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पेंशन और वेतन दोनों लेने पर फंसे पूर्व कुलपति, चुकाने होंगे 54 लाख रुपये

अंबिकापुर संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा अंबिकापुर के पूर्व कुलपति प्रो अशोक सिंह को 54 लाख तीन हजार रुपये का अधिक भुगतान कर दिए जाने का दावा प्रबंधन ने किया है। प्रो अशोक सिंह पर वेतन और पेंशन एक साथ लेने का आरोप है। उधर पूर्व कुलपति प्रो अशोक सिंह का कहना है कि उनके चले जाने के बाद बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रबंधन के दावे में कोई सच्चाई नहीं है। प्रबंधन की माने तो प्रो अशोक सिंह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त होने के लगभग दो वर्ष बाद संत गहिरा गुरु विश्विद्यालय सरगुजा अंबिकापुर के कुलपति नियुक्त हुए थे। नियमों के तहत वेतन अथवा पेंशन में से किसी एक का लाभ उन्हें लेना था लेकिन वे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पेंशन और संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय से वेतन लेते रहे। यहां उनका कुल वेतन दो लाख 10 हजार रुपये था। यदि वे पेंशन ले रहे थे तो यहां पेंशन की राशि कटौती कर वेतन भुगतान होना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वे तीन अगस्त 2021 से 19 अक्टूबर 2024 तक कुलपति के पद पर पदस्थ रहे। पेंशन और वेतन दोनों के चक्कर मे उन्हें 54 लाख का अधिक भुगतान हो गया। मार्च 2025 में ही यह प्रकरण सामने आ गया था। संत गहिरा गुरु विश्विद्यालय प्रबंधन ने उन्हें रकम जमा कर देने के लिए उनके सेवा पुस्तिका के पते पर नोटिस भेजा जो वापस लौट आया है। किसी ने भी रजिस्टर्ड पत्र को स्वीकार ही नहीं किया। तत्कालीन कुलसचिव और वित्त अधिकारी ने नहीं दिया ध्यान सेवानिवृत्ति के बाद कुलपति नियुक्त हुए प्रो अशोक सिंह को वेतन भुगतान के लिए तत्कालीन वित्त अधिकारी और कुलसचिव को नियमों को ध्यान में रखना था। तत्कालीन कुलसचिव और वित्त अधिकारी को भी स्वयं पहल कर कुलपति से यह जानकारी लेनी चाहिए थी कि कहीं उन्हें शासन स्तर से हर महीने राशि (पेंशन) तो नहीं मिलती है, लेकिन तत्कालीन कुलसचिव और वित्त अधिकारी ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। बीएचयू के पत्र से दोहरा लाभ हुआ उजागर संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलसचिव प्रो एसपी त्रिपाठी ने नियम प्रक्रियाओं के तहत कामकाज को व्यवस्थित कराने की पहल शुरू की तो प्रबंधन की ओर से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय को भी पत्र भेजा गया। इस पत्र के माध्यम से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने स्पष्ट कर दिया कि प्रो अशोक सिंह वहां से भी पेंशन ले रहे हैं। बकायदा पेंशन भुगतान आदेश भी प्रेषित कर दिया तब संत गहिरा गुरु विश्विद्यालय प्रबंधन ने तत्कालीन कुलपति को भुगतान की गई अतिरिक्त राशि की गणना की तो वह 54 लाख से अधिक हुई। पहले मौखिक रूप से राशि वापस कर देने को लेकर चर्चा हुई। अब बकायदा लिखित रूप से पत्राचार किया जा रहा है। धारा 52 के तहत हटाए गए थे प्रो अशोक सिंह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रो अशोक सिंह को पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में संत गहिरा गुरु विश्विद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया था। छत्तीसगढ़ में भाजपा के सत्तासीन होने के बाद धारा 52 के तहत उन्हें पद से हटा दिया गया था। उनके कामकाज के तरीके को सही नहीं माना गया था। वे दूसरे कुलपति थे जिन्हें धारा 52 के तहत हटाया गया है।  

संस्कृति और कला को मिलेगा नया आयाम, MP में बनेंगे थीम पार्क : यादव

  बार्सिलोना/भोपाल,  मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पेन यात्रा के दौरान बार्सिलोना में भारतीय समुदाय से मुलाकात की और कहा कि वहां का माहौल उन्हें उनके अपने शहर उज्जैन जैसा लगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी भारतीय जाते हैं, वे अपनी परंपराओं और त्योहारों से गहराई से जुड़े रहते हैं। यह केवल संवाद नहीं, बल्कि आत्मीय जुड़ाव है। सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री यादव ने स्पेन की राजधानी में स्थित विश्वप्रसिद्ध "पार्क गेल" का दौरा किया और कहा कि इसी प्रकार के आकर्षक थीम आधारित सांस्कृतिक और कलात्मक पार्क मध्यप्रदेश में भी विकसित किए जा सकते हैं। उन्होंने इस पार्क की प्राकृतिक सुंदरता और वास्तुकला की समरसता की सराहना की। मुख्यमंत्री 13 से 19 जुलाई तक दुबई और स्पेन की आधिकारिक यात्रा पर हैं, जहां उन्होंने शीर्ष व्यापारिक प्रतिनिधियों से मुलाकात कर मध्यप्रदेश की निवेशक हितैषी नीतियों का प्रचार प्रसार किया। उन्होंने कहा कि आज मध्यप्रदेश संभावनाओं की भूमि नहीं, बल्कि निवेश के लिए एक ठोस मंच बन चुका है, जहां नीति, प्रक्रिया और प्रोत्साहनों से जुड़ी व्यापक सुधार योजनाएं लागू की गई हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार चिकित्सा कॉलेज स्थापित करने वाले संस्थानों को मात्र 1 रुपये में 25 एकड़ भूमि उपलब्ध कराएगी, जिससे ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंच सकें। इसके अलावा, 100 करोड़ रुपये तक के होटल परियोजनाओं को 30 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी, ताकि राज्य में विश्वस्तरीय पर्यटन ढांचा विकसित किया जा सके। आईटी सेक्टर को छोटे शहरों तक विस्तार देने की दिशा में भी सरकार तेजी से काम कर रही है और प्रत्येक क्षेत्र के लिए पृथक नीति व सहायता तंत्र विकसित किया गया है। पार्क गेल के भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने आर्किटेक्ट एंटोनी गौदी की कला की सराहना करते हुए कहा कि वहां की "ड्रैगन सीढ़ियां", 86 स्तंभों वाला हाइपोस्टाइल हॉल और रंग बिरंगे मोजैक से सजा सर्पाकार बेंच जैसे कलात्मक तत्व शहरी सौंदर्यीकरण और सांस्कृतिक सजीवता का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में भी पारंपरिक कला और आधुनिक शिल्प के समन्वय से ऐसे थीम आधारित आर्ट पार्क विकसित किए जा सकते हैं जो पर्यावरण के साथ सामंजस्य बनाते हुए जन सहभागिता को बढ़ावा दें।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वतंत्रता सेनानी बटुकेश्वर दत्त को दी श्रद्धांजलि

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महान स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रांतिकारी स्व. बटुकेश्वर दत्त की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र उनकी अमर गाथा को सदैव स्मरण करता रहेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसियेशन की सदस्यता लेकर बटुकेश्वर दत्त ने सुखदेव और राजगुरु के साथ स्वतंत्रता संग्राम के प्रयासों को नई दिशा दी। उनके अद्वितीय साहस और बलिदान ने स्वतंत्रता के संकल्प को और अधिक मजबूत किया। राष्ट्र सदैव आपका ऋणी रहेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश की स्वतंत्रता के लिए बटुकेश्वर दत्त ने जिस निडरता और आत्म-बलिदान की भावना का परिचय दिया, वह हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उल्लेखनीय है कि स्व. बटुकेश्वर दत्त ने भगत सिंह के साथ 1929 में दिल्ली स्थित केंद्रीय विधानसभा में बम फेंककर ब्रिटिश शासन के खिलाफ क्रांति का बिगुल फूंका था। गिरफ्तारी के बाद उन्होंने न्यायालय में ब्रिटिश सरकार की नीतियों का डटकर विरोध किया, इस कारण उन्हें आजीवन कारावास की सजा भुगतनी पड़ी।  

मुख्यमंत्री साय ने कहा- रजक समाज की भूमिका सनातन परंपराओं की निरंतरता में अत्यंत महत्वपूर्ण

रायपुर  शिक्षा ही वह साधन है, जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकता है और अपने सपनों को साकार कर सकता है। शिक्षा से ही रोजगार के अवसर सृजित होते हैं। व्यक्तिगत और सामाजिक विकास के लिए शिक्षा अत्यंत आवश्यक है। "सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” हमारी सरकार का मूलमंत्र है। वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के राष्ट्रीय संकल्प में छत्तीसगढ़ की महत्त्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित है। हमने राष्ट्रीय विजन के अनुरूप छत्तीसगढ़ विजन डॉक्युमेंट भी जारी किया है, और उसके प्रत्येक बिंदु को धरातल पर उतारने की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बिलासपुर के सिम्स ऑडिटोरियम में आयोजित रजक युवा गाडगे सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री श्री साय ने संत गाडगे महाराज की पूजा-अर्चना कर राज्य स्तरीय गाडगे सम्मेलन का शुभारंभ किया। उन्होंने सम्मेलन में रजक समाज के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं, प्रबुद्धजनों एवं समाजसेवियों को शाल एवं श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि रजक समाज का सामाजिक समरसता और सेवा भाव हमेशा से अनुकरणीय रहा है।छत्तीसगढ़ के प्रत्येक गांव में इस समाज की उपस्थिति है, और शादी-विवाह, छठ्ठी सहित अन्य सनातन परंपराएं इनके सहयोग के बिना पूर्ण नहीं होतीं। इनके पुश्तैनी व्यवसाय के सशक्तिकरण हेतु राज्य सरकार ने रजककार विकास बोर्ड का गठन किया है, जिसके माध्यम से उन्हें किफायती दर पर ऋण सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि समाज के युवाओं को उन्नति के नए आयाम तक पहुँचाने के लिए राज्य सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और सुशासन की स्थापना के लिए राज्य सरकार ने सुशासन एवं अभिसरण विभाग का गठन किया है। आज अधिकांश सेवाएं ऑनलाइन मोड में संचालित की जा रही हैं, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार की गुंजाइश समाप्त हुई है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रत्येक गारंटी को वचनबद्धता के साथ पूर्ण कर रही है। हमने 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी की है। महतारी वंदन योजना के अंतर्गत 70 लाख महिलाओं को प्रति माह एक-एक हजार रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। तेन्दूपत्ता की खरीदी 5500 रुपये प्रति मानक बोरा की दर से की जा रही है।  मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नई औद्योगिक नीति के माध्यम से महिलाओं, अनुसूचित जातियों, जनजातियों एवं दिव्यांगजनों को रोजगार एवं उद्योग स्थापित करने हेतु विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। नई उद्योग नीति से आकर्षित होकर बीते छह से आठ महीनों में लगभग साढ़े छह लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। राज्य सरकार ने युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों के अवसर सृजित किए हैं। डेढ़ वर्षों में लगभग 10 हजार सरकारी नौकरियाँ प्रदान की गई हैं। पाँच हजार शिक्षकों की भर्ती हेतु शीघ्र ही विज्ञापन जारी किया जाएगा। साथ ही, स्वरोजगार के लिए भी सकारात्मक वातावरण तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने उद्बोधन के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से हमें अलग छत्तीसगढ़ राज्य मिला। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के 15 वर्षों के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से राज्य को भुखमरी की समस्या से मुक्ति मिली और जनकल्याणकारी योजनाओं का विस्तार हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता रजककार विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रहलाद रजक ने की। कार्यक्रम का संचालन सुप्रसिद्ध लोकगायिका श्रीमती रजनी रजक द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विधायक श्री अमर अग्रवाल, श्री धरमलाल कौशिक, श्री धर्मजीत सिंह, श्री सुशांत शुक्ला, क्रेडा अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सवन्नी सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

उप मुख्यमंत्री श्देवड़ा ने किया महर्षि वाल्मीकि एवं महर्षि वेदव्यास की प्रतिमा का अनावरण

भोपाल उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने तुलसी मानस प्रतिष्ठान मानस भवन भोपाल के प्रमुख प्रवेश द्वार पर रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि और महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास की प्रतिमाओं का अनावरण किया। इस अवसर पर तुलसी मानस प्रतिष्ठान के कार्याध्यक्ष श्री रघुनंदन शर्मा, श्री सुरेश पचौरी, श्री रमेश शर्मा, पदमश्री श्री विजयदत्त श्रीधर और प्रतिष्ठान के सदस्य उपस्थित थे।  

ट्रेन में बच्ची की भूख ने किया परेशान, रेलवे की मदद बनी राहत की मिसाल

भोपाल रेल यात्रा केवल एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने का माध्यम नहीं, बल्कि यह मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा अनुभव भी होता है। ऐसा ही एक संवेदनशील और मार्मिक दृश्य शनिवार की सुबह भोपाल रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला, जब रेलवे ने एक भूख से बिलखती सात माह की मासूम बच्ची को समय पर राहत पहुंचाकर इंसानियत की मिसाल पेश की। फिरोजपुर छावनी से हजूर साहिब नांदेड़ जा रही साप्ताहिक एक्सप्रेस (ट्रेन 14622) के एम-4 कोच में सफर कर रहे गुरप्रीत सिंह अपनी पत्नी और सात माह की बेटी सुखमणि के साथ यात्रा पर थे। जब ट्रेन बीना स्टेशन के आसपास थी, तभी बच्ची को भूख लगी, लेकिन उनके पास जो दूध था वह खराब हो चुका था। उन्होंने बीना और विदिशा स्टेशनों पर दूध की कोशिश की, लेकिन सुबह का समय होने के कारण कहीं भी दूध उपलब्ध नहीं हो सका।   ट्विटर के माध्यम से मांगी मदद बच्ची की भूख से व्याकुल हालत को देखकर गुरप्रीत सिंह ने रेलवे मंत्रालय को ट्विटर के माध्यम से मदद की गुहार लगाई। रेलवे मंत्रालय ने तुरंत ही भोपाल रेल मंडल को इसकी सूचना दी और मानवीय संवेदनाओं को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की गई। भोपाल स्टेशन पर दोनों प्रकार का दूध उपलब्ध कराया भोपाल रेल मंडल के वाणिज्य विभाग की टीम अलर्ट मोड में आई और ट्रेन के भोपाल स्टेशन पहुंचते ही बच्ची के लिए गर्म और ठंडा दोनों प्रकार का दूध उपलब्ध करवाया गया। अधिकारियों ने बताया कि यात्री द्वारा गर्म या ठंडे दूध की स्पष्ट मांग नहीं की गई थी, इसीलिए दोनों विकल्प मुहैया कराए गए ताकि बच्ची को तुरंत राहत दी जा सके।  

इंग्लैंड को मिली बड़ी जिम्मेदारी, 2031 तक वहीं होंगे WTC फाइनल मुकाबले

नई दिल्ली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जब से शुरू हुई है तब से इसका फाइनल मैच इंग्लैंड में ही खेला गया। अभी तक खेले तीन फाइनलों में से एक में भी इंग्लैंड की टीम नहीं पहुंची है। आईसीसी ने ये पहले ही तय कर दिया था कि चैंपियनशिप के शुरुआती तीन फाइनल इंग्लैंड की मेजबानी में होंगे। फिर संभावना जताई जा रही थी कि अब आईसीसी इसका वेन्यू बदलेगा और किसी अन्य देश को मेजबानी सौंपेगे। इस बारे में क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था ने फैसला कर लिया है। आईसीसी की सिंगापुर में हुई वार्षिक आम बैठक में फैसला किया गया है कि 2031 तक होने वाले वर्ल़्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मैच इंग्लैंड में ही खेले जाएंगे। यानी अगले तीन एडिशंस के फाइनल भी इंग्लैंड के मैदानों पर होंगे। इस कारण लिया फैसला इसकी मेजबानी की रेस में ऑस्ट्रेलिया और भारत भी थे। बीसीसीआई के पूर्व सचिन जय शाह आईसीसी के चेयरमैन है और इसलिए उम्मीद जताई जा रही थी कि हो सकता है कि भारत को मेजबानी मिल जाए, लेकिन बीसीसीआई को निराशा हाथ लगी है। आईसीसी ने इंग्लैंड में ही फाइनल कराने के पीछे तर्क दिया है कि इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड का पिछले तीन फाइनल का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार है। साल 2021 में पहला फाइनल साउथैम्पटन में भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था। दूसरा फाइनल द ओवल में साल 2023 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ था। तीसरा फाइनल इसी साल ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच लॉर्ड्स में खेला गया था। आईसीसी ने अपने बयान में कहा, "हाल ही में हुए फाइनल मैचों की मेजबानी के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए बोर्ड 2027, 2029 और 2031 में होने वाले आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की मेजबानी भी इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड को देने की पुष्टि करता है।" इंग्लैंड को जीतना होगा खिताब अभी तक तीनों फाइनलों में इंग्लैंड की टीम नहीं देखी गई है जबकि उसने बैजबॉल के नाम से काफी हाइप बनाया है। अब ये देखना होगा कि बेन स्टोक्स की कप्तानी वाली इंग्लैंड अगले तीन संस्करणों में से कितनी बार फाइनल में पहुंचने में सफल रहती है। इंग्लैंड की टीम भी खिताब जीतने की हकदार है।  

हिमाचल में आपदा राहत के लिए केंद्र सक्रिय, अमित शाह ने बहु-क्षेत्रीय टीम के गठन की घोषणा की

नई दिल्ली केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं की आवृत्ति व तीव्रता को देख एक बहु-क्षेत्रीय केंद्रीय टीम के गठन का निर्देश दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह महसूस किया गया कि हिमाचल प्रदेश में बादल फटने, अचानक बाढ़, भूस्खलन और मूसलाधार वर्षा की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि हुई है, जिससे राज्य में व्यापक जनहानि, बुनियादी ढांचे और आजीविका को नुकसान और पर्यावरण क्षरण हुआ है। अमित शाह ने तुरंत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की, भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) पुणे, भूविज्ञानी और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) इंदौर के विशेषज्ञों की एक बहु-क्षेत्रीय केंद्रीय टीम गठित करने का आदेश दिया। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान बाढ़, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के मद्देनजर, केंद्र सरकार ने उनके ज्ञापन का इंतजार किए बिना ही, नुकसान का प्रत्यक्ष आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (आईएमसीटी) को पहले ही भेज दिया है। यह अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल 18 से 21 जुलाई तक राज्य के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, केंद्र सरकार आपदाओं के समय बिना किसी भेदभाव के राज्यों के साथ मजबूती से खड़ी है। इसी दिशा में, केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति ने वर्ष 2023 के लिए बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए हिमाचल प्रदेश को 2,006.40 करोड़ रुपए के परिव्यय को पहले ही मंजूरी दे दी है और 7 जुलाई 2025 को 451.44 करोड़ रुपए की पहली किस्त भी जारी कर दी है। इसके अलावा, राज्य के प्रभावित लोगों की सहायता के लिए, केंद्र सरकार ने तत्काल राहत उपायों के लिए 18 जून 2025 को राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) से हिमाचल प्रदेश को 198.80 करोड़ रुपए की केंद्रीय हिस्सेदारी की पहली किस्त पहले ही जारी कर दी है। केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश सहित सभी राज्यों को आवश्यक राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) टीमें, सेना टीमें और वायु सेना की तैनाती सहित सभी प्रकार की रसद सहायता भी प्रदान की है। राज्य में बचाव और राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ की कुल 13 टीमें तैनात हैं।

इंदौर की बहू की स्मृति में सराहनीय कदम, परिवार ने मुआवजा समाज सेवा को किया समर्पित

इंदौर अहमदाबाद विमान दुर्घटना में दिवंगत हुई हरप्रीत कौर, अब उनके नाम पर होने वाले सेवा कार्यों से देवी अहिल्या की नगरी इंदौर में याद की जाएगी। सिख समाज के आठवें गुरु श्री हर किशन साहिब के प्रकाश पर्व के मौके उनके के पिता ने सेवा कार्यों के लिए राम हरप्रीत मेमोरियल ट्रस्ट का गठन कर श्री गुरु सिंघ सभा इंदौर को प्रारंभिक अंशदान के रूप में दो लाख की राशि प्रदान कर इस पुनीत कार्य की शुरुआत कर दी है। साथ ही यह भी कहा है बिटिया की बचत एवं उनका स्वयं के द्वारा दी जाने वाली राशि के अलावा बेटी को एयर इंडिया व अन्य योजनाओं से जितनी भी राशि आएगी उससे जरूरतमंदों की मदद की जाएगी। पिता ने की सेवा के कार्य की शुरुआत संत नगर स्थित गुरुद्वारे में मनाए गए गुरु हरकिशन साहिब के प्रकाश पर्व के मौके पर दिवंगत हुई हरप्रीत कौर के नाम पर सेवा के कार्य की शुरुआत पिता महेंद्रपाल सिंह होरा ने की। उन्होंने श्री गुरुसिंघ सभा के प्रधान हरपाल सिंह भाटिया के हाथों में ट्रस्ट का वो पत्र सौंपा जिसमें प्रारंभिक दो लाख रुपए के अंशदान से शुरुआत करने की लिखित सहमति दी। पिता ने बताया कि उनकी बेटी हरप्रीत की आत्मा सेवा, श्रद्धा और करुणा की प्रतीक थी।   सभी मुआवजा राशि ट्रस्ट को होगी समर्पित बचपन से ही वे गुरमुखी अध्ययन, शबद कीर्तन और सामाजिक आयोजनों में रुचि रखती थीं एवं गुरुद्वारे के सेवा कार्यों में सक्रिय रूप से सहभागी रहती थीं। ऐसे में हरप्रीत की स्मृतियो को समाज कल्याण से जोड़ने के उद्देश्य से ट्रस्ट" की स्थापना की है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और बेटियों के सशक्तिकरण हेतु कार्य करेगा। साथ ही आने वाले समय में एयर इंडिया, टाटा ट्रस्ट, बीमा कंपनियों अन्य माध्यम से कोई भी मुआवज़ा या वित्तीय सहायता प्राप्त होती है, तो वह राशि भी इसी ट्रस्ट को समर्पित की जाएगी। सहरानीय है पिता का यह कदम श्री गुरुसिंघ सभा के अध्यक्ष हरपाल सिंह भाटिया ने बताया कि परिजन गुरुद्वारे आए थे। उन्होंने एक पत्र देकर दो लाख की राशि से ट्रस्ट बनाने की घोषणा की है। इससे महिला एवं जरूरतममंदों बच्चों के लिए शिक्षा सहयता अन्य कार्य किए जाएंगे। उनकी यह पहल प्रेरणा दायी है। इंदौर में था ससुराल इसलिए यहां आकर बनाया ट्रस्ट 12 जून 2025 को हुए प्लेन क्रेश में हरप्रीत सदा के लिए अपने परिवार से बिछड़ गईं। उनका ससुराल इंदौर में है। इसीलिए पिता ने ट्रस्ट की शुरुआत बड़ा दिल रखकर इसी शहर से की है, जिससे अहमदाबाद की बिटिया और इंदौर की बहु की याद चिरस्थाई बनी रहे।

चुनावी धांधली से हारी कांग्रेस? महाराष्ट्र चुनाव पर उदित राज का बयान

नई दिल्ली शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली हार के लिए उस गलती को जिम्मेदार ठहराया है, जिसमें सीट बंटवारे के दौरान देरी हुई और लोगों में गलत संदेश गया। ठाकरे ने माना है कि यह एक गलती थी, जिसे सुधारना होगा। अगर भविष्य में ऐसी गलतियां होती रहीं तो गठबंधन में रहने का कोई मतलब नहीं है। ठाकरे के इस बयान के बाद से महाराष्ट्र और राजधानी दिल्ली की सियासत तेज हो गई है। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बयान पर कांग्रेस नेता उदित राज ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने यहां तक कह दिया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी की हार का मुख्य कारण फर्जीवाड़ा था। रविवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि देखिए, उद्धव ठाकरे के हिसाब से जो वो कारण बता रहे हैं, वह कारण भी हो सकता है। लेकिन, वह बहुत छोटा कारण होगा। चुनाव में हार की असली वजह फर्जीवाड़ा ही है। शाम 5 बजे के बाद लगभग 70 लाख वोट कैसे डाले जा सकते हैं? क्या यह संभव भी है? और, विपक्ष के वोट जानबूझकर कम किए गए। जब मतदान हो रहा था तब बाहर से मतदाताओं को लाया गया था। कुछ जगहों पर, एक ही पते पर हजारों मतदाता पंजीकृत हैं। कांग्रेस नेता उदित राज के मुताबिक, महाराष्ट्र के चुनावों में धोखाधड़ी की गई है। हमारे नेता राहुल गांधी ने तथ्यों के आधार पर चुनाव आयोग से सवाल किए। इतने महीने बीतने के बावजूद भी आयोग राहुल गांधी के सवालों के जवाब नहीं दे पाया है। इसे क्या समझा जाए? कांग्रेस नेता ने कहा कि मतदान के दौरान सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाती है। लेकिन, चुनाव आयोग ने एक नियम बना दिया है कि 45 दिनों के बाद सीसीटीवी फुटेज को नष्ट कर दिया जाता है। शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने इस बात को स्वीकार किया कि उन्हें कुछ ऐसी सीटें भी गठबंधन के सहयोगियों को देनी पड़ी, जिस पर उनके उम्मीदवार जीतते रहे थे। उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर अंतिम क्षणों तक हुई बातचीत से जनता के बीच हमारे बारे में गलत संदेश गया। भविष्य में ऐसा होता है तो साथ में रहने का क्या मतलब रह जाएगा?