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धीरे-धीरे जुड़ेगा टूटा रिश्ता, इसे ऐसे संभालें…

रिश्तों का जुड़ना जितना मुश्किल होता है, उन्हें सहेजना उससे भी ज्यादा कठिन। इसके विपरीत तोड़ने के लिए एक झटका ही काफी है। यह झटका कुछ भी हो सकता है- कोई कड़वी बात, किसी मसले पर उपेक्षा, कोई मामूली गलती, गलतफहमियां या कुछ और। मुश्किल यह है कि ऐसा जब भी होता है तो इसका पहले से कोई एहसास नहीं होता। पता ही तब चलता है, जब घटना घट चुकी होती है। अगर समय से पता चल जाए कि जो हम कहने या करने जा रहे हैं, वह हमारे संबंधों पर क्या असर डालेगा तो अधिकतर संबंध बिगड़ने ही न पाएं। कई बार ऐसा भी होता भी है कि गलती के बाद तुरंत एहसास हो जाता है। ऐसी स्थिति में समझदार लोग बात को संभालने की कोशिश भी करते हैं। कई बार बात बन भी जाती है, लेकिन कई बार यह कोशिश बेकार साबित होती है। इसीलिए कवि रहीम ने कहा है- रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय टूटे से फिर ना जुडे, जुडे तो गांठ पड़ जाय। अक्सर देखा जाता है कि ऐसे रिश्तों में जुड़ने के बाद भी कुछ कसक-सी रह जाती है। हालांकि आधुनिक मनोविज्ञान का मानना है कि यह मुश्किल ही है, असंभव नहीं। अगर रिश्ते में आई दरार की वजह को समझते हुए ठीक तरह से प्रयास किए जाएं तो उस कसक का मिटना भी असंभव नहीं है। इसके पहले कि किसी टूटे हुए रिश्ते को नए सिरे से सहेजने की कोशिश शुरू की जाए, सबसे जरूरी है कि उसके वास्तविक कारण की तलाश की जाए। देखें अपनी ओर यह जरूरी नहीं कि संबंध टूटने के मामले में गलती हर बार आपकी ही हो, पर ऐसे मामले में देखना सबसे पहले अपनी ओर ही चाहिए। अधिकतर होता यह है कि हम स्थितियों को समझे बिना ही दूसरे पक्ष को जिम्मेदार मान लेते हैं। यह सोचे बगैर कि उसने ऐसा कुछ किया भी तो किन हालात में। यह गौर करना चाहिए कि अगले व्यक्ति ने जो कुछ भी किया, उस पर हमारी प्रतिक्रिया क्या थी। हमने जो किया, क्या वह सही था! ऐसा तो नहीं कि हमने उसकी बात को समझे बिना ही प्रतिक्रिया दी और उसका दिल दुखाया! ऐसा कुछ लगे तो अपनी गलती स्वीकार कर, माफी मांग लेने में कोई हर्ज नहीं है। स्वीकारें दूसरों को दूसरों में ही गलती ढूंढने का एक कारण यह है कि अधिकतर लोग दूसरे के व्यक्तित्व को स्वीकार नहीं पाते। हर व्यक्ति दूसरों से अपनी अपेक्षाओं पर खरा उतरने की उम्मीद करता है। खासकर रिश्तों के मामले में हर किसी के मन में एक फ्रेम होता है। सभी चाहते हैं कि संबंधित व्यक्ति उसी फ्रेम में फिट बैठे। कुछ लोग किसी का भी इस फ्रेम से बाहर जाना बर्दाश्त नहीं कर पाते। लेकिन, दुनिया में सब कुछ किसी की अपेक्षा के अनुरूप ही हो, यह कैसे संभव है? हमें यह बात समझनी चाहिए कि हर किसी का अपना व्यक्तित्व है। किसी से अपने जैसा बनने की अपेक्षा या उसे अपने अनुरूप ढालने की कोशिश खतरनाक हो सकती है। बेहतर होगा कि जो जैसा है, उसे वैसा ही स्वीकार करें। व्यक्ति का सम्मान रिश्ता कोई भी हो, टूटने का कारण अधिकतर अहं का टकराव होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि यह होता क्यों है? इसकी एक वजह तो यही होती है कि हम दूसरे के व्यक्तित्व को वैसे ही स्वीकार नहीं कर पाते, जैसा वह है। दूसरी यह कि किसी पर अपने व्यक्तित्व और अपनी अपेक्षाओं को थोपने की कोशिश करने लगते हैं। ऐसी स्थिति में अगर दूसरा व्यक्ति हमसे मजबूत हुआ तो वह खुद को साबित करने में लग जाता है और अगर कमजोर हुआ तो समर्पण जैसी अवस्था में आ जाता है। ये दोनों ही स्थितियां सही नहीं हैं। दोनों ही स्थितियों में अहं का टकराव तय है। अगर आपकी ऐसी किसी प्रवृत्ति के कारण कोई संबंध टूटने की ओर बढ़ रहा है, सचेत हो जाएं। पहले तो दूसरों पर अपनी अपेक्षाएं और अपना व्यक्तित्व थोपना बंद कर दें। धीरे-धीरे यह एहसास कराएं कि आपने खुद को बदलना शुरू किया है। प्रशंसा है जरूरी रिश्ते चाहे निजी हों या प्रोफेशनल, सभी पौधों की तरह होते हैं। वे फूलते-फलते रहें, इसके लिए उन्हें सींचना अनिवार्य है और रिश्तों की सिंचाई के लिए अच्छे कार्यों की प्रशंसा से बेहतर जल नहीं हो सकता। कोई जब अच्छा कार्य करता है तो वह प्रशंसा चाहता है। होता अक्सर उल्टा है। किसी से कोई गलती हो जाने पर तो हम उसे दस बातें सुना देते हैं, लेकिन अच्छे काम को उसका कर्तव्य मानकर टाल देते हैं। इसके विपरीत अगर अच्छा काम करने पर किसी की प्रशंसा की जाए तो गलतियों पर टोके जाने से भी उसे पर बुरा नहीं लगता। आभार जताएं जिस तरह अपेक्षाएं स्वाभाविक हैं, वैसे ही उनके पूरे होने पर आभार जताना भी। कई बार रिश्ते इसलिए टूट जाते हैं कि हम अपना काम हो जाने के बाद संबंधित व्यक्ति को धन्यवाद तक नहीं बोलते। रिश्ते बने रहें, इसके लिए उन्हें सहेजना जरूरी है। जारी रहे संवाद बेशक कई बार गलती आपकी नहीं होती, दूसरा पक्ष ही गलत होता है और यह बात जाहिर होती है। यदि यह बात बार-बार की है तो स्थिति अलग है, लेकिन अगर पहली-दूसरी बार की बात है तो क्षमा कर देना बेहतर है। ध्यान रहे, ऐसी स्थिति में संवाद नहीं टूटना चाहिए। क्योंकि किसी भी रिश्ते को बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी तत्व है संवाद। संवाद टूट जाने की स्थिति में बने-बनाए रिश्ते भी बेजान होने लगते हैं और टूटे रिश्तों को फिर से जोड़ने में तो सबसे महत्वपूर्ण भूमिका ही संवाद की होती है।  

CM यादव की बड़ी पहल: निवेश और सहयोग के लिए शुरू होगा संवाद कार्यक्रम

दुबई यात्रा का दूसरा दिन भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दुबई यात्रा के दूसरे दिन मध्यप्रदेश में निवेश के व्यापक अवसरों को लेकर उद्योग जगत, वैश्विक कंपनियों और नीति निर्माताओं के साथ संवाद करेंगे। उद्योग, तकनीक, टेक्सटाइल, ग्रीन एनर्जी और पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री डॉ. यादव कई महत्वपूर्ण बैठकों और कार्यक्रमों में भाग लेंगे। 14 जुलाई की प्रमुख गतिविधियां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की इस दिन भारतीय कोंसुल जनरल से शिष्टाचार भेंट होगी, जहां वे यूएई में भारत के व्यापारिक हितों और सहयोग की दिशा में चर्चा करेंगे। इसके बाद वे द इंडस एंटरप्रेन्योर्स के चेयरमैन पी.के. गुलाटी से मुलाकात कर स्टार्टअप और नवाचार के क्षेत्र में संभावनाओं पर संवाद करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव एमिरेट्स एयरलाइंस के अधिकारियों के साथ प्रस्तावित बैठक में एयर कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स को मजबूत करने पर विचार करेंगे। मुख्यमंत्री बाद में ग्रू एनर्जी जैसी अग्रणी ग्रीन एनर्जी कंपनी तथा जैन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संगठन (JITO) प्रतिनिधियों से मिलेंगे और सतत विकास से जुड़े विषयों पर मध्यप्रदेश की प्राथमिकताएं साझा करेंगे। दोपहर बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव यूएई के विदेश व्यापार मामलों के मंत्री डॉ. थानी बिन अहमद अल ज़ियोदी से मुलाकात करेंगे। यह बैठक भारत-यूएई के बीच द्विपक्षीय व्यापार सहयोग को नई दिशा देगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव टेक्समस एसोसिएशन परिसर का दौरा करेंगे और दुबई टेक्सटाइल सिटी में टेक्सटाइल उत्पादन व निर्यात गतिविधियों का अवलोकन करेंगे। इस दौरान वे एक इंटरेक्टिव सत्र और नेटवर्किंग लंच में हिस्सा लेंगे, जहां मध्यप्रदेश के टेक्सटाइल सेक्टर की क्षमताएं और पीएम मित्रा पार्क जैसी योजनाएं प्रस्तुत की जाएंगी। लुलु ग्रुप, सराफ डीजी, ईसा एआई से मुलाकात मुख्यमंत्री डॉ. यादव लुलु ग्रुप, सराफ डीजी, ईसा एआई अल गुरैर ग्रुप, गल्फ इस्लामिक इन्वेस्टमेंट्स, जी42 इण्डिया और टाटा संस मिडिल ईस्ट जैसी बड़ी कंपनियों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों से मिलेंगे और प्रदेश में निवेश के क्षेत्र तय करेंगे। गल्फ महाराष्ट्र बिजनेस फोरम और एमआईडीसी के साथ होने वाली चर्चा में आपसी सहयोग की नई संभावनाओं पर चर्चा होगी। समापन इन्वेस्ट मध्यप्रदेश दुबई बिजनेस फोरम एंड नेटवर्किंग डिनर के साथ होगा, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. यादव निवेशकों को संबोधित करेंगे और उन्हें मध्यप्रदेश के उद्योग परिदृश्य के साथ जुड़ने के लिए आमंत्रित करेंगे। इस कार्यक्रम में पर्यटन क्षेत्र में निवेश को केंद्र में रखकर एक विशेष राउंडटेबल मीटिंग भी आयोजित की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता प्रमुख सचिव पर्यटन करेंगे।  

हीरा तो पन्ना में मिलता है, लेकिन मप्र के डायमंड तो दुबई में भी मिल रहे हैं : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मध्यप्रदेश आपको बुला रहा है, बेहिचक निवेश करें, हम भी आपको रिटर्न गिफ्ट देने में कोई कमी नहीं रखेंगे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव म.प्र. ने निवेशकों के लिए 18 पारदर्शी नीतियां लागू की, हमारी नीतियों का भरपूर लाभ उठाएं हीरा तो पन्ना में मिलता है, लेकिन मप्र के डायमंड तो दुबई में भी मिल रहे हैं दुबई में प्रवासी भारतीयों के फ्रैंड्स आफ एमपी इंटरनेशनल समूह से किया आत्मीय संवाद भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश अब देश का सर्वाधिक प्रगतिशील प्रदेश बन गया है। निवेशकों के लिए हमारी सरकार ने सभी द्वार खोल दिए हैं। हमने मध्यप्रदेश में निवेशकों के लिए 18 प्रकार की पारदर्शी औद्योगिक नीतियां लागू की हैं। हमारी सभी औद्योगिक नीतियां बेहद साफ सुथरी हैं। मध्यप्रदेश में आने वाले निवेशकों को किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता। आईए मध्यप्रदेश आपको बुला रहा है, हम पर भरोसा करें, मध्यप्रदेश में निवेश करें, हम भी आपको रिटर्न गिफ्ट देने में कोई कमी नहीं रखेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को दुबई में प्रवासी भारतीयों के फ्रेंड्स ऑफ एमपी इंटरनेशनल समूह के साथ आत्मीय संवाद कर रहे थे। उन्होंने निवेशकों से कहा कि यदि आप मध्यप्रदेश के लोगों को रोजगार देने वाला कोई बड़ा उद्योग लगाते हैं तो हमारी सरकार अगले 10 साल तक प्रति लेबर 5 हजार रुपए की सहायता राशि भी मुहैया कराएगी। यदि मेडिकल एजुकेशन या मेडिकल कॉलेज जैसा बड़ा कोई निवेश करना चाहते हैं तो, हमारी सरकार आपको मात्र एक रूपए में जमीन देगी। उन्होंने कहा कि सरकार हर कदम पर निवेशकों के साथ है। मध्यप्रदेश को अपना दूसरा घर बनाइये और यहां निवेश जरूर कीजिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि दुबई मध्यप्रदेश के लोगों के लिए एक तरह से दूसरी मां के समान है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। राज्य सरकार ने उद्योग केंद्रित पारदर्शी नीतियां लागू की हैं। उद्योगपतियों को निवेश करने और इंडस्ट्री शुरू करने के लिए सिंगल विंडो फैसिलिटी प्रदान की जा रही है। उद्योगपतियों को बिजली के बिलों में छूट दी जा रही है। प्रदेश में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और जीआईएस के माध्यम से लगभग 30 लाख करोड़ रूपये का निवेश मिला है। मध्यप्रदेश निवेशकों को आमंत्रित कर रहा है आप लोग आइए और सभी क्षेत्रों में उद्योग स्थापित कर प्रगति करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि व्यापारी अपनी युक्ति बुद्धि से उद्यमशीलता को बढ़ाते हैं। प्रदेश के पन्ना में हीरा मिलता है। मध्यप्रदेश के हीरे दुबई में भी मिल रहे हैं। उद्योगपति एक मौसम विज्ञानी की तरह हवा का रुख समझ लेते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है, जिन्होंने भारत ही नहीं, दूसरे देशों में रहने वाले प्रवासी भारतीयों की भी कठिन समय में हर संभव मदद की है। विकास का रास्ता भारत से होकर ही गुजरता है। कई देश भारत के साथ आजाद हुए। आज भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के गरीब और जरूरतमंदों को 4 करोड़ पक्के मकान बनाकर दिए हैं और 80 करोड़ लोगों को नि:शुल्क राशन बांटा जा रहा है। यह संख्या करीब 100 देशों की आबादी के बराबर है।   मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय लोग दूध में शक्कर की तरह घुल मिल जाते हैं, जो दुनियाभर में मिठास घोल रहे हैं। दुबई में निर्मित स्वामीनारायण मंदिर में सभी संप्रदायों की झलक नजर आती है। भारतीय संस्कृति में सभी का सम्मान है, जो विश्व कल्याण की भावना से ओतप्रोत है। कोविड काल में दूसरे देशों को मेडीसिन भेजकर भारत ने वसुधैब कुटुंबकम की भावना को चरितार्थ किया है। यूएई में रहने वाले मध्यप्रदेश के प्रवासी आज कई लोगों को रोजगार प्रदान कर रहे हैं। नरेश भावनानी ने मंदसौर से आकर अपने पुरुषार्थ के बल पर यूएई में टेक्सटाइल सेक्टर का बड़ा उद्योग स्थापित किया है।   जितेंद्र वैद्य ने बाबा महाकाल के उद्घोष के साथ संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव सामान्य परिवार से आते हैं, जिन्होंने हमेशा मानव सेवा को सर्वोपरि रखा। अपने छात्र जीवन में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कई जनहितैषी आंदोलनों में हिस्सा लिया। छात्र जीवन में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कॉलेज के सीनियर्स का सम्मान करते हुए उनके लिए छात्र संघ चुनाव में दावेदारी छोड़ दी थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के कार्यकाल में प्रदेश के धार्मिक पर्यटन में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है। अब उज्जैन में सिंहस्थ महाकुंभ आने वाला है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में विकास की नई इबारत लिख दी है। प्रदेश के हर वर्ग को शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है। यूएई में भारतीय महावाणिज्यदूत सतीश सिवान ने कहा कि यूएई में 44 लाख प्रवासी भारतीय निवास करते हैं। मध्य प्रदेश न केवल भारत का हृदय प्रदेश है, बल्कि यह यूएई में रहने वाले प्रवासी भारतीय समुदाय के लिए भी हार्ट के समान है। अपर मुख्य सचिव, नगरीय प्रशासन एवं आवास संजय दुबे ने कहा कि दुबई में हुए आत्मीय स्वागत से हम अभिभूत हैं। वर्तमान में राज्य सरकार 13 देशों के साथ मिलकर प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दे रही है। आप सभी यहां मध्य प्रदेश के हृदय के रूप में उपस्थित हैं। मध्य प्रदेश हर सेक्टर के निवेशक को निवेश के लिए आकर्षित कर रहा है। मध्यप्रदेश आर्थिक प्रगति और कृषि समेत अन्य क्षेत्रों में प्रथम स्थान पर है। मध्यप्रदेश वनों से समृद्ध है, जहां बिग कैट फैमिली के सभी वन्यप्राणी मौजूद हैं। प्रदेश में 5 लाख किलोमीटर का रोड नेटवर्क है। प्रदेश रोड, रेल और एयर नेटर्वक से जुड़ा है।    प्रमुख सचिव, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश भारत में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला राज्य है। यह पिछले 10 साल से अग्रणी बनी हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का फोकस प्रदेश के औद्योगिक विकास पर है। वे प्रदेश के समग्र विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री विजन के अनुरूप सरकार ने रीजनल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की और निवेशकों को अवसर उपलब्ध कराए। प्रदेश सरकार ने 18 नई नीतियां लागू की हैं, जो देश में सर्वश्रेष्ठ हैं। भोपाल में फरवरी 2025 में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में लगभग 30.77 लाख करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त … Read more

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की दुबई में भारत के कॉन्सुल जनरल से मुलाकात

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दुबई प्रवास के दौरान रविवार को दुबई स्थित भारत सरकार के कॉन्सुल जनरल श्री सतीश कुमार सिवन ने शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव 19 जुलाई तक दुबई और स्पेन के दौरे पर रहेंगे। इस विदेश यात्रा का प्रमुख उद्देश्य मध्यप्रदेश में वैश्विक निवेश को आकर्षित करना, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण सुनिश्चित करना और युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर तैयार करना है। मुख्यमंत्री की यह विदेश यात्रा प्रदेश को वैश्विक मंच पर एक निवेश-अनुकूल और उभरते हुए औद्योगिक केंद्र के रूप में प्रस्तुत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास मानी जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ श्री सिवन निवेशक संवाद में शामिल हुए।  

क्या खत्म हो रहा है पारंपरिक ब्राउज़िंग का युग? आ गए हैं AI ब्राउज़र!

नई दिल्ली वेब ब्राउजर का इस्तेमाल आज के समय में हर कोई करता है। स्मार्टफोन हो या कंप्यूटर सभी पर ब्राउजर डाउनलोड किया जाता है। लोग सालों से Chrome, Safari या Firefox जैसे ब्राउजर का इस्तेमाल कर रहे हैं। आमतौर पर लोग ब्राउजर खोलते हैं और एड्रेस बार में वेबसाइट टाइप करते हैं। वेब ब्राउजर हमारे कंप्यूटर पर लगभग हर काम के लिए जरूरी है, चाहे वह वर्ड प्रोसेसिंग हो, चैट करना हो या ईमेल चेक करना हो। अभी तक लोग साधारण ब्राउजर का इस्तेमाल करते थे लेकिन अब AI ब्राउजर भी आ गए हैं। यानी कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से चलने वाले ब्राउजर। इसी कड़ी में Dia ब्राउजर का नाम भी आता है जो एआई से चलता है। आइए आपको इसके बारे में डिटेल में बताते हैं। Dia ब्राउज़र क्या है और यह क्यों खास है? Browser Co. of New York नाम की एक स्टार्टअप कंपनी का नया वेब ब्राउजर Dia काफी रोमांचक लगता है। यह ऐप जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर काम करता है, ठीक वैसे ही जैसे ChatGPT और Google के Gemini जैसे चैटबॉट काम करते हैं। Dia यह दिखाता है कि एक वेब ब्राउजर सिर्फ वेबसाइट खोलने से कहीं ज्यादा कर सकता है। यह हमें सीखने और समय बचाने में भी मदद कर सकता है। Dia कैसे बदलता है वेब ब्राउजिंग का एक्सपीरियंस? यह ब्राउजर कुछ ही सेकंड में वीडियो की समरी लिख कर दे देता है। ऐसे में लंबे वीडियो पूरा देखने की जरूरत नहीं पड़ती। ब्रेकिंग न्यूज पढ़ते समय मामले को बेहतर तरीके से समझने के लिए यह उससे जुड़े दूसरे आर्टिकल्स की लिस्ट दे देता है। इस चैटबॉट से पैराग्राफ की प्रूफरीडिंग करने में भी मदद ली जा सकती है। Perplexity का AI ब्राउजर Dia जैसे AI-पावर्ड इंटरनेट ब्राउजर का एक नया युग शुरू होने जा रहा है। यह भविष्य में इंटरनेट इस्तेमाल करने के हमारे अनुभव को पूरी तरह से बदल देगा। हाल ही में सर्च इंजन बनाने वाली स्टार्टअप Perplexity ने Comet नाम का एक AI वेब ब्राउजर लॉन्च किया है और खबरें हैं कि ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI भी इस साल एक ब्राउजर लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। Dia ब्राउजर की खासियत दूसरे वेब ब्राउजरों की तरह Dia भी एक ऐप है जिससे आप वेबपेज खोल सकते हैं। लेकिन इसकी खासियत यह है कि यह एक AI चैटबॉट को आसानी से जोड़ता है जो यूजर को वेबपेज छोड़े बिना कई तरह के काम करने में मदद करता है। Dia में एक शॉर्टकट (command+E) दबाने पर एक छोटी सी विंडो खुलती है जो वेबपेज के साथ चलती है। यहां आप उस चीज या वीडियो से जुड़े सवाल पूछ सकते हैं जिसे आप पढ़ या देख रहे हैं और चैटबॉट जवाब देगा। यह कैसे काम करता है? AI चैटबॉट जैसे ChatGPT, Gemini और Claude लार्ज लैंग्वेज मॉडल का इस्तेमाल करके जवाब देते हैं। Browser Co. of New York ने बताया कि उन्होंने कई कंपनियों के AI मॉडल का इस्तेमाल किया है, जिनमें Gemini, ChatGPT और Claude के पहले वाले मॉडल भी शामिल हैं। जब यूजर कोई सवाल पूछते हैं, तो Dia ब्राउजर उसका अच्छे से जांचता है और उस AI मॉडल से जवाब लेता है जो सवाल का जवाब देने के लिए सबसे सही होता है। क्या होगी कीमत? Dia अभी फ्री है, लेकिन AI मॉडल आमतौर पर कंपनियों के लिए बहुत महंगे होते हैं। Dia के AI ब्राउजर पर निर्भर रहने वाले यूजर्स को आखिर में इसके लिए पेमेंट करना ही होगा। आने वाले हफ्तों में Dia की मेंबरशिप करने के लिए हर महीने 5 डॉलर से लेकर हजारों डॉलर प्रति माह देने पड़ सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि यूजर AI बॉट से कितनी बार सवाल पूछते हैं। जो लोग AI टूल का इस्तेमाल केवल सप्ताह में कुछ बार करते हैं, उनके लिए ब्राउजर फ्री रहेगा।

कबीरधाम में पहले सोमवार को निकलेगी भोरमदेव पदयात्रा, डिप्टी सीएम और हजारों भक्त होंगे शामिल

कबीरधाम भगवान शिव की भक्ति में डूबा कबीरधाम जिला सावन मास के पहले सोमवार को ऐतिहासिक भोरमदेव पदयात्रा के लिए तैयार है। यह सदियों पुरानी परंपरा कवर्धा के बुढ़ा महादेव मंदिर से भोरमदेव मंदिर तक 18 किलोमीटर की पैदल यात्रा के रूप में 2008 से अनवरत जारी है। इस बार पदयात्रा में कवर्धा विधायक व डिप्टी सीएम विजय शर्मा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, आमजन और पूर्व में कबीरधाम जिले में कलेक्टर रहे वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया है। कलेक्टर गोपाल वर्मा ने जिले के लोगों से इस भक्तिमय आयोजन में शामिल होकर शिव भक्ति का आनंद लेने की अपील की है। जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक तैयारियां पूरी कर ली हैं। पदयात्रा सुबह 7 बजे बुढ़ा महादेव मंदिर से शुरू होगी और भोरमदेव मंदिर पर भगवान शिव का जलाभिषेक कर समाप्त होगी। यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सुविधा के लिए चलित एम्बुलेंस, स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था, पेयजल, विश्राम स्थल और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। भोरमदेव मंदिर परिसर में कांवरियों के ठहरने के लिए भवन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। साथ ही, गर्भगृह में भगवान शिव के लाइव दर्शन के लिए एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी। सावन के प्रत्येक सोमवार को मंदिर में निःशुल्क भंडारा और प्रसादी का वितरण होगा। यात्रा के दौरान डीजे साउंड सिस्टम भक्ति भजनों से माहौल को और आध्यात्मिक बनाएगा। जिला प्रशासन ने बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष रोड मैप तैयार किया है, ताकि उन्हें किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े। कलेक्टर गोपाल वर्मा के मार्गदर्शन और डिप्टी सीएम विजय शर्मा की मंशा के अनुरूप यह आयोजन भव्य और व्यवस्थित होगा। यह पदयात्रा न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत का भी जीवंत उदाहरण है।

भोपाल को जल्द मिलेगी वंदे भारत ट्रेन, बिहार-यूपी के लिए शुरू होगी सेवा

भोपाल  मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से बिहार के पाटलिपुत्र और यूपी के लखनऊ तक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के रैक अगस्त महीने में मिल सकते हैं। रैक पहुंचते ही ट्रायल शुरु हो जाएंगे। माना जा रहा है कि दोनों राज्यों के वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन सितंबर के आखिरी हफ्ते या फिर अक्टूबर की शुरुआत में हो सकता है। रेल मंत्रालय के आदेश का इंतजार भोपाल से पटना के लिए वीकली ट्रेन छोड़कर कोई और ट्रेन रोजाना नहीं चलती। इसी तरह भोपाल से लखनऊ के लिए चलने वाली ट्रेनें भी वीकली हैं। जिसमें अच्छी-खासी भीड़ रहती हैं। इसी कारण से यात्रियों को टिकट मिलने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इन सब पहलुओं को देखते हुए रेल मंत्रालय ने तकरीबन तीन साल पहले भोपाल से पाटलिपुत्र और लखनऊ के लिए वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणा की थी। रेल मंत्रालय की हरी झंडी मिलते ही ट्रेन का संचालन शुरु हो जाएगा। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि सिटिंग कोच बेगलुरू में बनाए जाते हैं। स्लीपर कोच चेन्नई में बनते हैं। पहले सिटिंग कोच का रैक भोपाल आएगा। उसके बाद स्लीपर कोच वाले रैक आएंगे। 

ऑनलाइन आवेदन और भुगतान के बाद 7 से 15 दिन में मिलेगा पासपोर्ट

इंदौर यदि आप नौकरी, पढ़ाई, घूमने या किसी जरूरी काम से विदेश जाना चाहते हैं, तो सबसे पहला और जरूरी दस्तावेज है पासपोर्ट। मध्यप्रदेश सहित देशभर में अब पासपोर्ट बनवाना पहले की तुलना में आसान हो गया है, लेकिन इसके लिए सही जानकारी और दस्तावेजों का होना जरूरी है। पासपोर्ट बनवाने के लिए आपको ऑनलाइन आवेदन से लेकर अपाइंटमेंट बुकिंग, दस्तावेज सत्यापन और पुलिस वेरिफिकेशन तक की प्रक्रिया को पूरा करना होता है। अब तय नियमों और जरूरी शर्तों का पूरा कर बगैर एजेंट के भी खुद ही पासपोर्ट बनवा सकते हैं। 15 से 30 दिन में पासपोर्ट जारी हो जाता है। यदि आपको जल्दी पासपोर्ट चाहिए, तो तत्काल सेवा का विकल्प भी मौजूद है, जिसमे कुछ अतिरिक्त शुल्क देकर पासपोर्ट तीन से सात दिन में आपके पते पर पहुंच जाता है। पासपोर्ट सेवा केंद्र पर बुक करना होगा अपॉइंटमेंट पासपोर्ट बनवाने की पूरी प्रक्रिया, जरूरी दस्तावेज, फीस और पुलिस वेरिफिकेशन से लेकर अपाइटमेंट प्रक्रिया की जानकारी होने पर आप घर बैठे भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले passportindia.gov.in वेबसाइट पर जाकर खुद को रजिस्टर करना होगा। लॉगिन के बाद आप फ्रेस फासपोर्ट या री-इश्यू के लिए ऑनलाइन फार्म भर सकते हैं। इसके बाद आपको अपने नजदीकी पासपोर्ट सेवा केंद्र को चुनकर अपॉइंटमेंट बुक करना होगा। अपाइंटमेंट वाले दिन और समय पर आपको पासपोर्ट कार्यालय पहुंचकर दस्तावेज वेरिफिकेशन और फोटो करवाना होगा। इसके बाद पुलिस वेरिफिकेशन होगा। इस पूरी प्रक्रिया के संपन्न होने के बाद आपके दिए गए पते पर पासपोर्ट डाक से पहुंच जाएगा। कितनी बार ले सकते हैं अपाइंटमेंट एक बार में एक ही अपाइंटमेंट लिया जा सकता है। यदि आप निर्धारित तारीख पर नहीं पहुंचते हैं, तो अपाइंटमेंट निरस्त माना जाता है। इसके बाद आपको दोबारा स्लाट बुक कर अपाइंटमेंट बुक करना होता है। एक बार जमा की गई फीस में आप तीन बार अपाइंटमेंट बुक कर सकते हैं। इसके बाद फिर से पूरी प्रक्रिया और फीस जमा करना होगी। जरूरी दस्तावेज पहचान का प्रमाण :- आधार कार्ड (ब्लू टिक वाला), पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र (कलर वाला), ड्राइविंग लाइसेंस, विवाह प्रमाण पत्र (यदि विवाहित हैं और नाम में बदलाव हुआ है) पते का प्रमाण :- आधार कार्ड (ब्लू टिक वाला), बैंक पासबुक (बीते तीन माह की एंट्री), रेंट एग्रीमेंट (यदि किराए पर रहते हैं), राशि कार्ड, सरकारी जाब कार्ड, जन्म का प्रमाण :- जन्म प्रमाण पत्र, 10वीं या 12वीं की मार्कसीट, पैन कार्ड फीस कितनी लगेगी     नियमित पासपोर्ट :- 1500 रुपये (36 पेज, वैधता 10 वर्ष)     नियमित पासपोर्ट :- 2000 रुपये (60 पेज, वैधता 10 वर्ष)     तत्काल पासपोर्ट :- 3500 रुपये (36 पेज, वैधता 10 वर्ष)     तत्काल पासपोर्ट :- 4000 रुपये (60 पेज, वैधता 10 वर्ष) पुलिस वेरिफिकेशन कैसे होता है पासपोर्ट आवेदन के बाद अपाइटमेंट लेकर दस्तावेज वेरिफिकेशन होता है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया होती है। आवेदक के स्थानीय थाने से पुलिसकर्मी आपके पते पर आते हैं और सत्यापन करते हैं कि आप वहां वास्तव में रहते हैं या नहीं। इस दौरान पुलिसकर्मी आपके मूल दस्तावेज और उनकी कापी भी देखेंगे। सत्यापन रिपोर्ट पुलिस द्वारा ऑनलाइन भेजी जाती है, जो पासपोर्ट कार्यालय को जाती है। तत्काल पासपोर्ट की प्रक्रिया आवेदक यदि जल्दी पासपोर्ट चाहता है, तो वह तत्काल योजना के तहत आवेदन कर सकता है। इसमें ऑनलाइन आवेदन के दौरान ही तत्काल सेवा को चुनना होता है और निर्धारित 1500 रुपये ही फीस ऑनलाइन जमा की जाती है। तत्काल सेवा की शेष राशि अपाइंटमेंट के समय दस्तावेज वेरिफिकेशन के समय जमा करना होगी है। यह राशि ऑनलाइन और नकद दोनों तरह से जमा की जा सकती है। इसमें पुलिस वेरिफिकशन पासपोर्ट जारी होने के पहले और बाद में किसी भी समय हो सकता है। इन बातों का भी रखें ख्याल – अपाइंटमेंट तारीख पर तय समय से पहले पासपोर्ट कार्यालय पहुंचे। – सभी दस्तावेज के ओरिजनल और फोटोकापी दोनों साथ रखें। – तत्काल सेवा चुनी है तो शेष राशि नकद में भी साथ रखें। – अपाइंटमेंट के दौरान दस्तावेज की जांच और बायोमेट्रिक और फोटोग्राफ लिए जाते हैं।

पर्यटन को मिलेगा नया आयाम, UP के 11 ऐतिहासिक स्थलों का होगा कायाकल्प

लखनऊ उत्तर प्रदेश में खंडहर में तब्दील हो रहे राज्य के ऐतिहासिक धरोहरों को नया जीवन देने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। पर्यटन विभाग प्रदेश के 11 पुराने किलों और भवनों को चमकाने की तैयारी में है। विभाग ने एजेंसियों के माध्यम से इसके लिए अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) आमंत्रित किया है। ये काम पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत होगा, जहां एजेंसी इन जगहों को डिजाइन करेगी, बनाएगी, पैसे लगाएगी, चलाएगी और बाद में सरकार को सौंप देगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शुरू होने जा रही इस पहल से न सिर्फ इन ऐतिहासिक किलों और भवनों का इतिहास बचेगा, बल्कि स्थानीय पर्यटन बढ़ेगा और हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा। पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इन 11 विरासत स्थलों में ललितपुर का तालबेहट किला, बांदा का रनगढ़ और भुरागढ़ किला, गोंडा की वजीरगंज बारादरी, लखनऊ का आलमबाग भवन, गुलिस्तान-ए-एरम और दर्शन विलास, कानपुर की टिकैत राय बारादरी, महोबा का मस्तानी महल और सेनापति महल, झांसी का तहरौली किला और मथुरा का सीताराम महल (कोटवान किला) शामिल हैं। ये सभी जगहें अपनी खास वास्तुकला और इतिहास की कहानियों के लिए मशहूर हैं। इनका पुनरोद्धार करके इन्हें होटल, सांस्कृतिक केंद्र या संग्रहालय में बदला जाएगा, ताकि पर्यटक यहां ठहर सकें और इतिहास को करीब से महसूस कर सकें। बुंदेलखंड जैसे क्षेत्रों में ये योजना खास तौर पर फायदेमंद होगी, जहां पर्यटन बढ़ने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। पर्यटन विभाग के मुताबिक, ये परियोजना न सिर्फ इन पुरानी इमारतों को नया रूप देगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए रास्ते भी खोलेगी। मुख्यमंत्री ने पहले ही इको-टूरिज्म और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। उनकी ये कोशिशें यूपी को देश और दुनिया में पर्यटन का एक चहेता डेस्टिनेशन बना रही हैं। अयोध्या, काशी, और मथुरा जैसे प्रमुख धार्मिक केंद्रों के साथ-साथ राज्य के अन्य प्राचीन मंदिरों और तीर्थ स्थलों को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं लागू की हैं। 2024 में 65 करोड़ पर्यटकों ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थलों का दौरा किया, जो इन पहलों की सफलता को दर्शाता है।   

अब FASTag से धोखाधड़ी की कोशिश पड़ी महंगी, रियल टाइम में होगी ब्लैकलिस्टिंग

नई दिल्ली  अब नेशनल हाईवे पर गाड़ी चलाने वालों को ज़्यादा सावधान रहना होगा! अगर आपकी गाड़ी पर FASTag सही जगह, यानी विंडस्क्रीन (सामने के शीशे) पर नहीं लगा है, तो अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) आपके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने वाली है। ऐसे FASTag को तुरंत ब्लैकलिस्ट किया जाएगा, यानी वह काम करना बंद कर देगा। यह कदम टोल प्लाजा पर धोखाधड़ी रोकने और भीड़ कम करने के लिए उठाया जा रहा है। क्यों उठाया गया यह कदम? सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने बताया है कि यह कदम टोल कलेक्शन को और बेहतर बनाने के लिए ज़रूरी है। मंत्रालय ने यह भी जानकारी दी कि जल्द ही सालाना पास सिस्टम और मल्टी-लेन फ्री फ्लो (MLFF) टोलिंग जैसी नई योजनाएं शुरू होंगी। ऐसे में FASTag की सही पहचान और पूरे सिस्टम की विश्वसनीयता बनाए रखना बेहद ज़रूरी है। अब टोल प्लाजा चलाने वाली एजेंसियों और ठेकेदारों को यह निर्देश दिया गया है कि अगर उन्हें कोई 'लूज़ FASTag' (जो सही जगह न लगा हो) दिखाई दे, तो उसकी तुरंत जानकारी दें. इससे टोल सिस्टम और भी सुचारू रूप से काम करेगा। क्या हैं परेशानियाँ? सरकार के मुताबिक, कई वाहन मालिक जानबूझकर FASTag को गाड़ी के शीशे पर नहीं लगाते. इससे कई तरह की समस्याएँ होती हैं: टोल लेन में भीड़: जब FASTag सही जगह नहीं होता, तो उसे स्कैन करने में ज़्यादा समय लगता है, जिससे टोल लेन में गाड़ियों की लंबी कतार लग जाती है। गलत टोल कटना: कई बार गलत तरीके से पैसे कटने की शिकायतें आती हैं। सिस्टम का गलत इस्तेमाल: कुछ लोग बंद सिस्टम वाले टोल प्लाज़ा पर FASTag का गलत इस्तेमाल करते हैं। पूरी व्यवस्था में गड़बड़ी: कुल मिलाकर, इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन की पूरी व्यवस्था में रुकावट आती है, जिससे टोल प्लाजा पर बेवजह देरी होती है और दूसरे यात्रियों को भी परेशानी होती है। NHAI ने दी खास ईमेल ID इन समस्याओं से निपटने और तुरंत कार्रवाई करने के लिए NHAI ने एक खास ईमेल आईडी जारी की है। टोल कलेक्शन एजेंसियों और ठेकेदारों को इस ईमेल आईडी पर ढीले या गलत तरीके से लगे FASTag की जानकारी तुरंत भेजनी होगी। रिपोर्ट मिलते ही, NHAI ऐसे FASTag को ब्लैकलिस्ट या हॉटलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर देगा। फिलहाल, देश के नेशनल हाईवे पर लगभग 98% वाहन FASTag का इस्तेमाल करते हैं, जिससे टोल कलेक्शन काफी बेहतर हुआ है। लेकिन कुछ लोग अभी भी FASTag को ठीक से नहीं लगाते या उसे हाथ में रखते हैं, जिससे सिस्टम की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है और टोल वसूली में दिक्कतें आती हैं। एनुअल पास की तैयारी यह फैसला FASTag इस्तेमाल करने वालों के लिए जल्द आने वाले एनुअल पास (सालाना पास) की लॉन्चिंग से ठीक पहले लिया गया है। जून 2025 में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की थी कि सरकार पूरे देश के नेशनल हाईवे पर आसान और सस्ता सफर बनाने के लिए FASTag-आधारित सालाना पास शुरू करने जा रही है। यह एनुअल पास ₹3000 में मिलेगा और यह एक्टिवेशन की तारीख से एक साल तक या अधिकतम 200 ट्रिप तक वैलिड रहेगा। इसे इस साल स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के मौके पर लॉन्च करने की योजना है।