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UP में कृषि क्रांति की नई शुरुआत: हर जिले में बनेगा अपनी खास फसल का क्लस्टर

लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि ‘कमोडिटी क्लस्टर’ दृष्टिकोण के तहत बुंदेलखंड में मूंगफली, वाराणसी में लाल मिर्च व सब्जी, बाराबंकी से आज़मगढ़ के बीच केला, कालानमक चावल, हरी मटर, उड़द और आलू आदि के क्लस्टर विकसित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केले की खेती को बढ़ावा देने के लिए ‘टिशू कल्चर’ को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सेक्टोरल विशेषज्ञों की नियुक्ति पर भी जोर दिया। मुख्यमंत्री मंगलवार को उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड रूरल एंटरप्राइज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग प्रोजेक्ट (यूपी एग्रीज) की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर, टिकाऊ और डिजिटल रूप से सशक्त बनाना शामिल है। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य में ‘डिजिटल एग्रीकल्चर इकोसिस्टम’ के निर्माण की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जाए, ताकि फसल, मौसम, बीज, सिंचाई, उर्वरक, बीमा, बाजार, लॉजिस्टिक्स और संस्थागत सेवाओं से संबंधित सभी सूचनाएं एकीकृत प्लेटफॉर्म पर रियल टाइम उपलब्ध हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में डिजिटल कृषि नीति तैयार की जाए, जो राष्ट्रीय तकनीकी मानकों पर आधारित हो और सुरक्षित साइबर अवसंरचना तथा नवाचार आधारित अनुसंधान को प्रोत्साहित करे। उन्होंने कहा कि बीज से लेकर बाजार तक की प्रक्रिया को समग्र दृष्टिकोण से जोड़ते हुए यह परियोजना किसानों की आय बढ़ाने, ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने और राज्य के कृषि क्षेत्र को तकनीकी रूप से उन्नत एवं डिजिटल टिकाऊ कृषि तंत्र की दिशा में आगे बढ़ाने का प्रभावी माध्यम बन रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘कृषि से उद्योग तक’ की सोच के साथ कार्य करते हुए मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी जाए। निर्देश दिए कि उत्तर प्रदेश विविध कृषि सहायता परियोजना (यूपी डास्प) के समन्वयन में यूपी एग्रीज का क्रियान्वयन करते हुए कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों और किसान उत्पादक संगठनों को भी परियोजना से जोड़ा जाए। बैठक में बताया गया कि यह परियोजना लगभग ₹4000 करोड़ (यूएस $500 मिलियन) की लागत से विश्व बैंक के सहयोग से छह वर्षों की अवधि के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के 28 जनपदों में लागू की जा रही है। इसका उद्देश्य बदलते जलवायु परिदृश्य के अनुरूप कृषि उत्पादन में सतत वृद्धि करना और किसानों को बाजार से बेहतर रूप में जोड़ना है। परियोजना में उत्पादकता वृद्धि, संसाधनों के कुशल उपयोग, कृषि आधारित उद्योगों के विकास और कृषि उत्पादों की गुणवत्ता सुधार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कृषि वित्तीय प्रणाली को सुदृढ़ बनाना अत्यंत आवश्यक है। इसके अंतर्गत छोटे एवं सीमांत किसानों तथा कृषि आधारित सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को ऋण सुविधा, जोखिम प्रबंधन की सुदृढ़ व्यवस्था और निजी निवेश को प्रोत्साहन पर बल दिया जाए। बैठक में बताया गया कि परियोजना से संबंधित संस्थागत तैयारियों में ठोस प्रगति हुई है। सामाजिक एवं पर्यावरणीय मूल्यांकन का कार्य पूरा हो चुका है। मॉनिटरिंग, लर्निंग एवं इवैल्यूएशन एजेंसी तथा तकनीकी सहायता एजेंसी का चयन किया जा चुका है। अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (इर्री) के साथ छह वर्षीय उत्पादकता कार्यक्रम के लिए अनुबंध स्वीकृत हो चुका है। किसान उत्पादक संगठनों की क्षमता निर्माण के लिए तकनीकी सहायता एजेंसी का चयन शीघ्र किया जाएगा, जबकि तकनीकी परामर्शी एजेंसी का चयन अंतिम चरण में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य केवल कृषि उत्पादन बढ़ाना नहीं बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने निर्देश दिए कि परियोजना के प्रत्येक घटक के परिणामों की नियमित समीक्षा की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि इसका सीधा लाभ किसानों तक पहुंचे। मुख्यमंत्री ने यूपी एग्रीज की सतत मॉनिटरिंग के लिए आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश भी दिए।  

हर संडे अब स्कूलों में श्रमदान, यूपी सरकार की अनोखी योजना का पूरा प्लान

लखनऊ  स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में अनुशासन, जिम्मेदारी और एक दूसरे का सहयोग करने की भावना को जाग्रत करने के लिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को नई गति देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने अभिनव कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन और समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण के निर्देश पर प्रदेश के सभी जयप्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों और राजकीय छात्रावासों में हर रविवार श्रमदान कार्यक्रम शुरू हो गया है। श्रमदान कार्यक्रम के तहत प्रत्येक रविवार को विद्यालय और छात्रावास परिसर की साफ-सफाई की जाएगी। टूटी हुई कुर्सियाँ, मेज और अन्य फर्नीचर की मरम्मत, पानी की टंकियों व नालियों की सफाई तथा कचरा निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। आवश्यक उपकरण—झाड़ू, फावड़े, बाल्टी, तसला और कूड़ेदान—की व्यवस्था पहले से कर दी गई है। बागवानी से हरियाली को बढ़ावा बागवानी पर जोर देते हुए पेड़-पौधों की निराई-गुड़ाई, नए पौधों का रोपण और सूखे पत्तों व टहनियों से खाद बनाने का कार्य भी किया जाएगा। इससे विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण की भावना मजबूत होगी। सदनवार जिम्मेदारी और डिजिटल मॉनिटरिंग विद्यालयों को सदनों में बाँटकर श्रमदान की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इससे विद्यार्थियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना जागेगी और परिसर को सुंदर बनाने की प्रेरणा मिलेगी। श्रमदान कार्य की पहले और बाद की तस्वीरें निर्धारित प्रारूप में QR कोड के माध्यम से अपलोड की जाएंगी, जिससे निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।  

योगी सरकार का रबी बीजों की समय से उपलब्धता एवं वितरण पर जोर

कृषि मंत्री ने ली अधिकारियों की बैठक, दिए आवश्यक निर्देश किसानों को वितरण के लिए 25 अक्टूबर तक उपलब्ध करा दिए जाएं रबी फसलों के बीज बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में समय से मिले किसानों को बीमा का लाभ: शाही लखनऊ योगी सरकार का रबी बीजों के समय से उपलब्धता व वितरण पर जोर है। इसे देखते हुए बुधवार को कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि निदेशालय में बैठक ली। उन्होंने कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं/कार्यक्रमों की भौतिक एवं वित्तीय समीक्षा बैठक की। कृषि मंत्री ने कहा कि किसान योगी शासन की प्राथमिकता में हैं। उन्नतशील बीजों का वितरण कृषकों को पूर्ण पारदर्शिता के साथ समय से अवश्य सुनिश्चित किया जाये l  कृषि मंत्री द्वारा समस्त जनपद /मंडल के अधिकारियों को निम्न निर्देश दिए गए  रबी फ़सलों (गेहूँ,जौ,चना, मटर,मसूर, सरसों, अलसी आदि) के सभी बीज दिनांक 25 अक्तूबर तक समस्त राजकीय बीज भंडारों पर कृषकों को वितरण हेतु उपलब्ध करा दिये जाएं l रबी फ़सलों के सभी अनुदानित बीजों का कृषकों को वितरण बुआई से पूर्व 25 नवम्बर तक अनिवार्य रूप से राजकीय कृषि बीज भंडारों के माध्यम से पूर्ण कर लिया जाये।  वर्तमान में बाढ़ प्रभावित/हानि वाले इलाकों में कृषकों को बीमा का लाभ समय से प्राप्त कराए जाने हेतु राजस्व, कृषि एवं बीमा के जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों की संयुक्त टीम द्वारा अविलंब पूर्ण कर प्रभावित कृषकों को तत्काल लाभ पहुंचाया जाये l रबी फ़सलों में विशेषकर दलहन (चना,मटर,मसूर आदि) एवं तिलहन (तोरिया,सरसों, राई, अलसी आदि) में फसल उत्पादकता बढ़ाए जाने के लिए जनपदीय उप कृषि निदेशक/जिला कृषि अधिकारी विशेष प्रयास करें l बैठक में कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र जी, सचिव इन्द्र विक्रम सिंह, विशेष सचिव टी.के. शीबू, ओ.पी. वर्मा, निदेशक पंकज त्रिपाठी, निदेशक सांख्यिकी सुमिता सिंह आदि की मौजूदगी रही।

योगी सरकार के प्रयासों से देश-विदेश में खुल रहे रोजगार के अवसर

लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार ऐतिहासिक पहल कर रही है। श्रम एवं सेवायोजन विभाग की योजनाएं जिस दूरदर्शिता से रोजगार सृजन की बहुआयामी रणनीति अपनाई है। रोजगार को लेकर प्रदेश सरकार की नीति अब सिर्फ स्थानीय नौकरियों तक सीमित नहीं रही, बल्कि युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवसर देने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन की शुरुआत की है।  मिशन के मुख्य उदेश्यों में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न रोजगार के अवसरों को पता लगाना, स्किलगैप का अध्ययन कर उसको दूर कराना, रोजगार कार्यक्रम संचालित करना, कॅरियर काउन्सिलिंग कराना तथा राज्य के रोजगार के इच्छुक अभ्यर्थियों एवं अल्परोजगार युवाओं को पोस्ट प्लेसमेन्ट स्पोर्ट प्रदान करना है जिसमें घरेलू एवं विदेशी प्लेसमेन्ट के जरिए राज्य सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि हो। विदेश में नौकरी के लिए युवाओं को तैयार करने के उद्देश्य से युवाओं को प्रोफेशनल रूप से तैयार किया जायेगा तथा बाजार मांग के अनुरूप ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किये जाएंगे। जापान, जर्मनी, क्रोएशिया और यूएई में श्रमिकों की भारी मांग इस अभियान को और विस्तार देते हुए प्रदेश सरकार ने जापान, जर्मनी, क्रोएशिया और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों से भी नर्सों, केयर गिवर्स, ड्राइवरों और निर्माण श्रमिकों की मांग प्राप्त की है। इसमें लगभग 1.50 लाख रूपये तक का वेतन मिलेगा, साथ ही खाड़ी देशों से भी विभिन्न सेक्टर की रिक्तियों की प्राप्ति सम्भावित है। श्रम विभाग इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है ताकि उत्तर प्रदेश के कुशल श्रमिकों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सम्मानजनक और बेहतर वेतनमान वाली नौकरियां मिल सकें। यह पहल युवाओं को विदेश जाने का सुरक्षित और कानूनी विकल्प उपलब्ध कराकर अवैध माध्यमों पर भी रोक लगाने में सहायक है। 10,830 रोजगार मेलों के माध्यम से 13,64,501 अभ्यर्थियों को निजी क्षेत्र में नौकरियां मिली रोजगार सृजन को लेकर प्रदेश सरकार की दूसरी बड़ी उपलब्धि रोजगार मेलों के माध्यम से निजी क्षेत्र में रोजगार दिलाना है। 1 अप्रैल 2017 से लेकर 30 अप्रैल 2025 तक सेवायोजन विभाग की ओर से आयोजित 10,830 रोजगार मेलों के माध्यम से 13,64,501 अभ्यर्थियों को निजी क्षेत्र में नौकरियां मिली हैं। ये मेले राज्य के विभिन्न जिलों में आयोजित किए गए, जिनमें सैकड़ों कंपनियों ने हिस्सा लिया और युवाओं को मौके पर ही चयनित कर नौकरी दी। इससे न केवल युवाओं को अवसर मिले बल्कि कंपनियों को भी प्रशिक्षित और कुशल जनशक्ति उपलब्ध हुई। इस मिशन के तहत अब तक 5,978 श्रमिकों को इज़राइल में रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। वहीं, 1,383 और निर्माण श्रमिकों को भेजने की प्रक्रिया तेज़ी से प्रगति पर है। इस प्रयास से राज्य में न केवल विदेशी मुद्रा का आगमन बढ़ेगा, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। अनुमान है कि इजराइल भेजे गए श्रमिकों से प्रदेश को लगभग 1,000 करोड़ रुपये का रेमिटेन्स प्राप्त हो सकता है, जो ‘वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था’ के लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। योगी सरकार का मानना है कि केवल नौकरी उपलब्ध कराना पर्याप्त नहीं, बल्कि युवाओं को सही दिशा देना भी उतना ही जरूरी है। इसी सोच के तहत सेवायोजन विभाग की ओर से अबतक 24,493 करियर काउंसलिंग कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें 26,51,727 युवाओं को करियर मार्गदर्शन मिला। इन कार्यक्रमों ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है, जहां जानकारी की कमी के कारण प्रतिभाएं पीछे छूट जाती थीं। सेवामित्र पोर्टल पर 52,349 श्रमिक पंजीकृत स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार ने ‘सेवामित्र योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत कुशल कामगारों को सीधे उपभोक्ताओं से जोड़ने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है, जिस पर अब तक 52,349 श्रमिक पंजीकृत हो चुके हैं। ये श्रमिक प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, पेंटर, एसी मैकेनिक, ब्यूटीशियन आदि सेवाओं के लिए लोगों को घर बैठे उपलब्ध हो रहे हैं। यह योजना एक ओर जहां श्रमिकों की आय सुनिश्चित कर रही है, वहीं दूसरी ओर आम नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिल रही हैं। उत्तर प्रदेश अब केवल नौकरी ढूंढने वाला नहीं, बल्कि श्रम और प्रतिभा का निर्यात करने वाला राज्य बन रहा है। आने वाले वर्षों में यह पहल राज्य को सामाजिक और आर्थिक रूप से और अधिक सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।  

यूपी के युवाओं के लिए खुशखबरी, योगी सरकार दे रही स्थानीय स्तर पर रोजगार का मौका

लखनऊ  योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश के युवाओं को हुनरमंद बनाने के साथ ही उनकी क्षमता का भी पूरा उपयोग करने का इंतजाम कर रही है। सरकार स्किल डेवलपमेंट के साथ युवाओं को स्वावाल‍ंबी बनाने के लिए हर स्तर उनकी मदद की योजना तैयार कर चुकी है। सरकार तो अब युवाओं को उनके ही जिले में रोजगार देने की कोशिश कर रही है। पहली बार जिला स्तर पर स्थानीय उद्योगों की जरूरतों के अनुसार कौशल विकास की कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसके तहत युवाओं को उन्हीं सेक्टरों में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिनकी उनके जिले में सबसे अधिक मांग है। हर जिले में पांच प्रमुख सेक्टरों की पहचान की जा रही है। यह चयन स्थानीय उद्योगों की मांग, रोजगार की संभावनाएं और तकनीकी जरूरतों को ध्यान में रखकर होगा। हर जिले में चुने गए पांच सेक्टरों में काम कर रही पांच अग्रणी कंपनियों या औद्योगिक इकाइयों को चिन्ह्ति किया जाएगा। इनके साथ समन्वय कर युवाओं को उनकी मांग के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें उन्हीं कंपनियों में सीधे रोजगार के अवसर मिलेंगे। कौशल विकास मिशन के निदेशक पुलकित खरे ने सभी जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों (सीडीओ) के साथ बैठक कर योजना की रूपरेखा साझा की है। योजना को अगले तीन वर्षों में चरणबद्ध रूप से पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इस दौरान जिला प्रशासन, उद्योग प्रतिनिधियों, प्रशिक्षण संस्थानों और मिशन टीम के बीच मजबूत समन्वय किया जाएगा। मुख्य विकास अधिकारियों को 26 सेक्टरों की सूची सौंपी गई है, जिनमें से उन्हें अपने जिले के लिए पांच उपयुक्त सेक्टरों का चयन करना है। कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि इससे उद्योगों को स्थानीय प्रशिक्षित जनशक्ति मिलेगी, जिससे उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और युवाओं को घर के पास ही नौकरी मिलेगी।