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मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण में महत्वपूर्ण कदम

सोनोग्राफी सेवाओं के लिए 87 मेडिकल ऑफिसर हुए अधिकृत मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण में महत्वपूर्ण कदम भोपाल  उप मुख्यमंत्री  राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि प्रदेश में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है कि 11 वर्षों के सतत् विभागीय प्रयासों और समर्पित कार्य के बाद पीसीपीएनडीटी अधिनियम के अंतर्गत कम्पिटेंसी बेस्ड टेस्ट के परिणाम घोषित किए गए हैं। मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा घोषित परिणामों में 87 चिकित्सक (मेडिकल ऑफिसर्स) ने सफलता प्राप्त की है। अब ये सभी पात्र चिकित्सक सोनोग्राफी (अल्ट्रासाउंड) के क्षेत्र में वैध रूप से चिकित्सकीय सेवाएं प्रदान कर सकेंगे। उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने कहा कि यह उपलब्धि प्रदेश की मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने में अत्यंत सहायक सिद्ध होगी। प्रशिक्षित एवं प्रमाणित चिकित्सक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण अल्ट्रासाउंड सेवाएं उपलब्ध कराकर गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच सेवाओं को सशक्त करेंगे। उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने सफल हुए सभी चिकित्सकों को बधाई देते हुए उनसे अपेक्षा की कि वे इस उपलब्धि को समाजसेवा का माध्यम बनाते हुए प्रदेश के प्रत्येक कोने में सेवा की भावना से कार्य करें। उन्होंने कहा कि आप सभी चिकित्सक प्रदेश की स्वास्थ्य सुरक्षा के अग्रदूत हैं, आपकी सेवा भावना और दक्षता से ही ‘स्वस्थ मध्यप्रदेश’ के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा। उन्होंने प्रशिक्षण एवं परीक्षा प्रक्रिया में सहयोग देने वाले सभी अधिकारियों, विशेषज्ञों और संस्थानों की सराहना की है।  

सिरप कंपनी के मालिक की गिरफ्तारी तय, MP पुलिस ने शुरू किया तमिलनाडु के लिए अभियान; 20 मौतें, 5 बच्चे गंभीर

भोपाल  मध्य प्रदेश में दूषित कफ सिरप Coldrif पीने से बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 20 हो गया है, जबकि 5 बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है. मृतकों के परिजनों से मिलने के बाद, उपमुख्यमंत्री और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई कर रही है. डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने बताया कि ये मौतें जहरीली कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से जुड़े किडनी फेल होने के कारण हुई हैं. छिंदवाड़ा से एक पुलिस टीम तमिलनाडु के कांचीपुरम पहुंची है, जहां वे Coldrif कफ सिरप बनाने वाली कंपनी के मालिक को गिरफ्तार करने गए हैं.  20 मासूमों की मौत, 5 की हालत गंभीर शुक्ला ने बताया कि कुल 20 बच्चों की मौत हुई है, जिनमें 17 छिंदवाड़ा से, 2 बेटुल से और 1 पंधुरना से हैं. इनमें से दो बच्चों की मृत्यु मंगलवार को और एक की सोमवार को हुई. 5 बच्चे पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के नागपुर में इलाजरत हैं.  डिप्टी सीएम शुक्ला ने कहा, "2 बच्चे एम्स में, दो सरकारी अस्पताल में और एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं. सभी उनकी जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं."  कंपनी मालिक की गिरफ्तारी के लिए टीम रवाना बता दें कि शुक्ला ने मंगलवार को नागपुर में इलाजरत बच्चों के परिवारों से मुलाकात की थी. मृत्यु का कारण बनी कफ सिरप तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित Sresan फार्मा कंपनी द्वारा निर्मित की गई थी. छिंदवाड़ा पुलिस की एक टीम कंपनी के मालिक को पकड़ने के लिए कांचीपुरम गई है.  अधिकारियों पर भी गिरी गाज उन्होंने आगे कहा कि सरकार इस मामले में बहुत सख्त है और सबसे कठोर कार्रवाई कर रही है. जांच के बीच, मध्य प्रदेश सरकार ने सोमवार को खाद्य एवं औषधि प्रशासन के दो ड्रग इंस्पेक्टर और एक डिप्टी डायरेक्टर को निलंबित कर दिया, साथ ही राज्य के ड्रग कंट्रोलर का तबादला कर दिया. डॉक्टर गिरफ्तार छिंदवाड़ा के डॉ. प्रवीण सोनी को लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. मध्य प्रदेश पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है और तमिलनाडु स्थित Coldrif कफ सिरप निर्माता कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया है. 

सरकारी प्रयासों में संगठनों की सहभागिता से हो रहा स्थितियों में सुधार

स्थितियों के सुधार के लिये किये जा रहे प्रयासों में सभी संगठन सरकार के साथ वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञों, इंडियन एकेडेमी आफ पीडियाट्रिक्स के सदस्यों-पदाधिकारियों के साथ औषधियों के उपयोग पर हुआ विमर्श केंद्र व राज्य सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करें भोपाल  राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राज्य कार्यालय में आहूत बैठक में वर्तमान परिस्थियों के परिपेक्ष्य में शिशुओ व बच्चों को चिकित्सकों द्वारा लिखे जा रहे तथा बाजार में उपलब्ध विभिन्न औषधियों विशेषकर संयोजन औषधियों (काम्बिनेशन मेडिसिन्स) के उपयोग में बरती जाने वाली सावधानियों केंद्र व राज्य सरकार तथा विभिन्न चिकित्सा संगठनो यथा इंडियन एकेडेमी आफ पीडियाट्रिक्स तथा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा जारी दिशा निर्देशों के पालन के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। अधिकारियों तथा शिशु रोग विशेषज्ञों ने प्रदेश में हुई बच्चों की दुखद मृत्यु पर दुख व्यक्त किया। शिशु रोग विशेषज्ञों ने कहा कि सरकार द्वारा स्थितियों के सुधार के किये जा रहे प्रयासो में सभी संगठन सरकार के साथ हैं। उप मुख्यमंत्री  राजेन्द्र शुक्ल ने सभी सुझावो को ध्यान से सुनते हुए शासकीय दिशा निर्देशो में आवश्यकतानुसार उन्हे शामिल किये जाने की बात कही। उन्होने छिंदवाडा की घटना पर दुख व्यक्त करते हुये तथा पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना अत्यंत हृदयविदारक है। इस घटना के सभी पहलुओ की जांच करवाई जा रही हैं और सभी दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। साथ ही उन्होने यह भी कहा कि केंद्रीय व राज्य शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशो का पालन करवाने में इंडियन एकेडेमी आफ पीडियाट्रिक्स तथा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जैसे संस्थाओ की मदद से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचा जा सकता हैं। इंडियन एकेडेमी आफ पीडियाट्रिक्स तथा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जैसे संस्थाओ में शामिल तकनीकी विशेषज्ञ सुदूर इलाकों में मेडिकल प्रैक्टिस कर रहे चिकित्सकों को प्रशिक्षित कर इस तरह की घटनाओं को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैं। प्रमुख सचिव  संदीप यादव ने बताया कि छिदवाडा में बच्चों की दुखद मृत्यु के सभी कारणों का गहन परीक्षण करवाया गया है। इसमें भोज्य पदार्थो, पेय जल के साथ साथ विभिन्न औषधियों की जांचे शामिल हैं। जैसा कि बच्चो के रीनल बायोप्सी रिर्पोट से ज्ञात हुआ है कि बच्चो की मृत्यु एक्यूट टयूबुलर नेक्रोसिस के कारण हुये एक्यूट रीनल फेल्योर के कारण हुई है जो किसी रासायनिक टाक्सीसिटी की ओर इशारा करती हैं। इसके बावजूद बच्चों में किसी बैक्टीरियल-वायरल-अन्य संक्रमणों के कारण एक्यूट रीनल फेल्योर की आशंकाओ की भी विस्तृत जांच करवाई गई। घटना में यह पाया गया कि विषाक्त रसायन कफ सीरप में उपस्थित था जिसका विक्रय अपना मेडिकल स्टोर, स्टेशन रोड, परासिया द्वारा किया जा रहा था। यह मेडिकल स्टोर मती ज्योति सोनी के नाम पर पंजीकृत था। यह भी पाया गया कि मेडिकल स्टोर में औषधियों के विक्रय हेतु कोई पंजीकृत फार्मासिस्ट भी उपलब्ध नहीं था इससे स्पष्ट हैं कि बिना किसी औषधि भण्डारण व वितरण के जानकारी वाले तकनीकी व्यक्ति के स्थान पर अनाधिकृत व तकनीकी तौर पर इसके लिये अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा औषधियों का भण्डारण व वितरण किया जा रहा था। दोषी पाये जाने से इस मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निरस्त कर इसे सील कर दिया गया है। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि यह पूरा परिसर डा प्रवीण सोनी के आधिपत्य में था तथा उनकी सहमति से यह अवैधानिक कार्य जारी था अत: उनके विरूद्ध भी विधिसम्मत कार्यवाही की जा रही हैं। बैठक में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विगत दो वर्षो में जारी निर्देशो की वृहद जानकारी दी गयी। बताया गया कि भारत शासन के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय द्वारा दिसम्बर 2023 में क्लोरफेनरामीन मैलिएट 2 एमजी + फेनिलएफ्रिन हाइड्रोक्लोराइड 5 एमजी के संयोजन औषधि (काम्बिनेशन मेडिसिन) को वर्ष 2023 में ही 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रतिबंधित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त्त भारत शासन के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय द्वारा अक्टूबर 2025 में पत्र जारी कर बच्चों में कफ सीरप के उपयोग में सावधानी बरतने की सलाह दी है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की शिशु रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शिखा मलिक द्वारा चिंता व्यक्त करते हुये कहा गया कि औषधियों के काउंटर विक्रय को नियंत्रित किये जाने की आवश्यकता हैं। शिडयूल एच ड्रग केवल चिकित्सक के प्रिस्क्रिप्शन पर ही बेची जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त किसी भी फार्मेसी में बनने वाली औषधियों के प्रत्येक बैच की जांच होनी आवश्यक है। डॉ. राकेश मिश्रा द्वारा 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चो में संयोजन औषधि (काम्बिनेशन मेडिसिन) के प्रतिबंध को पूर्ण तौर पर पालन करवाने पर बल दिया गया। इंडियन एकेडेमी आफ पीडियाट्रिक्स के अध्यक्ष डॉ. महेश माहेश्वरी द्वारा जानकारी दी गई कि संयोजन औषधि (काम्बिनेशन मेडिसिन) और अन्य औषधियों के तर्कसंगत प्रयोग हेतु इंडियन एकेडेमी आफ पीडियाट्रिक्स की राष्ट्रीय एवं राज्य शाखा द्वारा पूर्व से ही निर्देश जारी किये जा चुके हैं। समय-समय पर आवश्यकतानुसार इनमें संशोधन किया जाता रहा हैं। इन्होने भरोसा दिलाया कि यदि शासन अपने दिशा निर्देशो में संशोधन हेतु तकनीकी सहायता चाहेगा तो इंडियन एकेडेमी आफ पीडियाट्रिक्स इसके लिये सहर्ष तैयार हैं। उन्होने इस हेतु केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा जारी सर्कुलर्स का समर्धन किया तथा इसके क्रियान्वयन में सहयोग का आश्वासन भी दिया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। शिशु रोग विशेषज्ञो में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से डॉ. शिखा मलिक, इंडियन एकेडेमी आफ पीडियाट्रिक्स के अध्यक्ष डा महेश माहेश्वरी, सचिव डॉ. दिनेश मेकले, डॉ. अम्बर कुमार, डॉ. भुपेश्वरी पटेल, गांधी चिकित्सा महाविद्वलय के डॉ. मंजूशा गुप्ता, डॉ. राकेश टिक्कस और निजी चिकित्सक डॉ. राकेश मिश्रा, राकेश सुखेजा, डॉ. श्रुति सरकार, डॉ. गुफरान अहमद, डॉ. राहुल खरे समेत बड़ी संख्या में शिशु रोग विशेषज्ञ शामिल हुए।  

संजय गांधी हॉस्पिटल में डक्ट कूलिंग सिस्टम का किया लोकार्पण

भोपाल  उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने संजय गांधी अस्पताल रीवा में डक्ट कूलिंग सिस्टम और 17 व्हील चेयर का लोकार्पण किया। डक्ट कूलिंग सिस्टम से दो वार्डों में रोगियों और उनके परिजनों को शीतल हवा मिलेगी। इसका निर्माण आइनॉक्स कंपनी द्वारा 20 लाख रुपए की लागत से किया गया है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि रीवा तेजी से मेडिकल हब बनने की ओर अग्रसर है। उपचार के लिए नागपुर जाने वाले रोगियों की संख्या में कमी आई है। कुछ ही महीनों में कैंसर यूनिट का निर्माण पूरा होते ही रीवा में दो सौ बेड का कैंसर अस्पताल शुरू हो जाएगा। इसमें 40 करोड़ रुपए की लागत से लीनेक मशीन लगाई जा रही है। इस अस्पताल में कैंसर के उपचार की आधुनिकतम सुविधा उपलब्ध रहेगी। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि चिकित्सा सुविधाओं के विकास के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। संजय गांधी अस्पताल में सुधार तथा नई व्यवस्थाओं के लिए 321 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। सर्जरी विभाग में सिंगरौली की एनसीएल कंपनी द्वारा दी गई 6 करोड़ रुपए की सहयोग राशि से आधुनिक मशीन लगाई जा रही है। यहाँ के डॉक्टर बहुत योग्य हैं। डॉक्टर और चिकित्साकर्मी अस्पतालों की आत्मा हैं। उन्होंने कहा कि रोगियों का अच्छा उपचार करने के साथ उनसे मृदु व्यवहार भी करें। डॉक्टर के अच्छे व्यवहार से रोगी का आधा रोग ठीक हो जाता है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि आईनॉक्स कंपनी ने कोरोना संकट के समय ऑक्सीजन की आपूर्ति करके सराहनीय कार्य किया। कंपनी ने संजय गांधी अस्पताल के दो वार्डों में कूलिंग सिस्टम लगाया है। आईनॉक्स कंपनी के प्रतिनिधि श्री अतुल कुमार ने कहा कि कंपनी प्रतिदिन 4500 टन ऑक्सीजन का निर्माण कर रही है। कोरोना काल में प्रतिदिन 40 टैंकर ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रदेश को की जा रही थी। जनकल्याण के लिए कंपनी सदैव सहयोग करेगी। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नीता कोल, नगर निगम अध्यक्ष श्री व्यंकटेश पाण्डेय, मेडिसिन विभाग के डॉ. पी.के. बघेल, संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।