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अदालत का सख्त फरमान: दरगाहों में CCTV कैमरे का विरोध पड़ेगा भारी

अजमेर

अजमेर की विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने का विरोध करने वालों पर अब कानूनी शिकंजा कसेगा। सिविल न्यायाधीश कनिष्ठ खंड एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम वर्ग (अजमेर पश्चिम) मनमोहन चंदेल ने दरगाह नाजिम को आदेश जारी करते हुए कहा कि परिसर में हर संभावित जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति या समूह इसका विरोध करता है तो उनके खिलाफ कलेक्टर और एसपी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करें।

दरअसल, दरगाह के आस्ताना में खिदमत की बारी को लेकर खादिमों के बीच हुए विवाद के मामले में अदालत ने नाजिम से संबंधित जगह की सीसीटीवी फुटेज प्रस्तुत करने को कहा था, लेकिन नाजिम ने अदालत को बताया कि उस क्षेत्र में कैमरे नहीं लगे हैं, इसलिए फुटेज उपलब्ध नहीं है। अदालत ने इस तथ्य को गंभीरता से लेते हुए दरगाह में तत्काल कैमरे लगाने के निर्देश जारी किए।

अदालत ने नाजिम को यह भी विकल्प दिया कि यदि वे दरगाह कमेटी के खर्चे पर कैमरे लगाना चाहते हैं तो पांच दिन के भीतर कलेक्टर और एसपी को लिखित याचिका देकर उनसे सहयोग मांग सकते हैं। अदालत ने यह भी कहा कि कैमरों का संचालन दरगाह कमेटी को नियमानुसार करना होगा।

फैसले में अदालत ने कहा कि दरगाह परिसर में कैमरे लगाने का विरोध स्वार्थवश किया जाता है, जबकि भीड़भाड़ वाले धार्मिक स्थलों पर सुविधा और सुरक्षा की दृष्टि से कैमरे जरूरी हैं। अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के रूप में सीसीटीवी फुटेज विवादों के समाधान में बेहद मददगार साबित होते हैं। इसलिए कलेक्टर और एसपी से अपेक्षा की जाती है कि वे दरगाह कमेटी की मदद करें और विरोध करने वालों पर कानूनी कार्रवाई करें।

गौरतलब है कि अजमेर दरगाह में 2007 से सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। फिलहाल परिसर के करीब 75 प्रतिशत हिस्से को 57 कैमरों से कवर किया गया है। लेकिन आस्ताना सहित 25 प्रतिशत एरिया अब भी कैमरों की पहुंच से बाहर हैं। केंद्र सरकार ने सुरक्षा कारणों से आस्ताना में भी कैमरे लगाने की कवायद शुरू की थी, मगर दरगाह के एक बड़े पक्ष द्वारा इसका विरोध किया गया।

अब अदालत के सख्त रुख के बाद दरगाह परिसर में शेष हिस्सों, विशेषकर आस्ताना में, सीसीटीवी लगाने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार भी आगामी 814वें उर्स से पहले दरगाह में सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता करने की दिशा में कदम उठा रही है। अदालत के इस आदेश से स्पष्ट है कि दरगाह परिसर में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना अब टाली नहीं जा सकेगी और विरोध करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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