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BMHRC सहित 4 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों को मिली मान्यता, बिना प्राचार्य के संचालन पर उठे सवाल

भोपाल  मध्यप्रदेश से नर्सिंग की पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले कैंडिडेट्स के लिए राहत भरी खबर है। बुधवार को बीएमएचआरसी समेत 4 नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी गई है। जिसके साथ अब गवर्नमेंट बीएससी नर्सिंग की सीटें 515 से बढ़कर 860 हो गई हैं।  आरोप – बिना प्राचार्य के चल रहा कॉलेज एनएसयूआई ने बीएमएचआरसी को मान्यता देने पर सवाल खड़े किए हैं। एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा, जिनमें भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) का नर्सिंग कॉलेज प्रमुख है। नियमानुसार किसी भी नर्सिंग कॉलेज में प्राचार्य एवं उप-प्राचार्य का होना अनिवार्य है, लेकिन बीएमएचआरसी का कॉलेज लंबे समय से बिना प्राचार्य या प्रभारी प्राचार्य के भरोसे संचालित हो रहा है। इतना ही नहीं, उप-प्राचार्य प्रभा गजपाल की पदोन्नति भी नियम विरुद्ध की गई है। उन्हें एसोसिएट प्रोफेसर से सीधे उप-प्राचार्य बना दिया गया, जो कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल के नियमों के विरुद्ध है। परमार ने कहा कि सीबीआई की रिपोर्ट में बीएमएचआरसी नर्सिंग कॉलेज को डिफिशिएंट कैटेगरी में रखा गया। यहां पोषण प्रयोगशाला, एवी सहायता प्रयोगशाला और उन्नत कौशल प्रयोगशालाएं उपलब्ध नहीं हैं। सभी प्रयोगशालाओं में आवश्यक सामग्री और उपकरणों की कमी है। 8 कक्षाओं के बजाय केवल 4 कक्षाएं ही संचालित हैं। जीएनएम कार्यक्रम को बीएससी कार्यक्रम में अपग्रेड कर दिया गया है, लेकिन स्टाफ को अपग्रेड नहीं किया गया। पक्ष – हमने सारे फॉर्मेट पूरे किए मामले में बीएमएचआरसी नर्सिंग कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल प्रभा गजपाल ने कहा कि उन्हें इस विषय पर कोई भी आधिकारिक जानकारी देने से पहले संस्थान की डायरेक्टर डॉ. मनीषा श्रीवास्तव से अनुमति लेनी होगी। अभी यह जरूर बता सकती हूं कि हमने मान्यता के लिए जरूरी सभी फॉर्मेट पूरे किए हैं। यही वजह है कि हमें मान्यता दी गई। इन 4 सरकारी कॉलेजों को बुधवार को मिली मान्यता     भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी)     शासकीय कॉलेज ऑफ नर्सिंग, मेडिकल कॉलेज जबलपुर     शासकीय कॉलेज ऑफ नर्सिंग, ग्वालियर     शासकीय कॉलेज ऑफ नर्सिंग, जबलपुर मंगलवार तक सिर्फ इन 4 कॉलेजों के पास थी मान्यता     गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ नर्सिंग, जीएमसी भोपाल     गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ नर्सिंग, इंदौर     गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ नर्सिंग, जीएम हॉस्पिटल रीवा     गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ नर्सिंग, उज्जैन 8 सरकारी कॉलेजों में 860 सीटें इस साल 8 सरकारी कॉलेजों में 860 बीएससी नर्सिंग की सीटें हैं। जिनमें से 232 सीटें अनरिजर्व कैटेगरी की हैं। इस कैटेगरी में सैनिक, पीएच, एफएफ, आंगनवाड़ी/आशा वर्कर और गवर्नमेंट एनएम कोटा की सीटें हटा दें तो सिर्फ 195 सीटें शेष बचती हैं। जिनमें उन कैंडिडेट्स को एडमिशन मिल सकता है, जो न किसी कैटेगरी और न ही किसी कोटे के लिए एलिजिबल हैं। 393 कॉलेजों ने इस साल किया आवेदन 2025-26 सत्र के लिए कुल 33 नए नर्सिंग कॉलेज और 360 पुराने कॉलेजों ने नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था। इनमें लगभग 21 शासकीय कॉलेज शामिल थे। इसके उलट निजी कॉलेजों के मामले में बड़ी संख्या में अनुमति दी गई। जीएनएम नर्सिंग के 231 और बीएससी नर्सिंग के 188 निजी कॉलेजों को मान्यता मिल गई।  

दो महीने की देरी के बाद MP में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता पर फैसला जल्द

 भोपाल मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर प्रारंभ हो जाएगी। इसके पहले एक-दो दिन के भीतर नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता जारी करने की तैयारी है। लगभग दो सौ कॉलेजों को मान्यता मिलने के आसार हैं। इनमें 20 हजार से अधिक सीटें हो सकती हैं। इंडियन नर्सिंग काउंसिल द्वारा निर्धारित कैलेंडर के अनुसार 30 सितंबर तक कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो जानी थी, पर निरीक्षण में देरी के चलते अभी तक मान्यता ही जारी नहीं हो पाई है। निर्धारित तारीख के बाद प्रवेश के लिए राज्य सरकार को विशेष अनुमति लेनी होगी। मप्र नर्सिंग काउंसिल के कैलेंडर के अनुसार 14 जुलाई तक कालेजों का निरीक्षण पूरा हो जाना था। इसके बाद मान्यता जारी होनी थी। नए और पुराने मिलाकर 172 कॉलेजों ने मान्यता के लिए आवेदन किया था, जिनका निरीक्षण होना था। प्रदेश भर में नर्सिंग फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद पहली बार निरीक्षण कराने की जिम्मेदारी कलेक्टरों को दी गई थी, पर उन्होंने रुचि नहीं ली। स्वास्थ्य आयुक्त के बार-बार पत्र लिखने के बाद अब जाकर निरीक्षण पूरा हो पाया है। अब इस रिपोर्ट के आधार पर मान्यता जारी की जाएगी। फर्जीवाड़े के चलते मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण दो वर्ष से नए कॉलेज नहीं खुले थे। इस वर्ष कुछ नए कॉलेजों को भी मान्यता मिलेगी। इन 172 कॉलेजों के अतिरिक्त सीबीआई ने जिन कॉलेजों को अपनी जांच रिपोर्ट में उपयुक्त बताया था, उन्हें बिना निरीक्षण ही नवीनीकरण की मान्यता मिल जाएगी। देरी से विद्यार्थियों को यह नुकसान बीएससी नर्सिंग और डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए कर्मचारी चयन मंडल से प्रवेश परीक्षा आयोजित होने के बाद परीक्षा परिणाम जारी किए जा चुके हैं। अभ्यर्थी लगभग दो माह से काउंसलिंग प्रारंभ होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। राजस्थान में सहित अन्य राज्यों में या तो पूरी हो गई है या अंतिम चरण में है। ऐसे में मध्य प्रदेश के जिन अभ्यर्थियों को यहां के कॉलेजों में प्रवेश नहीं मिल पाएगा वे दूसरे राज्यों में भी प्रवेश नहीं ले पाएंगे। दूसरा नुकसान यह है कि प्रवेश में देरी होने से विद्यार्थियों का पूरा सत्र देर हो जाएगा। जल्द काउंसलिंग शुरू कराने की तैयारी     नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए जल्दी ही काउंसलिंग शुरू कराने की तैयारी है। एक-दो दिनों में कॉलेजों की मान्यता जारी हो जाएगी। – मनोज सरयाम, संचालक (नर्सिंग), लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग।