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जिला प्रशासन हाईटेक बनेगा: मध्यप्रदेश में 60% से ज्यादा अफसरों को सीखनी होगी नई तकनीक

भोपाल  जिला प्रशासन का पूरा काम एप्लीकेशन व पोर्टल से शुरू किया गया, लेकिन अप्रशिक्षित कर्मचारियों की वजह से काम में दिक्कत आ रही। प्रशासन के विभिन्न विभागों ने अपने-अपने उच्चाधिकारियों को इसकी शिकायत की है। इसके बाद अब इन्हें प्रशिक्षित करने की कवायद शुरू की जा रही है। इनकी विशेष ट्रेनिंग होगी। बताया जा रहा है कि 60 फीसदी से ज्यादा प्रशासनिक अफसर- राजस्व अधिकारियों को हाईटेक तकनीक सीखने जरूरत है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रमसिंह ने कहा कि प्रशासन में ई-ऑफिस सिस्टम को मजबूत किया जा रहा है। अब पूरा काम डिजिटल, इलेक्ट्रॉनिक ही हो रहा है। कर्मचारियों को जरूरी प्रशिक्षण तय किया जा रहा। इस तरह जिला प्रशासन अब पूरी तरह ऑनलाइन एमपी ई- डिस्ट्रीक्ट- विभिन्न प्रमाण पत्रों जैसे- आय, निवास, जाति प्रमाण पत्र और सरकारी सेवाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन और ट्रैक करने के लिए है। एमपी भू-अभिलेख- जमीन के रिकॉर्ड, खसरा, खतौनी और भू-नक्शा देखने के लिए। स्मार्ट एप्लीशन फॉर रेवेन्यू एडमिनिस्ट्रेशन- इसके तहत डिजिटल फसल सर्वेक्षण और गिरदावरी निरीक्षण जैसे कार्य किए जाते हैं। इसलिए जरूरी -भू स्वामियों की जमीनों से जुड़े खसरे, नामांतरण, सीमांकन की प्रमाण पत्र सीधे वाट्सएप पर भेजे जाने लगे हैं। -सभी तरह के सर्टिफिकेट अब ऑनलाइन डिजिटली ही दिए जाने लगे हैं। ई-डिस्ट्रीक्ट से सीधे मोबाइल मैसेज, मेल व वॉट्सएप पर प्रति पहुंच रही है। -आने वाले दिनों में नोटिस समेत अन्य हर्जाना- जुर्माना ई-चालान की तरह डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक ही भेजे जाएंगे।