samacharsecretary.com

मध्यप्रदेश विधानसभा में बदलाव की आहट, प्रमुख सचिव पद के लिए अरविंद शर्मा का नाम सबसे आगे

भोपाल 

मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रशासनिक बदलाव की आहट तेज हो गई है। मौजूदा प्रमुख सचिव एपी सिंह 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और उनके कार्यकाल को आगे नहीं बढ़ाने के संकेत पहले ही मिल चुके हैं। ऐसे में विधानसभा सचिव के रूप में कार्यरत अरविंद शर्मा को अगला प्रमुख सचिव बनाए जाने की चर्चा तेज हो गई है। वर्तमान प्रमुख सचिव एपी सिंह के कार्यकाल में विस्तार की संभावना नहीं है। ऐसे में 1 अक्टूबर से नए प्रमुख सचिव की नियुक्ति तय मानी जा रही है।

अरविंद शर्मा सबसे मजबूत दावेदार 
नरेंद्र सिंह तोमर ने अध्यक्ष बनने के बाद अरविंद शर्मा को लोकसभा से प्रतिनियुक्ति पर मध्य प्रदेश पर लाया और  विधानसभा सचिव बनाया था। बाद में उनका संविलियन भी विधानसभा में हो गया। वर्तमान में वे 60 साल की उम्र पार कर चुके हैं और नियमों के मुताबिक 62 साल तक सेवा में रह सकते हैं। यदि उन्हें प्रमुख सचिव नियुक्त किया जाता है, तो वे आगामी दो साल तक इस जिम्मेदारी को निभा पाएंगे। सूत्रों के अनुसार, स्पीकर की पसंद होने के कारण उनकी नियुक्ति लगभग तय मानी जा रही है।

एपी सिंह का लंबा कार्यकाल अब होगा समाप्त
एपी सिंह पहले ही 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हो चुके थे। उसके बाद उन्हें दो साल का सेवा विस्तार और फिर 6 महीने का संविदा कार्यकाल दिया गया। अब वे 64 वर्ष से अधिक हो चुके हैं। ऐसे में उनका कार्यकाल बढ़ाने की कोई संभावना नहीं रह गई है। हालांकि विधानसभा अधिनियम के मुताबिक अध्यक्ष चाहें तो जिला न्यायाधीश स्तर के अधिकारी को भी प्रमुख सचिव नियुक्त कर सकते हैं। फिलहाल इस पर विचार की संभावना कम है क्योंकि मौजूदा परिस्थितियों में अरविंद शर्मा ही सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।

सचिव पद की मौजूदा स्थिति
विधानसभा में सचिव के दो पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में एक पद पर अरविंद शर्मा कार्यरत हैं, जबकि दूसरा पद रिक्त है। प्रमोशन में आरक्षण से जुड़े मामले कोर्ट में लंबित हैं, इसलिए यदि शर्मा प्रमुख सचिव बनते हैं, तो सचिव के दोनों पद अस्थायी तौर पर खाली रह सकते हैं और जिम्मेदारियां प्रभार के आधार पर सौंपी जा सकती हैं।

 

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here