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रैपिड मेट्रो संचालन की जिम्मेदारी GMRL को सौंपने की प्रक्रिया शुरू, अब तक 62 लाख यात्रियों ने किया सफर

गुरुग्राम

हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन लिमिटेड (एचएमआरटीसी) ने गुरुग्राम रैपिड मेट्रो को दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) से गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। फिलहाल रैपिड मेट्रो का संचालन और रखरखाव डीएमआरसी और जीएमआरएल संयुक्त रूप से कर रहे हैं। प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए संयुक्त समितियों का गठन किया गया है और समय-सीमा तय कर दी गई है ताकि यात्रियों की सेवाओं में किसी प्रकार का व्यवधान न आए और हस्तांतरण सुरक्षित रूप से पूरा हो।

यात्रियों और प्रदर्शन का आंकड़ा

सोमवार को एचएमआरटीसी की 62वीं बोर्ड बैठक में बताया गया कि गुरुग्राम रैपिड मेट्रो ने अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच 62.49 लाख यात्रियों को सेवा दी। यह संख्या पिछले साल की तुलना में 13.59 प्रतिशत अधिक है। किराया राजस्व में भी 11.87 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई। एचएमआरटीसी के प्रबंध निदेशक डॉ. चंद्रशेखर खरे ने बताया कि परिचालन व्यय में 6.33 प्रतिशत की कमी आई, जिससे वित्तीय स्थिति मजबूत हुई। गैर-किराया स्रोतों से आय भी बढ़ी और 21.11 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले साल 15.56 करोड़ रुपये थी।

वित्तीय और विज्ञापन आय में बढ़ोतरी

मेट्रो वायाडक्ट और पिलर्स पर 22 विज्ञापन स्थलों की ई-नीलामी से 58.34 करोड़ रुपये वार्षिक राजस्व की उम्मीद है। इसमें एचएमआरटीसी का हिस्सा 35 करोड़ रुपये से अधिक रहेगा। बैठक में क्षेत्र में चल रही अन्य मेट्रो और रैपिड रेल परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा भी की गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने दिल्ली-रोहतक और गुरुग्राम-फरीदाबाद-नोएडा/ग्रेटर नोएडा नमो भारत कॉरिडोर की डीपीआर पर काम शुरू कर दिया है, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बेहतर होगी।

भविष्य की परियोजनाएं और लागत

दिल्ली-पानीपत-करनाल कॉरिडोर का विस्तार 103.02 किमी से बढ़ाकर 136.30 किमी किया गया है, जिसमें 17 स्टेशनों की बजाय अब 21 स्टेशन शामिल होंगे। इस परियोजना की अनुमानित लागत 33,051.15 करोड़ रुपये है, जिसमें हरियाणा का हिस्सा लगभग 7,472.11 करोड़ रुपये है। यह निवेश प्रदेश के वित्तीय और आर्थिक लाभ को बढ़ाने में मदद करेगा। बैठक में परिवहन, नगर एवं ग्राम आयोजना और वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे और परियोजनाओं की समय पर प्रगति सुनिश्चित करने पर चर्चा की गई।

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