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रूस की 30 कंपनियों ने दिखाई यूपी में रुचि, ग्रेटर नोएडा में B2B संवाद से खुले निवेश के नए अवसर

उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो में रूस–भारत व्यापार संवाद ने खोले सहयोग के नए द्वार रूस की 30 कंपनियों ने दिखाई यूपी में रुचि, ग्रेटर नोएडा में B2B संवाद से खुले निवेश के नए अवसर तीन घंटे की अवधि में 240 से अधिक लक्षित B2B बैठकें संपन्न हुईं ग्रेटर नोएडा  उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में 2025 के अवसर पर इंडिया एक्सपो मार्ट, ग्रेटर नोएडा में शुक्रवार को रूस–भारत व्यापार संवाद पर केंद्रित एक विशेष बी2बी (B2B) बैठक सफलतापूर्वक आयोजित की गई। इस संवाद में 85 से अधिक कंपनियों ने भाग लिया, जिसके तहत मात्र तीन घंटे की अवधि में 240 से अधिक लक्षित B2B बैठकें संपन्न हुईं। रूस की 30 कंपनियाँ विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हुए भारतीय उद्यमियों के साथ व्यापार और निवेश के अवसरों पर चर्चा करने, रणनीतिक साझेदारियाँ स्थापित करने और द्विपक्षीय सहयोग को सुदृढ़ करने हेतु सक्रिय रूप से शामिल हुईं। इन सेक्टर्स पर हुई चर्चा प्रतिनिधित्व किए गए प्रमुख क्षेत्र थे विनिर्माण (औद्योगिक एवं इंजीनियरिंग), ऊर्जा, उपयोगिताएँ एवं अवसंरचना, एफएमसीजी, आईटी एवं डिजिटल समाधान, रसायन एवं सौंदर्य प्रसाधन, पैकेजिंग, चिकित्सा एवं चिकित्सा उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक घटक एवं ट्रांसमिशन, खाद्य प्रसंस्करण एवं कृषि, पर्यटन, व्यापार एवं थोक वितरण और पशुपालन। चर्चाओं में परस्पर हित के क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर बल दिया गया और उत्तर प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों के लिए एक गतिशील केंद्र के रूप में उभरते हुए प्रस्तुत किया गया। रूसी निवेशकों ने राज्य के विस्तारित औद्योगिक आधार, सक्रिय शासन और क्षेत्र-विशिष्ट प्रोत्साहनों में गहरी रुचि दिखाई। आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा इस सत्र की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, श्री आलोक कुमार ने की, जबकि सह-अध्यक्षता इन्वेस्ट यूपी के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री शशांक चौधरी ने की। यह आयोजन दोनों पक्षों की आर्थिक साझेदारी को सुदृढ़ करने और सतत विकास के नए मार्ग खोलने की प्रतिबद्धता को दोहराता है। साथ ही, यह उत्तर प्रदेश की वैश्विक निवेश सहयोग के लिए रणनीतिक स्थिति और निवेशक अनुकूल नीतियों को उजागर करता है। रूस–भारत व्यापार संवाद ने सहयोग और निवेश संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव स्थापित किया है, जो भविष्य में दीर्घकालिक साझेदारियों का मार्ग प्रशस्त करेगा।

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में कृषि विश्वविद्यालय, बीज विकास निगम, अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान वाराणसी भी लेगा हिस्सा

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में यूपी के एग्री कल्चर के होंगे दर्शन, 1000 वर्ग मीटर में प्रदर्शनी लगाएगा कृषि विभाग  यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में कृषि विश्वविद्यालय, बीज विकास निगम, अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान वाराणसी भी लेगा हिस्सा यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में एफपीओ के कृषि उत्पादों, उपकरणों, बीज, उर्वरक व कृषि रक्षा रसायन निर्माताओं को मिलेगा मंच  उत्तर प्रदेश की उन्नत कृषि संस्कृति से रूबरू होंगे आगंतुक, प्रदेश के प्रगतिशील किसान व कंपनियां भी होंगी शामिल  कृषि विभाग ने प्रदर्शनी की सफलता व देखरेख के लिए नोडल अधिकारियों को भी किया नामित सीएम योगी के मार्गदर्शन में 25 से 29 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा में होगा यूपीआईटीएस 2025  5 दिवसीय यूपीआईटीएस का गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे शुभारंभ लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में 25 से 29 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा में इंटरनेशनल ट्रेड शो का तृतीय संस्करण होगा। इसकी तैयारी पूरी की जा चुकी है। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आईटीएस का शुभारंभ करेंगे। इसमें एक तरफ देश- विदेश से आए प्रतिनिधि जहां यूपी की समृद्ध विरासत का दीदार करेंगे तो वहीं यूपी के एग्री 'कल्चर' के भी दर्शन करेंगे। ट्रेड शो के दौरान पांच कृषि विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम, अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान वाराणसी भी हिस्सा लेंगे। एफपीओ के कृषि संबधी उत्पादों, उपकरणों, बीज, उर्वरक व कृषि रक्षा रसायन निर्माताओं को मंच मिलेगा तो आगंतुकों को उत्तर प्रदेश की उन्नत कृषि संस्कृति और तकनीक से भी रूबरू कराया जाएगा। यहां प्रदेश के प्रगतिशील किसानों व कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म मिलेगा। इसमें पूरे उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व एक ही स्थान पर होगा। इंटरनेशनल ट्रेड शो-2025 में कृषि विभाग को एक हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल आवंटित किया गया है। इसमें कृषि, कृषि शिक्षा, कृषि संबंधी संस्थाएं, मंडी परिषद-कृषि विपणन निदेशालय, कृषि उपकरण, उर्वरक, बीज व पौध संरक्षण रसायन निर्माता कंपनियां भी हिस्सा लेंगी।  पांच कृषि विश्वविद्यालय की भी रहेगी सहभागिता ट्रेड शो में उत्तर प्रदेश के पांच कृषि विश्वविद्यालयों की भी सहभागिता रहेगी। इसमें चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर, आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मोदीपुरम मेरठ, बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा, सैम हिंगिंग बॉटम कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (शियाट्स) नैनी प्रयागराज की भी सहभागिता रहेगी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम, अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान वाराणसी भी हिस्सा लेगा।  कृषि विभाग के संवाद-समन्वय से 15 से अधिक एफपीओ करेंगे प्रतिभाग  इंटरनेशनल ट्रेड शो के आयोजन में कृषि विभाग की भी बड़ी हिस्सेदारी है। कृषि विभाग के संवाद व समन्वय से इसमें लगभग 15 से अधिक किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) हिस्सा लेंगे। इसमें बुलंदशहर के तीन एफपीओ समेत की प्रयागराज, एटा, झांसी, मेरठ, महोबा, सहारनपुर, बाराबंकी, गौतमबुद्धनगर, लखनऊ, सिद्धार्थनगर समेत विभिन्न जनपदों की सहभागिता रहेगी। कृषि विभाग की तरफ से लगने वाली प्रदर्शनी में सीड्स, फर्टिलाइजर, कृषि यंत्रों से जुड़ी कंपनियां भी प्रतिभाग करेंगी। इसमें 17 कृषि यंत्रीकरण कंपनी, 9 बीज कंपनियां, 8 उर्वरक कंपनी, 8 कृषि रक्षा कंपनी भी प्रतिभाग करेंगी।  कृषि विभाग ने नियुक्त किए नोडल अधिकारी  सीएम योगी के नेतृत्व में इंटरनेशनल ट्रेड शो में कृषि विभाग महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखेगा। कृषि विभाग की ओर से संवाद, समन्वय व देखरेख के लिए नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। कृषि- कृषि शिक्षा व बीज विकास निगम से संवाद-समन्वय के लिए अपर कृषि निदेशक प्रसार को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। मंडी परिषद व कृषि विपणन के लिए राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के निदेशक द्वारा नामित अपर निदेशक स्तर के अधिकारी या उप निदेशक कृषि विपणन नोडल अधिकारी की भूमिका में होंगे। बीज उत्पादन करने वाली कंपनियों के लिए डॉ. अमरनाथ मिश्र अपर कृषि निदेशक (बीज व प्रक्षेत्र) तथा ट्रेड शो में आमंत्रित उर्वरक बनाने वाली कंपनियों के लिए संयुक्त कृषि निदेशक (उर्वरक) डॉ. आशुतोष कुमार मिश्र को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। कृषि उपकरण व ड्रोन बनाने वाली कंपनियों के लिए संयुक्त कृषि निदेशक (अभियंत्रण) नरेंद्र कुमार तथा कीटनाशक कृषि रक्षा रसायनों के लिए अपर कृषि निदेशक (कृषि रक्षा) टीएम त्रिपाठी को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। कृषि क्षेत्र में नई तकनीक का उपयोग व उससे संबंधित स्टार्टअप के लिए आईआईटी कानपुर में अलग विंग संचालित है। आईआईटी कानपुर से समन्वय बनाने के लिए अपर कृषि निदेशक (प्रसार) नोडल अधिकारी होंगे।  उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो के तृतीय संस्करण (25 से 29  सितंबर) के आयोजन में कृषि विभाग की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। विभाग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। यहां आने वाले अतिथि व आगंतुक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की उन्नत कृषि संस्कृति और कृषि क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की प्रगति से रूबरू होंगे। आयोजन में कृषि विश्वविद्यालय, एफपीओ, बीज कंपनी, उर्वरक कंपनी, कृषि यंत्रीकरण कंपनी आदि की भी सहभागिता रहेगी।   

तीन साल में यूपीआईटीएस ने आंकड़ों और प्रभाव में खुद को दोगुना से ज्यादा किया मजबूत

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो : तीन साल में बढ़ा आकार, बढ़ी पहचान तीन साल में यूपीआईटीएस ने आंकड़ों और प्रभाव में खुद को दोगुना से ज्यादा किया मजबूत  2023 से 2025 तक इस मेगा आयोजन में प्रदर्शकों और विज़िटर्स की संख्या में हुआ भारी इजाफा  यूपीआईटीएस में विदेशी खरीदारों की बढ़ती उपस्थिति ने उत्तर प्रदेश को दिलाई वैश्विक पहचान प्रदेश की औद्योगिक, कृषि और सांस्कृतिक ताकत को दुनिया के सामने रखने का मंच बना यूपीआईटीएस  हर साल बढ़ रही प्रदर्शकों, खरीदारों और विज़िटर्स की संख्या राज्य के औद्योगिक परिदृश्य के विस्तार का दे रही संकेत  यूपीआईटीएस 2025 में 400 से बढ़कर 500 विदेशी खरीदारों की भागीदारी का रखा गया है लक्ष्य 25 से 29 सितंबर के बीच होने वाले मेगा आयोजन के लिए क्यूआर कोड आधारित एप से होगा स्मार्ट रजिस्ट्रेशन  लखनऊ  उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस) ने महज़ तीन वर्षों में खुद को देश और दुनिया के व्यापार मानचित्र पर स्थापित कर लिया है। 2023 में हुए पहले आयोजन से लेकर 2025 के तीसरे संस्करण तक यह शो हर साल आकार, प्रभाव और भागीदारी के लिहाज से और भव्य होता जा रहा है। प्रदर्शकों, विज़िटर्स और विदेशी खरीदारों की लगातार बढ़ती संख्या इस बात का प्रमाण है कि यूपी अब निवेश, व्यापार और वैश्विक पहचान के नए केंद्र के रूप में उभर रहा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर शुरू हुए यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो का तीसरा संस्करण 25 से 29 सितंबर के बीच ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में होने जा रहा है। यह केवल प्रदर्शनी नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की औद्योगिक, कृषि और सांस्कृतिक ताकत को दुनिया के सामने रखने का मंच बन गया है। हर साल इसमें प्रदर्शकों, खरीदारों और विज़िटर्स की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि राज्य का औद्योगिक परिदृश्य किस तरह विस्तार पा रहा है। 2023 : प्रथम संस्करण से मिली नई दिशा उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS) की शुरुआत वर्ष 2023 में हुई। इसका उद्घाटन महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया था। यह आयोजन राज्य के उद्योग जगत के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित हुआ। इसमें करीब 70 हजार B2B विज़िटर्स पहुंचे, जिनमें उद्योग और कारोबार जगत के बड़े नाम शामिल थे। 2 लाख 37 हजार बी2सी विज़िटर्स ने घरेलू बाजार के प्रति गहरी दिलचस्पी दिखाई। वहीं, 1914 प्रदर्शक (एग्जिबिटर्स) ने अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन किया। 400 से अधिक विदेशी खरीदार (फॉरेन बायर्स) ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार के नए अवसरों को तलाशा। इस पहले ही आयोजन ने यूपी के उत्पादों को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई और स्थानीय उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जोड़ने का अवसर दिया। 2024 : दूसरे संस्करण में और भी भव्य आयोजन पहले संस्करण की सफलता ने 2024 के आयोजन को और बड़े पैमाने पर पेश करने की राह दिखाई। इस बार उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया। आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि यूपीआईटीएस का प्रभाव और दायरा लगातार बढ़ रहा है। इस दौरान, बी2बी विज़िटर्स की संख्या 1 लाख से अधिक रही, यानी लगभग दोगुनी बढ़त। वहीं, बी2सी विज़िटर्स की संख्या 3 लाख के पार पहुंच गई। 2122 प्रदर्शकों ने हिस्सा लिया, जो पिछले साल से बढ़ोतरी का स्पष्ट संकेत है। इसके अतिरिक्त, इस मेगा इवेंट में 350 से अधिक विदेशी खरीदार शामिल हुए, जिनकी मौजूदगी ने राज्य के कारोबार को और अधिक अंतरराष्ट्रीय अवसर दिए। दूसरे संस्करण ने यह साबित कर दिया कि यूपीआईटीएस अब केवल राष्ट्रीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार का प्रमुख मंच बन चुका है। 2025 : तीसरे संस्करण से नई ऊंचाइयों की ओर अब 2025 का तीसरा संस्करण आयोजित होने जा रहा है और यह पिछले दोनों आयोजनों से कहीं ज्यादा भव्य और बड़ा होने वाला है। आयोजकों ने जिन लक्ष्यों को सामने रखा है, वे इसकी बढ़ती ताकत को स्पष्ट करते हैं। इस बार 5 लाख से अधिक कुल विज़िटर्स आने की उम्मीद है। इनमें 2.5 लाख बी2बी विज़िटर्स और 3 लाख बी2सी विज़िटर्स शामिल होंगे। प्रदर्शकों की संख्या बढ़कर 2500 से अधिक हो जाएगी। 500 से अधिक विदेशी खरीदार आने की संभावना है, जिनके लिए अलग से समर्पित मीटिंग हॉल बनाए गए हैं। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अब क्यूआर कोड आधारित मोबाइल एप से होगी, जिससे पारदर्शिता और सुविधा सुनिश्चित होगी। तीसरा संस्करण इस बात का प्रमाण है कि उत्तर प्रदेश अब अंतरराष्ट्रीय व्यापार मानचित्र पर अपनी अलग और मजबूत पहचान बनाने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।