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चुनाव आयोग पर घटते भरोसे का दावा, भाजपा-राहुल विवाद पर शरद पवार का हमला

मुंबई  राहुल गांधी बीते कई महीनों से वोटर लिस्ट में धांधली समेत कई आरोप चुनाव आयोग पर लगा रहे हैं। इस मामले में अकसर भाजपा जवाब देती नजर आती है। इसी को लेकर एनसीपी-एसपी के नेता शरद पवार ने कहा है कि इससे तो चुनाव आयोग पर भरोसा कमजोर होता है। उन्होंने कहा कि जब भी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हैं तो भाजपा नेता नियमित रूप से प्रतिक्रिया देते हैं। इससे चुनाव आयोग पर 'अविश्वास' बढ़ता है। पवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इन सवालों पर आयोग की ओर से जवाब देने के बजाय भाजपा और उसके नेता प्रतिक्रिया देते हैं। उन्होंने कहा, 'लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी जब संसद में यह मुद्दा उठाते हैं तो संबंधित संस्था को इसका संज्ञान लेना चाहिए था। लेकिन हो यह रहा है कि जब गांधी चुनाव आयोग की आलोचना करते हैं तो आयोग जवाब नहीं देता बल्कि भाजपा और उसके नेता प्रतिक्रिया देते हैं।' पवार ने आगे कहा कि चुनाव आयोग की बजाय मुख्यमंत्री और अन्य नेता ऐसे मुद्दों पर जवाब दे रहे हैं, जिससे आयोग के प्रति अविश्वास की भावना बढ़ रही है। ऐसा होना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। राहुल गांधी ने हाल ही में 'वोट चोरी' के मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग की आलोचना की थी और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर लोकतंत्र को नष्ट करने वालों की रक्षा करने का आरोप लगाया था। गांधी ने कर्नाटक और महाराष्ट्र की दो विधानसभा सीटों के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया था कि वहां मतदाताओं के नाम धोखाधड़ी से हटाए या जोड़े गए हैं। चुनाव आयोग ने इन आरोपों को गलत और निराधार बताया है और कहा है कि 'किसी भी आम नागरिक द्वारा ऑनलाइन वोट डिलीट नहीं किया जा सकता जैसा राहुल गांधी का दावा है।' आयोग ने स्पष्ट किया कि वोटर लिस्ट से नाम हटाने के लिए केवल उसी बूथ के अन्य मतदाता फॉर्म 7 के जरिए आवेदन कर सकते हैं न कि कोई भी आम नागरिक। राहुल गांधी के इन आरोपों के बाद विपक्षी दलों में एकजुटता देखी गई है, जिसमें शरद पवार और अन्य नेताओं ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में 'वोट चोरी' के उदाहरण दिए हैं।  

RJD-CONG की परेशानी बढ़ी: राहुल गांधी का बयान बिहार चुनाव में बना तीर

नई दिल्ली  बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए माहौल गरमाने लगा है। महागठबंधन के बड़े नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इस बार पूरे जोर-शोर से ‘वोट चोरी’ का मुद्दा उठा रहे हैं। वे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को संस्थागत वोट चोरी का तरीका बता रहे हैं। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि क्या इस मुद्दे पर इतनी आक्रामक राजनीति कांग्रेस और उसके सहयोगियों को फायदा देगी, या फिर यह दांव उल्टा भी पड़ सकता है? राहुल गांधी ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि कर्नाटक की एक विधानसभा सीट पर वोट अवैध रूप से हटाए गए, जबकि महाराष्ट्र की एक सीट पर फर्जी तरीके से जोड़े गए। उन्होंने दावा किया कि उनके पास “हाइड्रोजन बम” जैसे बड़े सबूत हैं, जिन्हें वे जल्द सार्वजनिक करेंगे। इससे पहले वे “एटम बम” छोड़ने की बात कह चुके हैं। राहुल लगातार बीजेपी और चुनाव आयोग पर हमलावर हैं। उनका कहना है कि वोटर लिस्ट में हेरफेर कर चुनाव परिणाम प्रभावित किए जा रहे हैं। हालांकि, अब तक उन्होंने चुनाव आयोग के पास औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है। सहयोगियों की बेचैनी महागठबंधन के भीतर ही इस रणनीति को लेकर असहजता दिखाई दे रही है। राजद सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी यादव बेरोजगारी, पलायन, अपराध, सरकारी सेवाओं की बदहाली और पेपर लीक जैसे सीधे मुद्दों पर आक्रामक कैंपेन कर रहे हैं। इसके उलट राहुल गांधी बार-बार सिर्फ ‘वोट चोरी’ की बात कर रहे हैं। इससे संदेश एकतरफा हो रहा है और जनता के असली सरोकारों पर ध्यान कम हो रहा है। कांग्रेस के अंदर भी कुछ नेताओं को आशंका है कि यह आक्रामक रुख न सिर्फ चुनावी रणनीति को नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की साख पर भी सवाल खड़े कर सकता है। जमीन पर असर कितना? राहुल गांधी ने हाल ही में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान 16 दिन तक मार्च किया और हर सभा में वोट चोरी का मुद्दा उठाया। लेकिन जमीनी स्तर पर इसका असर कितना है? वोट वाइब के बिहार इलेक्शन 2025 सर्वे के मुताबिक, राज्य में सिर्फ 21% लोग SIR प्रक्रिया और वोट चोरी को बड़ा चुनावी मुद्दा मानते हैं। इसके विपरीत बेरोजगारी को 32% लोग सबसे अहम मुद्दा बता रहे हैं। इससे साफ है कि जनता की प्राथमिकताओं में वोट चोरी फिलहाल सबसे ऊपर नहीं है। बड़ा दांव या जोखिम? विश्लेषकों का कहना है कि राहुल गांधी ने अपनी पूरी ताकत ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर केंद्रित कर दी है। अगर यह मुद्दा जनता के बीच उतना असरदार नहीं रहा तो इसका खामियाजा महागठबंधन को भुगतना पड़ सकता है। खासकर तब जब विपक्षी गठबंधन ने हाल के महीनों में तेजी से चुनावी गति पकड़ी थी। अब देखना होगा कि राहुल गांधी का यह “हाइड्रोजन बम” वास्तव में सत्तारूढ़ दल को झटका देता है या फिर कांग्रेस के लिए ही भारी पड़ जाता है।  

मोदी पर राहुल का हमला, कहा- हाइड्रोजन बम की बारी, जनता को क्या जवाब देंगे?

पटना  बिहार के सासाराम से शुरू हुई राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा का आज (एक सितंबर) को पटना में संपन्न हुई। इस मौके पर इंडिया अलायंस के सहयोगी दलों ने बड़ा मार्च निकाला। इस बीच जनसभा को संबोधित करते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बीजेपी को चेताते हुए कहा कि अब एटम बम से बड़ा हाइड्रोजन बम आ रहा है। वोट चोरी की आपकी सच्चाई पूरी देश को पता चलने वाली है। बिहार क्रांतिकारी प्रदेश है, और इसने पूरे देश को संदेश दिया है, कि हम वोट चोरी नहीं होने देंगे। हाइड्रोजन बम के बाद नरेंद्र मोदी अपना चेहरा देश के लोगों को नहीं दिखा पाएंगे। राहुल ने कहा कि महादेवपुरा में 'वोट चोरी' के रूप में एटम बम के बाद, हम जल्द ही हाइड्रोजन बम लाएंगे। महात्मा गांधी की हत्या करने वाले अब लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने की कोशिश कर रहे हैं। हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे। हाल ही में हमने देश के सामने 'वोट चोरी' का सबूत पेश किया। वोट चोरी का मतलब है लोगों के अधिकारों, लोकतंत्र और भविष्य की चोरी है। आपको बता दें हाल में राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2024 में अनियमितताओं के दावों का 'एटम बम' फोड़ते हुए बेंगलुरू सेंट्रल लोकसभा सीट की एक विधानसभा में एक लाख से अधिक फर्जी वोटरों के जरिए चुनावी धांधली का दावा किया था। नेता प्रतिपक्ष ने ने कहा कि हमारे लोगों ने कागज के वोटर लिस्ट से पता और फोटो मिलाकर काम किया और फिर देश के सामने सबूत रखा है। इसमें 17-17 घंटे लगे। बिहार के युवाओं से मैं कहना चाहता हूं कि वोट चोरी का मतलब अधिकार की चोरी, आरक्षण की चोरी, लोकतंत्र की चोरी, युवाओं के भविष्य की चोरी। यह सिर्फ वोट नहीं ले रहे बल्कि आपकी जमीन और राशन कार्ड सब कुछ ले जाकर अडाणी- अंबानी को दे देंगे। जिन शक्तियों ने महात्मा गांधी की हत्या की वहीं शक्तियां गांधी और आबंडेकर के संविधान की हत्या की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए हमने बिहार में यात्रा की है और आपका बेहतरीन साथ मिला है। बिहार के सारे के सारे युवा खड़े हो गए। इस दौरान राहुल ने 'वोट चोर' के नारे भी लगवाए।  

राहुल गांधी का आरोप: मुजफ्फरपुर की सभा में कहा, संविधान पर चोट की जा रही है

मुजफ्फरपुर लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि गुजरात का मॉडल 'आर्थिक मॉडल' नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि 'वोट चोरी' की शुरुआत गुजरात से हुई और फिर इसे राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी 'वोटर अधिकार यात्रा' के 11वें दिन मुजफ्फरपुर पहुंचे। उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा के लोगों ने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा और गुजरात के चुनाव में 'वोटी चोरी' की। 'गुजरात मॉडल' वोट चोरी करने का मॉडल है, जिसे ये लोग 2014 में राष्ट्रीय स्तर पर लाए। हम कुछ कहते नहीं थे, क्योंकि हमारे पास कोई सबूत नहीं थे, लेकिन महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद हमें सबूत मिल गया। मुजफ्फरपुर में 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बिहार में दलितों, अति पिछड़ों, अल्पसंख्यकों यानी गरीबों के वोट काटे गए। जिंदा लोगों को मुर्दा बना दिया गया। वोट काटकर संविधान पर चोट की जा रही है। उन्होंने संविधान को आत्मा बताते हुए कहा कि जो लोग भारत माता की आत्मा पर चोट पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, वे यहां के युवाओं को नहीं समझते हैं। भाजपा 'वोट चोरी' कर चुनाव जीतती है और उसकी मदद चुनाव आयोग करता है। राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि संसद में चुपचाप एक कानून पास कर दिया जाता है। इसके तहत इलेक्शन कमिश्नर चाहे कुछ भी करें, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती। अगर चुनाव आयोग अपना काम ईमानदारी से कर रहा है, तो ऐसे कानून की क्या जरूरत है? केंद्र सरकार में किसानों-मजदूरों को पीटकर जेल में डाल दिया जाता है। युवा पेपर लीक के खिलाफ धरना देता है तो उसे लाठियों से पीटकर अंदर कर देते हैं। लेकिन, देश के चुनाव आयुक्त के खिलाफ कोई एफआईआर नहीं कर सकता है। इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जब राहुल गांधी चुनाव आयोग की शिकायत करते हैं तो उन्हें शपथ पत्र देने को कहा जाता है। राहुल गांधी राजनीति, मंच के लिए नहीं करते। वे जो कहते हैं, बहुत सोच-समझकर कहते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी वकील हैं, जो भारत के लोगों की लड़ाई लड़ रहे हैं। भारत में लोकतंत्र फलेगा। मताधिकार की चोरी करने वालों से जनता सत्ता छीन लेगी, यह भीड़ इसका संदेश देती है।

‘वोट चोरी’ पर नया सवाल, राहुल गांधी ने अमित शाह से पूछा BJP का भविष्य

पटना कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर कथित तौर पर ‘वोट चोरी’ के आरोप को लेकर नया सवाल उठाया है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को कैसे मालूम है, जो वो बार-बार कहते हैं कि भाजपा की सरकार 40 से 50 साल चलने वाली है। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ वोटर अधिकार यात्रा कर रहे गांधी ने एक दिन पहले कहा था कि 65 लाख नाम काटे गए लेकिन भाजपा ने एक शिकायत नहीं की क्योंकि भाजपा और चुनाव आयोग में वोट चोरी के लिए पार्टनरशिप है। राहुल गांधी ने मंगलवार को मधुबनी में कहा- “अमित शाह ने बयान दिया। एक बार नहीं अनेक बार। अब बीजेपी सरकार 40-50 साल चलेगी। मैं सोच रहा था कि ये कैसे कह सकते हैं, इनको कैसे मालूम कि बीजेपी सरकार 40-50 साल चलेगी। जनता क्या करेगी, जनता के दिल में क्या होता है, जनता ही जानती है। तो ऐसा बयान देना कि अब हमारी सरकार 40-50 साल चलेगी। ये अजीब सा बयान है। उस टाइम मैंने सोचा था कि इनको कैसे मालूम कि 40-50 साल चलेगी।” राहुल ने ‘वोट चोरी’ के आरोप पर अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस के संदर्भ में आगे कहा- "अब सच्चाई देश के सामने आ गई है। वो ये बात इसलिए कह सकते हैं क्योंकि वो वोट चोरी करते हैं। चोरी इन्होंने अभी नहीं चालू की। चोरी सालों से हो रही है। ये चोरी गुजरात में पहले शुरू हुई और उसके बाद 2014 में नेशनल लेवल पर आई। उसके बाद चुन-चुनकर ये लोग स्टेट जीतते हैं और हरवाते हैं। पहले ये बात मैं नहीं कहता था, क्योंकि मेरे पास सबूत नहीं था। मैं वही बोलता हूं, जिसके बारे में पूरी जानकारी हो। मुझे लगा कि कुछ ना कुछ तो गड़बड़ है। मैंने कहा कि जिस दिन तक सबूत नहीं मिलेगा, उस दिन तक खुलकर नहीं कहूंगा कि वोट चोरी होती है।” राहुल ने मधुबनी में ही एक दूसरी सभा में ऊपर कही गई बातों को दोहराते हुए कहा- “बीजेपी ने चुनाव आयोग की मदद से महाराष्ट्र का चुनाव चोरी किया। हरियाणा का चुनाव चोरी किया। उससे पहले मध्य प्रदेश का चुनाव चोरी किया। लोकसभा में कर्नाटक में हमने उनको पकड़ा। और हमारा एक ही मैसेज है कि बिहार में वोट चोरी नहीं होने देंगे। … हमने वोट चोरी पकड़ ली है। अब बीजेपी सरकार नहीं रहेगी।”  

हरियाणा की जीप नहीं, इस बार राहुल गांधी चढ़े बिहार की बुलेट पर

पूर्णिया  बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर अधिकार यात्रा में विपक्ष के नेताओं और कार्यकर्ताओं का जोश हाई दिख रहा है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी खुद इस यात्रा में काफी दिलचस्पी ले रहे हैंं और वो बिहार के अलग-अलग जिलों में घूम रहे हैँ। रविवार को पूर्णिया में राहुल गांधी का मूड एकाएक बदल गया। पूर्णिया शहर प्रवेश करते ही वो हरियाणा की जीप (नंबर- एच आर 26 डीएस 0999) को छोड़ बिहार के बुलेट (बीआर 22 बीओ 4709) पर सवार हो गए। कप्तान पुल के समीप एक कांग्रेस नेता के पेट्रोल पंप पर वह बुलेट पर सवार हो गए। इसके बाद उन्होंने अररिया तक की यात्रा बुलेट से ही पूरी की। हेलमेट पहने बाइक चला रहे राहुल के पीछे बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार बैठे थे। हालांकि, उनके सिर पर हेलमेट नहीं था। तेजस्वी यादव भी हेलमेट पहनकर बुलेट चला रहे थे। राहुल बाइक से आगे-आगे थे जबकि उनका काफिला पीछे-पीछे था। जाहिर है राजेश कुमार बिना हेलमेट पहने ही बाइक पर बैठे थे और यह मुद्दा गरमा भी सकता है। राहुल गांधी को युवक ने लगा लिया गले लाइन बाजार में एक युवक ने राहुल की बाइक के सामने आकर उन्हें गले भी लगा लिया। हालांकि, ऐसे युवक को सिक्योरिटी ने अच्छी खातिरदारी की। कप्तान पुल से लाइन बाजार, पंचमुखी मंदिर, प्रभात कॉलोनी, रामबाग, पूर्णिया सिटी, कसबा होते हुए राहुल ने अररिया तक की यात्रा बुलेट से ही पूरी की। इससे पहले पूर्णिया पूर्व प्रखंड के गौरा से करीब आठ बजे वह खुली जीप से निकले। उनके साथ तेजस्वी यादन और मुकेश सहनी थे। बेलौरी होते हुए उनका काफिला खुश्कीबाग पहुंचा। पूर्णिया शहर में वह करीब नौ बजे दाखिल हुए और 10 बजे तक वह कसबा पहुंच गए। इसके बाद वह अररिया जिला की सीमा में प्रवेश कर गए। रास्ते में जगह-जगह पर उन्होंने लोगों से हाथ मिलाया। काफी संख्या में युवा व महिलाएं भी थी। कांग्रेस सेवादल के सदस्य भी नजर आए। कटिहार मोड़ पर स्कूली बच्चियों ने भी उनका स्वागत किया। पूर्णिया जिला में दो विधानसभा पूर्णिया सदर एवं कसबा विधानसभा में उन्होंने करीब 30 किलोमीटर की यात्रा की। राहुल गांधी के मतदाता अधिकार यात्रा के दौरान सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम थे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस जवान तैनात थे। यहां तक कि रूट में पड़ने वाले ऊंचे-ऊंचे भवनों पर पुलिस बल की तैनाती की गयी थी।  

राहुल गांधी की एंट्री पर सस्पेंस, तेजस्वी संभालेंगे कमान; इंडिया गठबंधन वर्कर करेंगे डोर-टू-डोर कैंपेन

पटना  बिहार में विधानसाभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन वोट अधिकार यात्रा कर रहा है। इंडिया गठबंधन ने मतदाता अधिकार यात्रा के साथ अपने वादों की पोटली भी खोल दी है। गठबंधन के कार्यकर्ता यात्रा के दौरान घर-घर अधिकार का पर्चा भी बांटेंगे। गुरुवार को 5वें दिन की यात्रा शेखपुरा से शुरू होगी। रात्रि विश्राम मुंगेर में होगा। वहीं राहुल गांधी दिल्ली में उपराष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी गतिविधियों में व्यस्त रहने के चलते गुरुवार की शाम से यात्रा में शामिल होंगे। गुरुवार की सुबह शेखपुरा से यात्रा में तेजस्वी यादव और अन्य नेता मौजूद रहेंगे। बुधवार को यात्रा का विश्राम दिन रहा। वहीं, यात्रा में 28 अगस्त को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव शामिल होंगे। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बुधवार को सोशल मीडिया एक्स पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस यात्रा में अखिलेश यादव का जुड़ना वोट चोरी के ख़िलाफ़ हमारे इस जन आंदोलन को और मज़बूत करेगा। घर-घर अधिकार का पर्चा में वादों का गुलदस्ता समाहित किया गया है। इस पर्चे में गठबंधन के सभी नेताओं को जगह दी गई है। राहुल-तेजस्वी संग माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी, भाकपा के डी राजा को भी जगह दी गई है। इसमें कमाई, दवाई, पढ़ाई और सामाजिक न्याय के अधिकार से संबंधित वादे गिनाए गए हैं। गठबंधन ने इसी के इर्द-गिर्द चुनावी घोषणा पत्र तैयार करने का मन बनाया है।