samacharsecretary.com

डॉ. रोहिणी का बड़ा बयान: समाज को दिखाएंगी सच्चाई, चंद्रशेखर ‘रावण’ को उजागर करने की तैयारी

इंदौर  उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद रावण पर गंभीर आरोप लगाने वाली इंदौर की डॉ. रोहिणी घावरी ने एक बार फिर सोशल मीडिया के जरिए उन पर निशाना साधा है। गुरुवार को की गई दो अलग-अलग पोस्ट में रोहिणी ने दावा किया कि वह जल्द ही कुछ "सच्चाई" सबके सामने लाएंगी। उन्होंने अपनी पोस्ट में एक करोड़ रुपये के ईनाम की घोषणा करते हुए चैलेंज दिया है कि उनके द्वारा पेश किए जाने वाले सबूतों को कोई AI या फेक (फर्जी) साबित करके दिखाए। सोशल मीडिया पर दी खुली चुनौती डॉ. रोहिणी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "कल जो सच्चाई मैं समाज को दिखाऊंगी, उसे AI या फेक साबित करने वाले को 1 करोड़ का इनाम। पूरी कोशिश कर लेना, लेकिन सच छुपा नहीं पाओगे। कल से उल्टी गिनती शुरू फर्जी नेता की।" अपनी एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा कि एक "गंदे आदमी" ने बहन मायावती और कांशीराम के पवित्र रिश्ते पर सवाल उठाए थे। रोहिणी पहले भी कई बार इन आरोपों को लेकर चंद्रशेखर आजाद को घेर चुकी हैं। "बसपा सुप्रीमो बनना चाहता था चंद्रशेखर" डॉ. रोहिणी ने स्पष्ट किया कि उनकी दोनों पोस्ट चंद्रशेखर आजाद रावण को लेकर ही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चंद्रशेखर, बहन मायावती के प्रति "गंदी सोच" रखता है और उसने मायावती व स्वर्गीय कांशीराम के रिश्ते पर कई बार अनर्गल टिप्पणियां की हैं। रोहिणी ने दावा किया, "वह (चंद्रशेखर) आजाद पार्टी का विलय बसपा में कर खुद बसपा सुप्रीमो बनना चाहता था। मेरे पास इसके वीडियो प्रूफ हैं। मैं जल्द ही लोगों के सामने रखूंगी।" तैयार कर रहीं 1000 महिलाओं की गैंग जनपावर मिशन की प्रमुख डॉ. रोहिणी घावरी ने यह भी बताया कि वह "धोखेबाजों से लड़ने और स्वाभिमान की रक्षा करने के लिए" एक हजार महिलाओं की एक गैंग (समूह) तैयार कर रही हैं। उन्होंने अन्य महिलाओं से भी इस अभियान से जुड़ने की अपील की है। पहले दे चुकी हैं सुसाइड की धमकी यह पहली बार नहीं है जब रोहिणी ने सोशल मीडिया पर इस तरह की चेतावनी दी है। इससे पहले वह X (पूर्व में ट्विटर) पर सुसाइड की धमकी दे चुकी हैं। तब उन्होंने 4 घंटे के भीतर तीन पोस्ट किए थे, जिसमें एक पोस्ट में चंद्रशेखर, उनकी पत्नी और बच्चे की तस्वीर लगाकर उन्हें अपना जीवन बर्बाद करने का आरोपी बताया था और "जहर खाने" की बात कही थी। उस पोस्ट में उन्होंने पीएम मोदी और पीएमओ को टैग करते हुए लिखा था कि उनकी लाश भी भारत वापस न लाई जाए। क्या है पूरा विवाद? इंदौर के बीमा अस्पताल में काम करने वाली एक सफाईकर्मी की बेटी डॉ. रोहिणी घावरी 2019 में उच्च शिक्षा के लिए स्विट्जरलैंड गई थीं। पढ़ाई के दौरान वह चंद्रशेखर के संपर्क में आईं और दोनों कथित तौर पर तीन साल तक रिलेशनशिप में रहे। लगभग तीन महीने पहले रोहिणी ने सोशल मीडिया पर चंद्रशेखर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) में भी शिकायत दर्ज कराई थी। डॉ. रोहिणी घावरी वर्तमान में स्विट्जरलैंड में जॉब कर रही हैं और अपना एनजीओ भी चला रही हैं। 

दशहरा की धूम नटेरन में, रावण पूजा और राम-रावण सेना के बीच पत्थर युद्ध का महा नाटक

विदिशा विजयादशमी पर्व (Dussehra) में अब केवल तीन दिन शेष है। शहर से लेकर गांव तक बड़े आयोजनों को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। देश भर में जहां दशहरा पर्व पर बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का दहन किया जाता है। वहीं जिले के नटेरन तहसील पूजा की जाती है। दूसरी ओर वर्षों में स्थित रावण गांव में रावण बाबा की पुरानी परंपरा के अनुसार आनंदपुर क्षेत्र के कालादेव गांव में राम-रावण सेना के बीच पत्थर युद्ध होगा। विदिशा शहर में जैन कॉलेज मैदान में बड़े मेले का आयोजन होगा। मेले में 35 फीट के रावण के पुतला का दहन किया जाएगा। राम-रावण दृश्य का मंचन भी किया जाएगा। यहां रावण की होती है पूजा नटेरन के रावण गांव में लंकापति रावण की पूजा की परंपरा है। मान्यता है कि गांव के पास स्थित बूधों की पहाड़ी में प्राचीन काल में एक दानव रहा करता था। स्थानीय निवासी उससे परेशान थे। रावण ने इस दानव का वध कर ग्रामीणों की रक्षा की थी। इसके बाद से गांव के लोग रावण को रावण बाबा के नाम से बुलाते है। दशहरा पर जहां पूरे देश में रावण का पुतला दहन किया जाता है। वहीं इस गांव में रावण बाबा की पूजा की जाती है। गांव में करीब 40 वर्ष पहले मंदिर का निर्माण कराया गया, जहां आराम की मुद्रा में लेटे हुए रावण की 8 फीट की लंबी प्रतिमा है। दशहरा पर्व पर मंदिर में भंडारा का आयोजन भी होता है। मंदिर के पुजारी सुमित तिवारी ने बताया कि आयोजन को लेकर मंदिर में तैयारी शुरू कर दी गई है। ग्रामीण संतोष धाकड़ बताते है कि रावण बाबा के प्रति पूरा गांव श्रद्धाभाव रखता है। सभी शुभ कार्यों में उन्हें पहला निमंत्रण दिया जाता है। बच्चों के जन्म पर सबसे पहले रावण बाबा के ही दर्शन कराए जाते हैं। गांव के युवा भी हाथों पर जय लंकेश का टैटू बनवाते हैं। गांव के घरो व वाहनों में भी जय लंकेश लिखा देखने को मिलता है।  राम व रावण सेना में पत्थर मार युद्ध आनंदपुर क्षेत्र के पास ग्राम कालादेव में भी रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाता है। वर्षों पुरानी परंपरा के अनुसार इस बार भी कालादेव गांव में राम व रावण सेना के बीच पत्थर मार युद्ध (Patthar Maar Yudh) का आयोजन किया जाएगा। ग्रामीणों की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। मान्यता के अनुरूप पत्थर मार युद्ध में गोफन से पत्थर राम सेना पर फेंके जाते हैं। गांव के सरपंच प्रतिनिधि रामेश्वर शर्मा ने बताया कि नवदुर्गा के प्रारंभ से ही कालादेव में रामलीला का मंचन स्थानीय कलाकारों द्वारा किया जाता है। दशहरे पर रामलीला के अंतिम दिन राम-रावण सेना के बीच युद्ध होता है। दशहरे के दिन हजारों दर्शकों के सामने यह पत्थर युद्ध होता है। इसमें दशहरे मैदान के बीच में राम दल का ध्वज गाड़ा जाता है। उससे करीब 200 मीटर दूरी पर रावण सेना में भील व बंजारा समूह के लोग शामिल होकर गोफान से पत्थर मारने के लिए तैयार खड़े रहते हैं। राम सेना के रूप में कालादेव के स्थानीय निवासी होते हैं, जो ध्वज से लगभग 200 मीटर दूर खड़े रहते हैं। वे राम की जय-जयकार करते हुए जब ध्वज की परिक्रमा करते हैं। तभी रावण सेना के लोग गोफान से पत्थर मारते हैं। राम सेना ध्वज का तीन चक्कर लगाती है। दूसरी ओर रावण सेना उन पर पत्थर बरसाती रहती है। ध्वज के तीन चक्कर पूरे होने के बाद रावण वध होता है। इसके बाद भगवान राम का राजतिलक किया जाता है।