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अब हर लाभार्थी तक पहुंचेगी पेंशन, योजना की सघन निगरानी के आदेश जारी

अब हर लाभार्थी तक पहुंचेगी पेंशन, योजना की सघन निगरानी के आदेश जारी पेंशन वितरण में लापरवाही नहीं चलेगी, ‘पेंशन आपके द्वार’ योजना की होगी कड़ी मॉनिटरिंग भोपाल  "पेंशन आपके द्वारा योजना" का शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन हो सके, इसके लिए कलेक्टर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी योजना की नियमित समीक्षा करें। यह निर्देश प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय दिव्यांगजन सशक्तिकरण मती सोनाली वांयणकर ने सभी जिला कलेक्टर को दिये हैं। प्रमुख सचिव मती वायंगणकर ने कहा कि सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार विभिन्न पेंशन योजनाओं के अंतर्गत सिंगल क्लिक के माध्यम से पेंशन राशि हितग्राहियों के खाते में प्रति माह अंतरित की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में कल्याणी, दिव्यांगजन, वृद्धजन को प्रति माह पेंशन राशि निकालने के लिए बैंकों के चक्कर न लगाना पड़े। इस उद्देश्य से 'पेंशन आपके द्वार योजना' संचालित की जा रही है। योजना के तहत बैंकिंग कॅरेसपंडेंस के माध्यम से ऐसी ग्राम पंचायत में जिनसे बैंक या पोस्ट ऑफिस की दूरी 3 किलोमीटर से अधिक है, उन स्थानों पर बैंक करस्पॉन्डेंट्स, बैंकिंग सखीज, कॉमन सर्विस सेंटर, एसएचजी मेंबर्स के माध्यम से पेंशन राशि हितग्राहियों को उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर इस योजना की सघन मॉनिटरिंग की जाए और जहां पर कोई कमी या शिकायत प्राप्त होती है वहां यथोचित कार्रवाई की जाये, जिससे राज्य शासन की मंशा अनुसार हितग्राहियों को पेंशन का सही समय पर लाभ प्राप्त हो सके।  

कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर! हाई कोर्ट ने प्रमोशन और पेंशन लाभ का रास्ता किया साफ

कैथल  पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कैथल जिले के पुलिस कर्मचारियों के पक्ष में बड़ा आदेश सुनाते हुए रोहतक रेंज द्वारा जारी सीनियरिटी और प्रमोशन से जुड़े विवादित आदेश को रद्द कर दिया है। अदालत ने साफ किया कि कैथल पुलिसकर्मियों की वरिष्ठता और प्रमोशन का निर्णय केवल करनाल रेंज कर सकता है। इस फैसले से कैथल के करीब 70 पुलिस कर्मचारियों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा, जिनमें एएसआई और एसआई रैंक के अधिकारी शामिल हैं। इनमें से कुछ कर्मचारी अब सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं। मामला सब-इंस्पेक्टर मोहिंदर सिंह और अन्य कर्मचारियों द्वारा दायर याचिका से जुड़ा है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता कर्मवीर सिंह बनयाना ने अदालत में दलील दी कि उनके मुवक्किल वर्ष 2004 से 2008 के बीच कैथल जिले में हेड कांस्टेबल के रूप में कन्फर्म हुए थे। जबकि उनके जूनियर साथियों को वर्ष 2009 से 2011 के बीच करनाल और पानीपत में कन्फर्म किया गया था। इसके बावजूद 2019 में रोहतक रेंज ने सीनियरिटी सूची बदलते हुए जूनियर्स को सीनियर बना दिया और उन्हें एंटीडेटेड प्रमोशन भी दे दिए। अधिवक्ता ने तर्क दिया कि नियमों के मुताबिक हेड कांस्टेबल तक की सीनियरिटी जिला स्तर पर तय होती है, जबकि एएसआई और एसआई की सीनियरिटी रेंज स्तर पर होती है। ऐसे में कैथल, करनाल और पानीपत के कर्मचारियों की वरिष्ठता और प्रमोशन का फैसला केवल करनाल रेंज कर सकता था। रोहतक रेंज को इसमें हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं था क्योंकि 29-9-2011 में करनाल रेंज के गठन के बाद जिला करनाल, पानीपत और कैथल के पुलिस कर्मियों के बारे में कोई भी निर्णय लेने का अधिकार केवल करनाल रेंज के पास ही है रोहतक रेंज के पास नहीं है। न्यायमूर्ति जगमोहन बंसल ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद माना कि रोहतक रेंज का आदेश पूरी तरह गलत था। अदालत ने इस आदेश को रद्द करते हुए कहा कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हरियाणा स्वयं या किसी अन्य अधिकारी को नियुक्त कर तीन माह में उचित आदेश जारी करें। इस फैसले से कैथल जिले के एएसआई और एसआई रैंक के लगभग 70 पुलिस कर्मचारियों को प्रमोशन, वेतनमान और पेंशन लाभ मिलेगा। चूंकि इनमें से कुछ कर्मचारी अब रिटायर हो चुके हैं, इसलिए उन्हें भी एरियर और पेंशन लाभ का फायदा मिल सकेगा। कैथल पुलिस लाइन और थानों में तैनात कर्मचारियों ने हाईकोर्ट के इस आदेश का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह फैसला न केवल वर्षों से लंबित उनके हक की बहाली है बल्कि इससे उनका मनोबल भी ऊँचा होगा। कर्मचारी संगठनों ने भी अदालत के इस निर्णय को ऐतिहासिक करार देते हुए सरकार से अपील की है कि आदेश का पालन समय पर और बिना देरी के किया जाए। हाईकोर्ट का यह आदेश केवल कैथल पुलिसकर्मियों पर लागू होगा। इससे यह भी साफ हो गया है कि सीनियरिटी और प्रमोशन को लेकर भविष्य में किसी अन्य रेंज को कैथल के कर्मचारियों के मामले में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं होगा।

संवेदनशीलता की मिसाल! महासमुंद प्रशासन ने रिटायर शिक्षकों को तुरंत दिया पेंशन आदेश

महासमुंद राज्य शासन की मंशा अनुरूप जिला प्रशासन महासमुंद ने सोमवार को एक संवेदनशील एवं सराहनीय पहल करते हुए शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त शिक्षकों को सेवानिवृत्ति के अगले ही दिन पेंशन अदायगी आदेश (पीपीओ) प्रदान किया। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के मार्गदर्शन तथा जिला शिक्षा अधिकारी विजय कुमार लहरे, सहायक संचालक सतीश नायर एवं जिला कोषालय अधिकारी महासमुंद संजय कुमार चौधरी के निर्देशन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत महासमुंद हेमंत रमेश नंदनवार (आईएएस) द्वारा सेवानिवृत्त शिक्षकों को पीपीओ प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुरलीधर भोई, प्रधान पाठक प्राथमिक शाला खैरमाल, जो 31 अगस्त 2025 को सेवानिवृत्त हुए, को विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रकाश चंद्र मांझी की पहल पर 1 सितंबर 2025 को ही अवकाश नगदीकरण की राशि, जीपीएफ फाइनल पेमेंट, जीआईएस, एफबीएफ राशि तथा उपादान राशि के साथ पीपीओ प्रदान किया गया। इसी प्रकार चंद्रहास पात्र, प्रधान पाठक (मिडिल स्कूल) को भी पीपीओ आदेश सौंपा गया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत हेमंत रमेश नंदनवार ने सेवानिवृत्त शिक्षकों को शुभकामनाएँ एवं बधाई देते हुए कहा कि “शिक्षक समाज की अमूल्य धरोहर हैं, जिन्होंने अपना पूरा जीवन नई पीढ़ी को गढ़ने में समर्पित किया। प्रशासन की ओर से यह हमारा दायित्व है कि उन्हें सेवा निवृत्ति के पश्चात त्वरित सुविधा और सम्मान मिले।” इस अवसर पर सेवानिवृत्त शिक्षकों को प्रशासन की ओर से शॉल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित भी किया गया। उप कोषालय अधिकारी सरायपाली अनिमेष सिंह द्वारा रिटायरमेंट के अगले ही दिन भुगतान सुनिश्चित किया गया। इस त्वरित कार्यवाही में विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के शाखा प्रभारी रुपेश महापात्र का विशेष योगदान रहा।