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गौरेला पेंड्रा मरवाही : बिलाईडांड में शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालन के लिए 17 सितम्बर तक आवेदन आमंत्रित

गौरेला पेंड्रा मरवाही मरवाही विकासखंड के ग्राम बिलाईडांड में शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालन के लिए 17 सितम्बर तक आवेदन आमंत्रित किया गया है। राशन दुकानों के युक्तियुक्तकरण के तहत ग्राम पंचायत सेमरदरी अंतर्गत ग्राम बिलाईडांड हेतु अतिरिक्त नवीन उचित मूल्य दुकान की स्थापना हेतु कलेक्टर से अनुमोदन प्राप्त होने के पश्चात सेमरदर्दी शासकीय उचित मूल्य दुकान से ग्राम बिलाईडांड में अतिरिक्त नवीन शासकीय उचित मूल्य दुकान खोला जाना है। इसके लिए छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश के तहत उचित मूल्य दुकान संचालन हेतु निर्धारित एजेंसी आदिम जाति सेवा सहकारी समिति, ग्राम पंचायत, महिला स्व सहायता समूह, लघु वनोपज समिति एवं अन्य सहकारी संस्था को आबंटित किया जाना है। नियम के तहत महिला स्व सहायता समूह को तीन माह पूर्व छत्तीसगढ़ सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत होना अनिवार्य है। अतः जो ऐजेंसी शासकीय उचित मूल्य दुकान का संचालन करना चाहते हैं, वे अपना आवेदन पत्र निर्धारित प्रारूप में समस्त आवश्यक दस्तावेजों के साथ 17 सितंबर तक कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मरवाही में प्रस्तुत कर सकते हैं। निर्धारित समयावधि के बाद प्राप्त आवेदन पत्रों पर विचार नहीं किया जायेगा।

महिलाओं को मिलेगा बढ़ावा! हरियाणा में 2 हजार डिपो exclusively महिलाओं के लिए, उम्र और शिक्षा की शर्त

चंडीगढ़   हरियाणा के लोगों के लिए अच्छी खबर आई है। हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने रोजगार के अवसर पैदा करने की दिशा में युवाओं को बड़ी सौगात दी है। सरकार द्वारा राज्य में 6 हजार नए राशन डिपो खोले जाएंगे, जिसमें 33% भागीदारी महिलाओं की रहेगी, यानि 2 हजार राशन डिपो महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। इस संबंध में फूड एंड सप्लाई विभाग ने फाइल तैयार कर सीएम नायब सैनी की मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) को भेज दी है। फूड एंड सप्लाई विभाग के मंत्री राजेश नागर ने बताया कि विभाग की इस योजना को इसी सप्ताह मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है। इसको लेकर एक विभागीय बैठक बुलाई गई है जिसमें अधिकारियों से चर्चा की जायेगी. जल्द ही, आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। आवेदन के लिए शर्तें राशन डिपो आवेदन के लिए आवेदनकर्ता हरियाणा का मूल निवासी होना चाहिए और उसकी उम्र 21- 45 साल के बीच होनी चाहिए।आवेदन के लिए डोमिसाइल सर्टिफिकेट जमा कराना होगा। आवेदनकर्ता न्यूनतम 12वीं पास होना चाहिए और उसे कम्प्यूटर का ज्ञान होना चाहिए। महिलाओं को 33% आरक्षण का लाभ मिलेगा और नए डिपो के आवंटन में भी इसका फायदा महिलाओं को मिलेगा। ऐसे करें आवेदन     अंत्योदय सरल पोर्टल पर जाएं, इसमें लॉग- इन करें.     स्क्रीन के बाईं ओर “सेवा के लिए आवेदन करें” पर क्लिक करें.     नई उचित मूल्य की दुकान का लाइसेंस जारी करने की सेवा चुनें.     ऑनलाइन आवेदन पत्र में सभी आवश्यक जानकारी भरें.     पोर्टल पर बताए दस्तावेज अपलोड करें.     आखिर में ऑनलाइन अपना आवेदन जमा करें.  

एमसीबी: ग्राम पंचायत मेरो की उचित मूल्य दुकान के लिए आवेदन आमंत्रित, अंतिम तिथि 11 सितंबर

एमसीबी कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) चिरमिरी, जिला एमसीबी ब्लाक खड़गवां के आदेशानुसार ग्राम पंचायत मेरो स्थित शासकीय उचित मूल्य दुकान (आईडी क्रमांक 532004001) के संचालन की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत मेरो के सरपंच एवं सचिव द्वारा निभाए जाने में असमर्थता व्यक्त की गई है। इस परिस्थिति को देखते हुए उक्त दुकान का संचालन किसी सक्षम समिति को सौंपे जाने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है, ताकि क्षेत्र की जनता को खाद्यान्न वितरण की सुविधा सुचारु रूप से मिलती रहे। इस उद्देश्य से आदिम जाति सहकारी समिति, बहुउद्देशीय सहकारी समिति, महिला स्वंय सहायता समूह, वन सुरक्षा समिति एवं अन्य पात्र समितियों से आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। इच्छुक समितियां 19 अगस्त 2025 से 11 सितम्बर 2025 तक कार्यालयीन समय में आवेदन प्रस्तुत कर सकती हैं। आवेदन के साथ पंजीयन प्रमाण पत्र, पासबुक की छायाप्रति एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज संलग्न करना अनिवार्य होगा। अंतिम तिथि के पश्चात प्राप्त होने वाले आवेदनों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। अनुविभागीय अधिकारी (रा.) चिरमिरी ने स्पष्ट किया है कि उचित मूल्य दुकान का आबंटन नियमानुसार एवं पारदर्शी प्रक्रिया के तहत किया जाएगा, जिससे ग्रामीण अंचल के पात्र हितग्राहियों को राशन वितरण में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

सरकारी राशन में गड़बड़ी, मध्यप्रदेश के एक जिले में 21 हजार लोगों ने फ्री राशन का गलत फायदा उठाया

भोपाल  मध्य प्रदेश में एक अजब-गजब मामला सामने आया है. प्रशासन की जांच में सैकड़ों ऐसे लोग सामने आए हैं जो बीपीएल कार्ड के लिए पात्र नहीं हैं, फिर भी वर्षों से गरीबी रेखा से नीचे (BPL) कार्ड बनवाकर इसका लाभ ले रहे थे. सरकार की जांच में पता चला कि ये लोग गरीबों का राशन लेते हुए आलीशान मकानों में रहते हैं, नौकरीपेशा हैं या बिजनेसमैन हैं. गुना और छतरपुर में ऐसे लोगों की पहचान कर स्थानीय प्रशासन अब इन्हें अपात्र घोषित कर रहा है. सबसे पहले गुना की बात करें, जो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का संसदीय क्षेत्र है. गुना जिले में 1404 ऐसे लोगों की सूची तैयार की गई है जो लखपति होने के बावजूद मुफ्त राशन का लाभ उठा रहे हैं. जांच में खुलासा हुआ कि इनमें से अधिकांश हितग्राहियों के परिजन आर्थिक रूप से समृद्ध हैं, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में वे गरीब बने हुए हैं. इनमें से कुछ लोग कंपनियों में डायरेक्टर जैसे बड़े पदों पर हैं, परिवार की सालाना आय 6 लाख से अधिक है, तीन मंजिला मकान हैं, और उनके नाम पर फर्म रजिस्टर्ड है, फिर भी कागजों में वे गरीब हैं. केस स्टडी-1 गुना के वार्ड नंबर 18 की दुकान से सरकारी राशन लेने वाली अनीता जैन ने बताया कि उनके परिवार में 3 सदस्य हैं. पहले वे राशन लेते थे, लेकिन पिछले दो वर्षों से इसे बंद कर दिया है. उनके पति विजय जैन अनाज का व्यापार करते हैं और कृषि मंडी में उनकी दुकान है.   जैन परिवार अनाज व्यापारी है, जिसका सालाना टर्नओवर 25 लाख रुपये से अधिक है. विजय जैन ने बताया कि पहले उनकी आर्थिक स्थिति खराब थी. परिवार में 4 सदस्य हैं और वे मंडी में अनाज का व्यापार करते हैं. उनकी पत्नी अनीता जैन के नाम से राशन लिया जाता था, लेकिन अब नहीं लेते.   नीलम जैन, गुना चाचौड़ा निवासी मुकेश जैन का भी कारोबार है, जिनकी सालाना आय 25 लाख से अधिक है और वे GST भी भरते हैं. परिवार में चार सदस्य हैं, फिर भी वे बीपीएल राशन कार्ड से सरकारी दुकान से गेहूं, चावल और नमक लेते हैं.   राघौगढ़ के अहीरखेड़ी निवासी भगवानलाल भी जीएसटी भरते हैं और परिवार में 6 सदस्य हैं. वे सरकारी राशन दुकान से चावल और गेहूं लेते हैं. 11 जून को गीता बाई ने तीन महीने के राशन में प्रति माह 2 किलो गेहूं और 3-3 किलो चावल लिया. परिवार के अन्य सदस्य दीवान सिंह ने 26 जून को तीन महीने का 8-8 किलो गेहूं और 12-12 किलो चावल लिया.   बमोरी के धर्मेंद्र लोधी के परिवार में पांच सदस्य हैं. व्यापार के कारण उनकी आमदनी 6 लाख से अधिक है, लेकिन हितग्राही जानकी बाई ने बायोमेट्रिक सिस्टम से 8-8 किलो गेहूं और 12-12 किलो चावल लिया. उनका सालाना टर्नओवर 25 लाख रुपये है. गुना के जिला आपूर्ति अधिकारी अवधेश पांडे ने बताया कि शासन से 1404 संदिग्ध हितग्राहियों की सूची प्राप्त हुई थी. लाखों रुपये के टर्नओवर के बावजूद मुफ्त राशन लेने वालों को नोटिस जारी किए गए हैं और उनसे जवाब मांगा गया है. जवाब मिलने के बाद ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उनके नाम बीपीएल सूची से हटाए जाएंगे. लेकिन गुना अकेला शहर नहीं है जहां अमीर लोग बीपीएल कार्ड के लिए खुद को गरीब बता रहे हैं. बुंदेलखंड के छतरपुर में भी प्रशासन ने ऐसे लोगों को चिह्नित किया है जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं, लेकिन सरकारी कागजों में गरीब हैं. छतरपुर जिले में खाद्य विभाग ने 21 हजार अपात्र लोगों को नोटिस भेजा है, जिनमें कई सरकारी कर्मचारी और शिक्षक शामिल हैं.   केस स्टडी-2 छतरपुर के प्राथमिक शाला कछयान पुरवा के शिक्षक रामप्रताप चतुर्वेदी से पूछा कि वे सरकारी राशन ले रहे थे और खाद्य विभाग ने उन्हें नोटिस भेजा है, तो कैमरा और सवाल सुनते ही शिक्षक कुर्सी छोड़कर भाग गए और बोले, ''हमें कुछ नहीं बताना.''  रामप्रताप चतुर्वेदी, शासकीय शिक्षक, छतरपुर जांच में पता चला कि कई सरकारी शिक्षकों ने झूठ बोला कि उन्होंने राशन लेने से इनकार का आवेदन पहले ही जमा कर दिया था, लेकिन उनका नाम नहीं हटा. हालांकि, खाद्य विभाग के अधिकारियों ने दस्तावेज दिखाए, जिनमें शिक्षक लखनलाल सेन और रामप्रताप चतुर्वेदी ने हाल तक सरकारी राशन लिया और उनके अंगूठे के निशान बायोमेट्रिक मशीन में दर्ज हैं. खाद्य अधिकारी सीताराम कोठारे ने कहा कि राशन पर्ची निरस्त होगी और लगातार राशन ले रहे सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.   नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने सरकार को घेरा कांग्रेस ने इस मामले में सवाल उठाए. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार के पास शायद ऐसा मॉनिटरिंग सिस्टम नहीं है जो रसूखदारों को बीपीएल डेटा से छांट सके. उन्होंने कहा कि अमीरों द्वारा बीपीएल कार्ड बनवाना दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकार को तुरंत इसकी जांच करनी चाहिए.   गरीब का अन्न चुराना सबसे बड़ा गुनाह: सिंधिया वहीं, सरकार ने भी अपना पक्ष रखा. केंद्रीय मंत्री और गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हैरानी जताते हुए कहा कि गरीब का अन्न चुराना सबसे बड़ा गुनाह है और ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी. कार्ड निरस्त किए जाएंगे: मंत्री विश्वास सारंग मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कोई भी अपात्र बीपीएल कार्ड धारक हो, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी और कार्ड निरस्त किए जाएंगे.   बहराहल, सरकार की जांच से हकीकत सामने आई है, लेकिन अब देखना यह है कि क्या कड़ी कार्रवाई होगी या 'लखपति गरीबों' की यह फौज गरीबों का हक मारकर बच निकलेगी.