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ईरान और परमाणु हथियार: ट्रंप ने बताया क्यों नहीं हुआ गाजा में संघर्ष

वाशिंगटन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर ईरान के पास परमाणु हथियार होते, तो गाजा में शांति समझौता असंभव होता। दरअसल, इस वर्ष की शुरुआत में ट्रंप ने ईरान की परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले की योजना का जिक्र किया था, क्योंकि ईरान परमाणु हथियार बनाने की कगार पर था। उनका मानना था कि ऐसा होने पर गाजा शांति प्रक्रिया पूरी तरह विफल हो जाती। ट्रप ने उक्त बातें फॉक्स न्यूज से बात करते हुए कही। ट्रंप ने कहा कि ईरान परमाणु हथियार हासिल करने से महज एक या दो महीने दूर था। अगर मैंने इसे होने दिया होता, तो यह समझौता संभव न होता या फिर इसमें भारी संकट आ जाता। उन्होंने कहा कि आपके पास एक ऐसा देश होता जो परमाणु शक्ति संपन्न हो, जो स्पष्ट रूप से बहुत मित्रवत नहीं है। परमाणु हथियारों की ताकत ऐसी चीज है जिस पर हमें चर्चा भी नहीं करनी चाहिए। इसलिए आज का ईरान पूरी तरह अलग है। ट्रंप ने आगे जोर देकर कहा कि शांति प्रयासों ने वैश्विक एकजुटता पैदा की है, लेकिन ईरान को परमाणु हथियार मिलने पर शांति की राह में काले बादल मंडराने लगते। वाइट हाउस ने गुरुवार को एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें ट्रंप गाजा में बंधकों के परिवारों से मिलते हुए शांति समझौते के लिए उनका आभार व्यक्त कर रहे थे। इससे पूर्व, कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने गुरुवार को घोषणा की कि गाजा युद्धविराम समझौते के पहले चरण के सभी प्रावधानों और अमल तंत्रों पर सहमति हो गई है। अंसारी के अनुसार, इस समझौते में इजरायली बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली भी शामिल है। ट्रंप के उस बयान के बाद, जिसमें उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी गुटों और इजरायल ने शांति योजना के पहले चरण पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, हमास ने अपना पहला सार्वजनिक बयान जारी किया। अल जजीरा के मुताबिक, टेलीग्राम पर पोस्ट किए गए संदेश में हमास ने गाजा युद्ध समाप्ति, कब्जे वाले इलाके से इजरायली सेना की वापसी, मानवीय सहायता शुरू करने और कैदियों की अदला-बदली वाले समझौते पर हस्ताक्षर की पुष्टि की।  

नोबेल मेरे लिए बनता है – US राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत-पाक संघर्ष को बताया रोकथाम का कारण

न्यूयॉर्क/वाशिंगटन  अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को व्यापार के माध्यम से सुलझाने का एक बार फिर दावा किया और कहा कि उन्हें ‘‘सात युद्धों को समाप्त कराने'' के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। ट्रंप ने कहा, ‘‘वैश्विक मंच पर हम एक बार फिर ऐसे काम कर रहे हैं जिससे हमें उस स्तर का सम्मान मिल रहा है जो पहले कभी नहीं मिला।'' ट्रंप ने शनिवार को ‘अमेरिकन कॉर्नरस्टोन इंस्टिट्यूट फाउंडर्स डिनर' के वार्षिक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हम शांति समझौते करा रहे हैं और युद्ध रोक रहे हैं। तो हमने भारत-पाकिस्तान और थाईलैंड-कंबोडिया के बीच युद्ध को रोका है।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बारे में सोचिए, आप जानते हैं कि मैंने इसे कैसे रोका – व्यापार के जरिए। वे व्यापार करना चाहते हैं और मैं दोनों नेताओं का बहुत सम्मान करता हूं।'' अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया, ‘‘जरा देखिए भारत-पाकिस्तान, थाईलैंड-कंबोडिया, आर्मेनिया-अजरबैजान, कोसोवो-सर्बिया, इजराइल-ईरान, मिस्र-इथियोपिया, रवांडा-कांगो- हमने इन देशों के बीच के संघर्ष को रोक दिया और इनमें से 60 प्रतिशत को व्यापार के कारण ही रोका जा सका।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने भारत से कहा था कि देखिए आप दोनों के पास परमाणु हथियार हैं। यदि आप युद्ध की शुरुआत करते हैं तो हम आपके साथ कोई व्यापार नहीं करेंगे। मेरे इतना कहने पर वे रुक गए।'' ट्रंप ने कहा, जैसा कि उन्हें बताया गया था कि यदि वह रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष को रोकने में सफल रहते है तो उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलना ही चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कहा, अच्छा, बाकी सातों का क्या? मुझे हर एक के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए तो उन्होंने कहा, अगर आप रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष रुकवा दें तो आपको नोबेल मिल जाना चाहिए। मैंने कहा कि मैंने सात युद्ध रोके हैं।''