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RCB का ऐलान: चिन्नास्वामी भगदड़ पीड़ितों के हर परिवार को मिलेगा वित्तीय सहायता

नई दिल्ली  रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने जून में एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में जान गंवाने वालों के लिए बड़ा ऐलान किया है। आरसीबी मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता देगी। हर परविार को 25 लाख रुपये दिए जाएंगे। विक्ट्री परेड के दौरान मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए। फ्रेंचाइजी ने शनिवार को आरसीबी केयर्स के तहत आर्थिक सहायता की घोषणा की। रजत पाटीदार की अगुवाई वाली आरसीबी ने 3 जून 2025 को आईपीएल खिताब जीता था। यह आरसीबी की पहली आईपीएल ट्रॉफी थी। इसके बाद, फ्रेंचाइजी ने अगले दिन विक्ट्री परेड आयोजित की, जिसमें बड़ी तादाद में फैंस आरसीबी के होम ग्राउंड एम चिन्नास्वामी पहुंचे। उसी दौरान स्टेडियम के बाहर भगदड़ मचने से मातम पसर गया। आरसीबी ने एक इमोशनल पोस्ट में कहा, ‘’4 जून 2025 को हमारा दिल टूटा। हमने आरसीबी परिवार के 11 सदस्यों को खो दिया। वे हमारा हिस्सा थे। हमारे शहर, हमारे समुदाय और हमारी टीम को अनोखा बनाने वाली चीजों का हिस्सा। उनकी अनुपस्थिति हम सभी की यादों में हमेशा रहेगी।" फ्रेंचाइजी ने आगे कहा, ‘’उनके द्वारा छोड़े गए खालीपन को कोई भी सहयोग कभी नहीं भर सकता। लेकिन एक शुरुआत के रूप में और गहरे सम्मान के साथ आरसीबी ने उनके परिवारों को 25-25 लाख रुपये देने का फैसला किया है। यह सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं बल्कि करुणा, एकता और निरंतर देखभाल का वादा है। यह आरसीबी केयर्स की भी शुरुआत है। एक दीर्घकालिक प्रतिबद्धता जो सार्थक कार्यों के लिए समर्पित है। उनकी स्मृति को सम्मान देते हुए आगे का हर कदम यह दर्शाएगा कि फैंस क्या महसूस करते हैं, क्या उम्मीद करते हैं और क्या चाहते हैं।" आरसीबी ने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए आईपीएल 2025 के फाइनल में पंजाब किंग्स को छह रनों से हराकर खिताब पर कब्जा जमाया और 18 साल के लंबे इंतजार को खत्म किया। आरसीबी ने निर्धारित 20 ओवरों में 190/9 का स्कोर बनाया था और जवाब में श्रेयस अय्यर की अगुवाई वाली टीम सात विकेट के नुकसान पर 184 रन ही बना सकी। क्रुणाल पांड्या और भुवनेश्वर कुमार ने फाइनल में पंजाब किंग्स के दो-दो खिलाड़ियों को आउट किया।

भगदड़ कांड में RCB फंसी, कर्नाटक सरकार ने क्रिमिनल केस चलाने की मंजूरी दी

बेंगलुरु  बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) और कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के खिलाफ आपराधिक मामले दायर करने की मंजूरी दे दी है. ये फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में जस्टिस माइकल डी'कुन्हा आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार करने के बाद लिया गया है. आयोग की इस रिपोर्ट में कई अनियमितताओं और गड़बड़ियों का खुलासा किया गया है, जिसके आधार पर ये कार्रवाई की जा रही है. जस्टिस माइकल डी'कुन्हा की अध्यक्षता में गठित आयोग ने आरसीबी और केएससीए से जुड़े विभिन्न मुद्दों की गहन जांच की थी. इस जांच में वित्तीय अनियमितताओं, प्रबंधन में पारदर्शिता की कमी और अन्य गंभीर उल्लंघनों के सबूत सामने आए. आयोग की रिपोर्ट में इन संगठनों द्वारा नियमों के उल्लंघन और संदिग्ध गतिविधियों का उल्लेख किया गया है, जिसे मंत्रिमंडल ने गंभीरता से लिया. मंत्रिमंडल की बैठक में इस रिपोर्ट को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया और इसके आधार पर आरसीबी और केएससीए के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने का फैसला लिया गया है. ये कदम खेल प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है. RCB की लापरवाही पर सवाल ट्रिब्यूनल ने आईपीएल फ्रेंचाइजी RCB की कड़ी आलोचना की, क्योंकि उन्होंने पुलिस की मंजूरी के बिना अपनी जीत के जश्न की घोषणा की थी, जिसके बाद भारी भीड़ उमड़ी और ये हादसा हुआ. ट्रिब्यूनल ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास कुमार विकास की निलंबन आदेश को रद्द करते हुए कहा कि RCB ने अचानक सोशल मीडिया पर जश्न की घोषणा की, जिसके कारण लगभग तीन से पांच लाख लोग जमा हो गए.ट्रिब्यूनल ने कहा, ‘पहली नजर में ऐसा लगता है कि RCB तीन से पांच लाख लोगों के जमा होने के लिए जिम्मेदार है. RCB ने पुलिस से उचित अनुमति या सहमति नहीं ली. अचानक, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया और इसके बाद भीड़ जमा हो गई.’ सरकार को झटका, आपराधिक मामला दर्ज ट्रिब्यूनल का ये फैसला कर्नाटक सरकार के लिए भी एक बड़ा झटका है. कर्नाटक सरकार ने इस हादसे के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया था. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पहले खुफिया विभाग की आलोचना करते हुए कहा था, ‘अगर खुफिया विभाग समय पर और सटीक जानकारी नहीं दे सकता, तो इसका क्या फायदा?’ RCB अधिकारियों, KSCA और डीएनए एंटरटेनमेंट के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. कई इवेंट मैनेजर्स को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें अंतरिम जमानत दे दी गई. इस बीच, कर्नाटक हाईकोर्ट इस हादसे की सुनवाई कर रहा है. 

RCB इवेंट की अव्यवस्था पर सरकार सख्त, भगदड़ के लिए विराट और टीम मैनेजमेंट को जिम्मेदार बताया

बेंगलुरु  बेंगलुरु में मची भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने RCB यानी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को ही जिम्मेदार बताया है। हाल ही में जारी हुई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। साथ ही रिपोर्ट में क्रिकेटर विराट कोहली के एक वीडियो का भी जिक्र है। 4 जून को IPL ट्रॉफी जीत के बाद हुए जश्न के दौरान मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। रिपोर्ट में बताया गया है कि कार्यक्रम के आयोजक डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड ने पुलिस को 3 जून को सिर्फ परेड के बारे में बताया था, लेकिन औपचारिक अनुमति नहीं मांगी गई थी। अनुमति लेना अनिवार्य है। इसमें कहा गया है कि इस तरह के आयोजन के लिए अनुमति 7 दिन पहले मांगी जाती है। बगैर पुलिस से बात किए लोगों को बुलाया रिपोर्ट में कहा गया है कि RCB ने बगैर पुलिस से विचार विमर्श किए लोगों को न्योता दे दिया। इसमें कहा गया है कि सुबह 7 बजकर 1 मिनट पर एक फोटो पोस्ट किया गया था, जिसमें 'लोगों के लिए फ्री एंट्री' की बात कही गई थी और विजय जुलूस के लिए न्योता दिया गया था। यह जुलूस विधानसभा से शुरू होना था और चिन्नास्वामी स्टेडियम पर खत्म होना था। रिपोर्ट में कहा गया है कि 4 जून को सुबह 8 बजे एक पोस्ट और की गई और 8 बजकर 55 मिनट पर RCB ने एक वीडियो क्लिप पोस्ट किया, जिसमें क्रिकेटर विराट कोहली नजर आ रहे थे। वह कह रहे थे कि टीम बेंगलुरु शहर के लोगों के साथ जीत का जश्न मनाना चाहती है। सरकार का कहना है कि इसके चलते 3 लाख से ज्यादा लोग आ गए और आयोजक या पुलिस इतनी भीड़ के लिए तैयार नहीं थे। इसके अलावा कन्फ्यूजन भी हुआ, क्योंकि दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर आयोजकों ने घोषणा कर दी कि स्टेडियम में आने के लिए पास की जरूरत होगी। खबर है कि इसके चलते लोग पैनिक हुए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि RCB, DNA एंटरटेनमेंट और KSCA यानी कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन सामंजस्य जमाने में असफल रहे। एंट्री गेट पर उचित प्लानिंग नहीं होना और गेट देरी से खोले जाने के चलते व्यवस्था बिगड़ी और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी। कोर्ट ने दिए थे रिपोर्ट सार्वजनिक करने के आदेश कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह चार जून को हुई भगदड़ की घटना पर अपनी स्थिति रिपोर्ट सार्वजनिक करे। राज्य सरकार ने हाई कोर्ट से इस रिपोर्ट को गोपनीय रखने का अनुरोध किया था, लेकिन कोर्ट ने सोमवार, 14 जुलाई को स्पष्ट रूप से कहा कि इस तरह की गोपनीयता के लिए कोई कानूनी आधार नहीं है।  

बेंगलुरु भगदड़ पर ट्रिब्यूनल सख्त, RCB को बताया जिम्मेदार, पुलिस कोई जादूगर या भगवान नहीं’

 बेंगलुरु  केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठ अधिकारी विकास कुमार विकास के खिलाफ कर्नाटक सरकार के निलंबन आदेश को रद्द कर दिया है, जिन पर पिछले महीने यहां हुई भीषण भगदड़ के मद्देनजर कार्रवाई की गई थी। एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के सामने चार जून को मची भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई थी। मामले में योजना और भीड़ प्रबंधन को लेकर तीखी आलोचना हुई थी। कैट ने स्टेडियम में भगदड़ के लिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को ही जिम्मेदार माना है।  कोर्ट ने पुलिसकर्मियों का किया बचाव कैट ने कहा कि प्रथम दृष्टया आरसीबी क्रिकेट टीम 4 जून को बेंगलुरु में एकत्रित हुई भारी भीड़ के लिए जिम्मेदार है। जिसके कारण मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए थे। कैट ने स्टेडियम में तैनात पुलिसकर्मियों का बचाव करते हुए कहा कि वह कोई जादूगर या भगवान नहीं हैं। बिना अनुमति किया गया जश्न का ऐलान एनडीटीवी के मुताबिक, न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में कहा कि RCB ने न तो पुलिस से कोई पूर्व अनुमति ली और न ही उन्हें सूचित किया. टीम ने अचानक सोशल मीडिया पर सूचना शेयर की, जिससे लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. आदेश में यह भी कहा गया कि पुलिस के पास मात्र 12 घंटे का समय था, जो इतने बड़े आयोजन के लिए पर्याप्त नहीं माना जा सकता. CAT ने किया पुलिस का बचाव CAT ने पुलिस की आलोचना को अनुचित बताया और कहा, "पुलिसकर्मी भी इंसान होते हैं. वे न भगवान हैं, न जादूगर, और न ही उनके पास अलादीन का चिराग है जिससे किसी भी काम को तुरंत पूरा किया जा सके." ट्रिब्यूनल ने माना कि अचानक जानकारी के कारण पुलिस के पास पर्याप्त समय नहीं था, इसलिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता. आईपीएस अधिकारी विकास कुमार को राहत इस आदेश में CAT ने आईपीएस अधिकारी विकास कुमार विकास के निलंबन को भी रद्द कर दिया. केंद्र सरकार ने हादसे के दो दिन बाद उन्हें निलंबित कर दिया था. लेकिन न्यायाधिकरण ने इसे गलत करार देते हुए कहा कि यह निलंबन अवधि उनकी सेवा में जोड़ी जाएगी. विकास कुमार उस समय बेंगलुरु वेस्ट जोन के इंस्पेक्टर जनरल और एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस थे और स्टेडियम की सुरक्षा के प्रभारी थे. 3 से 5 लाख की भीड़ के लिए जिम्मेदार है RCB अपनी टिप्पणी में ट्रिब्यूनल ने कहा, 'प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि आरसीबी लगभग तीन से पांच लाख लोगों की भीड़ के लिए जिम्मेदार है। आरसीबी ने पुलिस से उचित अनुमति या सहमति नहीं ली। अचानक, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया और उपरोक्त जानकारी के परिणामस्वरूप जनता एकत्र हो गई।' 12 घंटे के कम समय में पुलिस से ये उम्मीद नहीं की जा सकती ट्रिब्यूनल ने आरसीबी द्वारा जश्न मनाने की अंतिम समय में की गई घोषणा की आलोचना की और इसे उपद्रव भी बताया है। कोर्ट ने आदेश में कहा, 'अचानक, आरसीबी ने बिना किसी पूर्व अनुमति के उपरोक्त प्रकार का उपद्रव किया। पुलिस से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि लगभग 12 घंटे के कम समय में पुलिस, पुलिस अधिनियम या अन्य नियमों आदि में आवश्यक सभी व्यवस्थाएं कर लेगी।' पुलिस के पास 'अलाद्दीन का चिराग' नहीं- ट्रिब्यूनल आईपीएल फ्रैंचाइजी ने अपनी पहली आईपीएल जीत के अगले दिन 4 जून को विजय परेड समारोह के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। ट्रिब्यूनल ने पुलिस की भूमिका का भी बचाव करते हुए कहा, 'पुलिस कर्मी भी इंसान हैं। वे न तो 'भगवान' हैं और न ही जादूगर और न ही उनके पास 'अलाद्दीन के चिराग' जैसी जादुई शक्तियाँ हैं जो केवल उंगली रगड़ने से किसी भी इच्छा को पूरा कर सकती हैं।'