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बैंकिंग इतिहास में पहली बार बोनस शेयर, डिविडेंड से निवेशकों को दोहरी कमाई

मुंबई  मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से देश के सबसे बड़े बैंक ने अपने निवेशकों को डबल खुशखबरी दी है. HDFC Bank ने निवेशकों को डिविडेंड और बोनस शेयर देने का ऐलान किया है. प्राइवेट बैंक अपने इतिहास में पहली बार बोनस देने जा रहा है, जिसके रिकॉर्ड डेट का भी ऐलान कर दिया गया है. वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के नतीजे के साथ ही इसकी घोषणा की गई है.  बैंक का कैसा रहा रिजल्‍ट?  HDFC Bank ने शनिवार को वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में साल-दर-साल 12% की ग्रोथ दिखाई है और 18,155 करोड़ रुपये का स्‍टैंडलोन नेट प्रॉफिट (PAT) दर्ज किया. वहीं पिछले वर्ष की इसी तिमाही में ये आंकड़ा 16,175 करोड़ रुपये था.  भारत के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक की इंटरेस्‍ट से इनकम 77,470 करोड़ रुपये की हुई है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 73,033 करोड़ रुपये से 6 फसीदी ज्‍यादा है. HDFC Bank का नेट इंटरेस्‍ट इनकम (NII) 5.4% फीसदी बढ़कर 31,440 करोड़ रुपये हो चुका है. कोर नेट इंटरेस्‍ट मार्जिन 3.35% दर्ज किया गया.  पहली बार बोनस का ऐलान  मार्केट कैपिटल के हिसाब से सबसे बड़ा बैंक पहली बार अपने निवेशकों को बोनस शेयर देने जा रहा है. HDFC Bank ने शनिवार को 1:1 अनुपात में अपने पहले बोनस इश्यू की घोषणा किया है. इसका मतलब है कि अगर आपके पास 1 शेयर है तो आपको 1 शेयर मुफ्त मिलेंगे यानी अब आपके पोर्टफोलियों में उतनी ही कीमत में दो शेयर हो जाएंगे.  रिकॉर्ड डेट का भी ऐलान  बीएसई फाइलिंग में बैंक ने कहा, 'बैंक ने 1:1 के अनुपात में बोनस इक्विटी शेयर जारी करने को मंजूरी दे दी है. अब निवेशकों के अप्रूवल के बाद यह बोनस शेयर डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.' बोनस इक्विटी शेयरों के लिए रिकॉर्ड डेट बुधवार, 27 अगस्‍त 2025 तय किया गया है.  डिविडेंड भी देगा बैंक  इसके अलावा, एचडीएफसी बैंक ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए हर इक्विटी शेयर पर 5 रुपये (यानी 500 प्रतिशत) का अंतरिम डिविडेंड देगी. बैंक ने कहा कि इसके लिए रिकॉर्ड डेट 25 जुलाई 2025 तय किया गया है. पात्र निवेशकों को डिविडेंड का भुगतान 11 अगस्‍त 2025 को किया जाएगा.  15 लाख करोड़ का है ये बैंक  बैंक का ब्याज व्यय 6.6 प्रतिशत बढ़कर 46,032.23 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 43,196 करोड़ रुपये था. इसके अलावा, HDFC Bank शुक्रवार को 1957.40 रुपये पर बंद हुए, जिससे बैंक का मार्केट कैपिटलाइजेशन 15 लाख 917.42 करोड़ रुपये हो चुका है. 

बैंकिंग इतिहास में पहली बार बोनस शेयर, डिविडेंड से निवेशकों को दोहरी कमाई

मुंबई  मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से देश के सबसे बड़े बैंक ने अपने निवेशकों को डबल खुशखबरी दी है. HDFC Bank ने निवेशकों को डिविडेंड और बोनस शेयर देने का ऐलान किया है. प्राइवेट बैंक अपने इतिहास में पहली बार बोनस देने जा रहा है, जिसके रिकॉर्ड डेट का भी ऐलान कर दिया गया है. वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के नतीजे के साथ ही इसकी घोषणा की गई है.  बैंक का कैसा रहा रिजल्‍ट?  HDFC Bank ने शनिवार को वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में साल-दर-साल 12% की ग्रोथ दिखाई है और 18,155 करोड़ रुपये का स्‍टैंडलोन नेट प्रॉफिट (PAT) दर्ज किया. वहीं पिछले वर्ष की इसी तिमाही में ये आंकड़ा 16,175 करोड़ रुपये था.  भारत के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक की इंटरेस्‍ट से इनकम 77,470 करोड़ रुपये की हुई है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 73,033 करोड़ रुपये से 6 फसीदी ज्‍यादा है. HDFC Bank का नेट इंटरेस्‍ट इनकम (NII) 5.4% फीसदी बढ़कर 31,440 करोड़ रुपये हो चुका है. कोर नेट इंटरेस्‍ट मार्जिन 3.35% दर्ज किया गया.  पहली बार बोनस का ऐलान  मार्केट कैपिटल के हिसाब से सबसे बड़ा बैंक पहली बार अपने निवेशकों को बोनस शेयर देने जा रहा है. HDFC Bank ने शनिवार को 1:1 अनुपात में अपने पहले बोनस इश्यू की घोषणा किया है. इसका मतलब है कि अगर आपके पास 1 शेयर है तो आपको 1 शेयर मुफ्त मिलेंगे यानी अब आपके पोर्टफोलियों में उतनी ही कीमत में दो शेयर हो जाएंगे.  रिकॉर्ड डेट का भी ऐलान  बीएसई फाइलिंग में बैंक ने कहा, 'बैंक ने 1:1 के अनुपात में बोनस इक्विटी शेयर जारी करने को मंजूरी दे दी है. अब निवेशकों के अप्रूवल के बाद यह बोनस शेयर डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.' बोनस इक्विटी शेयरों के लिए रिकॉर्ड डेट बुधवार, 27 अगस्‍त 2025 तय किया गया है.  डिविडेंड भी देगा बैंक  इसके अलावा, एचडीएफसी बैंक ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए हर इक्विटी शेयर पर 5 रुपये (यानी 500 प्रतिशत) का अंतरिम डिविडेंड देगी. बैंक ने कहा कि इसके लिए रिकॉर्ड डेट 25 जुलाई 2025 तय किया गया है. पात्र निवेशकों को डिविडेंड का भुगतान 11 अगस्‍त 2025 को किया जाएगा.  15 लाख करोड़ का है ये बैंक  बैंक का ब्याज व्यय 6.6 प्रतिशत बढ़कर 46,032.23 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 43,196 करोड़ रुपये था. इसके अलावा, HDFC Bank शुक्रवार को 1957.40 रुपये पर बंद हुए, जिससे बैंक का मार्केट कैपिटलाइजेशन 15 लाख 917.42 करोड़ रुपये हो चुका है. 

‘शक और दूरी’ बनी तलाक की वजह, हाईकोर्ट ने कहा- यह वैवाहिक क्रूरता है, पत्नी ने 1 लाख महीने मांगे थे

मुंबई  बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को तलाक के एक केस में कहा- यदि पत्नी अपने पति को शारीरिक संबंध से इनकार करती है। फिर उस पर किसी और महिला से संबंध होने का शक करती है तो इसे क्रूरता माना जाएगा। इस तरह की स्थिति तलाक का वैध आधार है। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस नीला गोखले ने यह टिप्पणी करते हुए पुणे फैमिली कोर्ट के तलाक के फैसले को सही ठहराया। साथ ही महिला की तलाक को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। महिला की मांग थी कि उसके पति को उसे हर महीने 1 लाख रुपए मासिक गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया जाए। अब समझिए पूरा मामला… दरअसल, कपल की 2013 में शादी हुई थी। अगले ही साल दिसंबर 2014 से दोनों अलग रहे थे। पति ने 2015 में फैमिली कोर्ट में क्रूरता के आधार पर तलाक की अर्जी दी थी, जिसे मंजूरी मिल गई। पत्नी ने फैमिली कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और पति से 1 लाख रुपए प्रति महीने गुजारा भत्ता की मांग भी की थी। पत्नी बोली- पति से प्रेम करती हूं, पति ने कहा- बेवफाई के आरोप लगाए महिला ने अपनी याचिका में कहा था- मेरे ससुराल वालों ने मुझे प्रताड़ित किया, लेकिन फिर भी मैं अपने पति से प्रेम करती हूं और तलाक नहीं चाहती। पति ने अपनी याचिका में कहा कि पत्नी ने शारीरिक संबंधों से इनकार किया और बेवफाई के आरोप लगाए। साथ ही परिवार, दोस्तों और कर्मचारियों के सामने शर्मिंदा किया। पति ने यह भी कहा कि पत्नी ने उसे छोड़कर अपने मायके चली गई थी। कोर्ट ने फैसले में कहा- शादी में अब सुलह की कोई संभावना नहीं है। पति के तलाक के आधार कानूनी रूप से जायज हैं। लिहाजा, पत्नी की याचिका को खारिज किया जाता है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 14 अप्रैल को दिए एक फैसले में नाबालिग से रेप (POSCO) के आरोप में 3 साल से जेल में बंद 22 साल के युवक को जमानत दे दी थी। जस्टिस मिलिंद जाधव की बेंच ने कहा कि 15 साल की नाबालिग को पता था वह क्या कर रही है, वह इसके परिणाम भी जानती थी।

इंदौर-मुंबई तेजस ट्रेन: फुल स्पीड में सफर, देखें स्टेशन व समय का पूरा शेड्यूल

इंदौर   ट्रेन से सफर करने वाले लाखों यात्रियों को रेलवे ने बड़ा तोहफा दिया है। पश्चिम रेलवे द्वारा यात्रियों की सुविधा तथा विशेष रूप से यात्रा की मांग को ध्यान में रखते हुए मुंबई सेंट्रल और इंदौर स्टेशनों के बीच विशेष किराये पर सुपरफास्ट तेजस स्‍पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है। बता दें कि, ऐसा पहली बार होगा जब तेजस स्पेशल ट्रेन मध्य प्रदेश में दौडे़गी। अब तक तेजस ट्रेन लखनऊ-नई दिल्ली, अहमदाबाद-मुंबई, और मुंबई-मडगांव जैसे मार्गों पर चलती है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी विनीत अभिषेक ने इस स्‍पेशल ट्रेन की जानकारी दी है। ट्रेन संख्या 09085 मुंबई सेंट्रल इंदौर स्‍पेशल प्रत्येक सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को मुंबई सेंट्रल से रात 11.20 बजे प्रस्थान करेगी तथा अगले दिन दोपहर 1 बजे इंदौर पहुंचेगी। यह ट्रेन 23 जुलाई से 29 अगस्त तक चलेगी। ट्रेन संख्या 09086 इंदौर मुंबई सेंट्रल स्‍पेशल प्रत्येक मंगलवार, गुरुवार एवं शनिवार को इंदौर से शाम 5 बजे प्रस्थान करेगी तथा अगले दिन 7.10 बजे मुंबई सेंट्रल पहुंचेगी। यह ट्रेन 24 जुलाई से 30 अगस्त तक चलेगी। यह ट्रेन दोनों दिशाओं में बोरिवली, वापी, सूरत, वडोदरा, दाहोद, रतलाम तथा उज्जैन स्टेशनों पर रुकेगी।इस ट्रेन में फर्स्ट एसी, एसी 2-टियर एवं एसी 3-टियर कोच होंगे। 21 जुलाई से बुकिंग शुरू ट्रेन संख्या 09085 एवं 09086 की बुकिंग 21 जुलाई से सभी पीआरएस काउंटरों एवं आईआरसीटीसी वेबसाइट पर प्रारंभ होगी। ट्रेनों के ठहराव, समय और संरचना के संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए यात्री कृपया www.enquiry.indianrail.gov.in पर जाकर अवलोकन कर सकते हैं।

राजस्व कामकाज में सख्ती, तहसीलदार-नायब तहसीलदार को अब पूरे दिन ऑफिस में रहना होगा

जबलपुर  वीआइपी दौरे और लॉ एंड ऑर्डर के चलते प्रभावित होने वाले राजस्व प्रकरणों की समस्या को हल करने के लिए जिले में नई पहल की गई है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जिले में राजस्व अधिकारियों का नया सेटअप तैयार किया गया है। अब राजस्व न्यायालय का कामकाज संभालने वाले अधिकारियों को वीआइपी दौरे और लॉ एंड आर्डर की जिमेदारी से मुक्त कर दिया गया है। अब अदालती काम में लगाए गए तहसीलदार और नायब तहसीलदार केवल अदालत का काम ही देखेंगे। वे सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक तहसीलों में बैठकर राजस्व प्रकरणों का निपटारा करेंगे। प्रोटोकॉल देखेंगे 14 अधिकारी नए आदेश में प्रोटोकॉल और कानून व्यवस्था संबंधी कार्यों के लिये पृथक से 14 राजस्व अधिकारियों की पदस्थापना की गई है। शहरी क्षेत्र के मामले में अपर जिला दंडाधिकारी शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के मामले में संबंधित क्षेत्र के एसडीएम को थाना क्षेत्र का आवंटन करने के निर्देश दिये हैं। गैर न्यायालयीन कार्यों के लिए नियुक्त प्रभारी तहसीलदार, नायब तहसीलदार, प्रभारी अधीक्षक भू-अभिलेख एवं प्रभारी सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख को कार्यपालिक मजिस्ट्रेट का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। पक्षकार होते थे परेशान दरअसल, वीआइपी दौरों के प्रोटोकॉल और अचानक उत्पन्न होने वाली लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को संभालने की जिमेदारी का असर राजस्व प्रकरणों के निपटारे पर पड़ता था। इससे न केवल आम पक्षकार परेशान होते हैं, बल्कि राजस्व विभाग की छवि पर गंभीर असर पड़ता है। इससे निपटने के लिए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने दो तरह का सेटअप तैयार कराया। राजस्व कोर्ट की बढ़ी संख्या नामांतरण, बंटवारा और सीमांकन जैसे राजस्व प्रकरणों के निराकरण में गति लाने तथा समय सीमा के भीतर उनका निराकरण करने के लिए नई व्यवस्था बनाई गई है। इसके साथ ही राजस्व न्यायालयों की संया 22 से बढ़ाकर 27 कर दी गई है। इन अधिकारियों की ड्यूटी प्रोटोकॉल, कानून व्यवस्था आदि कार्यों में नहीं लगाई जा सकेगी। संवाद पर जोर नए सेटप के साथ आम जनमानस से संवाद पर भी जोर दिया गया है। अदालती काम संभालने वाले राजस्व अधिकारी अब सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक कोर्ट में बैठेंगे। इससे अवगत कराने पूरे जिले में 22 जुलाई को एक साथ सभी तहसीलों में बैठकों का आयोजन किया जाएगा।

राजस्व कामकाज में सख्ती, तहसीलदार-नायब तहसीलदार को अब पूरे दिन ऑफिस में रहना होगा

जबलपुर  वीआइपी दौरे और लॉ एंड ऑर्डर के चलते प्रभावित होने वाले राजस्व प्रकरणों की समस्या को हल करने के लिए जिले में नई पहल की गई है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जिले में राजस्व अधिकारियों का नया सेटअप तैयार किया गया है। अब राजस्व न्यायालय का कामकाज संभालने वाले अधिकारियों को वीआइपी दौरे और लॉ एंड आर्डर की जिमेदारी से मुक्त कर दिया गया है। अब अदालती काम में लगाए गए तहसीलदार और नायब तहसीलदार केवल अदालत का काम ही देखेंगे। वे सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक तहसीलों में बैठकर राजस्व प्रकरणों का निपटारा करेंगे। प्रोटोकॉल देखेंगे 14 अधिकारी नए आदेश में प्रोटोकॉल और कानून व्यवस्था संबंधी कार्यों के लिये पृथक से 14 राजस्व अधिकारियों की पदस्थापना की गई है। शहरी क्षेत्र के मामले में अपर जिला दंडाधिकारी शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के मामले में संबंधित क्षेत्र के एसडीएम को थाना क्षेत्र का आवंटन करने के निर्देश दिये हैं। गैर न्यायालयीन कार्यों के लिए नियुक्त प्रभारी तहसीलदार, नायब तहसीलदार, प्रभारी अधीक्षक भू-अभिलेख एवं प्रभारी सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख को कार्यपालिक मजिस्ट्रेट का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। पक्षकार होते थे परेशान दरअसल, वीआइपी दौरों के प्रोटोकॉल और अचानक उत्पन्न होने वाली लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को संभालने की जिमेदारी का असर राजस्व प्रकरणों के निपटारे पर पड़ता था। इससे न केवल आम पक्षकार परेशान होते हैं, बल्कि राजस्व विभाग की छवि पर गंभीर असर पड़ता है। इससे निपटने के लिए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने दो तरह का सेटअप तैयार कराया। राजस्व कोर्ट की बढ़ी संख्या नामांतरण, बंटवारा और सीमांकन जैसे राजस्व प्रकरणों के निराकरण में गति लाने तथा समय सीमा के भीतर उनका निराकरण करने के लिए नई व्यवस्था बनाई गई है। इसके साथ ही राजस्व न्यायालयों की संया 22 से बढ़ाकर 27 कर दी गई है। इन अधिकारियों की ड्यूटी प्रोटोकॉल, कानून व्यवस्था आदि कार्यों में नहीं लगाई जा सकेगी। संवाद पर जोर नए सेटप के साथ आम जनमानस से संवाद पर भी जोर दिया गया है। अदालती काम संभालने वाले राजस्व अधिकारी अब सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक कोर्ट में बैठेंगे। इससे अवगत कराने पूरे जिले में 22 जुलाई को एक साथ सभी तहसीलों में बैठकों का आयोजन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अमर शहीद मंगल पांडे को किया नमन

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अमर शहीद श्री मंगल पांडे की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए पुण्य स्मरण किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत अमर शहीद मंगल पांडे ने असाधारण साहस के बूते देश के स्वाभिमान की रक्षा की और स्वतंत्रता के लिए राष्ट्र को जागृत करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। प्रत्येक भारतवासी सदैव उनका ऋणी रहेगा।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कवि स्व. गोपालदास नीरज को अर्पित की श्रद्धांजलि

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रसिद्ध गीतकार, साहित्यकार एवं पद्म भूषण से सम्मानित स्व. गोपालदास 'नीरज' की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोकप्रिय कविताओं के रचियता नीरज जी की कृतियों में देश, समाज और समकालीन परिस्थितियों के साथ संवेदनाओं के सम्मोहक मिश्रण की अनुभूति होती है। उनके द्वारा लिखे गए गीत प्रशंसकों के जीवन को सदैव आनंदित और प्रेरित करते रहेंगे।  

IIT खड़गपुर में सनसनी: हॉस्टल में लटका मिला छात्र, संस्थान में चौथी मौत से हड़कंप

कोलकाता पश्चिम बंगाल के खड़गपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में एक दुखद घटना सामने आई है। शुक्रवार को बीटेक के चौथे वर्ष के छात्र रीतम मंडल का शव हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटका हुआ पाया गया। यह इस साल जनवरी के बाद से परिसर में इस तरह का चौथा मामला है। संस्थान के एक अधिकारी ने बताया कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे 21 वर्षीय छात्र रीतम मंडल को परिसर के राजेंद्र प्रसाद (आरपी) हॉल छात्रावास भवन में उसके कमरे में फंदे से लटका पाया गया। छात्रावास में रीतम के साथ रहने वाले एक छात्र ने बताया कि कोलकाता निवासी यह छात्र बृहस्पतिवार रात भोजन करने के बाद अपने कमरे में चला गया था और उसके व्यवहार में किसी तरह की कोई असामान्यता नहीं थी। आईआईटी के अधिकारी ने बताया कि बार-बार दरवाजा खटखटाने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, जिसके बाद सुबह परिसर स्थित चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने संस्थान के सुरक्षा गार्डों के साथ मिलकर दरवाजा तोड़ा और शव को फंदे से लटका पाया। अधिकारी ने बताया कि संस्थान ने प्राथमिकी दर्ज कराई औकृर जांचकर्ताओं को पूरा सहयोग दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि छात्र के परिवार को सूचित कर दिया गया है। आईआईटी ने एक बयान में कहा, “हमें गहरे दुख के साथ मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के स्नातक चतुर्थ वर्ष के छात्र रीतम मंडल के असामयिक निधन की सूचना देते हुए दुख हो रहा है।” बयान में घटनाक्रम का विवरण देते हुए बताया गया, “मंडल 18 जुलाई की सुबह राजेंद्र प्रसाद हॉल ऑफ रेजिडेंस स्थित अपने कमरे में मृत पाया गया। सूचना मिलने पर, संस्थान की सुरक्षा प्रतिक्रिया टीम ने त्वरित कार्रवाई की और छात्रावास परिसर पहुंची। इसके बाद, संस्थान की चिकित्सा टीम, निदेशक, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और स्थानीय पुलिस अधिकारी पहुंचे। मंडल के परिवार से भी तत्काल संपर्क किया गया।” बयान में दावा किया गया कि युवक के व्यवहार में कोई असामान्यता नहीं देखी गई। बयान के मुताबिक, मंडल गर्मी की लंबी छुट्टियों के बाद हाल ही में परिसर लौटा था। संस्थान ने बताया, “मंडल ने कक्षाएं लेना शुरू कर दिया था। संस्थान के सार्थ परामर्श केंद्र से प्राप्त रिकॉर्ड के अनुसार, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या के कोई पूर्व संकेत नहीं मिले हैं। विभाग के संकाय सलाहकार ने भी बताया कि कोई भी शैक्षणिक या गैर-शैक्षणिक समस्या उनके ध्यान में नहीं आई। प्रशासन ने प्राथमिकी दर्ज करने और कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है।” बयान में बताया गया कि पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और संस्थान इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए पूरा सहयोग दे रहा है। बयान के मुताबिक, “हमने (संस्थान ने)घटना की जांच करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के लिए एक तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया है। पूरा आईआईटी समुदाय इस दुखद क्षति से गहरे सदमे में है।”  

जहां जल के नीचे है आस्था का मंदिर: उदयपुर की गुफा में स्वयं प्रकट हुए शिव

अलवर सावन का पवित्र महीना चल रहा है और शिवभक्ति में डूबे श्रद्धालु देशभर के शिवधामों का रुख कर रहे हैं। आज आपको ले चलते हैं राजस्थान के उदयपुर जिले के एक ऐसे रहस्यमयी शिव मंदिर में जहां एक गुफा में महादेव विराजे हैं। मान्यता है कि यहां स्वयं भगवान शिव पातालेश्वर रूप में प्रकट हुए थे।अरावली की वादियों के बसे उदयपुर शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर बड़गांव क्षेत्र की पहाड़ियों के बीच स्थित है 'पातालेश्वर महादेव' मंदिर। यह कोई आम शिव मंदिर नहीं है, बल्कि एक ऐसी गुफा में विराजमान है, जिसे लेकर रहस्यमयी मान्यताएं और अद्भुत घटनाएं जुड़ी हैं।   मंदिर के पुजारी पंडित खेमराज गमेती बताते हैं कि यह स्थान 1960 के आसपास चर्चा में आया। मंदिर के पीछे एक कमरे के निर्माण के दौरान खुदाई में करीब तीन फीट चौड़ी एक गुफा सामने आई। उसी रात पुजारी को स्वप्न में संकेत मिला कि इस गुफा में कोई खजाना छुपा है। उन्होंने अपने मित्रों के साथ गुफा में प्रवेश किया और मलबे के बीच एक चट्टान जैसी आकृति दिखी। पास जाकर देखने पर तो एक शिवलिंग था। यह कोई साधारण शिवलिंग नहीं, बल्कि आस्था का प्रतीक बन गया। और तभी से इस स्थान को “पातालेश्वर महादेव” कहा जाने लगा। इस मंदिर की खास बात यह है कि यह गुफा के अंदर स्थित है और शिवलिंग गहराई में विराजमान हैं। गुफा के ऊपर से बहती है मदार नहर, जिसका पानी आगे जाकर फतेहसागर झील में मिलता है। पहले के समय में बारिश का पानी गुफा में भर जाता था और श्रद्धालुओं को जल में उतरकर दर्शन करने होते थे, लेकिन अब प्रशासन और मंदिर समिति ने सीढ़ियां और रेलिंग बनवा दी हैं, जिससे भक्त आसानी से भगवान तक पहुंच पाते हैं। शिवलिंग के ठीक पीछे एक और गहरी गुफा है, जिसका अंतिम छोर आज तक कोई नहीं जान पाया। यह रहस्य श्रद्धालुओं की आस्था को और भी गहरा करता है। मान्यता है कि यह गुफा पाताल लोक तक जाती है  और इसलिए भगवान को पातालेश्वर कहा जाता है।   सावन के महीने में यहां का वातावरण भक्ति और अध्यात्म से सराबोर हो जाता है। हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं, भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं। अपने जीवन की मनोकामनाएं पूर्ण करने की प्रार्थना करते हैं। यह मंदिर न सिर्फ शिवभक्तों के लिए एक तीर्थस्थल है, बल्कि यह हमारी आस्था, परंपरा और रहस्यमयी लोककथाओं का भी अद्भुत संगम है। इस सावन, अगर आप उदयपुर आ रहे हैं, तो एक बार पातालेश्वर महादेव के दर्शन जरूर कर सकते हैं। सावन की पावन बेला में पातालगुफा में विराजित यह शिवधाम सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि आस्था का जीवंत चमत्कार है।