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इंडियन सड़कों पर दौड़ेगी Tesla Model Y – लॉन्च से पहले जानिए इसकी रेंज और फीचर्स

नई दिल्ली एलन मस्क के नेतृत्व वाली अमेरिकन कार निर्माता कंपनी टेस्ला ने आधिकारिक तौर पर भारतीय बाजार में एंट्री का ऐलान कर दिया है। कल यानी 15 जुलाई 2025 कोटेस्ला की भारत में एंट्री होगी। इसके साथ ही 2003 में टेस्ला मोटर्स की नींव रखने के 22 साल बाद भारत में इसका ‘गृह प्रवेश’ हो रहा है। टेस्ला ने पहली बार भारत में अपनी एंट्री को लेकर सोशल मीडिया पर एक टीजर जारी किया है। यह टीजर बहुत सिंपल है। इसमें सिर्फ टेस्ला का लोगो और ‘इंडिया’ लिखा हुआ है, साथ ही कैप्शन दिया गया है – कमिंग सून यानी जल्द आ रहे हैं। समोसा-जलेबी और लड्डू पर भी मिलेगी सिगरेट जैसी वार्निंग, मोटापे के खिलाफ सरकार का नया प्लान, जानें क्या कहती है स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी  मस्क की कंपनी Tesla 15 जुलाई को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में देश का अपना पहला शोरूम खोल रही है। कंपनी अपने EVs को इंडियन मार्केट में लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। टेस्ला भारत में Model Y को पेश करेगी। ये दुनिया की सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक कार है। इसे भारत में पूरी तरह से निर्मित यूनिट(CBU) के रूप में बेचा जाएगा। टेस्ला फिलहाल भारत की सड़कों पर अपनी दो पॉपुलर इलेक्ट्रिक कारों – Model Y (मॉडल वाई) और Model 3 (मॉडल 3) की टेस्टिंग कर रही है। एक खास बात यह है कि भारतीय मार्केट के लिए इनमें अमेरिका में इस्तेमाल होने वाला NACS चार्जिंग पोर्ट नहीं, बल्कि CCS2 चार्जिंग पोर्ट दिया जाएगा। टेस्ला ने 5 Model Y कारें मुंबई पोर्ट के जरिए भारत मंगाई हैं। ये सभी रियर-व्हील ड्राइव वर्जन हैं, जिन्हें शंघाई स्थित फैक्ट्री से इंपोर्ट किया गया है। ये गाड़ियां भारतीय सड़कों पर चल रही हैं और टेस्टिंग के दौरान कई बार देखी गई हैं। दूसरे देशों में फिलहाल Tesla Model Y दो वेरिएंट रियर-व्हील ड्राइव (RWD) और लॉन्ग-रेंज ऑल-व्हील ड्राइव (AWD) में उपलब्ध है। किसी भी EV के लिए उसकी रेंज सबसे महत्वपूर्ण होती है। Tesla की कारें अपनी लंबी रेंज के लिए जानी जाती है। चीन लाइट-ड्यूटी व्हीकल टेस्ट साइकिल (CLTC) के अनुसार, Model Y RWD को एक बार फुल चार्ज करने पर 593 किमी की रेंज का दावा किया गया है, जबकि Model Y लॉन्ग रेंज AWD 750 किमी तक चल सकती है। RWD वर्जन सिर्फ 5.9 सेकंड में 0 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकता है, जबकि डुअल मोटर्स वाला लॉन्ग-रेंज AWD वर्जन यही रफ्तार 4.3 सेकंड में पकड़ कर सकता है। Model Y का ग्राउंड क्लीयरेंस 167 मिमी है। इसमें 19-20 इंच के व्हील्स मिलते है। Tesla Model Y के फीचर्स Model Y अपने स्लोपिंग और कूपे जैसी अट्रैक्टिव डिजाइन के लिए जानी जाती है। इसका कर्व फ्रंट LED स्ट्रिप के साथ आता है। कार में आगे और पीछे LED लाइट्स दी गई है। पीछे की तरफ कनेक्टेड LED टेललाइट्स है। कुल मिलाकर बाहरी डिजाइन को सिंपल लेकिन काफी आकर्षक बनाया गया है। इंटीरियर भी बाहरी हिस्से की तरह अट्रैक्टिव है। इसमें एक स्लीक डैशबोर्ड के साथ 15.4 इंच का सेंटर टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम मिलता है। ज्यादातर फंक्शन्स को इस बड़े इंफोटेनमेंट यूनिट से कंट्रोल किया जा सकता है। केबिन के अंदर आपको बहुत ज्यादा फैंसी चीजें नहीं मिलेंगी। फ्रंट सेंटर आर्मरेस्ट के पीछे एक और टचस्क्रीन यूनिट (8 इंच) है, जिसे विशेष रूप से पीछे बैठे यात्रियों के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी एक खास बात ये भी है कि पीछे वाली सीट पूरी तरह से फोल्डेबल है। Tesla Model Y की भारत में कितनी हो सकती है कीमत भारत में 40,000 अमेरिकी डॉलर तक की CBU कारों पर 70% का बेसिक कस्टम ड्यूटी लगता है। पिछले महीने ब्लूमबर्ग ने रिपोर्ट किया था कि Tesla के शंघाई कारखाने से पांच Model Y यूनिट मुंबई पहुंची है और प्रत्येक की कीमत सिर्फ 32,000 अमेरिकी डॉलर से कम बताई गई थी। इंडिया में इस पर ड्यूटी लगाने के बाद Tesla Model Y की कीमत करीब 50 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) के आसपास हो सकती है।  

महाकाल की चांदी की पालकी यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, 1 लाख से अधिक श्रद्धालु हुए शामिल

उज्जैन  सावन के पहले सोमवार पर उज्जैन में भगवान महाकाल नई पालकी में प्रजा का हाल जानने निकले। ये पहली सवारी वैदिक उद्घोष की थीम पर निकाली जा रही है। सवारी शिप्रा नदी तक जाएगी। यहां महाकाल का पूजन किया जाएगा। इसके बाद रात करीब 7 बजे पालकी मंदिर वापस आएगी। सवारी में भजन मंडलियों नाचते-गाते आगे बढ़ रही हैं। इससे पहले तड़के 2:30 बजे महाकालेश्वर मंदिर के कपाट खोले गए थे। कपाट रात 10 बजे शयन आरती तक खुले रहेंगे। दाेपहर 3 बजे तक 1 लाख 15 हजार श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। इधर, खंडवा के ओंकारेश्वर में सुबह 5 बजे मंगला आरती हुई। ओंकार महाराज का फूलों से विशेष श्रृंगार किया गया। नैवेद्य में 56 भोग अर्पित किए गए। महाकाल को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर सभा मंडप में बाबा महाकाल का पूजन अर्चन मनमहेश स्वरूप में होने के बाद सवारी मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची। यहां पर पुलिस द्वारा श्री महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।  सीएम मोहन यादव ने महाकाल के श्री चरणों में किया नमन सीएम मोहन यादव विदेश यात्रा पर हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा कि सावन के पहले सोमवार के पावन अवसर पर आज उज्जैन में अपने भक्तों का कुशलक्षेम जानने हेतु बाबा महाकाल भ्रमण पर धूमधाम से निकलने वाले हैं। उनके श्री चरणों में नमन एवं वंदन।  चांदी की नई पालकी में सवारी महाकाल चांदी की नई पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर हैं। मंदिर प्रशासन के अनुसार, करीब 10 साल बाद सवारी में नई पालकी को शामिल किया गया है। नवंबर में छत्तीसगढ़ के एक भक्त ने गुप्तदान के रूप में मंदिर समिति को यह पालकी भेंट की थी।  कई नृत्यदलों की प्रस्तुति बाबा महाकाल की सवारी में सीधी के घसिया बाजा, हरदा के ढांडल नृत्य दल,सिवनी के गुन्नूरसाई नृत्यदल आगे-आगे चलेंगे। विभिन्न जनजातियों के समुहों द्वारा भगवान श्री महाकाल की सवारी में मनमोहक प्रस्तुतियां दी जाएंगी। भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी का भव्य रूप   मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशानुरूप सवारी में नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। प्रथम सवारी वैदिक उद्घोष थीम पर है।  बाबा महाकाल की सवारी के दौरान रामघाट पर वैदिक उद्घोष के लिए दत्ता अखाड़ा क्षेत्र में बटुकों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। सभा मंडप में शुरू हुआ पूजन अर्चन  महाकालेश्वर मंदिर के सभागृह में बाबा महाकाल के मनमहेश स्वरूप का पूजन अर्चन शुरू हो चुका है। मंदिर के शासकीय पुजारी पंडित घनश्याम गुरु के द्वारा यह पूजन अर्चन किया जा रहा है। इस दौरान मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक महेश परमार के साथ ही अन्य जनप्रतिनिधि भगवान का पूजन अर्चन कर रहे हैं।  12 स्थानों से होते हुए गुजरेगी महाकाल की सवारी बाबा महाकाल की सवारी महाकाल चौराहे से शुरू होगी। इसके बाद गुदरी चौराहा, कहारवाड़ी, रामघाट, मोड़  की धर्मशाला, कार्तिक चौक से होते हुए सत्यनारायण मंदिर पहुंचेगी। बाद में सवारी छत्रीचौंक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए महाकाल मंदिर वापस आएगी। यहीं पर सवारी यात्रा का समापन होगा। बाबा महाकाल के छह स्वरूप  महाकाल सवारी 2025 में बाबा महाकाल के छह स्वरूप होंगे। आज पहली सवारी निकलेगी। इसके बाद  18 अगस्त को अंतिम राजसी सवारी श्री सप्तधान मुखारविंद स्वरूप में निकाली जाएगी, जिसमें बाबा का राजसी शृंगार किया जाएगा। सभी सवारियां श्रद्धा और उत्साह के साथ निकाली जाएंगी।  सवारी में शामिल होंगे मंत्री  महाकाल की पहली सवारी में उज्जैन के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल और पंचायत  एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल शामिल होंगे। वे महाकाल मंदिर के सभा मंडप में बाबा महाकाल का पूजन अर्चन करेंगे। पालकी को कंधा देकर नगर भ्रमण के लिए रवाना करेंगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर में पहुंचे 11 लाख श्रद्धालु  श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन हेतु पहुंच रहे हैं। 7 से 13 जुलाई 2025 के बीच 11 लाख से अधिक भक्तों ने बाबा महाकाल के दर्शन किए।  अचलेश्वर महादेव मंदिर को फूलों से सजाया ग्वालियर में अचलेश्वर महादेव मंदिर को फूलों से सजाया गया है। रायसेन के भोजपुर में 11 बजे तक करीब 40 हजार भक्त भोजेश्वर महादेव का दर्शन-पूजन कर चुके थे। भोपाल के बड़वाले महादेव, गुफा मंदिर, छतरपुर के जटाशंकर धाम में भी भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की जा रही है। खजुराहो में भक्त 18 फीट ऊंचे मतंगेश्वर महादेव का आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं। नर्मदापुरम में सेठानी घाट से कांवड़ यात्रा निकाली गई। कांवड़िए नर्मदा जल लेकर पचमढ़ी जाएंगे, जहां जटाशंकर महादेव का अभिषेक करेंगे।

महंगी लेकिन असरदार: खेखसी के चमत्कारी फायदे जानकर चौंक जाएंगे आप!

रायपुर बरसात का मौसम लगते ही राजधानी समेत पूरे प्रदेश में अब सबसे ताकतवर सब्जी खेखसी दिखाई देने लगी है. पौष्टिकता से भरपूर और मौसमी सब्जी होने की वजह से इसकी डिमांड बढ़ गई है. राजधानी के अलग-अलग बाजारों में खेखसी 400 रुपए प्रति किलो बिक रही है. बारिश के दिनों में यह उस जगह पर उगती है, जहां पर घने कटीले पेड़-पौधे होते हैं. यह साल में सिर्फ एक से दो महीने तक ही बाजार में दिखाई देती है. भरपूर प्रोटीन और जिंक  खेखसी पूरी तरह से ऑर्गेनिक सब्जी है. इसमें किसी भी प्रकार के कीटनाशक और रासायन का छिड़काव नहीं किया जाता. विशेषज्ञों की माने तो प्रारंभिक अनुसंधान से पता चला है कि खेखसी में प्रोटीन और जिंक प्रचुर मात्रा में होता है. इसके अतिरिक्त इसमें आयरन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, कॉपर और पोटेशियम भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. ये बीमारियां होंगी दूर ऐसा माना जाता है कि खेखसी में मौजूद खनिज तत्व और औषधीय गुणों के कारण ब्लड प्रेशर, मधुमेह और कैंसर जैसी गंभीर चौमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है. यह सर्पदंश के बाद होने वाले नुकसान से बचाव में भी सहायक माना गया है. खेखसी लकवा, पीलिया, बवासीर, बेहोशी, बुखार, पेट के संक्रमण को खत्म करने में मदद करती है. सिरदर्द, कान का दर्द, खांसी और खुजली जैसी समस्याओं की रोकथाम में भी इसके सेवन को उपयोगी माना गया है.

गेवरारोड-रायपुर ट्रेन सेवा बहाल, दो साल की परेशानी खत्म

रायपुर गेवरारोड-रायपुर-गेवरारोड पैसेंजर ट्रेन दो साल और 169 दिन के बाद एक बार फिर बहाल की जा रही है. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर जोन ने 13 डेमू और मेमू पैसेंजर ट्रेनों को बहाल करने की घोषणा की है, जिसमें गेवरारोड-रायपुर-गेवरारोड मेमू पैसेंजर भी शामिल है. यह ट्रेन 16 और 17 जुलाई से फिर से परिचालन शुरू करेगी, जिससे कोयलांचल क्षेत्र के यात्रियों समेत दिन में सफर करने वालों को बड़ी राहत मिलेगी. रायपुर-गेवरारोड मेमू पैसेंजर (गाड़ी क्रमांक 68746) रायपुर रेलवे स्टेशन से दोपहर 1:50 बजे रवाना होगी और रात 7:30 बजे गेवरारोड पहुंचेगी. वहीं, अगले दिन गेवरारोड से सुबह 6:30 बजे प्रस्थान करने वाली गेवरारोड-रायपुर मेमू पैसेंजर (गाड़ी क्रमांक 68745) सुबह 11:25 बजे रायपुर पहुंचेगी. इस ट्रेन को 29 जनवरी 2023 को विभिन्न कारणों से रद्द कर दिया गया था, जिसके बाद से यात्री इसे बहाल करने की मांग कर रहे थे. इस ट्रेन के शुरू होने से गेवरारोड से रायपुर तक सफर करने वाले यात्रियों के लिए पहली सुबह की गाड़ी उपलब्ध होगी. साथ ही, दिन के समय रायपुर और बिलासपुर से गेवरारोड आने वाले यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी. अभी तक रायपुर जंक्शन से कोरबा तक दिन में 10 घंटे की अवधि में कोई यात्री ट्रेन नहीं थी. सुबह 7:20 बजे लिंक एक्सप्रेस के बाद यात्रियों को शाम 6:00 बजे रायपुर-कोरबा हसदेव एक्सप्रेस का इंतजार करना पड़ता था, जो सफर को मुश्किल बनाता था. अब मेमू लोकल के शुरू होने से दोपहर में गाड़ी उपलब्ध होगी, जिससे यात्रियों को राहत मिलेगी. लंबे इंतजार के बाद मानी गई मांग गेवरारोड से रायपुर तक कोई सीधी यात्री ट्रेन न होने के कारण यात्रियों को कोरबा रेलवे स्टेशन तक 15-20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी. केवल बिलासपुर तक चलने वाली एक गाड़ी ही उपलब्ध थी. कोयलांचल के लोगों ने लंबे समय से इस ट्रेन की बहाली की मांग की थी, जो अब पूरी हो गई है. यह कदम नियमित रूप से रायपुर और बिलासपुर से सफर करने वाले यात्रियों के लिए राहत लेकर आएगा.

KGMU पहुंचें मुख्यमंत्री योगी, 900 करोड़ के प्रोजेक्ट्स का किया उद्घाटन

लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में सोमवार को 941 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने 92 बेड के कार्डियोलाॅजी आईसीयू भवन और 340 बेड के ऑर्थोपेडिक सुपर स्पेशियलिटी सेंटर का लोकार्पण किया। इसके साथ ही 300 बेड की क्षमता वाले जनरल सर्जरी विभाग के नए भवन, 500 बेड वाले ट्रामा-2 भवन, नए प्रशासनिक भवन, 450 बिस्तरों की क्षमता वाला पांच मंजिला डायग्नोस्टिक सेंटर और 14 नए कमरों वाले गेस्ट हाउस शिलान्यास भी किया। इस माैके पर स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक और स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा, कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद और प्रो केके सिंह मौजूद रहे . अत्याधुनिक सुविधाओं से होंगे लैस ऑर्थोपेडिक सुपर स्पेशियलिटी सेंटर में एक ही छत के नीचे आर्थोपेडिक सर्जरी, स्पोर्ट्स मेडिसिन, पीडियाट्रिक सर्जरी, रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी जैसी सुविधाएं होंगी। सात मंजिला भवन में 220 बेड आर्थोपेडिक्स, 60-60 बेड स्पोर्ट्स और पीडियाट्रिक आर्थो, 24 HDU बेड, 8 ऑपरेशन थिएटर, और 24 प्राइवेट रूम होंगे। नए कार्डियोलॉजी ब्लॉक से लारी कार्डियोलॉजी ICU की क्षमता 84 से बढ़कर 180 बेड हो जाएगी। इसमें दो कैथ लैब, 6 ईको मशीन, 96 बेड साइड मॉनिटर, 120 सिरिंज पंप और एडवांस कार्डियोलॉजी उपकरण शामिल होंगे। हड्डी का एक छत के नीचे पूरा इलाज केजीएमयू के आठ मंजिला सेंटर फॉर आर्थोपैडिक्स एवं सुपर स्पेशिलयालिटी भवन में एक छत के नीचे डॉक्टर की सलाह, जांच व भर्ती होगी। लगभग 86 करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस भवन में कुल 340 बेड होंगे। जिसमें 24 प्राइवेट रूम शामिल हैं। 24 आईसीयू बेड हैं। आठ ऑपरेशन थिएटर हैं। आठ ओपीडी रूम हैं। आर्थोपैडिक्स सर्जरी, पीडियाट्रिक आर्थोपैडिक्स, स्पोर्ट मेडिसिन विभाग हैं। बोन बैंक के लिए भी स्थान तय है। रेडियोडायग्नोसिस व पैथोलॉजी सेंटर भी है। सिटी स्कैन, एक्सरे मशीन लग गई है। सस्ती दवाओं के लिए एचआरएफ काउंटर है। यहां आर्थोप्लास्ट, नी-हिप रिप्लेसमेंट आधुनिक सुविधा है। 500 बेड ट्रॉमा टू का शिलान्यास मुख्यमंत्री गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए ट्रॉमा टू का शिलान्यास करेंगे। इसमें 500 बेड होंगे। इसमें घायलों को भर्ती कर इलाज मुहैया कराया जाएगा। जबकि पुराने ट्रॉमा सेंटर में इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। पेसेन्ट यूटिलिटी काम्पेक्स भी बनेगा। इन पर करीब 296 करोड़ रुपए की लागत से ट्रॉमा-2 तैयार किया जाएगा। मौजूदा समय में ट्रॉमा सेंटर में करीब 466 बेड हैं। प्रदेश भर से मरीज आ रहे हैं। बेड फुल होने की दशा में मरीज निजी अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर हैं। 300 बेड होंगे जनरल सर्जरी विभाग में मुख्यमंत्री जनरल सर्जरी विभाग का नवीन भवन का शिलान्यास करेंगे। 9.62 एकड़ में तैयार होने वाली बिल्डिंग में 300 बेड होंगे। रोबोटिक सर्जरी की सुविधा होगी। 315 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान है। 11 मंजिला भवन बनेगा। 12 ऑपरेशन थिएटर होंगे। जिसमें एक एडवांस रोबोटिक सर्जरी की ओटी, 11 माड्यूलर ऑपरेशन थिएटर होंगे। इसमें छह ओटी लैप्रोस्कोप सिस्टम से लैस होंगी। भवन में ऑडिटोरियम समेत अन्य सुविधाएं होंगी। 48 करोड़ रुपए की लागत से नवीन प्रशासनिक भवन बनेगा। डायग्नोस्टिक सेन्टर एवं पीआरए फैसेलिटी ब्लॉक बनेगा। इस पर करीब 48 करोड रुपए खर्च होंगे। न्यू गेस्ट हाउस का विस्तार का भी शिलान्यास करेंगे। किरकिरी के बाद बदला फैसला लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार जनरल सर्जरी विभाग की नई बिल्डिंग शताब्दी भवन के पास बनेगी। केजीएमयू प्रशासन इस भवन को दूसरी जगह शिफ्ट कराना चाह रहा था। इसको लेकर काफी पत्राचार भी किया। इससे शासन प्रशासन की काफी किरकिरी भी हुई। अधिकारियों का कहना है कि भवन की डिजाइन, नक्शा, निर्माण एजेंसी व बजट पास होने के बाद स्थान बदलने की कवायद उचित नहीं थी। इसमें समय की बर्बादी थी। नए स्थान पर भवन बनाने के लिए फिर से मिट्टी की जांच, नक्शा आदि पास कराना पड़ता। इससे निर्माण में देरी होती। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता। दो बड़े प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास मुख्यमंत्री 500 बेड वाले ट्रॉमा-2 सेंटर और 300 बेड की क्षमता वाले जनरल सर्जरी विभाग का शिलान्यास भी करेंगे। ट्रॉमा सेंटर पर 296 करोड़, जबकि जनरल सर्जरी भवन पर 315 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जनरल सर्जरी भवन में 12 ऑपरेशन थिएटर, जिनमें एक एडवांस रोबोटिक ओटी शामिल है, और दो मंजिला अंडरग्राउंड पार्किंग भी होगी।

आज होगा शुभांशु का पुनर्जन्म सा आगमन, माता-पिता ने भोलेनाथ को कहा धन्यवाद

नई दिल्ली भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 18 दिन बाद सोमवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से वापसी करेंगे। शुभांशु  Axiom-4 मिशन के तहत तीन अन्य साथियों के साथ अंतरिक्ष यात्रा पर हैं। कुछ ही घंटे में उनका सफर वापस पृथ्वी के लिए शुरू होने वाला है। इधर, लखनऊ में शुभांशु शुक्ला के पिता शंभू दयाल शुक्ला और मां आशा शुक्ला बेसब्री से बेटे के लौटने का इंतजार कर रहे हैं। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में पिता ने कहा कि हम काफी उत्साहित हैं। बेटे के स्वागत के लिए तैयार हैं। आज शाम को अनडॉकिंग होगी। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि उनका मिशन पूरा हो गया है। सभी को उनके लौटने का इंतजार है। उन्होंने आगे कहा कि हम सुबह मंदिर गए। घर पर भी पूजा-अर्चना की। हमने भोलेनाथ से प्रार्थना की है कि वे हमें आशीर्वाद दें कि बेटा और उसके साथ पृथ्वी पर सुरक्षित उतरें। हमें उन पर बहुत गर्व है। हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारा बेटा इतनी ऊंचाइयों को छुएगा। हमें लगता है कि हम भाग्यशाली हैं कि हमारे घर ऐसा बेटा पैदा हुआ। जिसके नाम से हम लोग जाने जाते हैं। शुभांशु की मां आशा कहती हैं कि हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह अपना मिशन सफलतापूर्वक पूरा करें। जल्द से जल्द धरती पर वापस आकर हमसे मिलें। हम उनका भव्य स्वागत करेंगे।  हमारा बच्चा सकुशल वापस आ जाए: शुभांशु शुक्ला की मां आशा शुक्ला ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की मां आशा शुक्ला ने कहा कि हम बहुत उत्साहित हैं। हमें यह जानकर बहुत अच्छा लग रहा है कि हमारा बच्चा 17-18 दिनों बाद वापस आ रहा है… अगर हमारा बस चलता, तो हम उससे मिलने वहां दौड़ पड़ते। लेकिन यह संभव नहीं है। बहुत उत्साह है… आज भगवान शिव के लिए एक खास दिन है। हम सुबह जल्दी उठे और मंदिर गए। हमने भगवान शिव का अभिषेक किया। हमने भगवान से प्रार्थना की कि हमारा बच्चा सकुशल वापस आ जाए और धरती पर उतरने के बाद उसे कोई नुकसान न पहुंचे। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की बहन शुचि मिश्रा ने कहा कि आज फिर से हम वही भावनाएं महसूस कर रहे हैं जो उस दिन थीं जब वह मिशन पर गए थे। जब वह वापस आएंगे तो हम खूब जश्न मनाएंगे। हर दिन हम प्रार्थना करते थे और ईश्वर का धन्यवाद करते थे। जब हमने उनसे बात की, तो वह बहुत खुश लग रहे थे… एक पायलट और अब एक अंतरिक्ष यात्री होने के नाते, उन्होंने हमारे देश की अलग ही खूबसूरती देखी होगी और इसमें कोई शक नहीं कि 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा'। बता दें, चालक दल 14 जुलाई को भारतीय समयानुसार सायं 4:35 बजे आईएसएस से अनडॉक होगा और 15 जुलाई, मंगलवार को भारतीय समयानुसार सायं 3 बजे कैलिफोर्निया के तट के निकट प्रशांत महासागर में उतरेगा। रविवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर चालक दल के सदस्यों के लिए विदाई समारोह आयोजित किया गया, जहां शुभांशु शुक्ला ने एक भावपूर्ण भाषण दिया जिसमें उन्होंने अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के प्रसिद्ध शब्दों को दोहराया और कहा कि आज का भारत अभी भी सारे जहां से अच्छा दिखता है। उन्होंने यह टिप्पणी उस समय की जब चालक दल के सदस्यों ने अंग्रेजी और अपनी मूल भाषाओं में विदाई भाषण दिया। शुभांशु शुक्ला की मां आशा शुक्ला ने कहा कि घर पर उनके स्वागत की जोरदार तैयारी की जाने वाली है। उन्होंने कहा, "हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वह अपना मिशन सफलतापूर्वक पूरा करें और जल्द से जल्द धरती पर वापस आएं और हमसे मिलें। हम उनका भव्य स्वागत करेंगे।" इससे पहले शुभांशु शुक्ला अपने क्रू मेंबर्स के साथ दावत करते हुए दिखाई दिए थे, जिसकी तस्वीरें आईएसएस से देखने को मिली थी। 14 जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक का सारा शेड्यूल जानकारी के लिए बता दें कि शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम 14 जुलाई के दिन 4:35 बजेIST पर ISS से अलग हो जाएगी। 15 जुलाई के दिन कैलिफोर्निया के पास प्रशांत महासागर में स्प्लैशडान होने की उम्मीद की जा रही है। 18 दिनों के बाद वो वापस धारती पर लौटेंगे। Ax-4 चालक दल में कमांडर पैगी व्हिटसन, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पायलट शुभांशु शुक्ला, पोलैंड के यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री स्लावोस्ज़ "सुवे" उज़नांस्की-विस्न्यूस्की और HUNOR (हंगेरियन टू ऑर्बिट) अंतरिक्ष यात्री टिबोर कपु शामिल हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के वक्त शुभांशु शुक्ला ने पेट्री डिश में मूंग और मेथी उगाई। इसकी तस्वीरें उन्होंने शेयर भी की।

सुरक्षा व्यवस्था खतरे में? सिविल एविएशन सिक्योरिटी एजेंसी में कर्मचारियों की भारी कमी

अहमदाबाद अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया विमान हादसे के बाद हवाई यात्रा की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल पैदा हुए हैं. 12 जून को हुए इस हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई थी और शुरुआती जांच में टेकऑफ के तुरंत बाद प्लेन की दोनों इंजन के बंद होने की बात सामने आई है. इस बीच इंडिया टुडे की ओर से दायर की आरटीआई के जवाब में खुलासा हुआ है कि नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) में कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है. चार साल से 30% पद खाली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक सिविल एविएशन सिक्योरिटी ब्यूरो में स्वीकृत पदों के बावजूद सैकड़ों पद खाली हैं. साथ ही बीते तीन साल में खाली पदों को भरने की दिशा में बहुत कम सुधार हुआ है. सिक्योरिटी ब्यूरो में खाली पदों की दर लगातार चार साल से 30 फीसदी से भी ज्यादा है. यह जानकारी इंडिया टुडे को सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली है. अहमदाबाद में हाल ही में हुए एअर इंडिया विमान हादसे ने इन खुलासों को काफी अहम बना दिया है, जो भारत की सिविल एविएशन इंडस्ट्री की सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार इस एजेंसी की महत्वपूर्ण कमजोरियों को बताते हैं. इंडिया टुडे की ओर से आरटीआई के तहत हासिल आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 30 जून, 2025 तक, बीसीएएस में 598 स्वीकृत पद हैं, लेकिन सिर्फ 371 ही भरे गए हैं, जिससे 227 पद रिक्त हैं. कई वर्षों से ब्यूरो में कर्मचारियों की शॉर्टेज बनी हुई है. जून 2025 तक 227 पद खाली थोड़े-बहुत बदलाव के बावजूद खाली पदों की दर कम से कम तीन साल से 30 फीसदी के ऊपर बनी हुई है. यानी, हर दस सुरक्षा पदों पर कम से कम तीन रिक्त पद हैं. नवीनतम आंकड़ों (जून 2025) के मुताबिक फिलहाल 227 रिक्त पद हैं, जो पिछले चार साल में सबसे ज्यादा हैं. यह सिर्फ छह महीने पहले की तुलना में चिंताजनक वृद्धि है. सिक्योरिटी ब्यूरो में लगातार स्वीकृत पदों (595 से 598) में बढ़ोतरी हुई है, बावजूद इसके भरे गए पदों की संख्या में कमी आई है. इससे पता चलता है कि बढ़ती सुरक्षा जरूरतों के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया पिछड़ रही है. लगभग हर पांच में से दो पद खाली हैं, इसलिए वर्तमान कर्मचारियों पर संभवतः काम का बहुत ज्यादा बोझ है, जिसका असर इमरजेंसी प्रतिक्रिया से लेकर नियमित निरीक्षण तक, हर चीज पर पड़ सकता है. हवाई सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल ये आंकड़े सिर्फ नौकरशाही के फ़ुटनोट नहीं, बल्कि एक व्यवस्थागत समस्या की तरफ इशारा करते हैं. एयर ट्रैफिक बढ़ने और नए खतरों के सामने आने के साथ, बीसीएएस की क्षमता की परीक्षा हो रही है. इन खुलासों से एक अहम सवाल उठता है कि क्या भारत का सिविल एविएशन इतने सारे कर्मचारियों की गैरमौजूदगी में काम कर सकता है? हाल ही में अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया हादसे ने विमानन सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ा दी है, लेकिन आरटीआई के नतीजे एक गंभीर और सतत मुद्दे की ओर इशारा करते हैं. इससे साफ है कि भारत की अहम एविएशन सिक्योरिटी एजेंसी कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रही है.

झांतल का विश्वनाथ धाम: आस्था की गहराइयों में डूबा एक दिव्य तीर्थ

भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र के झांतल गांव में स्थित विश्वनाथ महादेव मंदिर श्रावण मास के चलते इन दिनों शिवभक्तों के लिए आस्था और आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। तालाब के बीच खंभों पर बने इस भव्य मंदिर में भगवान विश्वनाथ साल के छह महीने जल के बीच विराजमान रहते हैं। सावन के इस पावन महीने में श्रद्धालुओं का मंदिर में दिनभर आना-जाना बना रहता है और जलाभिषेक तथा दुग्धाभिषेक की धूम मची रहती है। वर्ष भर में सावन के अंतिम सोमवार, शिवरात्रि व वैशाख शुक्ल पंचमी यहां तीन बड़े कार्यक्रम होते हैं। यह मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि क्षेत्र का प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। बनेड़ा तहसील के अंतर्गत आने वाले इस मंदिर की शाहपुरा और बनेड़ा मुख्यालय से दूरी लगभग 20 किलोमीटर है। झांतल गांव बल्दरखा ग्राम पंचायत में आता है, जहां करीब 350 घरों की बस्ती है और सभी समाज के लोग यहां निवास करते हैं। सभी परिवारों में मंदिर के प्रति विशेष आस्था देखने को मिलती है। मन्दिर निर्माण में एक मुस्लिम कारीगर के होने और मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में उसकी भागीदारी तय होने से अब यह सांप्रदायिक सद्भाव का केंद्र बन गया है। झांतल विश्वनाथ महादेव मंदिर की स्थापना 22 अप्रैल 1996 को हुई थी। इसका निर्माण दो वर्ष तक चला। मंदिर का संचालन मोहनलाल शर्मा के नेतृत्व में गठित आठ सदस्यों वाले ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। यहां पहले एक छतरी बनाई गई थी, जिसमें अब राधा-कृष्ण की मूर्तियां विराजमान हैं। उसके सामने दूसरी छतरी में मां सिद्धेश्वरी देवी की प्रतिष्ठा की गई है। इन दोनों छतरियों के मध्य आंगन छोड़ते हुए शिवलिंग के रूप में भगवान विश्वनाथ महादेव अपने पूरे परिवार सहित प्रतिष्ठित किए गए हैं। विशेष बात यह है कि मंदिर में प्रवेश के लिए 210 फीट लंबा और 15 फीट चौड़ा खंभों पर बना पुल बनाया गया है। यह पुल श्रद्धालुओं को तालाब के बीच स्थित मंदिर तक पहुंचाता है। वहीं मंदिर भी तालाब में खंभों पर खड़ा किया गया है। तालाब की भराव क्षमता 13 फीट है। बरसात के दिनों में यह तालाब पूरा भर जाता है और आसपास की लगभग 600 बीघा भूमि की सिंचाई भी इसी तालाब से होती है। श्रावण मास के दौरान मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और अनुष्ठानों का आयोजन होता है। प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। हर सोमवार और हरियाली अमावस्या के दिन यहां विशेष भीड़ देखने को मिलती है। दूर-दराज के इलाकों से भी लोग इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर के मनोरम दृश्य और तालाब के बीच बने मंदिर की छटा हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है। मंदिर ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी मोहनलाल शर्मा ने बताया कि हर वर्ष बरसात के मौसम में तालाब 90 प्रतिशत तक भर जाता है और मंदिर का आधा हिस्सा जलमग्न रहता है। सावन के इस महीने में श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध किए जाते हैं ताकि वे सुरक्षित और सुगम रूप से मंदिर पहुंच सकें। शाहपुरा विधायक डॉ. लालाराम बैरवा ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट द्वारा सफाई, पेयजल और सुरक्षा व्यवस्था के भी खास इंतजाम किए जाते हैं। आने वाले दिनों में मंदिर परिसर में और अधिक विकास कार्य किए जाने की योजना है, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था, प्रसाद वितरण केंद्र और पार्किंग सुविधा शामिल है। झांतल विश्वनाथ महादेव मंदिर के प्रति लोगों की आस्था और आकर्षण देखकर यह स्पष्ट है कि यह मंदिर भीलवाड़ा जिले ही नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान के प्रमुख शिवालयों में अपना विशिष्ट स्थान रखता है। श्रावण मास के इस पावन अवसर पर मंदिर में उमड़ती भीड़ और गूंजते जयकारे इस बात के साक्षी हैं कि भगवान विश्वनाथ की महिमा आज भी जीवित है और लोगों के दिलों में गहराई से बसी हुई है।  

एसटीएफ मुठभेड़ में संजीव जीवा और मुख्तार अंसारी गिरोह का शूटर शाहरुख पठान ढेर

मुजफ्फरनगर मुजफ्फरनगर में मेरठ स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को बड़ी कामयाबी मिली है। मेरठ स्पेशल टास्क फोर्स ने गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी गिरोह के शूटर शाहरुख पठान को मुठभेड़ में मार गिराया। खालापार निवासी शाहरुख पठान ने पुलिस पर 10 से ज्यादा राउंड फायरिंग की। जवाबी फायरिंग में एसटीएफ ने शार्प शूटर शाहरुख पठान को मार गिराया। जानकारी के अनुसार, शाहरुख पठान पर एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज थे। एसटीएफ ने मौके से तीन पिस्तौलें बरामद कीं। 60 से ज़्यादा कारतूस और एक कार भी बरामद की गई है। पुलिस ने शाहरुख पठान के पास से एक 9 एमएम की देसी पिस्तौल भी बरामद की है। एसटीएफ के एएसपी बृजेश कुमार ने बताया कि एक सूचना के आधार पर एसटीएफ टीम ने कार सवार बदमाश की घेराबंदी की थी। देर रात छपार क्षेत्र में बिजोपुरा तिराहे पर कार सवार बदमाश से मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में मुजफ्फरनगर जनपद के थाना खालापार के मोहल्ला खालापार निवासी शाहरुख पठान मारा गया। उससे देसी पिस्टल सहित तीन पिस्टल व 50 से अधिक कारतूस बरामद हुए।   एएसपी ने बताया कि मुठभेड़ में ढेर बदमाश के खिलाफ एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। वह पूर्व में पुलिस कस्टडी में हत्या भी कर चुका है। उसके बारे में अन्य जानकारी जुटाई जा रही है।

कानपुर से कैलिफोर्निया तक धमाल! Trapit Bansal को मिली जुकरबर्ग की 800 करोड़ की जॉब ऑफर

मुंबई  Meta CEO और Facebook के फाउंडर Mark Zuckerberg, AI सेक्टर के लिए बड़ी तैयारी कर रहे हैं. अभी वह Google, ChatGPT मेकर OpenAI को बड़ी चुनौती देने के लिए Superintelligence Labs का ऐलान कर चुके हैं और अब इस लैब्स के लिए बड़े लेवल पर हायरिंग कर रहे हैं. हाल ही उन्होंने कानपुर से पढ़ाई करने वाले Trapit Bansal को 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का पैकेज देकर हायर किया था और अब वे Apple में काम कर चुके Ruoming Pang को शामिल करने जा रहे हैं.  Meta ने उनको एक बड़ा पैकेज का ऑफर दिया है, जिसकी कीमत 200 मिलियिन अमेरिकी डॉलर ( करीब 1670 करोड़ रुपये) है. इस सैलेरी के सामने OpenAI से Meta में Trapit Bansal की 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 800 करोड़ रुपये) का पैकेज आधा नजर आता है. Superintelligence Group में हो रही बड़े लेवल की हायरिंग  यहां आपकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि Superintelligence Group इकलौती जगह है, जहां की लोगों को सबसे ज्यादा सैलेरी पर हायर किया जा रहा है.  ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, Meta द्वारा दिया जा रहा ये पैकेज इसलिए दे रहे हैं ताकि कर्मचारी अपनी परफोर्मेंस को बरकरार रखें और टारगेट को हासिल कर सकें. अगर वे कंपनी को जल्दी छोड़ते हैं या फिर कंपनी के स्टॉक नीचे जाते हैं तो उनकी पेमेंट में कटौती की जा सकती है.  ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में बताया है कि सुपरइंटीलेंस लैब के लिए हायर किए जा रहे कर्मचारियों की सैलेरी में बॉनस, बेस सैलेरी और मेटा स्टॉक आदि को शामिल किया है. साथ ही अगर कोई कर्मचारी Meta में शामिल होने के लिए अपनी हिस्सेदारी छोड़ रहा है तो कंपनी उसकी भरपाई करने की कोशिश करती है.  OpenAI का बड़ा मार्केट शेयर  AI डेटा को एनालाइज करने वाली वेबसाइट Similarweb की रिपोर्ट के मुताबिक, Generative AI Tools Traffic में OpenAI का मार्केट शेयर 150 मिलियन्स से भी ज्यादा है. वहीं Google भी इस मामले में सेकेंड पॉजिशन पर है. अब Meta न्यू हायरिंग करके कई कंपनियों को पछाड़ना चाहती है.  WhatsApp में भी मिलता है Meta AI Meta के पास पहले से खुद का आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) है, जिसका नाम Meta AI है. वैसे तो ChatGPT की तरह ही Meta AI  का पोर्टल और ऐप मौजूद है. यह ऐप Google Play Store और App Store पर है. इसके अलावा Meta AI  का यूज WhatsApp के अंदर भी किया जा सकता है, जिसके लिए मैसेजिंग ऐप के अंदर ही Meta AI का आइकन मिलता है.