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सीएम योगी की मंशा के अनुरूप चल रहे महाभियान ने बनाया व्यापक जनसंपर्क व संवाद का रिकॉर्ड

‘समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047: अब तक प्राप्त हुए लगभग 45 लाख फीडबैक सीएम योगी की मंशा के अनुरूप चल रहे महाभियान ने बनाया व्यापक जनसंपर्क व संवाद का रिकॉर्ड पोर्टल पर अब तक लगभग 35 लाख सुझाव ग्रामीण क्षेत्रों से और 10 लाख सुझाव नगरीय क्षेत्रों से आए फीडबैक देने में शीर्ष पांच जनपदों में जौनपुर, संभल, प्रतापगढ़, बिजनौर और गोरखपुर शामिल महाराजगंज के शैलेश कुमार मद्धेशिया ने धार्मिक स्थलों के विकास हेतु पर्यटन को बढ़ावा देने की मांग की बागपत के मोहन कुमार ने हर ग्राम पंचायत में स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने का सुझाव दिया अम्बेडकरनगर के संदीप कुमार ने स्मार्ट खेती, तकनीकी नवाचार की आवश्यकता बताई लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन ‘समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047: समृद्धि का शताब्दी पर्व महाभियान’ के अंतर्गत प्रदेशभर में जनता से सीधे संवाद और विकास के रोडमैप पर फीडबैक जुटाने का अभियान निरंतर जारी है। 17 अक्टूबर, 2025 तक जनता की राय एवं सुझाव एकत्र करने के लिए बनाए गए पोर्टल samarthuttarpradesh.up.gov.in पर अब तक लगभग 45 लाख फीडबैक प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 35 लाख सुझाव ग्रामीण क्षेत्रों से और 10 लाख सुझाव नगरीय क्षेत्रों से आए हैं। इनमें करीब 22 लाख सुझाव 31 वर्ष से कम आयु वर्ग से, करीब 21 लाख सुझाव 31 से 60 वर्ष आयु वर्ग से तथा 2 लाख से ज्यादा सुझाव 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से प्राप्त हुए हैं। कृषि क्षेत्र से सर्वाधिक फीडबैक विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त सुझावों में कृषि क्षेत्र में सर्वाधिक 11 लाख सुझाव मिले हैं, इसके अलावा पशुधन एवं डेयरी से 1.70 लाख, इंडस्ट्री से 1.53 लाख, आईटी व टेक से 1.27 लाख, पर्यटन से 1.02 लाख, ग्रामीण विकास से 9.13 लाख, इन्फ्रास्ट्रक्चर से 39 हजार, समाज कल्याण से 3.33 लाख, नगरीय एवं स्वास्थ्य से 3.15 लाख, शिक्षा क्षेत्र से 11 लाख तथा सुरक्षा से जुड़े विषयों पर 82 हजार से ज्यादा सुझाव प्राप्त हुए हैं।जनपदवार फीडबैक के अनुसार शीर्ष पांच जनपदों में जौनपुर, संभल, प्रतापगढ़, बिजनौर और गोरखपुर शामिल हैं।  धार्मिक स्थलों के विकास से लेकर स्किल डेवलपमेंट तक मिले सुझाव जनभागीदारी से मिले इन सुझावों में नागरिकों ने अपने क्षेत्रों के विकास के लिए कई ठोस प्रस्ताव दिए हैं। महाराजगंज के शैलेश कुमार मद्धेशिया ने जिले के धार्मिक स्थलों (लेहड़ा मंदिर, इटहिया शिव मंदिर, चौक बाजार गोरखनाथ मंदिर, सोनौली बॉर्डर और सोहागीबरवा वन्य क्षेत्र) के विकास हेतु पर्यटन को बढ़ावा देने की मांग की। बागपत के मोहन कुमार ने हर ग्राम पंचायत में स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने, “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान को प्रदेशव्यापी रूप देने, विधवा महिलाओं व बेरोज़गार युवाओं को होम-बेस्ड वर्क से जोड़ने और ग्राम पंचायतों में पारदर्शी ई-गवर्नेंस लागू करने के सुझाव दिए। वहीं अम्बेडकरनगर के संदीप कुमार ने कृषि सुधारों पर बल देते हुए स्मार्ट खेती, तकनीकी नवाचार, किसानों को वित्तीय सहायता और कृषि उत्पादों के विपणन को मजबूत करने की आवश्यकता बताई। जनसहभागिता के लिए व्यापक आयोजन महाभियान के तहत जनजागरूकता व संवाद के लिए प्रदेशभर में व्यापक आयोजन भी किए गए हैं। अब तक 15 नगर निगमों, 212 नगर पालिकाओं, 528 नगर पंचायतों, 56 जिला पंचायतों, 713 क्षेत्र पंचायतों तथा 42,666 ग्राम पंचायतों में बैठकों, सम्मेलनों और गोष्ठियों का सफल आयोजन किया जा चुका है। इन आयोजनों के माध्यम से स्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और विभागीय अधिकारियों के बीच संवाद व सहभागिता को और अधिक सशक्त किया गया है।

ग्रामीण क्षेत्रों से सर्वाधिक भागीदारी, दिखा विकास के प्रति उत्साह

विकसित यूपी @2047: 75 जिलों में जारी है जनसंवाद, अब तक मिले 41 लाख सुझाव  ग्रामीण क्षेत्रों से सर्वाधिक भागीदारी, दिखा विकास के प्रति उत्साह  शिक्षा, कृषि और समाज कल्याण पर सबसे अधिक सुझाव प्राप्त – बलरामपुर के डॉ. अमित गौतम ने एआई व मशीन लर्निंग सेंटर की स्थापना का दिया सुझाव – फतेहपुर की अंकिता सिंह ने शिक्षा गुणवत्ता सुधार पर दिया व्यावहारिक सुझाव – बांदा के धीरज कुमार ने पशुधन आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दिया – प्रदेश की 40 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में हुई बैठकों और गोष्ठियों से बढ़ा जनसंपर्क – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संकल्प के अनुरूप विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने की प्रक्रिया जारी लखनऊ उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में प्रदेश सरकार का महत्वाकांक्षी अभियान ‘समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 : समृद्धि का शताब्दी पर्व महाभियान’ निरंतर गति पकड़ रहा है। इस जनसहभागिता आधारित अभियान के तहत अब तक लगभग 41 लाख फीडबैक प्राप्त हुए हैं, जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों से सर्वाधिक सुझाव आए हैं। प्रदेश के 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों और प्रबुद्ध जनों द्वारा व्यापक जनसंवाद आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें छात्र, शिक्षक, उद्यमी, कृषक, स्वयंसेवी संगठन, श्रमिक संघ और मीडिया प्रतिनिधि ने बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। सभी वर्गों से प्रदेश की विकास यात्रा और भविष्य की दिशा पर अमूल्य सुझाव मिल रहे हैं। इन सुझावों में सर्वाधिक विषय कृषि, शिक्षा, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, उद्योग, आईटी एवं टेक्नोलॉजी, पर्यटन और सुरक्षा से संबंधित रहे। शिक्षा और कृषि क्षेत्र में सबसे अधिक भागीदारी दर्ज की गई। फतेहपुर की अंकिता सिंह ने आकांक्षी जिलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर बल दिया। उन्होंने अभ्युदय कोचिंग कार्यक्रम के अंतर्गत अधिकारियों की अनिवार्य कक्षाओं की व्यवस्था और राजकीय विद्यालयों में महिला अधिकारियों के नियमित संवाद का सुझाव दिया। बलरामपुर के डॉ. अमित कुमार गौतम ने सुझाव दिया कि प्रदेश के हर जिले में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना हो, जिससे प्रशासनिक कार्यों में तकनीक का अधिकतम उपयोग हो सके। बांदा के धीरज कुमार ने पशुधन विकास को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण पशु चिकित्सा केंद्रों की स्थापना, आधुनिक डेयरी प्रबंधन और किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कही। महाभियान के तहत अब तक प्रदेश की 40 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों, 200 से अधिक नगर पालिकाओं, 15 नगर निगमों, 500 से अधिक नगर पंचायतों, 600 से अधिक क्षेत्र पंचायतों और 50 से अधिक जिला पंचायतों में बैठकों, सम्मेलनों और गोष्ठियों का सफल आयोजन किया गया है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से जनप्रतिनिधियों, नागरिकों और विभागीय अधिकारियों के बीच संवाद को नई गति मिली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विज़न के अनुरूप, प्राप्त फीडबैक के आधार पर विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने की प्रक्रिया निरंतर जारी है।    

समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान को जबरदस्त समर्थन, मिले 21.5 लाख सुझाव

विकसित यूपी @2047 समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान : प्रदेशवासियों से मिले 21.5 लाख सुझाव  ग्रामीण क्षेत्रों से आए सबसे अधिक सुझाव  संभल, महाराजगंज और जौनपुर फीडबैक में अव्वल  शिक्षा और कृषि क्षेत्र पर सबसे अधिक राय  10 लाख से ज्यादा युवाओं ने दिया अपना सुझाव  नगरीय विकास और स्वास्थ्य पर भी बड़ी संख्या में राय  कासगंज की अंगूरी देवी ने पर्यावरण संतुलन पर दिया जोर रामपुर के विकास पाण्डेय ने सुझाए कृषि सुधार के उपाय  अभियान बनेगा प्रदेश के भविष्य की विकास रूपरेखा लखनऊ  उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे “समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान” को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है। अभियान के तहत प्रदेश के सभी 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों एवं प्रबुद्ध जनों ने भ्रमण कर छात्रों, शिक्षकों, व्यवसायियों, उद्यमियों, कृषकों, स्वयंसेवी संगठनों, श्रमिक संघों, मीडिया और आम जनता से संवाद स्थापित किया है। इस दौरान लोगों को पिछले 8 वर्षों की विकास यात्रा से अवगत कराया जा रहा है और भविष्य के रोडमैप पर चर्चा कर बहुमूल्य सुझाव प्राप्त किए जा रहे हैं। अभियान के लिए बनाए गए पोर्टल samarthuttarpradesh.up.gov.in पर अब तक लगभग 21.5 लाख सुझाव प्राप्त हुए हैं। इनमें से करीब 16.5 लाख सुझाव ग्रामीण क्षेत्रों से और लगभग 5 लाख सुझाव शहरी क्षेत्रों से आए हैं। आयु वर्ग के आधार पर देखें तो करीब 10 लाख सुझाव 31 वर्ष से कम आयु वर्ग से, 10 लाख से अधिक 31 से 60 वर्ष आयु वर्ग से और एक लाख से अधिक 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से प्राप्त हुए हैं। क्षेत्रवार सुझावों में शिक्षा क्षेत्र से करीब 6.7 लाख, कृषि क्षेत्र से 5 लाख, नगरीय एवं ग्रामीण विकास से 3.5 लाख, स्वास्थ्य से 1.6 लाख और समाज कल्याण से 1.6 लाख सुझाव सामने आए हैं। इसके अलावा आईटी एवं टेक, उद्योग, संतुलित विकास और सुरक्षा से संबंधित हजारों सुझाव प्राप्त हुए हैं। जनपदवार फीडबैक में संभल, महाराजगंज, जौनपुर, सोनभद्र और हरदोई शीर्ष पांच जिलों में शामिल रहे, जबकि फिरोजाबाद, इटावा, ललितपुर, महोबा और संतकबीर नगर से सबसे कम सुझाव आए। इस अभियान के दौरान जनता ने अपने विचार भी साझा किए। रामपुर के विकास पाण्डेय ने कृषि सुधार के लिए जल प्रबंधन, ड्रिप सिंचाई, वर्षा जल संचयन और जैविक खेती को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बताई। वहीं कासगंज की अंगूरी देवी ने सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देने की अपील की। बाराबंकी की तृप्ति सिंह ने सरकारी स्कूलों में संसाधनों और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर जोर दिया। प्रदेश सरकार का मानना है कि इस अभियान से प्राप्त सुझाव न केवल नीति निर्माण में सहायक होंगे, बल्कि विकसित उत्तर प्रदेश के लक्ष्य को हासिल करने में मील का पत्थर साबित होंगे।  

8.25 लाख प्रदेशवासियों ने साझा किए अपने मूल्यवान सुझाव

समर्थ उत्तर प्रदेश – विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान 8.25 लाख प्रदेशवासियों ने साझा किए अपने मूल्यवान सुझाव अभियान के तहत सभी 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों एवं प्रबुद्ध जनों का संवाद जारी ग्रामीण क्षेत्रों से 6.3 लाख तो नगरीय क्षेत्रों से 1.75 लाख प्रदेशवासी जुड़ चुके अभियान से सर्वाधिक 4.5 लाख सुझाव 31-60 आयु वर्ग के लोगों द्वारा दिए गए 3.5 लाख सुझाव 31 वर्ष से कम आयु के तो 50 हजार सुझाव 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से प्राप्त हुए सबसे ज्यादा 2.85 लाख सुझाव शिक्षा क्षेत्र से, जबकि 1.5 लाख सुझाव नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र से मिले स्वास्थ्य, समाज कल्याण, कृषि, आईटी & टेक, इंडस्ट्री और सुरक्षा से सम्बंधित विषयों पर भी मिले सुझाव  महाराजगंज 65 हजार से अधिक फीडबैक के साथ अव्वल, कानपुर देहात और सम्भल भी पीछे नहीं लखनऊ समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @ 2047 अभियान के तहत 26 सितम्बर, 2025 तक प्रदेश के सभी 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों एवं प्रबुद्ध जनों ने भ्रमण कर छात्रों, शिक्षकों, व्यवसायियों, उद्यमियों, कृषकों, स्वयंसेवी संगठनों, श्रमिक संघटनों, मीडिया एवं आमजन से संवाद किया। इस दौरान विगत 8 वर्षों की विकास यात्रा पर जानकारी साझा करने के साथ भविष्य की विकास रूपरेखा पर चर्चा की गई। अभियान के तहत शुक्रवार तक लगभग 8.25 लाख प्रदेशवासियों ने अपने सुझाव साझा किए हैं। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 6.3 लाख तो वहीं नगरीय क्षेत्रों से लगभग 1.75 लाख प्रदेशवासी जुड़ चुके हैं। अभियान से जुड़ रहा युवा वर्ग सर्वाधिक 4.5 लाख सुझाव 31-60 आयु वर्ग के लोगों द्वारा दिए गए हैं, जबकि 3.5 लाख सुझाव  31 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों ने दिए हैं। वहीं 50 हजार सुझाव सुझाव 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से प्राप्त हुए है। सर्वाधिक 2.85 लाख सुझाव शिक्षा क्षेत्र से, 1.5 लाख नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र से, 60 हजार स्वास्थ्य क्षेत्र से, 65 हजार समाज कल्याण से, 1.7 लाख कृषि क्षेत्र से, 22 हजार आईटी & टेक, 23 हजार इंडस्ट्री तथा 15 हजार सुरक्षा से सम्बंधित विषयों पर प्राप्त हुए हैं। जनपद महाराजगंज से 65 हजार से अधिक, कानपुर देहात से 35 हजार, 34 हजार फीडबैक सम्भल से प्राप्त हुए हैं। प्राप्त हुए ये महत्वपूर्ण सुझाव सीतापुर से विमल कुमार के अनुसार उत्तर प्रदेश को 2047 तक समृद्ध और सशक्त राज्य बनाने के लिए गांव पंचायतों को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए परिवहन और डिजिटल कनेक्टिविटी दो सबसे प्राथमिक कदम हैं, जो पूरे प्रदेश के विकास का आधार बन सकते हैं। गांवों तक बेहतर सड़क और परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि ग्रामीण जनता के व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच आसान हो सके। गांवों में इंटरनेट की बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जाए, जिससे ग्रामीण क्षेत्र सरकार की योजनाओं, ऑनलाइन शिक्षा और रोजगार के अवसरों से जुड़ सकें। हापुड़ से सबनम का विचार है कि भारत को 2047 तक पर्यटन के क्षेत्र में विश्व अग्रणी बनाने के लिए सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक सौंदर्य और आधुनिक सुविधाओं का संतुलित विकास जरूरी है। ऐतिहासिक स्थलों और स्मारकों की देखभाल, स्वच्छता, सुरक्षा, और बेहतर परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। ग्रामीण पर्यटन, इको-टूरिज्म और मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने से देश को विविध अनुभवों का केंद्र बनाया जा सकता है। स्थानीय कला, हस्तशिल्प और व्यंजनों को प्रोत्साहित कर रोजगार बढ़ाया जा सकता है। डिजिटल प्लेटफॉर्म और स्मार्ट गाइडेंस के जरिये पर्यटकों को सुगम जानकारी उपलब्ध कराना जरूरी है। यदि सतत विकास और आधुनिकता का संतुलन रखा जाए तो भारत 2047 तक दुनिया का सबसे आकर्षक और विकसित पर्यटन स्थल बन सकता है। कानपुर देहात से प्रीति केशरी का सुझाव है कि परिवहन की सुरक्षा और सुगमता हेतु अच्छे मार्गों का निर्माण आवश्यक है। विद्यालय तक पहुँच के लिए सड़कों का चौड़ीकरण हो, ताकि बच्चों का विद्यालय तक पहुँचना सरल हो सके और ग्रामीण क्षेत्र तेजी से विकसित हों। यह व्यवस्थाएँ शिक्षा, स्वास्थ्य और दैनिक जीवन को अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाएंगी। लखनऊ से संतोष कुमार के अनुसार प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर एक प्रशिक्षित चिकित्सा टीम के साथ पशु एम्बुलेंस होनी चाहिए ताकि पशुओं को बेहतर उपचार मिल सके। टोल फ्री नंबर 1962 का रिस्पॉन्स टाइम बेहतर किए जाने की आवश्यकता है। अधिकांश जनता इस संपर्क नंबर से अनजान है। इसे व्यापक रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए।