माह की शुरुआत में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने प्योंगयांग में एक भव्य सैन्य परेड के दौरान नई ह्वासोंग-20 लंबी दूरी वाली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का खुलासा किया, जिसे देश की 'सबसे शक्तिशाली' मिसाइल बताया गया। इस परेड में प्रमुख चीनी, रूसी और अन्य नेता भी मौजूद थे। यह परेड उत्तर कोरिया की सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ पर हुई थी। प्योंगयांग ने वैश्विक प्रतिबंधों को बार-बार चुनौती दी है और दावा किया है कि अमेरिका तथा दक्षिण कोरिया के संभावित खतरों से रक्षा के लिए हथियार कार्यक्रम जरूरी है। वहीं ट्रंप ( अपने पिछले कार्यकाल में किम से मुलाकात की थी) ने हाल ही में इस वर्ष उत्तर कोरियाई नेता से दोबारा मिलने की उम्मीद जताई है। प्योंगयांग ने संकेत दिया है कि किम ट्रंप के साथ भावी वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन साथ ही जोर दिया है कि उत्तर कोरिया कभी भी अपने परमाणु हथियारों को छोड़ने पर राजी नहीं होगा।

ह्वासॉन्ग-20 न्यूक्लियर मिसाइल: नॉर्थ कोरिया का सबसे खतरनाक ICBM, अमेरिका पर साया खतरा

फियोंगयांग उत्तर कोरिया ने अपनी सबसे ताकतवर परमाणु मिसाइल ह्वासॉन्ग-20 का अनावरण किया. ये सॉलिड-फ्यूल वाली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है, जो पूरे अमेरिका को निशाना बना सकती है. किम जोंग उन ने इसे सबसे शक्तिशाली न्यूक सिस्टम बताया, जो पूरे अमेरिका को आसानी से हिट कर सकता है. नॉर्थ कोरिया ने 10 अक्टूबर को वर्कर्स पार्टी के 80वें स्थापना दिवस पर सैन्य परेड में पेश किया. रूस और चीन के प्रतिनिधि भी मौजूद थे. ह्वासॉन्ग-20: तीन चरणों वाली 'मॉन्स्टर' मिसाइल ह्वासॉन्ग-20 उत्तर कोरिया की सबसे एडवांस्ड ICBM है. ये तीन चरणों वाली सॉलिड-फ्यूल मिसाइल है, जो लॉन्च के बाद तेजी से ऊंचाई पकड़ लेती है. इसका मुख्य फीचर नया हाई-थ्रस्ट सॉलिड-फ्यूल इंजन है, जो ह्वासॉन्ग-18 से 40% ज्यादा ताकतवर (करीब 1,970 kN थ्रस्ट) है. इससे मिसाइल ज्यादा तेज और लंबी दूरी तय कर सकती है.     रेंज: 15,000 किलोमीटर तक – अमेरिका के किसी भी कोने को कवर.     वॉरहेड: मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स (MIRV) ले जा सकती है, यानी एक मिसाइल से कई परमाणु हेड्स अलग-अलग टारगेट हिट करेंगे.     लंबाई: करीब 25 मीटर (अनुमानित), वजन 80 टन से ज्यादा.     लॉन्च: मोबाइल लॉन्चर से, जो छिपाना आसान. किम जोंग उन ने परेड में कहा कि ये हमारा सबसे ताकतवर न्यूक हथियार है. ये मिसाइल अभी टेस्ट नहीं हुई, लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि ये ह्वासॉन्ग-18 से कहीं बेहतर है. सॉलिड फ्यूल से इसे तुरंत लॉन्च किया जा सकता है, जो चेतावनी के बिना हमला संभव बनाता है. परेड का नजारा: रूस-चीन के साथ 'शो ऑफ स्ट्रेंथ' 10 अक्टूबर को प्योंगयांग में भव्य सैन्य परेड हुई. हजारों सैनिक, टैंक और मिसाइलें दिखाई गईं. ह्वासॉन्ग-20 को पहली बार पर्दा हटाया गया. किम जोंग उन ने इसे अमेरिका के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार बताया. रूस के डिप्टी फॉरेन मिनिस्टर और चीन के वाइस चेयरमैन मौजूद थे. ये दिखाता है कि उत्तर कोरिया रूस-चीन से करीब आ रहा. परेड में हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल भी दिखाया गया. अमेरिका और दुनिया पर खतरा: क्यों चिंता? ह्वासॉन्ग-20 अमेरिका के पूरे मुख्यभूमि (अलास्का से फ्लोरिडा तक) को निशाना बना सकती. MIRV से एक मिसाइल कई शहरों को हिट कर सकती. US पेंटागन ने कहा कि ये गंभीर खतरा है. उत्तर कोरिया के पास 50-60 परमाणु हेड्स हैं, जो बढ़ रहे हैं. रूस-चीन की मौजूदगी से ये एशिया में तनाव बढ़ाएगा. दक्षिण कोरिया और जापान भी चिंतित हैं.