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श्रद्धा और समर्पण की मिसाल: कांवड़िये पहुंचे अजमेर, गांववासियों ने घूघरा में किया अभिनंदन

घूघरा घूघरा गांव में अजमेर के नाका मदार क्षेत्र से निकली कांवड़ यात्रा का आज भव्य स्वागत किया गया। हरिद्वार से एक जुलाई को रवाना हुए श्रद्धालु करीब 60 किलो गंगाजल लेकर आज अजमेर पहुंचे। आज सावन में पहले सोमवार पर हरिद्वार से लाए गए पवित्र जल से भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया जाएगा। घूघरा पहुंचते ही गांववासियों ने कावड़ यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं का फूल मालाओं से स्वागत किया और पुष्पवर्षा कर अभिनंदन किया। यात्रा के स्वागत में ग्रामीणों ने जलपान की व्यवस्था भी की, जिससे श्रद्धालुओं ने यात्रा की थकान को कुछ हद तक कम किया। श्रद्धालुओं ने हरिद्वार से पैदल चलकर यह कठिन यात्रा तय की। पूरे रास्ते 'बोल बम' और 'हर-हर महादेव' के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो उठा। स्वागत समारोह के दौरान गांव के समाजसेवी सत्यनारायण भंसाली, संजय भट्ट, सरपंच देवकरण गुर्जर, प्रकाश सैन सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभी ने श्रद्धालुओं की सेवा में बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस धार्मिक यात्रा में विशेष रूप से कुनाल, यश, विशाल, योगेश, चीकू, गौतम, मोनिल और सूरज का उल्लेख किया गया, जिन्होंने पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ यात्रा को पूर्ण किया। कांवड़ यात्रा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह सामाजिक एकता, सहयोग और सद्भावना का भी प्रतीक बन चुकी है। श्रद्धालुओं की भक्ति और ग्रामीणों की सेवा भावना यह दर्शाती है कि भारत की धार्मिक परंपराएं आज भी लोगों के हृदय में गहराई से बसी हुई हैं। गांववासियों ने सभी कांवड़ियों को उनके गंतव्य तक सुरक्षित यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं।

सावन स्नान बना हादसा: गहरे पानी में डूबा किशोर, SDRF जुटी खोज में

वैशाली सावन के पवित्र महीने में गंगा स्नान की परंपरा हर साल लाखों श्रद्धालुओं को नदी किनारे खींच लाती है, लेकिन कभी-कभी यह श्रद्धा भारी पड़ जाती है। वैशाली जिले के बिदुपुर थाना क्षेत्र स्थित नवानगर घाट पर सोमवार सुबह ऐसा ही एक दुखद हादसा हुआ, जब स्नान के दौरान एक किशोर गंगा नदी के गहरे पानी में डूब गया। हादसे के बाद घटनास्थल पर अफरातफरी मच गई, वहीं मौके पर पहुंचे परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।   स्नान के दौरान हुआ हादसा, युवक अब तक लापता जानकारी के मुताबिक, सराय थाना क्षेत्र के भकरोहर गांव निवासी अशोक ठाकुर का 15 वर्षीय पुत्र हिमांशु कुमार सोमवार सुबह अपने मौसेरे भाई विक्रम के साथ गंगा नदी में स्नान करने गया था। हिमांशु बीते तीन दिन पहले ही अपने मौसा राजकुमार चौधरी के घर आया था, जो राजापाकर थाना क्षेत्र के रंदाहा गांव में रहते हैं। सोमवार सुबह वह मौसेरे भाई के साथ नवानगर घाट पहुंचा और वहां स्नान करने के दौरान गहरे पानी में चला गया। अचानक उसका संतुलन बिगड़ा और वह डूब गया।   मौसेरे भाई ने दी परिवार को सूचना, घाट पर जुटी भीड़ हिमांशु के साथ स्नान कर रहे विक्रम ने जैसे ही यह देखा कि उसका भाई डूब रहा है, उसने तुरंत शोर मचाया और घटना की जानकारी परिजनों को दी। सूचना मिलते ही हिमांशु के परिवार के लोग भागते हुए घाट पर पहुंचे। देखते ही देखते स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में वहां इकट्ठा हो गए। गंगा की लहरों के बीच लापता किशोर को ढूंढ़ने के प्रयास शुरू हो गए, लेकिन सफलता नहीं मिली। पुलिस और SDRF टीम कर रही शव की तलाश स्थानीय प्रशासन को सूचना मिलने के बाद बिदुपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। वहीं SDRF (State Disaster Response Force) की टीम भी घटनास्थल पर पहुंचकर गंगा नदी में शव की तलाश में जुट गई है। पानी का बहाव तेज होने के कारण तलाशी अभियान में परेशानी आ रही है। पुलिस ने बताया कि किशोर की तलाश के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं और नदी के कई हिस्सों में खोजबीन जारी है।   परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल, गांव में पसरा मातम हादसे के बाद भकरोहर गांव और रंदाहा गांव दोनों में ही मातम का माहौल है। हिमांशु दो भाइयों में एक था और हाल ही में गर्मी की छुट्टियों के दौरान मौसी के घर आया था। किसी को अंदेशा नहीं था कि उसका यह गंगा स्नान उसकी जिंदगी का आखिरी स्नान बन जाएगा। परिजन घाट पर बैठकर बेसुध हो चुके हैं और उन्हें ढांढ़स बंधाना मुश्किल हो रहा है। वहीं स्थानीय लोगों ने भी हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

बदलाव की ओर कदम: यूपी के खाली स्कूलों में संचालित होंगे आंगनबाड़ी केंद्र

लखनऊ उत्तर प्रदेश में सियासत फिलहाल प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर और शराब की नई कंपोजिट दुकानों के खुलने को लेकर है। हैरानी की बात ये है कि पूरे प्रदेश भर में जितने स्कूल छात्रों की संख्या के अभाव में बंद/मर्ज किए गए है उतने की ही संख्या यानी 27 हज़ार कम्पोजिट शराब दुकानें प्रदेश भर में खोली गई है। ऐसे में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने इसका पुरजोर विरोध किया है। हालांकि मर्जर के बाद रिक्त विद्यालयों की भूमि या भवन का क्या उपयोग होगा इसको लेकर बड़ा सवाल था। जिसपर की सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों को संचालित करने का निर्णय किया है। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि तीन से छह वर्ष तक के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पूर्व प्राथमिक शिक्षा देने के लिए बेहतर संसाधनों और सुविधाओं की जरूरत है, जो इन रिक्त विद्यालयों के माध्यम से पूरी की जा सकती है।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने औद्योगिक, अधोसंरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया

दुबई प्रवास का दूसरा दिन भारतीय दूतावास स्तर पर स्थाई संपर्क तंत्र विकसित करने पर सहमति मध्यप्रदेश की छवि ब्रांड इंडिया के अंतर्गत वैश्विक स्तर पर स्थापित करें : मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने औद्योगिक, अधोसंरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया एमपी डे से लेकर ईवी और पर्यटन तक कई सेक्टर्स पर हुई चर्चा मुख्यमंत्री डॉ. यादव से कॉउन्सल जनरल ने की चर्चा भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के तीन दिवसीय दुबई दौरे के दूसरे दिन की शुरुआत भारतीय कॉउन्सल जनरल श्री सतीश कुमार सिवन द्वारा आयोजित ब्रेकफास्ट ब्रीफिंग से हुई। बैठक में भारतीय दूतावास स्तर पर एक स्थाई संपर्क तंत्र विकासित किये जाने पर  सहमति बनी जिससे मध्यप्रदेश और यूएई के बीच संस्थागत संवाद के निरंतरता बने रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की छवि ब्रांड इंडिया के अंतर्गत वैश्विक स्तर पर सशक्त रूप से प्रस्तुत करने में भारतीय मिशन की निर्णयाक भूमिका हो सकती है। ताज बिजनेस बे स्थित बॉम्बे ब्रैसरी में इस मुलाकात में मुख्यमंत्री डॉ. यादव को यूएई में भारत की विभिन्न गतिविधियों और संभावित सहयोग क्षेत्रों की जानकारी दी गई। बैठक के दौरान जिन विषयों पर प्रमुखता से चर्चा हुई, उनमें मध्यप्रदेश प्रवासी व्यवसायियों को निवेश के लिए प्रेरित करने के विशेष प्रयास, दुबई-मध्यप्रदेश के बीच सांस्कृतिक एवं धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की संभावनाएं और दुबई में “एमपी डे” आयोजित करने के लिए भारतीय मिशन की भागीदारी जैसे अहम विषय शामिल रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने औद्योगिक, अधोसंरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि दुबई के प्रमुख औद्योगिक समूहों से मध्यप्रदेश उद्योग विभाग के सीधे संपर्क के लिए मिशन स्तर पर समन्वय किया जाएगा। साथ ही कृषि, टेक्सटाइल, ईवी, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन जैसे प्राथमिक क्षेत्रों में कॉन्सुलेट की अगुवाई में सेक्टर-विशेष राउंडटेबल आयोजित करने का प्रस्ताव रखा गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इन सभी प्रस्तावों को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ लिया। कॉउन्सल जनरल श्री सिवन ने जानकारी दी कि दुबई में कार्यरत मध्यप्रदेश मूल के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम से जुड़े व्यवसायियों की पहचान कर उन्हें प्रदेश सरकार की अनुकूल नीतियों से जोड़ा जा सकता है। तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में भी सहयोग की संभावनाएं रेखांकित की गईं, जिसमें विशेष रूप से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और सौर ऊर्जा से जुड़ी संस्थाएँ शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इन सभी प्रस्तावों को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ लिया और कहा कि मध्यप्रदेश की छवि को ब्रांड इंडिया के अंतर्गत वैश्विक स्तर पर सशक्त रूप से प्रस्तुत करने में भारतीय मिशन की भूमिका निर्णायक हो सकती है। ब्रीफिंग के दौरान अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री संजय दुबे, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन श्री राघवेंद्र सिंह, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री शिवशेखर शुक्ला, सचिव एवं आयुक्त जनसंपर्क डॉ. सुदाम खाड़े सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गाइडलाइन जरूरी बताई

नई दिल्ली सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है. शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ FIR दर्ज कराने वाले वजाहत खान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने लोगों के लिए भी सोशल मीडिया पोस्ट पर गाइडलाइन की जरूरत बताई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागरिक खुद संयम क्यों नहीं रख सकते? सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मोल समझना चाहिए. अगर वे ऐसा नहीं करेंगे, तो राज्य हस्तक्षेप करेगा. कोई नहीं चाहता कि राज्य हस्तक्षेप करे. उचित प्रतिबंध सही हैं, यह 100% पूर्ण अधिकार नहीं हो सकता, लेकिन नागरिक इस स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर रहे हैं. वे बस एक बटन दबाते हैं और सब कुछ ऑनलाइन पोस्ट हो जाता है. ऐसे मामलों से क्यों अदालतें पटी पड़ी हैं? नागरिकों के लिए क्यों ना दिशा निर्देश हों? हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने तीन अन्य राज्यों में वजाहत खान को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की अवधि बढ़ा दी. खान को पश्चिम बंगाल में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अन्य राज्यों में दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई पर रोक लगा दी थी  जस्टिस बीवी नागरत्ना ने अमेरिका का दिया उदाहरण जस्टिस बी वी नागरत्ना ने नागरिकों के लिए नियमन और दिशा-निर्देश बनाने की वकालत की और केंद्र तथा राज्य सरकारों से इस पर विचार करने को कहा. जस्टिस नागरत्ना ने अमेरिका का उदाहरण दिया, जहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ-साथ बोलने की विषय-वस्तु पर भी ध्यान दिया जाता है. जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि राय रखना एक बात है, लेकिन उसे किसी खास तरीके से कहना एक दुरुपयोग है. कभी-कभी यह अभद्र भाषा के संदर्भ में अदालत में नहीं आएगा. नागरिकों के बीच भाईचारा होना चाहिए, तभी यह सारी नफ़रत कम होगी.  पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के अलावा दूसरे राज्यों में गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी थी. आरोपी वजाहत खान ने अपने खिलाफ कई राज्यों में दर्ज मुकदमों को एक जगह ट्रांसफर किए जाने की मांग की है. वजाहत खान के खिलाफ असम , पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली में एफआईआर दर्ज की गई है. शर्मिष्ठा पनोली का क्या है मामला कोलकाता पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर गुरुग्राम से शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार किया था. सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर पर आरोप है कि उसने सांप्रदायिक टिप्पणियों वाला एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें दावा किया गया था कि बॉलीवुड अभिनेता ऑपरेशन सिंदूर पर चुप्पी साधे हुए हैं. इसके बाद कोलकाता की एक अदालत ने पनोली को 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. सोशल मीडिया ‘कंटेंट क्रिएटर' शर्मिष्ठा पनोली की गिफ्तारी ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी थी. कई लोग उसकी गिरफ्तारी को जायज ठह रहे थे तो कई नाजायज. यही वजह है कि सोशल मीडिया पर कई लोग शर्मिष्ठा के समर्थन में नजर आए तो कुछ उनके खिलाफ. कंटेंट क्रिएटर की गिरफ्तारी पर बंगाल सरकार और पुलिस दोनों की आलोचना भी हुई. आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी पश्चिम बंगाल पुलिस से सोशल मीडिया ‘कंटेंट क्रिएटर' शर्मिष्ठा पनोली के मामले में "न्यायसंगत" कार्रवाई करने की अपील की थी. इस मामले में जमकर सियासत भी हुई. बेंच ने कहा कि नफरती भरे भाषणों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है, लेकिन ये भी सुनिश्चित करने की जरूरत होगी कि किसी की भी बोलने की आजादी को कुचला न जाए. लोगों को भी अभिव्यक्ति की अधिकार का महत्व समझना चाहिए. यह अधिकार बेशकीमती है. बेंच ने कहा कि लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मूल्य समझना चाहिए. राज्य को हर बार बीच में आकर कार्रवाई करनी पड़े, ये स्थिति नहीं होनी चाहिए. हेट स्पीच जैसे कंटेंट पर कुछ नियंत्रण ज़रूरी है. आम नागरिकों को भी ऐसे कंटेंट को शेयर करने, प्रमोट या लाइक करने से बचना चाहिए.  वजहात खान को कोर्ट से मिली राहत  वजहात खान के वकील ने कोर्ट में पुराने ट्वीट्स के लिए माफी मांगी. वकील ने कहा कि मेरी शिकायत ही मेरे लिए मुश्किल बनते जा रही है. मैंने इसके लिए माफी मांग ली है. लेकिन मैं बस यही चाहता हूं कि कोर्ट देखे कि FIR वाकई उन्हीं ट्वीट्स से जुड़ी है या नहीं. कोर्ट ने कहा कि हर बार नया FIR और जेल में डालने का क्या मतलब है? इससे कोई समाधान नहीं निलकलेगा. कोर्ट की बड़ी टिप्पणी न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा कि अब पोस्ट डिलीट करने का कोई मतलब नहीं है, एक बार जो इंटरनेट पर चीजें डल जाती हैं वो हमेशा के लिए रहती हैं. अभिव्यक्ति की आजादी बहुत ही अहम मौलिक अधिकार है. लेकिन इसका दुरुपयोग करने से बस अदालतों में भीड़ बढ़ती है.  पिछली सुनवाई में क्या हुआ? 24 जून को हुई पिछली सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एजी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने केंद्र सरकार और असम, दिल्ली, हरियाणा और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया था. यह नोटिस वजाहत खान की याचिका पर दिया गया था, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज सभी FIR को एक साथ जोड़ने की मांग की गई. वजाहत खान पर क्या आरोप हैं? वजाहत खान पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट किए जो कथित तौर पर धार्मिक घृणा और साम्प्रदायिक तनाव को बढ़ावा देते हैं. उनके खिलाफ कई राज्यों में FIR दर्ज हुई हैं. 9 जून को वजाहत खान को गिरफ्तार किया गया था. एक FIR में वे पुलिस हिरासत में हैं और दूसरी FIR में न्यायिक हिरासत में.

जून में महंगाई छह साल के सबसे निचले स्तर पर, खाने-पीने के सामान सस्ते होने से राहत

नई दिल्ली जून महीने के रिटेल महंगाई घटकर 2.10% पर आ गई है। ये 77 महीने का निचला स्तर है। इससे पहले जनवरी 2019 में ये 2.05% रही थी। वहीं मई 2025 में ये 2.82% और अप्रैल 2025 में रिटेल महंगाई 3.16% पर थी। खाने-पीने के सामान की कीमतों में लगातार नरमी के कारण रिटेल महंगाई घटी है। आज यानी 14 जुलाई को रिटेल महंगाई के आंकड़े जारी किए हैं। रिटेल महंगाई फरवरी से RBI के लक्ष्य 4% से नीचे है। महंगाई (Inflation) के मोर्चे पर देश की जनता के लिए एक अच्छी खबर आई. सरकार की ओर से जून महीने में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation In June) का आंकड़ा जारी किया गया, जो राहत भरा है. दरअसल, मई के 2.82 फीसदी की तुलना में जून में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) गिरकर 2.10 फीसदी पर आ गई और ये आंकड़ा महंगाई का छह साल का निचला स्तर है. खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी का असर महंगाई पर देखने को मिला है. दूध, मसाले, दाल और सब्जियों समेत अन्य चीजों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है.  खाद्य महंगाई घटने का असर सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से सोमवार को महंगाई दर के आंकड़े जारी करते हुए कहा गया है कि CPI में ये गिरावट खाद्य महंगाई दर (Food Inflation) में आई बड़ी कमी के चलते देखने को मिली है. जून महीने में खासतौर पर सब्जियों, दालों और इससे संबंधित उत्पादों के साथ ही मांस और मछली, अनाज, चीनी और मिठाई, दूध और दूध से बने प्रोडक्ट्स के अलावा मसालों की कीमतें घटी हैं.  जून में खाने-पीने के सामानों की कीमत घटी     महंगाई के बास्केट में लगभग 50% योगदान खाने-पीने की चीजों का होता है। इसकी महीने-दर-महीने की महंगाई 0.99% से घटकर माइनस 1.06% हो गई है।     जून महीने में ग्रामीण महंगाई दर 2.59% से घटकर 1.72% हो गई है। वहीं शहरी महंगाई 3.12% से घटकर 2.56% पर आ गई है। 2019 के बाद सबसे कम महंगाई सरकार की ओर से Inflation के आंकड़े जारी करते हुए बयाता गया मई की तुलना में जून महीने में खुदरा महंगाई दर 72 बेसिस पॉइंट कम हुई है और यह जनवरी 2019 के बाद सालाना आधार पर सबसे कम है और ये लगातार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 4 फीसदी के मध्यम अवधि टारगेट से नीचे बनी हुई है. ये लगातार पांचवां महीना है, जबकि Retail Inflation इस दायरे से नीचे है. वहीं देश में लगातार 8वें महीने खुदरा महंगाई दर सेंट्रल बैंक की अपर लिमिट 6% से नीचे रही है.इस बीच ग्रामीण महंगाई दर -0.92% और शहरी क्षेत्रों में महंगाई -1.22% है.  RBI ने जताया है ये अनुमान गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल की शुरुआत से अब तक लगातार तीन बार ब्याज दरों में कटौती (Repo Rate Cut) किया है और जून महीने में हुई एमपीसी बैठक के बाद इसमें 50 फीसदी कटौती का ऐलान किया गया था, जिसके बाद ये 5.5 फीसदी रह गया है. RBI ने रेपो रेट कट का ऐलान करते हुए कहा था कि महंगाई में उल्लेखनीय कमी आई है और उम्मीद है कि यह जारी रहेगी. इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने FY26 के लिए अपने खुदरा महंगाई दर (CPI) पूर्वानुमान को अप्रैल के 4% से संशोधित करते हुए 3.70% फीसदी कर दिया था.  विश्लेषकों का मानना है कि जरूरी सामानों की बेहतर आपूर्ति और सरकार द्वारा खाद्य भंडार के बेहतर प्रबंधन ने कीमतों में बढ़ोतरी को कंट्रोल करने में मदद मिली है.  महंगाई कैसे बढ़ती-घटती है? महंगाई का बढ़ना और घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वे ज्यादा चीजें खरीदेंगे। ज्यादा चीजें खरीदने से चीजों की डिमांड बढ़ेगी और डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमत बढ़ेगी। इस तरह बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो बाजार में पैसों का अत्यधिक बहाव या चीजों की शॉर्टेज महंगाई का कारण बनता है। वहीं अगर डिमांड कम होगी और सप्लाई ज्यादा तो महंगाई कम होगी। CPI से तय होती है महंगाई एक ग्राहक के तौर पर आप और हम रिटेल मार्केट से सामान खरीदते हैं। इससे जुड़ी कीमतों में हुए बदलाव को दिखाने का काम कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी CPI करता है। हम सामान और सर्विसेज के लिए जो औसत मूल्य चुकाते हैं, CPI उसी को मापता है। कच्चे तेल, कमोडिटी की कीमतों, मैन्युफैक्चर्ड कॉस्ट के अलावा कई अन्य चीजें भी होती हैं, जिनकी रिटेल महंगाई दर तय करने में अहम भूमिका होती है। करीब 300 सामान ऐसे हैं, जिनकी कीमतों के आधार पर रिटेल महंगाई का रेट तय होता है।  

NEET PG पारदर्शिता मामला: सुप्रीम कोर्ट 3 अगस्त को करेगा अगली सुनवाई

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नीट-पीजी परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता, खासकर उत्तर कुंजी जारी करने और मूल्यांकन प्रोटोकॉल के संबंध में चिंता जताने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 3 अगस्त की तारीख तय की है. न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया की पीठ ने इन मुद्दों पर याचिकाओं पर संक्षिप्त सुनवाई की. वकील तन्वी दुबे के माध्यम से दायर एक याचिका में मूल्यांकन प्रणाली की अपारदर्शी प्रकृति को चुनौती दी गई है और नीट-पीजी आयोजित करने के लिए जिम्मेदार प्राधिकरण, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE) को कई निर्देश देने की मांग की गई है. ये हैं याचिका की मुख्य मांगें     परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र और आंसर की दी जाए.     सही और गलत उत्तरों को प्रश्न के साथ अच्छे से बताया जाए.     अगर छात्रों के अंक में गड़बड़ा है तो पुनर्मूल्यांकन और दोबारा जांच कराई जाए.     परीक्षार्थियों को विवादित प्रश्नों या उत्तरों को चुनौती देने का अवसर मिले.     वर्तमान और भविष्य की नीट पीजी परीक्षा के लिए एक पारदर्शी मूल्यांकन प्रणाली लागू की जाए. याचिका में अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र और उत्तर कुंजी जारी करने और मूल्यांकन के अनुसार सही और गलत प्रश्नों का खुलासा करने की मांग की गई है. इसमें अंकों में विसंगतियों के मामलों में पुनर्मूल्यांकन या पुनर्जांच के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है. याचिका में अभ्यर्थियों को विवादित प्रश्नों या उत्तरों को चुनौती देने का अधिकार देने और वर्तमान एवं भविष्य की नीट-पीजी परीक्षाओं के लिए पारदर्शी मूल्यांकन तंत्र स्थापित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया भूतपूर्व मुख्यमंत्री जोशी का पुण्य स्मरण

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री श्रद्धेय स्वर्गीय कैलाश जोशी जी की 96वीं जयंती पर उनका पुण्य स्मरण किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 'एक्स' पर कहा कि स्व. श्री कैलाश जोशी का व्यक्तित्व सादगी, कर्मठता और संकल्प की त्रिवेणी के समान है, जिससे सदैव लोककल्याण की प्रेरणा मिलती है। श्री जोशी ने देश-प्रदेश के अनेक युवाओं को मातृभूमि की सेवा साधना के संस्कार प्रदान किए। हम सभी इन्हें आत्मसात् करने के लिए संकल्पित हैं।  

महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए योगी सरकार का एक्शन प्लान तैयार, खास इंतजाम किए गए

लखनऊ  उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कांवड़ यात्रा में महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर इस बार विशेष तैयारियां की हैं। सीएम योगी के निर्देश पर कांवड़ मार्गों पर 10 हजार से अधिक महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। ताकि यात्रा में शामिल महिलाओं को सुरक्षित माहौल मिल सके। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक इस बार कुल 66 हजार से अधिक पुलिसकर्मी यात्रा रूट पर तैनात किए गए हैं। इनमें 8 हजार से अधिक महिला सिपाही और 1,486 महिला उपनिरीक्षक शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक  इस बार यात्रा में लगभग 6 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। जिनमें 60 से 70 लाख महिलाएं हो सकती हैं। महिला केंद्रित सुरक्षा मॉडल की शुरुआत सीएम योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में महिला केंद्रित सुरक्षा मॉडल अपनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद प्रदेशभर में महिला श्रद्धालुओं के लिए विशेष हेल्प डेस्क, रात में महिला बल की तैनाती और QR (क्विक रिस्पॉन्स टीम) में महिलाओं की अनिवार्य भागीदारी सुनिश्चित की गई है। सावन कांवड़ यात्रा में महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए योगी सरकार की विशेष तैयारी, 10 हजार से अधिक महिला पुलिसकर्मी तैनात यात्रा रूट पर 150 से अधिक महिला हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं। जहां महिला कांस्टेबल न सिर्फ सहायता करेंगी, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर परामर्श भी उपलब्ध कराएंगी। साथ ही ‘शक्ति हेल्प बूथ’ के ज़रिए महिला श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन, विश्राम और मेडिकल सलाह की सुविधा दी जा रही है। मेरठ जोन में सबसे बड़ा महिला बल कांवड़ यात्रा के प्रमुख मार्ग मेरठ ज़ोन में सबसे अधिक महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। मेरठ, मुज़फ्फरनगर, बागपत, हापुड़ और गाजियाबाद जिलों में कुल मिलाकर 3,200 महिला पुलिसकर्मी ड्यूटी पर हैं। इन जिलों में संवेदनशील स्थानों पर विशेष निगरानी के अलावा, हर कुछ किलोमीटर पर सहायता केंद्र भी बनाए गए हैं। सुरक्षा को और पुख़्ता करने के लिए ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी नेटवर्क की मदद से यात्रा मार्गों की निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही, सोशल मीडिया पर संदिग्ध गतिविधियों की भी बारीकी से मॉनिटरिंग हो रही है, ताकि किसी भी तरह की अफवाह या अव्यवस्था को समय रहते रोका जा सके। 11 जोन में 24×7 कंट्रोल रूम प्रदेश में कांवड़ यात्रा के लिए 11 ज़ोन में विशेष कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। जिनकी निगरानी महिला अधिकारियों द्वारा 24×7 की जा रही है। साथ ही, हेल्पलाइन नंबरों पर भी महिला पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगी। जिससे महिला यात्रियों को किसी भी वक्त त्वरित सहायता मिल सके।

राजधानी में 7 राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों की बैठक, तोमर बोले- समितियों की अनुशंसाओं का पालन गंभीरता से होना चाहिए

भोपाल  मप्र विधानसभा में सात राज्यों की समिति की पहली बैठक हुई। इस बैठक में मप्र के विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, यूपी के स्पीकर सतीश महाना, राजस्थान के स्पीकर वासुदेव देवनानी, हिमाचल प्रदेश के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया। पीएस बोले: जब विधानसभा नहीं चलती तब समितियां विधायिका का काम करती हैं मप्र विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए बताया- जब विधानसभा की बैठकें नहीं हो रही होती हैं तब विधानसभा की समितियां विधायिका का काम करती हैं। ये समितियां विधायी, वित्तीय और प्रशासनिक क्षेत्र में विधायिका के कार्यपालिका पर नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। पीएस एपी सिंह ने कहा- समिति प्रणाली को और प्रभावी बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में हुए अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के शताब्दी वर्ष सम्मेलन में एक संकल्प पारित कर विधायी एवं वित्तीय नियंत्रण की जिम्मेवारी में समितियों के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए समिति प्रणाली तंत्र पर पुर्नविचार के लिए पीठीसीन अधिकारियों की समिति का गठन की अपेक्षा की गई थी। लोकसभा अध्यक्ष और हमारे प्रदेश के स्पीकर की अध्यक्षता में यह समिति बनाई गई है। इसकी पहली बैठक आज बुलाई गई है। लोकसभा में समितियों के पास जाता है बजट बैठक में नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा- हमारे देश की लोकतांत्रिक प्रणाली में संसद और विधानसभाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। संसद का सत्र हो या विधानसभाओं के सत्र हों उन सत्रों में जितनी सूक्ष्म निगरानी की जरूरत होती है वह करना संभव नहीं होता। इसलिए हमारे पूर्वजों ने समितियों के गठन की प्रणाली को शुरु किया। लोकसभा की समितियों में तो बजट पर भी विचार-विमर्श होता है। जब बजट सत्र होता है तो बीच में छुट्‌टी करके सारा बजट समितियों के पास जाता है समितियां ही उस पर अध्ययन कर सुझाव देती हैं। उसके बाद वह बजट परिमार्जित होकर लोकसभा में आता है और फिर पारित किया जाता है। ठीक इसी प्रकार से विधानसभाओं में भी समितियों की प्रणाली है। समितियां निरीक्षण और भ्रमण करतीं हैं नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा- हमारे मप्र में चार वित्तीय समितियां हैं जिनका निर्वाचन होता है। इसके अलावा अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए दो समितियां हैं जिनका निर्वाचन होता है। बाकी 15-16 समितियां हैं जिनमें पक्ष-विपक्ष मिलकर अध्यक्ष की ओर से नाम निर्देशित किए जाते हैं। वो समितियां भ्रमण करतीं हैं अध्ययन, निरीक्षण करतीं हैं जरूरत पड़ने पर शासन को बुलाकर विमर्श करतीं हैं। जिसमें और काम करने की जरूरत है या विधानसभा के निर्देश या सदन में दिए गए आश्वासन, अपूर्ण उत्तर, या मंत्रालयों के जनोपयोगी विषयों पर काम करती हैं। आबादी और तकनीक के उपयोग के साथ काम भी बढ़ रहा है तोमर ने कहा- समय समय पर जैसे-जैसे देश की आबादी बढ़ रही है टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ रहा है उसी प्रकार संसद और विधानसभाओं में काम भी बढ़ रहा है। उस काम की समीक्षा हो सके, काम में दक्षता आ सके इसलिए समिति प्रणाली को और ज्यादा दक्ष और प्रभावी बनाने के लिए पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश में हुई पीठासीन अधिकारियों की बैठक में छोटे ग्रुप बनाने की बात आई थी। ये छोटे ग्रुप बने हैं और वो समय-समय पर अपने यहां की बेस्ट प्रेक्टिस एक दूसरे से साझा करें। सदस्य क्या महसूस करते हैं काम करते वक्त आने वाली कठनाईयों पर चर्चा करें तो आने वाले समय में उनका निराकरण हो सकेगा। समितियों की अनुशंसाओं का पालन भी गंभीरता से होना चाहिए विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने कहा-एक बात चलती है समितियों को और काम करने की स्वायत्तता मिलनी चाहिए। कामकाज सबके सामने आना चाहिए। समितियों की अनुशंसाओं का समय सीमा में पालन होना चाहिए। ऐसे कई प्रकार के विषय आते हैं तो समिति काम करती है तो अनुशंसा का पालन भी उतनी गंभीरता से होना चाहिए। इसमें कहीं न कोई कमी होती है तो हमारी कोशिश होनी चाहिए कि इन बैठकों के माध्यम से हम राज्य और केन्द्र सरकार के ध्यान में ये बातें लाएं। आज की प्रारंभिक बैठक के बाद ये बैठकें निरंतर होती रहेंगी।