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अहमदाबाद विमान हादसे में अमेरिकी साजिश? पायलटों पर ठीकरा और बोइंग को बचाने की कोशिश!

अहमदाबाद  अहमदाबाद प्लेन क्रैश के करीब 1 महीने बाद आई शुरुआती जांच रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि विमान का फ्यूल स्विच बंद होने की वजह से यह दुर्घटना हुई है। एएआईबी की रिपोर्ट यह बताती है कि दुर्घटनाग्रस्त बोइंग विमान 787 ड्रीमलाइनर का फ्यूल स्विच बंद होने होने की वजह से दो पायलटों के बीच भ्रम पैदा हुआ जो शायद दुर्घटना की वजह बनी। रिपोर्ट में यह बताया गया है कि दुर्घटना के समय एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि आपने फ्यूल स्विच क्यों बंद कर दिया है? इस पर दूसरे पायलट ने यह जवाब दिया कि उसने बंद नहीं किया है। संभवत: पायलटों ने फ्यूल स्विच को फिर से चालू कर दिया हो, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। एएआईबी की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि फ्यूल स्विच बंद होने की स्थिति में विमान के दोनों इंजन में फ्यूल का प्रवाह बंद हो गया, जो दुर्घटना की बड़ी वजह हो सकता है। वहीं, बोइंग की इस मामले में फिर सफाई आई है कि अमेरिका की सरकारी एजेंसी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) और बोइंग ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए बताया कि बोइंग प्लेन के फ्यूल स्विच लॉक एकदम सेफ हैं। हालांकि, सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं क्या यह अमेरिकी सरकार की साजिश है, जो वह बोइंग को बचा रही है?  आइए-समझते हैं। बोइंग और अमेरिकी एजेंसी ने क्या दी है सफाई FAA ने कहा है कि फ्यूल कंट्रोल स्विच का डिजाइन, लॉकिंग फीचर्स, बोइंग के अलग-अलग विमानों में एक ही है। फिर भी हम इसे खतरे की स्थित नहीं मानते, जिसके लिए किसी भी बोइंग विमान मॉडल पर एयरवर्थनेस डायरेक्टिव देने की जरूरत पड़े। FAA और बोइंग की यह नोटिफिकेशन 11 जुलाई को अहमदाबाद-लंदन प्लेन क्रैश की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद सामने आई, जिसमें इंजन फ्यूल कटऑफ स्विच पर सवाल उठाए गए थे। फ्यूल कंट्रोल स्विच विमान के इंजन में फ्यूल के बहाव को कंट्रोल करते हैं। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर अमेरिकी सरकार बोइंग को क्यों बचा रही है। 6 साल में 2 बार बदला गया था थ्रस्ट कंट्रोल मॉड्यूल एयर इंडिया ने 2019 में बोइंग के निर्देश के बाद पिछले 6 सालों में अहमदाबाद-लंदन बोइंग 787-8 फ्लाइट के थ्रस्ट कंट्रोल मॉड्यूल (TCM) को दो बार बदला था। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इनवेस्टीगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई को बताया कि अहमदाबाद-लंदन प्लेन में TCM को 2019 और 2023 में बदला गया था। TCM में फ्यूल कंट्रोल स्विच होते हैं, जो प्लेन क्रैश हादसे की जांच का केंद्र बन गए हैं। क्योंकि 12 जून को अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट में ये स्विच टेकऑफ के तुरंत बाद बंद हो गए थे। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर कंपोजिट कार्बर फाइबर से बने हैं बोइंग 787 ड्रीमलाइनर एक आधुनिक, मिड-साइज, ट्विन-इंजन, वाइड-बॉडी जेट विमान है, जिसे अमेरिकी विमानन कंपनी बोइंग ने बनाया है। ये लंबी दूरी की उड़ानों के लिए डिजाइन किया गया है और पुराने बोइंग 767 को रिप्लेस करने के लिए लाया गया। ये फ्यूल-एफिशिएंट विमान है। इस विमान का 50% हिस्सा कार्बन फाइबर जैसे कम्पोजिट मटेरियल से बना है, जो इसे हल्का और मजबूत बनाता है। वहीं, ड्रीमलाइनर की खिड़कियां किसी भी कॉमर्शियल विमान में सबसे बड़ी हैं। केबिन का प्रेशर 1,900 मीटर की ऊंचाई जैसा रखा जाता है, जिससे ऑक्सीजन 8% ज्यादा रहती है और थकान कम होती है। केबिन में रंग बदलने वाली LED लाइट्स हैं, जो टाइम जोन बदलने का असर कम करती हैं। बोइंग की बैटरी में आ चुकी है खराबी की बात बोइंग 787 ड्रीमलाइनर अपनी सहायक बिजली इकाई (APU) के लिए और इलेक्ट्रॉनिक उड़ान प्रणालियों के लिए बैकअप के रूप में लिथियम-आयन बैटरी का उपयोग करता है। इन बैटरियों को उनके हाई एनर्जी डेंसिटी और लॉन्ग लाइफ साइकिल के लिए चुना गया था। हालांकि, वे सुरक्षा मुद्दों से जुड़े रहे हैं, जिसमें ओवरहीटिंग और आग लगना शामिल है, जिसके कारण 2013 में पूरे 787 बेड़े को अस्थायी रूप से ग्राउंडेड कर दिया गया था। सितंबर 2012 में तत्कालीन सरकारी स्वामित्व वाली एयर इंडिया लिमिटेड (AIL) के बेड़े में शामिल होने के तुरंत बाद सभी छह नए बोइंग 787 'ड्रीमलाइनर्स' के बैच को उनकी लिथियम-आयन बैटरी की खराबी के कारण चार महीने से अधिक समय (17 जनवरी, 2013 से 4 जून, 2013 तक) के लिए रोक दिया गया था। बोइंग के विमानों की बैटरी में शॉर्ट सर्किट नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की 2017 की एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया था। कुल मिलाकर एआईएल ने मेसर्स बोइंग से 27 बी-787-800 विमानों का ऑर्डर दिया था। हाई एनर्जी डेंसिटी और लॉन्ग लाइफ के लिए चुने गए विमान में लिथियम ऑयन बैटरियों का इस्तेमाल सहायक बिजली इकाई (APU) को शुरू करने और इलेक्ट्रॉनिक उड़ान प्रणालियों के लिए बैकअप पावर प्रदान करने के लिए किया गया था। हालांकि, शॉर्ट-सर्किट या उच्च परिचालन तापमान होने पर वे आग लगने जैसे अंतर्निहित सुरक्षा जोखिम हैं। उस वक्त सीएजी ने विमान के मैकेनिकल खामी बताई गई थी। जनवरी 2013 में दो नए ड्रीमलाइनर 787-8 विमान जापान की दो एयरलाइन कंपनियों के बेड़े में शामिल किए गए थे। इनमें लगी लीथियम आयन (Li-Ion) बैटरी में आग लगने से इमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी। इसके बाद अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने 3 महीने के लिए दुनिया भर में सभी ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ानों पर रोक लगा दी थी। बोइंग ने फिर अपने बैटरी सिस्टम में सुधार किया। बोइंग के विमानों में खराबी की भी बात आई 2020 से 2022 के दौरान ड्रीमलाइनर में कई बार मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट की खबरें आईं। दरअसल, ड्रीमलाइनर एक वाइड-बॉडी पैसेंजर प्लेन है। इसके हिस्से अलग-अलग बनते हैं, जिन्हें बाद में जोड़ा जाता है। इस दौरान कई विमानों में बॉडी के जोड़े गए हिस्सों में ज्यादा गैप की शिकायत आई। बॉडी में इस्तेमाल होने वाले कार्बन-फाइबर के हिस्सों को भी ठीक से नहीं जोड़ा गया था। बॉडी का झुकाव भी ठीक नहीं था। 2020 से 2022 के दौरान बोइंग ने एयरलाइंस को ड्रीमलाइनर की डिलीवरी रोक दी। अमेरिकी संस्था FAA ने निगरानी बढ़ाई और कई दूसरी कंपनियों को एयरक्राफ्ट डिलीवर करने की मंजूरी दी। बोइंग ने भी माना कि ड्रीमलाइनर की मैन्युफैक्चरिंग में कई तरह की गड़बड़ी थी। हालांकि, बोइंग का दबाव अमेरिकी सरकार पर … Read more