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सर्द हवाओं का असर: राजस्थान का तापमान 13°C से नीचे, कोटा-उदयपुर में बारिश की संभावना

जयपुर राजस्थान में अब सर्दी ने दस्तक दे दी है। सीकर के बाद अब दौसा में भी रात का तापमान गिरकर 13 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है। मौसम विभाग के अनुसार करौली, जालोर, गंगानगर, बाड़मेर, भीलवाड़ा और अजमेर समेत कई जिलों में न्यूनतम तापमान में 1 से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है। रातों में बढ़ी ठंड, दिन में गर्मी बरकरार पिछले 24 घंटे के दौरान पूरे राज्य का मौसम साफ रहा। दिन में धूप तेज रही, लेकिन रात में तापमान में गिरावट के चलते ठंड का असर बढ़ गया है। सीकर में न्यूनतम तापमान 13°C, दौसा में 13.7°C, नागौर में 14.4°C और जयपुर में 19.2°C रिकॉर्ड किया गया। वहीं, बाड़मेर में अधिकतम तापमान 37.6°C के साथ सबसे गर्म रहा, जबकि जैसलमेर में 36.5°C और बीकानेर में 35.5°C दर्ज हुआ। 27 अक्टूबर को बारिश की संभावना मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि वर्तमान में अरब सागर में डिप्रेशन सिस्टम और दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में लो-प्रेशर सिस्टम बना हुआ है। साथ ही, एक नया पश्चिमी विक्षोभ 26-27 अक्टूबर से उत्तर-पश्चिमी भारत में सक्रिय होने की संभावना है। इन तीनों सिस्टम के संयुक्त प्रभाव से उदयपुर और कोटा संभाग के जिलों में 26 से 28 अक्टूबर के बीच मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। सबसे अधिक असर 27 और 28 अक्टूबर को रहेगा, जब कुछ इलाकों में आकाशीय बिजली चमकने और हल्की बारिश की स्थिति बनेगी। यह भी पढें-  जैसलमेर बस अग्निकांड: बस क्यों बन गई थी 26 लोगों की चिता? FSL रिपोर्ट में सामने आई आग लगने की वजह, जानें… किसानों और आमजन के लिए सलाह मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि संभावित बारिश को देखते हुए फसलों की कटाई और भंडारण के कार्यों में सावधानी बरतें। वहीं, तापमान में गिरावट को देखते हुए सुबह और रात के समय ठंड से बचाव के इंतजाम करने की सलाह दी गई है। बीते 24 घंटों में तापमान की स्थिति इस प्रकार रही:  अजमेर में अधिकतम 32.8°C और न्यूनतम 15.4°C, भीलवाड़ा में 31.6°C और 16°C, अलवर में 33.5°C और 15.4°C, जयपुर में 31.8°C और 19.2°C, तथा नागौर में 30.4°C और 15.5°C तापमान दर्ज हुआ। सीकर में रात का तापमान सबसे नीचे 13°C रहा, जिससे सर्दी का असर बढ़ा। उदयपुर में अधिकतम 35.2°C और न्यूनतम 18.2°C, फलोदी में 34.8°C और 20.2°C, बीकानेर में 35.5°C और 21°C, जबकि श्रीगंगानगर में 34.4°C और 17.7°C दर्ज किया गया। जैसलमेर में अधिकतम 36.5°C, बाड़मेर में 37.6°C, और चित्तौड़गढ़ में 34.6°C तापमान रहा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले दिनों में रात के तापमान में और गिरावट की संभावना है, जबकि दिन में मौसम सामान्य रूप से शुष्क बना रहेगा।

दशहरे के दिन मध्यप्रदेश में बारिश की संभावना, तवा डैम के 5 गेट खुले, धार-बड़वानी प्रभावित

भोपाल  मध्यप्रदेश में जहां एक ओर मानसून विदाई की ओर बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के कई जिलों में बारिश का सिलसिला अभी भी जारी है। मौसम विभाग के अनुसार, मानसून ट्रफ और निम्न दबाव क्षेत्र के सक्रिय होने से अगले 24 घंटों में प्रदेशभर में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।1 अक्टूबर से एक नया सिस्टम सक्रिय होने जा रहा है, जिससे 2 अक्टूबर को दशहरे के दिन भी बारिश की संभावना जताई जा रही है। इसको लेकर रावण दहन समितियां तैयारियों में जुट गई हैं ताकि बारिश के चलते पुतलों को नुकसान न पहुंचे।मानसून ट्रफ और लो प्रेशर एरिया (निम्न दाब क्षेत्र) के एक्टिव होने से मध्यप्रदेश में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हो रही है। सोमवार को भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत कई जिलों में हल्की बारिश हो सकती है। कई जिलों में हुई बारिश रविवार को नरसिंहपुर में आधा इंच से ज्यादा पानी बरस चुका है। बैतूल, पचमढ़ी, रतलाम, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, मंडला, सागर और सिवनी जैसे जिलों में भी बारिश दर्ज की गई है। नर्मदापुरम जिले के तवा डैम में भी जलस्तर बढ़ने के चलते इसके पांच गेट खोल दिए गए हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए पूरे प्रदेश में हल्की बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। लोकल सिस्टम की वजह से कहीं-कहीं तेज बारिश भी हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, 1 अक्टूबर से नया सिस्टम एक्टिव हो रहा है। इससे 2 अक्टूबर को दशहरे के दिन भी बारिश हो सकती है। ऐसे में दशहरा उत्सव समिति रावण के पुतलों को बचाने के लिए उपाय कर रही हैं। इससे पहले रविवार को धार के मनावर और बड़वानी के सेंधवा में पानी गिरा। सेंधवा में तेज बारिश से खेतों में पानी भर गया, जिससे मक्के की फसल को नुकसान पहुंचा है। यहां एक कच्चा मकान भी गिर गया। नर्मदापुरम जिले के तवा डैम के पांच गेट खोले गए। नरसिंहपुर में आधा इंच से ज्यादा बारिश हो गई। बैतूल, इंदौर, पचमढ़ी, रतलाम, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, मंडला, सागर, सिवनी में भी पानी गिरा। 12 जिलों से विदा हो चुका है मानसून प्रदेश के 12 जिलों  ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर, रतलाम और शाजापुर से मानसून की आधिकारिक विदाई हो चुकी है। राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्सों में भी मानसून लौटने लगा है। हालांकि नया सिस्टम बनने से इसकी पूरी विदाई की प्रक्रिया थोड़ी देर से पूरी हो सकती है। गुना सबसे अधिक भीगा, ये जिले रहे सूखे 16 जून को प्रदेश में दस्तक देने वाले मानसून ने अब तक औसतन 45 इंच बारिश दी है, जबकि सामान्य बारिश का आंकड़ा 37.2 इंच है। यानी अब तक प्रदेश में 122% बारिश हो चुकी है।अब तक सबसे ज्यादा बारिश गुना जिले में दर्ज की गई है यहां कुल 65.5 इंच पानी गिरा है। वहीं मंडला और रायसेन में 62 इंच से ज्यादा पानी बरस चुका है। इसके विपरीत, शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार सबसे कम बारिश वाले जिलों में शामिल हैं।  इंदौर संभाग की तस्वीर भी सुधरी इस मानसूनी सीजन में शुरुआत से ही इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति ठीक नहीं रही। एक समय तो इंदौर में प्रदेश की सबसे कम बारिश हुई थी। ऐसे में अटकलें थीं कि क्या इस बार इंदौर में सामान्य बारिश भी होगी? लेकिन सितंबर महीने में तेज बारिश की वजह से इंदौर में सामान्य बारिश का कोटा पूरा हो गया। संभाग के सभी जिलों में भी बारिश की बेहतर तस्वीर हो गई। दूसरी ओर, उज्जैन जिले में अब भी कोटा पूरा नहीं हुआ है। सबसे कम बारिश वाले जिलों में शाजापुर पहले नंबर पर है। ग्वालियर, चंबल-सागर सबसे बेहतर एमपी में जब से मानसून एंटर हुआ, तब से पूर्वी हिस्से यानी जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है। यहां बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई। ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। यहां के सभी 8 जिलों में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर शामिल हैं। सबसे ज्यादा बारिश वाले 49 में से भोपाल संभाग के 5, इंदौर के 8, जबलपुर के 8, ग्वालियर के 5, सागर के 6, उज्जैन के 4, चंबल के सभी 3, शहडोल के 3, रीवा के 5 और नर्मदापुरम संभाग के 3 जिले शामिल हैं। एमपी के 5 बड़े शहरों में बारिश का रिकॉर्ड… भोपाल में 4 साल से कोटे से ज्यादा बारिश भोपाल में सितंबर महीने की औसत बारिश 7 इंच है, लेकिन पिछले 4 साल से कोटे से ज्यादा पानी बरस रहा है। ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो साल 1961 में पूरे सितंबर माह में 30 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। वहीं, 24 घंटे में सर्वाधिक 9.2 इंच बारिश का रिकॉर्ड 2 सितंबर 1947 को बना था। इस महीने औसत 8 से 10 दिन बारिश होती है। वहीं, दिन में तापमान 31.3 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। इंदौर में सितंबर में रिकॉर्ड 30 इंच बारिश इंदौर में सितंबर महीने में रिकॉर्ड 30 इंच बारिश हो चुकी है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है, जो साल 1954 में बना था। वहीं, 20 सितंबर 1987 को 24 घंटे में पौने 7 इंच पानी गिर चुका है। इस महीने इंदौर में औसत 8 दिन बारिश होती है, लेकिन इस बार 15 या इससे अधिक दिन तक बारिश हो सकती है। ग्वालियर में वर्ष 1990 में गिरा था 25 इंच पानी ग्वालियर में सितंबर 1990 में 647 मिमी यानी साढ़े 25 इंच बारिश हुई थी। यह सितंबर में मासिक बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 7 सितंबर 1988 को 24 घंटे में साढ़े 12 इंच बारिश हुई थी। सितंबर में ग्वालियर की औसत बारिश करीब 6 इंच है, लेकिन पिछले तीन साल से इससे अधिक बारिश हो रही है। ग्वालियर में इस बार अगस्त में ही बारिश का कोटा पूरा हो गया। ऐसे में सितंबर में जितनी भी बारिश होगी, वह बोनस की तरह ही रहेगी। जबलपुर में 24 घंटे में साढ़े 8 इंच बारिश का … Read more

इंदौर और भोपाल में भी बादलों की दस्तक, मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी

भोपाल मध्यप्रदेश में बारिश के दो स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव होने की वजह से कई दिनों में तेज बारिश का दौर चल रहा है। शनिवार को इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग के 19 में से 12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है।आलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा में अगले 24 घंटे में ढाई से साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन तक बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसलिए हो रही तेज बारिश  मौसम विभाग की सीनियर वैज्ञानिक ने बताया कि प्रदेश से एक मानसून ट्रफ गुजर रही है। वहीं, एक अन्य ट्रफ और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम भी एक्टिव है। इस वजह से शुक्रवार को कई जिलों में बारिश का दौर बना रहा। शनिवार को भी बारिश का सिस्टम एक्टिव रहेगा।प्रदेश में शुक्रवार को बारिश का दौर बना रहा। सिवनी और इंदौर में आधा इंच पानी गिर गया। वहीं, नर्मदापुरम, पचमढ़ी, इटारसी-पिपरिया, धार के पीथमपुर, बैतूल, टीकमगढ़ में भी बारिश हुई। प्रदेश में अब तक 36.5 इंच बारिश प्रदेश में अब तक औसत 36.5 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 30 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 6.5 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। 0.5 इंच बारिश होते ही इस बार भी बारिश का कोटा फुल हो जाएगा। पिछली बार 44 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। इस बार बारिश के मामले में गुना सबसे बेहतर है। यहां औसत 54.5 इंच पानी गिर चुका है। वहीं, मंडला में 53.8 इंच बारिश हुई है। अशोकनगर में 50.9 इंच, शिवपुरी में 50.7 इंच और श्योपुर में 50.3 इंच बारिश हुई है।वहीं, सबसे कम बारिश वाले 5 जिलों में सभी इंदौर संभाग के हैं। इंदौर सबसे आखिरी में है। यहां अब तक औसत 18.7 इंच बारिश हुई है। बुरहानपुर में 22.7 इंच, खरगोन में 19.8 इंच, खंडवा में 21.5 इंच और बड़वानी में 21.4 इंच पानी गिरा है। शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक रतलाम में 16, सिवनी में 13, इंदौर में 11, नर्मदापुरम में आठ, बैतूल में चार, पचमढ़ी एवं टीकमगढ़ में दो-दो मिलीमीटर बारिश हुई। मध्य प्रदेश के 16 जिलों भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर और खंडवा में आज कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। यहां बना हुआ है चक्रवात मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक मानसून द्रोणिका वर्तमान में बीकानेर, कोटा, गुना, दमोह, पेंड्रा रोड, संबलपुर, पुरी से होकर बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। विदर्भ और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात मौजूद है। दक्षिणी छत्तीसगढ़ से उत्तरी केरल तक एक द्रोणिका बनी हुई है, जो विदर्भ पर बने से चक्रवात एवं आंतरिक कर्नाटक से होकर जा रही है। तीन-चार दिन तक बना रहेगा बारिश का सिलसिला मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के प्रभाव से बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से नमी आ रही है। इस वजह से रुक-रुककर बारिश हो रही हैं। प्रदेश के विभिन्न शहरों में हल्की से मध्यम बारिश का सिलसिला तीन-चार दिन तक बना रह सकता है। उधर पिछले 24 घंटों के दौरान शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक रायसेन में 44.8, छिंदवाड़ा में 29.8, मलाजखंड में 26.2, पचमढ़ी में 23, मंडला में 15.7, इंदौर में 13.8, खंडवा में 13, भोपाल में 10.6, बैतूल में 9.2, खजुराहो में 2.2, रतलाम में दो, उमरिया में 1.6, दमोह एवं नरसिंहपुर में एक-एक मिमी. बारिश हुई।

मध्यप्रदेश में अब तक 91% बारिश पूरी, उज्जैन सहित 13 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट

भोपाल  मध्यप्रदेश में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है. मौसम विभाग ने राज्य में अगले तीन दिनों तक तेज बारिश की संभावना जताई है. मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की एक्टिविटी के चलते कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश हो सकती है. मध्य प्रदेश में मानसून (monsoon) अब रौद्र रूप में हैं। शुक्रवार को कई जिलों में झमाझम बारिश से जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। जगह-जगह जलभराव के कारण सड़के डूब गई और निचले इलाकों में हालत बिगड़ गए। राजधानी भोपाल समेत शाजापुर, राजगढ़, नर्मदापुरम, श्योपुर, मंडला, सिवनी और मालवा क्षेत्र में हालात गंभीर बने हुए हैं। नर्मदापुरम में चार दिन से तवा डैम के गेट लगातार खुले हुए हैं। बुधवार को सीजन में दूसरी बार 13 में से 5 गेट खोले गए थे, जो अब तक खुले हुए हैं। आज (शनिवार) सुबह 8 बजे तीन गेट पांच फीट की ऊंचाई पर खोले गए हैं। करीब 25,800 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। वर्तमान में तवा डैम का जलस्तर 1163.70 फीट दर्ज किया गया है। आज इन जिलों में होगी बारिश मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटे में नीमच और मंदसौर में अति भारी बारिश का अलर्ट है। वहीं, शिवपुरी, मुरैना, गुना, राजगढ़, शाजापुर, आगर-मालवा, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ और अलीराजपुर में भारी बारिश हो सकती है। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश के ऊपर से एक मानसून ट्रफ गुजर रही है। वहीं, उत्तरी हिस्से में साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय है। इस वजह से शुक्रवार को कई जिलों में बारिश हुई। यहां जारी हुआ अलर्ट ऑरेंज अलर्ट – राजगढ़, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, शिवपुरी और श्योपुर। मौसम विभाग के मुताबिक, शनिवार 23 अगस्त को यहां मूसलाधार बारिश की संभावना है, जिससे इन जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। आज उज्जैन समेत 13 जिलों में अलर्ट मौसम विभाग के मुताबिक, आज उज्जैन समेत राज्य के 13 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है. इनमें शिवपुरी, मुरैना, गुना, राजगढ़, शाजापुर, आगर-मालवा, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ और अलीराजपुर शामिल हैं. इन जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है. नीमच-मंदसौर में ऑरेंज अलर्ट अगले 24 घंटों में नीमच और मंदसौर जिले में अति भारी बारिश की संभावना जताई गई है. यहां मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने और लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. अगले तीन दिन एक्टिव रहेगा मानसून मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अगले तीन दिनों तक मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश होती रहेगी. इसके चलते निचले इलाकों में जलभराव और नदी-नालों का जलस्तर बढ़ सकता है.  इन जिलों में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट नीमच और श्योपुर में अगले 24 घंटे में साढ़े 8 इंच तक बारिश। यहां भारी बारिश का यलो अलर्ट शिवपुरी, मुरैना, गुना, राजगढ़, शाजापुर, आगर-मालवा, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ और अलीराजपुर में अगले 24 घंटे में साढ़े 4 इंच तक पानी पड़ने की संभावना है। श्योपुर के कराहल में शुक्रवार को नाले में दो लोग बह गए। एक को ग्रामीणों ने बचा लिया, जबकि दूसरा लापता है। श्योपुर में बोदल की पुलिया बहने से सवाई माधोपुर जाने का रास्ता पूरी तरह बंद हो गया। सिवनी मालवा में तेज बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं, प्रशासन ने लोगों को डूब क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है। बारिश के चलते भोपाल के हुजूर एसडीएम ऑफिस की छत का प्लास्टर गिर गया। रात में हादसा हुआ जिस से कोई चोटिल नहीं हुआ। MP के 25 जिले में बारिश प्रदेश में शुक्रवार को कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश का दौर जारी रहा। बालाघाट के मलाजखंड में सवा इंच बरसात हुई। मंडला में करीब 1 इंच बारिश हुई। पचमढ़ी में पौन इंच, नरसिंहपुर और श्योपुर में आधा इंच बारिश दर्ज की गई। इसी तरह भोपाल, मऊगंज, मंदसौर, मंडला, सिवनी, नर्मदापुरम, श्योपुर, राजगढ़, शाजापुर, बड़वानी, रतलाम, बैतूल, दतिया, गुना, इंदौर, पचमढ़ी, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, रीवा, सागर, टीकमगढ़, उमरिया, सिवनी में भी तेज बारिश हुई। एमपी के 25 जिले में बारिश, मलाजखंड में सवा इंच वर्षा प्रदेश में शुक्रवार को कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश का दौर जारी रहा। बालाघाट के मलाजखंड में सवा इंच बारिश हुई। मंडला में करीब 1 इंच पानी गिरा। पचमढ़ी में पौन इंच, नरसिंहपुर और श्योपुर में आधा इंच बारिश दर्ज की गई। इसी तरह भोपाल, मऊगंज, मंदसौर, मंडला, सिवनी, नर्मदापुरम, श्योपुर, राजगढ़, शाजापुर, बड़वानी, रतलाम, बैतूल, दतिया, गुना, इंदौर, पचमढ़ी, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, रीवा, सागर, टीकमगढ़, उमरिया, सिवनी में भी तेज बारिश हुई। नर्मदापुरम में तवा डैम का एक गेट 3 फीट तक खोलकर पानी छोड़ा गया है। श्योपुर में सीप नदी के उफान पर आने से निचली बस्तियों में पानी भर गया। बोदल की पुलिया बहने से सवाई माधोपुर रोड बंद हो गया। श्योपुर के कराहल में दो युवक नाले में बह गए। एक को ग्रामीणों ने बचा लिया जबकि दूसरे की तलाश एसडीईआरएफ कर रही है। श्योपुर में सीप नदी उफान पर नर्मदापुरम में तवा डैम का एक गेट 3 फीट तक खोलकर पानी निकाला गया है। श्योपुर में सीप नदी के उफान पर आने से निचली बस्तियों में पानी भर गया। वहीं बोदल की पुलिया बहने से सवाई माधोपुर रोड बंद हो गया। श्योपुर के कराहल में तेज बारिश से दो युवक नाले में बह गए। एक को ग्रामीणों ने बचा लिया जबकि दूसरे की तलाश SDERF कर रही है।