samacharsecretary.com

बारिश के चलते सब्ज़ियां हुई महंगी, महंगाई की मार से बिगड़ा रसोई का बजट

भोपाल 

 बीते कुछ दिनों तक लगातार हुई मूसलधार बारिश ने किसानों की सब्जी फसलों को भारी नुकसान हुआ है. खेतों में फूल-फल लगे हुए फसल लगभग नष्ट हो चुके हैं. जिससे किसानों के चेहरों पर मायूसी छा गयी है. खेतो में लगा टमाटर, मिर्च, बैंगन, भिंडी, कद्दू, पालक, बंधा गोभी की फसल बर्बाद हो गये हैं. मक्का व गरमा फसलों को पानी में डूबने से नुकसान हुआ है. पौधों की जड़ें सड़ सकती हैं. धान के बिचड़े भी पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं. किसान छोटू मुंडा बताते हैं कि पिछले चार दिनों से लगातार हुई वर्षा से धान का बिचड़ा पानी में डूब गया है. 

बारिश की शुरुआत के साथ ही शहर में सब्जी महंगी हो गई है, जो 10 दिन में ही दो से ढ़ाई गुना तक कीमत पहुंच गई है। इससे स्थिति यह है कि अब सिर्फ आलू व कद्दू ही सस्ते हैं और अन्य कोई भी सब्जी अब 60 से 80 रुपए किलो कीमत से कम नहीं मिल रही है। अचानक बढ़ी सब्जियों की कीमतें एमपी में आमजन की परेशानी बन गई हैं। जो टमाटर 10 दिन पहले तक 30 रुपए किलो बिक रहा था, अब 80 रुपए किलो कीमत पर पहुंच गया है।

रेट बढक़र सीधे हो गए दोगुना

भिंडी, लॉकी, पालक, करेला, गोभी और पालक की रेट बढक़र सीधे ही दोगुना हो गई है। वहीं बाजार में गिलकी, शिमला मिर्च और बरवटी 120 रुपए किलो बिक रही है। कहू की रेट भी तीन गुना बढ़ गई लेकिन यह अभी आमजन की पहुंच में है। हालांकि आलू व प्याज की कीमतों में पिछले 10 दिनों में कोई अंतर नहीं आया है।

महंगी सब्जियों से ही काम चलाना होगा

सब्जी दुकानदारों के मुताबिक जिले में सब्जियां(Vegetables Price Hike) बची नहीं है, बाहर से जिले में आ रही है। बारिश की वजह से बाहर से भी कम ही मिल पा रही हैं, इससे कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि सब्जी दुकानदारों का कहना है कि डेढ़-दो महीने बाद जिले में स्थानीय स्तर से हरी सब्जियों की आवक बढ़ जाएगी, इससे कीमतें घटने का अनुमान है, लेकिन स्थानीय सब्जियों की आवक होने तक लोगों को महंगी सब्जियों से ही काम चलाना होगा।

 किसानों ने बताया कि बहुत मेहनत के बाद खेतों में फसल तैयार हुए थे. लेकिन फसलें बर्बाद हो गयी. किसानों ने सरकार से नुकसान की मुआवजा का मांग करते हुए कहा कि उनकी फसलों को बचाने के लिए उचित कदम उठाया जाये.

बाजारों पर दिखा असर :
लगातार वर्षा होने से खेतों से सब्जियों की तुड़ाई नहीं होने से मंडी खाली रहे. जिसके कारण किसान समेत सब्जी विक्रेताओं को काफी नुकसान हुआ. वहीं शनिवार को बुकबुका बाजार में सब्जी खरीदने आये ग्राहकों को मन मुताबिक सब्जी नहीं मिलने से निराश घर लौटना पड़ा. हालाकि कुछ सब्जियां जो बाजार में लाये गये थे, उनमें दाग लगा था. कम सब्जी आने से मूल्य में वृद्ध देखी गयी.

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here