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करोड़ों के शराब घोटाले में नया मोड़, EOW ने कसा शिकंजा, तीन गिरफ्तार

रायपुर शराब घोटाला मामले में EOW ने बड़ी कार्रवाई की है. EOW ने मनीष मिश्रा, संजय कुमार मिश्रा और अभिषेक सिंह को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा कि संजय और मनीष नेक्सजेन पॉवर कंपनी बनाकर FL 10 लाइसेंस लेकर प्रदेश में महंगी ब्रांडेड अंग्रेजी शराब की सप्लाई करते थे. बता दें कि मनीष और संजय कुमार आपस में सगे भाई हैं. संजय कुमार पेशे से चार्टड अकाउंटेंट हैं. अभिषेक सिंह पूर्व में आबकारी घोटाले के आरोपी अरविंद सिंह का भतीजा है. तीनों आरोपियों को EOW की विशेष कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां से तीनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा सकती है. बता दें कि हाल ही में ईडी ने शराब घोटाला मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था. उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है. क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामला वर्ष 2019 से 2023 के बीच, राज्य के 15 बड़े जिलों में पदस्थ आबकारी अधिकारी और अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा बिना ड्यूटी चुकाई गई देसी शराब (B-Part शराब) की शासकीय दुकानों में समानांतर अवैध बिक्री की गई. बस्तर और सरगुजा संभाग को छोड़कर चयनित जिलों में अधिक खपत वाली देसी शराब दुकानों को डिस्टलरी से सीधे अतिरिक्त अवैध शराब भेजी जाती थी, जिसे वैध शराब के साथ समानांतर बेचा जाता था. इस पूरे नेटवर्क में डिस्टलरी, ट्रांसपोर्टर, सेल्समैन, सुपरवाइजर, आबकारी विभाग के जिला प्रभारी अधिकारी, मंडल व वृत्त प्रभारी, और मैन पावर एजेंसी के अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे. अवैध शराब को “बी-पार्ट शराब” कहा जाता था, और इससे अर्जित रकम सीधे सिंडीकेट के पास पहुंचाई जाती थी. 2174 से बढ़कर 3200 करोड़ का हुआ घोटाला EOW/ACB द्वारा अब तक की गई जांच और 200 से अधिक व्यक्तियों के बयान एवं डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर अनुमान है कि लगभग 60,50,950 पेटी बी-पार्ट शराब की अवैध बिक्री हुई है, जिसकी अनुमानित कीमत 2174 करोड़ रुपये से अधिक है. पहले इस घोटाले का अनुमान 2174 करोड़ रुपये था, लेकिन नवीनतम आंकड़ों के अनुसार घोटाले की कुल राशि 3200 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है. अब तक हुई प्रमुख गिरफ्तारियां इस प्रकरण में अब तक अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, कवासी लखमा, विजय भाटिया सहित कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. FIR के अनुसार 70 आरोपी नामजद हैं. चतुर्थ पूरक चालान की प्रस्तुति हेतु न्यायालय ने आरोपियों को नोटिस जारी किए थे, लेकिन वे न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए. EOW/ACB की जांच जारी EOW/ACB द्वारा अब भी इस मामले की गहन जांच जारी है, जिसमें विदेशी शराब में लिये गये सिंडीकेट कमीशन, धन शोधन के नेटवर्क और राज्य स्तरीय समन्वय तंत्र की परतें खोली जा रही हैं. पूर्व मंत्री को घोटाले में मिले 64 करोड़ रुपये शराब घोटाला मामले की जांच में अब तक यह सामने आया है कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा के संरक्षण में विभागीय अधिकारियों, सहयोगियों और ठेकेदारों के माध्यम से यह सुनियोजित घोटाला किया गया. इस घोटाले से प्राप्त रकम को व्यक्तिगत और पारिवारिक हितों में खर्च किया गया, जिससे उन्हें अनुचित आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ. अब तक तीन पूरक अभियोग पत्रों सहित कुल चार अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए जा चुके हैं. इस मामले में अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जांच जारी है.  शराब घोटाला मामले में 22 अफसर निलंबित बीती 11 जुलाई को छत्तीसगढ़ सरकार ने शराब घोटाला मामले में कुल 22 अधिकारियों को निलंबित किया था. यह कार्रवाई पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के दौरान हुए 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की जांच के आधार पर की गई है. वर्ष 2019 से 2023 के बीच हुए इस घोटाले में आबकारी विभाग के इन अधिकारियों की संलिप्तता पाई गई थी, जिन्होंने अवैध रूप से अर्जित धन से संपत्तियां बनाई थी.

प्रशासनिक फेरबदल की आहट: सीएम की वापसी के बाद तेज़ हुई बदलाव की चर्चा

भोपाल  स्पेन-दुबई की यात्रा से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को लौट आए। अब उनके विदेश के दौरे से लौटते ही प्रदेश में बड़े प्रशासनिक फेरबदल की अटकलें तेज हो गई हैं। मंत्रालय से लेकर फील्ड तक नॉन परफार्मर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की धड़कनें तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रालय से लेकर जिलों तक प्रशासनिक सर्जरी की जाना है। इसमें कलेक्टर, एसपी, संभागायुक्त से लेकर मंत्रालय में सचिव और प्रमुख सचिव के नाम शामिल हो सकते हैं। मंत्रालय में कई अधिकारियों की जिम्मेदारी बदल जा सकती है। कुछ अधिकारियों के पास एक से अधिक विभागों के काम की जिम्मेदारी है। इसको कम किया जा सकता है। कई जिलों के कलेक्टर बदले जाएंगे प्रदेश के एक दर्जन जिलों के कलेक्टर बदले जा सकते हैं। इसमें अलीराजपुर, भिंड, धार, रतलाम, शिवपुरी, गुना, रीवा, जबलपुर के कलेक्टर को बदला जा सकता है। जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना को राज्य स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। इसी प्रकार कुछ जिलों के कलेक्टर को भी बदला जा सकता है। वहीं लगभग 100 डिप्टी कलेक्टरों, जॉइंट कलेक्टरों और एडिशनल कलेक्टरों को भी नई पोस्टिंग मिल सकती है। प्रत्येक जिले को मिलेंगे एडीएम और जॉइंट कलेक्टर राज्य प्रशासनिक सेवा के डिप्टी कलेक्टरों में से 30 से ज्यादा को जॉइंट या एडिशनल कलेक्टर पद पर प्रमोट किया जा चुका है। इन अधिकारियों को अब उन जिलों में पदस्थ किया जाएगा, जहां अपर कलेक्टर नहीं हैं। ऐसे करीब 8-9 जिले चिन्हित किए गए हैं। जॉइंट कलेक्टरों की खाली जगहों को भी भरा जाएगा। प्रशासन ने इस बार यह भी ध्यान में रखा है कि पति-पत्नी दोनों यदि अधिकारी हैं तो उन्हें एक ही जिले में पोस्टिंग न दी जाए। मुख्यमंत्री मंत्रालय और जिलों में प्रशासनिक सर्जरी कर सकते हैं। इसमें कलेक्टर, एसपी, से लेकर सचिव जैसे बड़े अधिकारी शामिल हो सकते हैं। कई अधिकारियों के विभागों में बदलाव हो सकता है। कुछ अधिकारियों के पास ज्यादा विभागों की जिम्मेदारी है, जिसे कम किया जा सकता है। सीएम मोहन यादव विदेश यात्रा से रविवार को वापस आ गए हैं। उनके लौटते ही प्रदेश में बड़े प्रशासनिक फेरबदल की चर्चा तेज हो गई है। जो आईएएस और आईपीएस अधिकारी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, उनकी धड़कनें बढ़ गई हैं। मुख्यमंत्री मंत्रालय से लेकर जिलों तक अधिकारियों में बदलाव कर सकते हैं। कई स्तर पर हो सकते हैं तबादले सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के लगभग एक दर्जन जिलों के कलेक्टर बदले जा सकते हैं। अलीराजपुर, भिंड, धार, रतलाम, शिवपुरी, गुना, रीवा और जबलपुर जैसे जिलों के कलेक्टर बदले जा सकते हैं। जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना को राज्य स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। कुछ और जिलों के कलेक्टर भी बदले जा सकते हैं। लगभग 8-9 जिले ऐसे हैं जहां अपर कलेक्टर की पोस्ट खाली है। जॉइंट कलेक्टरों की खाली जगहों को भी भरा जा सकता है। प्रशासन इस बार इस बात का भी ध्यान रख रहा है कि अगर पति-पत्नी दोनों अधिकारी हैं तो उन्हें एक ही जिले में पोस्टिंग न दी जाए। इससे पहले कई बार ऐसा देखा गया है कि पति-पत्नी दोनों एक ही जिले में पदस्थ होते थे। रीवा पहुंचे सीएम मोहन यादव, दिवंगत ससुर को दी श्रद्धांजलि  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को अपने एक दिवसीय दौरे पर रीवा पहुंचे, जहां उन्होंने अपने दिवंगत ससुर ब्रह्मानंद यादव को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री विदेश दौरे पर थे और इसी कारण 16 जुलाई को हुए अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके थे। दिल्ली एयरपोर्ट से सीधे विशेष विमान के जरिए रीवा पहुंचे मुख्यमंत्री यादव ने पत्नी डॉ. सीमा यादव के साथ ससुराल पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की। इस दौरान वे लगभग 45 मिनट तक परिवार के साथ रहे और परिजनों को ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने रामानंद यादव और सदानंद यादव से मुलाकात कर दुख की इस घड़ी में साथ खड़े रहने का भरोसा दिलाया। भावुक माहौल के बीच मुख्यमंत्री ने ब्रह्मानंद यादव के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके चेहरे पर गहन सम्मान और भावुकता साफ झलक रही थी। स्वर्गीय ब्रह्मानंद यादव एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् थे, जिन्होंने जीवन के लगभग 50 वर्ष रीवा में व्यतीत किए। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के निवासी होने के बावजूद उन्होंने रीवा को अपनी कर्मभूमि और अंतिम विश्रामस्थली के रूप में स्वीकार किया। उनकी अंतिम इच्छा के अनुरूप उनका अंतिम संस्कार भी रीवा में ही किया गया। इससे पहले रविवार सुबह रीवा जिले के प्रभारी मंत्री प्रह्लाद पटेल भी ब्रह्मानंद यादव के निवास पर पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने परिजनों से मुलाकात कर गहरी संवेदना व्यक्त की।  

सशक्तिकरण की ओर कदम: अब महिलाएं करेंगी जलकर संग्रहण, मिलेगा प्रोत्साहन राशि

उज्जैन  उज्जैन जिले में गांवों में जल कर राशि जमा करवाने का चुनौतीभरा काम अब महिलाएं अपने हाथों में लेने वाली हैं। वे हर महीने जल जीवन मिशन के उपभोक्ताओं के घर पहुंचेंगी और उनसे जल कर की राशि लेंगी। इसके एवज में उन्हें भी जमा जलकर राशि का 20 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। जल जीवन मिशन अंतर्गत अधिकांश गांवों के कई घरों में नल कनेक्शन हैं। इनमें से कई परिवार रोज नलों से पानी भी लेते हैं लेकिन इसके बदले में जलकर जमा करने वालों की संया बहुत ही कम है। जलकर वसूली के लिए अभी तक प्रभावी व्यवस्था भी नहीं बनी है। ऐसे में पंचायत को राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है वहीं राशि की कमी में योजना का मेंटिनेंस भी नहीं हो पाता है। स्वसहायता समूह की महिलाएं देंगी दस्तक गांवों में राजस्व वसूली बढ़ाने अब जिले में नवाचार किया जा रहा है। इसके अंतर्गत अब महीने की 1 से 10 तारीख के बीच नल जल के उपभोक्ताओं के घर स्वसहायता समूह की महिलाएं दस्तक देंगी। वे उपभोक्ताओं को जलकर की जानकारी देने के साथ इसकी बकाया राशि जमा करवाएंगी। राशि क्यूआर कोड से भी जमा करवाई जाएगी ताकि पादर्शिता बनी रहे। साथ ही तीन रसीद बनेगी जिनमें एक उपभोक्ता, दूसरी पंचायत व तीसरी महिला सदस्य के पास रहेगी। जलकर वसूली की नई व्यवस्था जल्द ही लागू होने वाली है। शुरुआत उज्जैन जनपद के 57 व अन्य जनपदों की 10-10 योजनाओं (एक योजना में एक गावं) से होगी। व्यवस्था कारगर होने पर जिले की सभी योजनाओं में इसे लागू कर दिया जाएगा। महिलाओं को आर्थिक लाभ भी मिलेगा जल कर संग्रहित करने के लिए प्रत्येक गांव में स्वसहायता समूह की तीन-चार महिलाओं को अधिक्रत किया जाएगा। महीने की 1 से10 तारीख तक कर जमा करने के बाद इसकी 20 प्रतिशत राशि महिला के बैंक खाते में सीधे जमा की जाएगी। बता दें कि वर्तमान में पंचायत में 60 से 100 रुपए प्रतिमाह जलकर निर्धारित है। अभी इसे जमा करवाने की ठोस व्यवस्था नहीं है। हालांकि नलजल मिशन अंतर्गत ग्राम जल स्वच्छता समिति पहले से गठित है। जनपदवार दे रहे प्रशिक्षण जिले में नई व्यवस्था लागू करने से पूर्व जिला पंचायत के माध्यम से जनपदवार प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिला पंचायत की जिला समन्यक व ट्रेनिंग कार्यक्रम की नोडल अधिकारी कविता उपाध्याय ने बताया, कलेक्टर के निर्देश व जिला पंचायत सीईओ के मार्गदर्शन में नई व्यवस्था शुरू की जा रही है। समूह की चिन्हित महिलाओं व संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। जल जीवन मिशन अंतर्गत जलकर राशि संग्रहण के लिए नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इसमें स्वसहायता समूह की महिलाओं को जोडक़र उन्हें इसकी जिमेदारी दी जा रही है। इससे राजस्व संग्रहण में बढ़ोतरी होगी। – जयति सिंह, जिपं. सीईओ

मंत्री सारंग ने किया कई विकास योजनाओं का भूमि-पूजन, जनता को बड़ी सौगात

भोपाल सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने सोमवार को नरेला विधानसभा अंतर्गत वार्ड 38 में विभिन्न विकास कार्यों का भूमि-पूजन किया। मंत्री सारंग ने क्षेत्रवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि नरेला के समग्र विकास का संकल्प हमारी प्रतिबद्धता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार प्रदेश में हर क्षेत्र को विकास, सुशासन और जनकल्याण की मुख्यधारा से जोड़ रही है। मंत्री सारंग ने कहा कि नरेला के हर घर में नर्मदा जल के साथ ही सीएम राइज स्कूल, शासकीय कॉलेज, थीम आधारित आधुनिक पार्क, फ्लाईओवर, स्मार्ट सड़कों का नेटवर्क और आदर्श ड्रेनेज सिस्टम जैसी अधोसंरचनाएं क्षेत्र की तस्वीर और तकदीर बदल रही हैं। उन्होंने कहा कि नरेला के रहवासियों को सुविधाजनक, सुरक्षित और समृद्ध जीवन मिले इसके लिए हम कटिबद्ध हैं। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक सहित बड़ी संख्या में रहवासी उपस्थित रहे। विकास कार्यों की सौगात नरेला विधानसभा अंतर्गत वार्ड 38 के पुरुषोत्तम नगर, सेमरा, शिव मंदिर के पास सड़क निर्माण एवं सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाएगा। इन कार्यों से स्थानीय नागरिकों को सुगम और सुरक्षित आवागमन की सुविधा मिलेगी।  

लद्दाख की ऊंचाइयों पर सतना का परचम: रत्नेश पाण्डेय की बड़ी उपलब्धि

सतना  प्रदेश के प्रख्यात पर्वतारोही रत्नेश पाण्डेय ने लद्दाख क्षेत्र में स्थित 20,000 फीट से अधिक ऊंचाई वाली चार पर्वत चोटियों को महज तीन दिनों में फतह कर साहस, संकल्प और सतना की पहचान को नई ऊंचाई दी है। उन्होंने हर चोटी पर भारत का तिरंगा और अपने गृहनगर सतना का ध्वज लहराया और आई लव सतना और जय हिंद का घोष किया है। सबसे ऊंची चोटी है ग्यामा कांगरी ईस्ट दरअसल रत्नेश पाण्डेय ने जिन पर्वत चोटियों को सफलतापूर्वक फतह किया है, उनमें चार अत्यंत दुर्गम और ऊंचाई वाली चोटियां शामिल हैं। इनमें सबसे ऊंची चोटी ग्यामा कांगरी ईस्ट है। जिसकी ऊंचाई 6,108 मीटर है। इसके अलावा उन्होंने कीगर री (6,100 मीटर), यालुंग नोंग 1 (6,050 मीटर) और यालुंग नोंग 2 (6,080 मीटर) पर भी विजय प्राप्त की है। ये सभी चोटियां समुद्र तल से 20,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित हैं। ढह गया तंबू, फिर भी नही टूटी हिम्मत यह पर्वतारोहण अभियान अत्यधिक बारिश, बर्फबारी और तेज़ हवाओं जैसी खतरनाक परिस्थितियों के बीच पूरा हुआ है। अभियान के दौरान एक हिम तूफान ने उनका तंबू तक ढहा दिया। लेकिन रत्नेश और उनकी टीम ने माउंट एवरेस्ट पर अर्जित अनुभव और साहस के बल पर न केवल खुद को सुरक्षित रखा है बल्कि अभियान को दोबारा शुरू कर सफलता के साथ पूरा भी किया है। मंगल चांद पर जीवन ढूढ़ना तकनीकी उपलब्धि रत्नेश का यह मिशन पूरी तरह अल्पाइन स्टाइल में पूरा किया गया है। जिसमें बिना बाहरी सहायता के सभी ज़रूरतें टीम ने खुद पूरी कीं है। उन्होंने पर्वतारोहण को केवल खेल नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और मानसिक-शारीरिक स्वास्थ्य के लिए एक ज़रूरी साधन बताया। उन्होंने कहा मंगल और चांद पर जीवन ढूंढना तकनीकी उपलब्धि हो सकती है। लेकिन धरती मां पर जीवन को बचाना हमारी सबसे बड़ी नैतिक ज़िम्मेदारी होनी चाहिए। टीम के सहयोगियों को दिया श्रेय उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय टीम के अन्य सदस्यों स्टेंजिन लापु, दावा शेर्पा और अब्दुल कयूम को दिया और बताया कि हिमतूफान के बाद टीम जीपीएस की मदद से एक निचले गांव तक पहुंची और फिर मौसम साफ़ होने पर पुनः चढ़ाई शुरू की। सरकार कर चुकी है विक्रम पुरस्कार से सम्मानित गौरतलब हो कि सतना निवासी रत्नेश पाण्डेय को पहले ही मध्यप्रदेश सरकार के विक्रम पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। यह पुरस्कार उन्हें साहसिक खेलों की श्रेणी में पहली बार दिया गया था। वे एक प्रमाणित मास्टर इंस्ट्रक्टर और रेस्क्यू एक्सपर्ट भी हैं। लद्दाख प्रशासन ने उनके प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे अभियान साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ पर्यावरण चेतना भी फैलाते हैं।

वीरगति को प्राप्त हुए सिपाही श्री हरिओम नागर का पार्थिव शरीर पहुंचा भोपाल

वीरगति को प्राप्त हुए सिपाही श्री हरिओम नागर का पार्थिव शरीर पहुंचा भोपाल मंत्री श्री राकेश शुक्ला ने दी श्रद्धांजलि भोपाल जम्मू-कश्मीर के सियाचिन में मातृभूमि की सेवा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए राजगढ़ जिले के ग्राम टूटियाहैड़ी निवासी सिपाही श्री हरिओम नागर का पार्थिव शरीर सोमवार सायं लगभग 4 बजे विशेष विमान से भोपाल पहुंचा। भोपाल एयरपोर्ट पर नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला तथा अपर जिला दण्डाधिकारी श्री अंकुर मेश्राम ने पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और भारत माँ के इस वीर सपूत को नमन किया। उल्लेखनीय है कि सिपाही हरिओम नागर सियाचिन में भारत-पाक सीमा पर 13,000 फीट की ऊंचाई पर तैनात थे। ड्यूटी के दौरान 20 जुलाई की सुबह लगभग 9 बजे अचानक हुए भूस्खलन में एक विशाल शिला उनके ऊपर गिर गई, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए और वीरगति को प्राप्त हुए।  

अग्निवीरों को सम्मान: उत्तराखंड में सरकारी भर्तियों में 10% आरक्षण की योजना

देहरादून  सैनिक के रूप में देश की आन-बान-शान की रक्षा की जिम्मेदारी निभाने के बाद नागरिक जीवन में लौटने वाले पूर्व अग्निवीरों को उत्तराखंड में सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण मिल सकता है। अग्निवीरों के कल्याण और पुनर्वास के लिए उत्तराखंड सरकार विभिन्न विभागों की भर्तियों में क्षैतिज आरक्षण की सुविधा देने की तैयारी कर रही है। कार्मिक विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर विधायी विभाग को परामर्श के लिए भेज दिया है। रविवार को कार्मिक विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने 'हिन्दुस्तान' को बताया कि आरक्षण प्रस्ताव पर पिछले कुछ समय से मंथन चल रहा था। विधायी परामर्श के बाद आरक्षण प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी के लिए जाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार अग्निवीरों को वर्दीधारी सेवाओं में आरक्षण देने की सिफारिश की गई है। उत्तराखंड में पुलिस के साथ ही परिवहन, आबकारी, वन विभाग समेत कई विभाग हैं। अग्निवीर सेना से प्रशिक्षित होने की वजह से प्रवर्तन सेवाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले साल घोषणा की थी कि अग्निवीरों के सेवा पूरी करने के बाद उनके समायोजन, पुनर्वास के लिए ठोस व्यवस्था की जाएगी। इससे देश की सेवा के लिए समर्पित होने वाले नौजवानों को सेवा अवधि पूरी करने के बाद रोजगार, पुनर्वास के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। कमेटी दे चुकी है रिपोर्ट मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सरकार ने सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र चौधरी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था। यह कमेटी भी अपनी रिपेार्ट सरकार को सौंप चुकी है। इसमें अग्निवीरों को सेना में सेवा की अवधि के वर्षों की संख्या के अनुसार सरकारी सेवाओं में अधिकतम आयु सीमा में छूट, सेवा से लौटने के बाद शैक्षिक योग्यता बढ़ाने के इच्छुक पूर्व अग्निवीरों को राज्य के शिक्षण संस्थानों की सीटों पर एक तय सीमा तक आरक्षण तथा राज्य की स्वरोजगार और ऋण योजनाओं में भी प्राथमिकता देने की सिफारिश की गई है। वर्ष 2022 में शुरू हुई थी योजना वर्ष 2022 में केंद्र सरकार ने सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत भर्ती होने युवाओं को अग्निवीर नाम से जाना जाता है। यह सेवा चार साल की है। इसमें 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेना में स्थायी होने का अवसर भी मिलता है। वर्ष 2022 में यह योजना शुरू हुई थी। चार साल पूरे होने पर अग्निवीर वर्ष 2026 से नागरिक जीवन में लौटना शुरू करेंगे। यूपी में भी है 20 पर्सेंट आरक्षण इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार भी राज्य पुलिस बल में अग्निवीरों को 20 फीसदी क्षैतिज आरक्षण दे चुकी है। उन्हें आयु में 3 वर्ष की छूट भी प्रदान की गई है। इसके अलावा राजस्थान और हरियाणा में भी अग्निवीरों को आरक्षण देने की घोषणा की गई है। इसके अलावा कई केंद्रीय बलों में भी उन्हें आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।

इंसानियत की मिसाल बने कलेक्टर, आशीष सिंह ने सैलरी से बच्चों के सपनों को दिया सहारा

इंदौर  जिन बच्चों के लिए परीक्षा की राह फीस के कारण बंद हो रही थी, उनके लिए इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह उम्मीद की एक नई किरण बनकर सामने आए। आर्थिक तंगी से जूझ रहे 22 छात्रों की तकलीफ सुनने के बाद कलेक्टर ने जो किया, वो न सिर्फ प्रशासनिक संवेदनशीलता का उदाहरण है, बल्कि इंसानियत की मिसाल भी है। इतने पैसे नहीं कि स्कूल फीस और परीक्षा शुल्क भर सकें दरअसल, बीते महीने कलेक्टर आशीष सिंह मूसाखेड़ी स्थित शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल के निरीक्षण पर पहुंचे थे। वहां 10वीं और 12वीं के कई छात्रों ने अपनी परेशानी साझा की। उन्होंने बताया कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है, माता-पिता दिहाड़ी मजदूरी करते हैं, और इतने पैसे नहीं हैं कि वे स्कूल की फीस और परीक्षा शुल्क भर सकें। पढ़ाई छोड़नी पड़ सकती है सर एक छात्र ने डबडबाई आंखों से कहा-“पिता मजदूरी करते हैं, बड़ी मुश्किल से घर चलता है। फीस मांगी तो उन्होंने साफ कह दिया कि पढ़ाई छोड़नी होगी। तब कलेक्टर सर ने भरोसा दिलाया कि वे मदद करेंगे। आज हमारी फीस जमा हो चुकी है।” छात्रों की यह स्थिति सुनकर कलेक्टर भावुक हो गए। उन्होंने तुरंत स्कूल प्राचार्य से बात की और वादा किया कि वे इन बच्चों की फीस अपनी सैलरी से भरेंगे। वादा ही नहीं, बल्कि कुछ ही दिनों में उन्होंने करीब ₹65,000 का चेक स्कूल को सौंपा। इससे 22 बच्चों की पूरी सालभर की फीस और परीक्षा शुल्क जमा कर दिया गया। बच्चों की पढ़ाई न रुके, यही मकसद प्राचार्य शव सेवक मौर्य ने बताया- “कलेक्टर सर जब स्कूल आए थे, तब कई छात्रों ने अपनी परेशानी बताई थी। उन्होंने तुरंत कहा कि बच्चों की पढ़ाई नहीं रुकनी चाहिए। उन्होंने अपनी सैलरी से राशि दी और अब सभी 22 बच्चों की फीस जमा हो गई है।” जानकारी के अनुसार, स्कूल की सालभर की फीस ₹1200 और परीक्षा शुल्क ₹1500 है। गरीब तबके से आने वाले इन बच्चों के लिए ये राशि भी बहुत बड़ी थी। लेकिन अब वे न सिर्फ स्कूल जा सकेंगे, बल्कि परीक्षा भी दे सकेंगे। एक अधिकारी, जो बच्चों का ‘भविष्य रक्षक’ बन गया कलेक्टर आशीष सिंह का यह कदम सिर्फ प्रशासनिक पहल नहीं, बल्कि उन तमाम बच्चों के लिए प्रेरणा है, जो आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद पढ़ना चाहते हैं। उनका यह कार्य यह दर्शाता है कि जब किसी पद पर बैठा इंसान दिल से जिम्मेदारी निभाता है, तो कई जिंदगियां संवर जाती हैं। इन 22 छात्रों की आंखों में अब डर नहीं, बल्कि एक उम्मीद है- कि वे भी कुछ बन सकते हैं, क्योंकि कोई तो है जो बिना शोर किए उनके पीछे खड़ा है। यह सिर्फ फीस भरने की कहानी नहीं है, यह एक नई सुबह की शुरुआत है।

मिशेल ओवेन का ऐतिहासिक डेब्यू, पहले ही मैच में रचा रिकॉर्ड, अर्धशतक के साथ दिग्गजों की लिस्ट में शामिल

मेलबर्न  ऑस्ट्रेलिया ने 5 मैचों की टी20 सीरीज के पहले मैच में वेस्टइंडीज के 3 विकेट से मात देकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है. 190 रनों के लक्ष्य को मेहमान टीम ऑस्ट्रेलिया ने 7 गेंद शेष रहते ही हासिल कर लिया. ये मैच ऑस्ट्रेलियाई डेब्यूटंट मिशेल ओवेन के नाम रह, जिन्होंने मैच में कई उपलब्धियां हासिल की. मिशेल ओवेन ने डेब्यू मैच में रचा इतिहास मिशेल ओवेन ने अपने पदार्पण मैच में ही शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने 27 गेंदों पर 50 रनों की तेज पारी खेली, जिसमें 6 छक्के शामिल थे. इसके साथ वो डेब्यू मैच में अर्धशतक जड़ने वाले तीसरे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बन गए. इससे पहले ये कारना रिकी पोंटिंग और डेविड वॉर्नर अंजाम दे चुके है. मैच में शानदार और मैच जिताऊ पारी खेलने की वजह से मिशेल ओवेन को प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड दिया गया. जिसके साथ वो डेब्यू मैच में ये अवॉर्ड जीतने वाले चौथे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज भी बन गए हैं. इससे पहले इस लिस्ट में रिकी पोंटिंग (2005), कैमरून व्हाइट (2007), और डेविड वॉर्नर (2009) का नाम शामिल है. इसके अलावा ओवेन ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. वो सबसे ज्यादा 186.34 की स्ट्राइक रेट से 1,000 टी20 रन पूरा करने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बन गए हैं. इससे पहले ये रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के फिन एलन के नाम था, जिन्होंने 173.81 की स्ट्राइक रेट के साथ 1000 रन पूरा किया था. WI vs AUS पहले टी20 मैच की हाइलाइट्स वेस्टइंडीज बनाम ऑस्ट्रेलिया पहले टी20 मैच की बात करें तो मेहमान टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया. पहले बल्लेबाजी करते हुए मेजबान टीम नें पूरे 20 ओवर में 8 विकेट खोकर 189 रन बनाए. जिसमें कप्तान शाई होप के 39 गेंद में 55 रन, रोस्टन चेस के 32 गेंद में 60 रन और शिमरन हेटमायर के 19 गेंद में 38 रन सबसे ज्यादा थे. ऑस्ट्रेलिया की ओर से ड्वार्शुइस ने 23 रन देकर 4 विकेट लिए, जबकि ओवेन, सीन एबॉट और कॉनॉली ने एक-एक विकेट लिया. 190 रनों के के मुश्किल लक्ष्य को मेहमान टीम ने ओवेन और कैमरून ग्रीन के अर्धशतकों की बदौलत सात गेंद शेष रहते ही चेस कर लिया. ओवेन 27 गेंद पर 50 और ग्रीन ने 26 गेंद पर 51 रनों की पारी खेली. वेस्टइंडीज की ओर से जेसन होल्डर, अल्जारी जोसेफ और गुडकेश मोटी ने 2-2 विकेट लिए, जबकि अकिला हुसैन को एक विकेट मिला. सीरीज का दूसरा मैच इसी ग्राउंड पर 23 जुलाई को खेला जाएगा.

अमरकंटक से भोरमदेव तक: भावना बोहरा की आस्था की 151 किमी लंबी कांवड़ यात्रा शुरू

कवर्धा सावन के दूसरे सोमवार को शिवभक्ति की एक अनूठी मिसाल देखने को मिली, जब पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने मां नर्मदा के जल के साथ 151 किलोमीटर लंबी पदयात्रा की शुरुआत की। अमरकंटक से कांवड़ लेकर निकलीं विधायक बोहरा इस कठिन यात्रा के दौरान जंगल, पहाड़, नदी-नाले पार करते हुए डोंगरिया स्थित जलेश्वर महादेव और प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर में जलाभिषेक करेंगी। बता दें कि आज सुबह अमरकंटक पहुंचकर विधायक भावना बोहरा ने विधि-विधान से मां नर्मदा की पूजा की और छत्तीसगढ़ राज्य की सुख-शांति व समृद्धि की कामना करते हुए संकल्प के साथ यात्रा का शुभारंभ किया। इस दौरान ‘बोल बम’ और ‘हर हर नर्मदे’ के जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो उठा। इस यात्रा में उनके साथ सैकड़ों शिवभक्त भी कांवड़ उठाकर निकल चुके हैं। यह जत्था सात दिनों की कठिन यात्रा के बाद अपने गंतव्य तक पहुंचेगा, रास्ते में पहाड़ी इलाके, बीहड़ और घने जंगल होंगे, लेकिन श्रद्धा की ताकत हर बाधा को पार कर रही है। 4 वर्षों से कांवड़ियों के लिए कर रहीं भंडारे का आयोजन विधायक भावना बोहरा पिछले चार वर्षों से अमरकंटक में छत्तीसगढ़ से आने वाले कांवड़ियों के लिए नि:शुल्क भंडारे का आयोजन करती आ रही हैं। इसमें ठहरने, भोजन और जरूरी सुविधाओं की समुचित व्यवस्था की जाती है। इस निःस्वार्थ सेवा से प्रेरित होकर उन्होंने इस वर्ष स्वयं कांवड़ यात्रा पर निकलने का निर्णय लिया। जनआस्था का महापर्व सावन के इस पावन माह में पूरे कवर्धा जिले से लेकर अमरकंटक तक हर दिशा में “हर हर महादेव” की गूंज सुनाई दे रही है। पंचमुखी बूढ़ा महादेव और भोरमदेव मंदिरों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। यह पदयात्रा केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि जनसेवा, सामाजिक एकता और प्रकृति से जुड़ाव की सशक्त मिसाल भी बन रही है।